सेक्सी कविता चाची के बोलने पर मरहम लगाकर चोदा अपनी जवान कुंवारी भतीजी की झांट के घने लंबे घुंघराले काले बालों से ढकी वर्जिन चुत को अधेड़ उम्र के चाचा ने गन्दी अश्लील हिंदी सेक्स स्टोरी: जवान भतीजी गीतांजली के माता पिता गाँव में रहते हैं इस लिए उसके चाचा और चाची ने ही पाल पोसकर उस बच्ची को बड़ा करा था. चाचा 52 वर्ष के हैं और राजस्थान की एक बड़ी फ़ैक्टरी में सिर्विस करते हैं और कविता चाची 48 वर्ष की हैं।
दोनों पति-पत्नी अत्यंत ही चोदू किस्म के हैं वो हर दिन कम से कम तिन चार बार सेक्स करते हैं किन्तु आज तक बेओलाद हैं और वो अपने भाई की बच्ची को ही अपने बच्चे की तरह अखते थे। जवान भतीजी गीतांजली अपनी कविता चाची के साथ सोती थी और चाचा अकेले सोते थे। एक रात 2 बजे अचानक कविता चाची ने जवान भतीजी गीतांजली की कराहट सुनी तो उनकी नींद खुल गई, कविता चाची ने अपनी जवान भतीजी से पूछा- क्या हुआ बेटी, क्यों कराह रही हो दर्द हो रहा है क्या…?
चाची के बोलने पर भतीजी की चुत को मरहम लगाकर चोदा चाचा ने गन्दी अश्लील हिंदी सेक्स स्टोरी

सेक्सी भतीजी ने दर्द के मारे कराहते हुए कहा- कविता चाची, आज शाम को जब मैं अमरुद के पेड़ पर चढ़ी थी तो मेरी पैंटी में एक कीड़े ने घुसकर काट लिया था, उस समय ज्यादा दर्द नहीं हुआ था, पर अभी वहाँ पर बहुत दर्द हो रही है और नीचे के छेद में भी बहुत जलन हो रही है। ऐसा सुनकर कविता चाची अपने पति के कमरे में चली गई और उन्हें जगाते हुए ये वाकया बताया। यह सुनकर चाचा को टेंशन हो गयी, कुछ देर सोचने के बाद उसने अपने डॉक्टर मित्र को फ़ोन लगाकर यह समस्या बताई तो उन्होंने पूछा कि क्या आपके घर में देसी मरहम है?
तो अधेड़ उम्र के चाचा ने जवाब दिया कि हाँ देसी मरहम तो मेरे पास है, यह सुनकर उनके डॉक्टर मित्र ने कहा की इस देसी मरहम को जहाँ पर दर्द हो रहा है वहाँ पर और छेद में भी उँगली से अपनी अपनी सेक्सी माल धर्मपत्नी से लगवा देना, इससे थोड़ा आराम मिल जायेगा उस बच्ची को और सुबह अपनी भतीजी को मुझे दिखा देना। यह सुनकर अधेड़ उम्र के चाचा ने देसी मरहम को लाकर अपनी सेक्सी माल धर्मपत्नी को दे दिया और बोला कि यह देसी मरहम जाकर अपनी भतीजी की बुर में लगा दो उसे आराम मिल जायगा दर्द से।
यह सुनकर कविता चाची देसी मरहम लेकर अपनी भतीजी की चुत में देसी मरहम लगाने चली गयी और चाचा अपने बिस्तर पर सोने चले गये। कविता चाची ने अपने कमरे में जाकर जब जवान भतीजी को देसी मरहम लगाने के लिए उसकी पैंटी को खोली तो देखा कि उसके वर्जिन बुर-क्षेत्र पर झाड़ी जैसे अत्यन्त ही घने झांट के बाल हैं। यहाँ भी देखें:- माल की पिचकारी नंगी भतीजी की चुत में चल गई सेक्स करने के बाद कविता चाची को एकदम पता ही नहीं चल रहा था कि कीड़े ने चुत में कहाँ पर काटा है तो कविता चाची ने अपनी जवान कुंवारी भतीजी से यह पूछ-पूछकर कि कहाँ-कहाँ पर दर्द है, वहाँ-वहाँ पर देसी मरहम लगा दिया।
माल की पिचकारी नंगी भतीजी की चुत में चल गई सेक्स करने के बाद
फिर जवान भतीजी गीतांजली की चुत को फैला कर उसकी बुर के छेद में भी अपनी उंगली से देसी मरहम लगा दिया पर सेक्सी भतीजी ने कहा कि उसे जलन और अन्दर तक हो रही है और वहाँ तक कविता चाची की उंगली नहीं पहुँच पा रही थी। कविता चाची यह सोचकर कि जवान भतीजी गीतांजली को थोड़ी देर में आराम मिल जायेगा, वो उसके बगल में लेट गई। एक घंटे के बाद कविता चाची की नींद जवान भतीजी गीतांजली की कराहट से फिर खुल गई।
सेक्सी कविता चाची ने तुरंत पूछा- क्या हुआ बेटी, तुम्हारी चुत के दर्द में आराम नहीं मिला क्या अभी तक? जवान भतीजी अपनी सेक्सी माल चाची जी से बोली की जहाँ-जहाँ देसी मरहम लगा है, वहाँ-वहाँ पर काफी आराम मिल गया पर अब दर्द मेरी इस सील पैक वर्जिन बुर के छेद के अन्दर हो रहा है जहाँ पर देसी मरहम नहीं लगा है। कविता चाची कुछ देर सोचने के बाद चाचा से कुछ लेने उसके कमरे में चली गई।
कविता चाची ने चाचा को सारी बात बता कर बोली- चलिए आप खुद चलकर अपनी जवान भतीजी की वर्जिन बुर को देख लीजिये, मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है। ऐसा सुनकर अधेड़ उम्र के चाचा ने गुस्से में कहा- तुम पागल हो, वो तो मेरी बहन की बेटी है और मेरी भी बेटी जैसी ही है और मैं उसकी वर्जिन बुर देखूँगा और उसकी चुत में ऊँगली करके देसी मरहम लगाऊंगा।
कविता चाची ने चाचा को समझाते हुए कहा- मुसीबत के समय यह सोचना गलत है, अगर इसे आपके डॉक्टर मित्र के यहाँ ले जाते तो क्या वो हमारी भतीजी की वर्जिन बुर को नहीं देखते और उसकी चुत में ऊँगली करके देसी मरहम नहीं लगाते क्या…? ऐसा सुनकर चाचा कुछ सोचने लगे फिर बोले- ठीक है चलते हैं। कमरे में जाकर अधेड़ उम्र के चाचा ने जवान कुंवारी भतीजी से पूछा- बेटी, अब तुम्हारा दर्द कैसा है? जवान भतीजी गीतांजली- चाचा जी, जहाँ-जहाँ पर देसी मरहम लगा है, वहाँ-वहाँ पर तो काफी आराम है, पर मेरे नीचे के छेद में जहाँ पर देसी मरहम नहीं लगा है, वहाँ पर अभी काफी दर्द और जलन हो रही है।
ऐसा सुनकर अधेड़ उम्र के चाचा ने कहा- ठीक है बेटी, अभी वहाँ पर देखकर मैं कोई उपाय सोचता हूँ। ऐसा बोलने के बाद चाचा झिझकते हुए जवान भतीजी गीतांजली की पैंटी को खोलने लगे, पूरी पैंटी उतरने के बाद जब अधेड़ उम्र के चाचा ने जवान भतीजी गीतांजली की झांट के घने लंबे घुंघराले काले बालों से ढकी वर्जिन चुत को देखा तो एकदम दंग रह गये और अपनी सेक्सी माल धर्मपत्नी से कहा- इस ही उम्र में इसके यहाँ पर तो बहुत ही घने बाल निकल आये हैं? कविता चाची ने भी कहा- कि मैं भी इतनी उम्र की लड़की के इतने घने बाल देख कर आश्चर्यचकित रह गई थी।
फिर सेक्सी माल कविता चाची ने कहा- अब इसकी वर्जिन बुर को फैलाकर इसकी बुर के छेद को देखिये ना ! ऐसा सुनकर अधेड़ उम्र के चाचा ने सकुचाते हुए अपनी जवान भतीजी की झांट के घने लंबे घुंघराले काले बालों से ढकी सील पैक वर्जिन चुत को फैला कर बीच की दोनों फाँकों को फैलाया और अपनी कुंवारी भतीजी की वर्जिन चुत के अंदर का नजारा देखकर चाचा के दिल की धड़कन अचानक तेज हो गई, बदन से पसीना निकलने लगा।
फिर अधेड़ उम्र के चाचा ने जवान भतीजी गीतांजली की सील पैक वर्जिन चुत को पूरी चीर कर देखा, तो उन्हें कुछ पता नहीं चला, तो अपनी कुंवारी भतीजी की वर्जिन चुत के छेद में अपनी एक उंगली को घुस करके जवान भतीजी कुंवारी भतीजी से पूछा- बेटी, मेरी उंगली के और नीचे तक जलन है? तो सेक्सी भतीजी ने कहा- हाँ चाचा जी ! ऐसा सुनकर अधेड़ उम्र के चाचा ने अपनी सेक्सी माल धर्मपत्नी से कहा- कविता, जरा किचन से एक पतला, लम्बा बैंगन लेकर आओ !
तो कविता चाची ने कहा- बैंगन तो मैंने कल ही पका दिया है, यह सुनकर अधेड़ उम्र के चाचा ने कहा- तो कोई पेन या पेंसिल लाकर दो। घर में कोई पेंसिल तो नहीं था तो कविता चाची ने एक पेन लाकर दिया। अधेड़ उम्र के चाचा ने पेन में देसी मरहम लगाकर उसे अपनी वर्जिन भतीजी की चुत में घुसाने लगे, चुत में थोड़ी दूर तक पेन जाने के बाद जवान भतीजी की वर्जिन बुर में अत्यंत दर्द होने लगा तो अधेड़ उम्र के चाचा ने पेन बाहर निकाल दिया और अपनी सेक्सी माल धर्मपत्नी से बोला कि अब तो मुझे कोई उपाय नहीं सूझ रहा है।
थोड़ी देर तक सोचने के बाद कविता चाची ने कहा- अगर आप बुरा ना मानो तो मैं एक उपाय बताऊँ क्या? चाचा- क्या उपाय है, बताओ? कविता चाची ने हिचकिचाते हुए कहा- अगर आप अपने लंड से अपनी जवान भतीजी की वर्जिन बुर के अन्दर देसी मरहम लगा देंगे तो बेचारी का दर्द ठीक हो जायेगा। ऐसा सुनकर चाचा भौंचक्का हो गए और कहा- अब तुम सच में पागल हो गई हो, ऐसा करना पाप होगा और अगर जवान भतीजी गीतांजली के पापा यह जानेगें तो क्या होगा? मैं यह पाप हरगिज नहीं करूँगा।
ऐसा सुनकर कविता चाची ने कहा- किसी के कष्ट को कम करना पाप नहीं होता है, आप इसकी वर्जिन बुर में फॉल मत करना, केवल आधा मिनट का तो काम है और जवान भतीजी गीतांजली यह बात किसी को नहीं कहेगी। अगर तुम्हें यकीन नहीं है तो तुम जवान कुंवारी भतीजी से यह बात पूछ लो। चाचा बोले की चलो मान लेता हूँ कि जवान भतीजी गीतांजली किसी से नहीं कहेगी, पर तुम तो जानती ही हो कि फ़ाइलेरिया बीमारी के कारण मेरा लौड़ा एकदम खीरा इतना मोटा और 11 इंच लम्बा हो गया है, जवान भतीजी गीतांजली इतना बड़ा लंड थोड़े ने बर्दास्त कर पायेगी, ब्लीडिंग भी हो सकती है।
ऐसा सुनकर कविता चाची ने कहा- आपने अभी देखा नहीं क्या आप की कुंवारी भतीजी की वर्जिन बुर तो अत्यन्त बड़ी है, वो आपका लंड बर्दाश्त कर लेगी और जितना अंदर घुसे आप उतना ही लंड अन्दर घुसाना। यह सुनकर अधेड़ उम्र के चाचा ने कहा- मैं तो हमारी जवान भतीजी की सील पैक वर्जिन चुत को पहली नजर में देखकर ही समझ गया था कि यह बहुत ही बड़ी है पर उस वक़्त मैंने शर्म से कुछ नहीं बोला, ठीक है, मैं जवान भतीजी की अपनी जवान कुंवारी भतीजी की झांट के घने लंबे घुंघराले काले बालों से ढकी वर्जिन चुत में अपने लंड से देसी मरहम लगाता हूँ पर इससे पूछ लेता हूँ कि वो यह बात किसी से कहेगी नहीं ना।
ऐसा कहकर अधेड़ उम्र के चाचा ने जवान कुंवारी भतीजी से पूछा- बेटी गीतांजली, अगर मैं तुम्हारी चुत के छेद में अपने लंड से देसी मरहम लगाऊँगा तो तुम यह बात किसी से कहोगी नहीं ना? सेक्सी भतीजी ने करहाते हुए कहा- नहीं चाचा जी, मैं यह बात किसी से नहीं कहूँगी, आप जल्दी से मेरा दर्द ठीक कर दो बस। चाचा अत्यन्त ही धार्मिक विचार के व्यक्ति थे, यह काम वो अत्यन्त ही मजबूरी में करने जा रहे थे।
अधेड़ उम्र के चाचा ने अपने मन को मसोसते हुए अपनी बहन की बच्ची की बुर में अपना लौड़ा पेलने के लिए अपना सफेद रंग का पायजामा उतार दिया, उनका लंड एकदम शिथिल था परन्तु उनका लंड शिथिल अवस्था में भी फ़ाइलेरिया के कारण सामन्य लंड से बहुत ही ज्यादा बड़ा प्रतीत हो रहा था। जवान वर्जिन भतीजी अपने चाचा के लंड को देखकर सेक्स करने के लिए एकदम से बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गई. वो अपने नंगे चाचा जी के लंड को बहुत ही ज्यादा गौर से देखने लगी उसे देखकर ऐसा लग रहा था की मानो जैसे उसने किसी मर्द का लंड पहली ही बार देखा है।
अधेड़ उम्र के चाचा ने अपनी सेक्सी माल धर्मपत्नी से कहा- कविता, अब मेरे लंड पर देसी मरहम लगा दो और इसे हिलाकर खड़ा कर दो क्योंकि इतना मुलायम लंड जवान भतीजी गीतांजली की चुत में थोड़े न जा पायेगा। अब कविता चाची अपने पति के लंड पर बहुत सारा देसी मरहम लगाकर उसे आगे-पीछे करने लगी ताकि वो कड़क हो जाये मगर पुरुषों में होने वाली फ़ाइलेरिया नामक खतरनाक बीमारी के कारण चाचा का लंड खड़ा नहीं हो पा रहा था।
इस समस्या को देखकर कविता चाची ने जवान कुंवारी भतीजी से कहा- बेटी तुम्हारे चाचा का लंड खड़ा नहीं हो रहा है तुम जरा अपने चाचा का लंड अपने मुँह में लेकर उसे चूसकर बड़ा कर दो फिर चाचा जी तुम्हारी झांट के घने लंबे घुंघराले काले बालों से ढकी वर्जिन चुत में अपना लंड घुसकर देसी मरहम लगा देंगे।
ऐसा सुनकर सेक्सी भतीजी ने अपने चाचा के लंड को खोल कर चूसने लगी। जवान भतीजी गीतांजली के लंड चूसते ही अत्यन्त धार्मिक विचार वाले चाचा अपनी धार्मिकता भूल गये और आनंदभरी सिसकारी लेते हुए बोले- बेटी, जवान भतीजी गीतांजली मेरा लौड़ा थोड़ा और अन्दर लेकर चूसो बेटी। तो सेक्सी भतीजी अपने चाचा जी के काले लंड को अपने मुँह के अन्दर लेकर चूसने लगी और अपने चाचा जी को ब्लोजॉब देने लगी।
करीब दस मिनट के शानदार ब्लोजॉब के बाद चाचा का लंड एकदम टाइट होकर स्टील रॉड की तरह खड़ा हो गया तो उन्होंने अपना खड़ा लंड जवान भतीजी के मुँह से बाहर निकाल लिया। लंड को बाहर निकलने के बाद चाचा का भयंकर लंड देखकर जवान भतीजी गीतांजली एकदम डर गई और बोली- चाचा जी, आपका लंड तो बहुत ही बड़ा है, मुझे देखकर बहुत डर लग रहा है, मेरी सील पैक वर्जिन बुर में घुसाने में मुझे बहुत दर्द होगा। ऐसा सुनकर अंकल ने कहा- धत्त पगली, डर मत, वैसे भी तुम्हारी चुत कौन सी बहुत छोटी है, प्यार से धीरे-धीरे घुसाऊँगा तो बिल्कुल दर्द नहीं होगा।
फिर अधेड़ उम्र के चाचा ने कहा- गीतांजली बेटी, अब तुम अपनी झांट के घने लंबे घुंघराले काले बालों से ढकी वर्जिन चुत को चौड़ा करके लेट जाओ। यहाँ भी देखें:- भारतीय हीरोइन की नगी चुत के फोटो Nude Images ऐसा सुनकर जवान भतीजी गीतांजली अपनी चुत को चौड़ा कर लेट गई। फिर अधेड़ उम्र के चाचा ने अपने लंड पर दोबारा देसी मरहम लगाया और उसके बाद जवान भतीजी गीतांजली की झांट के घने लंबे घुंघराले काले बालों से ढकी वर्जिन चुत को सहलाने लगे उसकी भगनासा को अपने अँगूठे से उसे रगड़ने लगे तो जवान भतीजी गीतांजली के मुँह से सिसकारी निकलने लगी।
फिर अधेड़ उम्र के चाचा ने अपनी अपनी सेक्सी माल धर्मपत्नी की ओर देख कर बोला- अब मैं जवान भतीजी गीतांजली की चुत को चाट कर उसे थोड़ा गीला कर देता हूँ ताकि मेरा मोटा लंड आसानी से घुस जाये। ऐसा कहकर अधेड़ उम्र के चाचा ने जवान भतीजी गीतांजली की चुत को चीरकर पहले उसे सूंघा, जवान भतीजी गीतांजली की चुत की खुशबू सूंघते ही चाचा का लंड एकदम फनफना गया। फिर वो जवान भतीजी गीतांजली की विशाल चुत को अपने जीभ से चाटने लगे। चाचा के चुत चाटने से जवान भतीजी गीतांजली की चुत से गरम गरम चिपचिपा पानी निकलने लगा जिसे चाचा जी अपनी जीभ से चाट गए।
जवान भतीजी गीतांजली की चुत थोड़ी देर तक चाटने के बाद अधेड़ उम्र के चाचा ने कहा की बेटी अब तुम्हारी इस झांट के घने लंबे घुंघराले काले बालों से ढकी वर्जिन चुत के अंदर देसी मरहम लगाता हूँ। ऐसा कहकर अधेड़ उम्र के चाचा ने जवान भतीजी गीतांजली की चुत पर अपना भयंकर सुपारा रख कर उसे घुसाने लगे पर सुपारा अन्दर घुस नहीं पाया। ऐसा देख कर कविता चाची ने कहा- आप जवान भतीजी गीतांजली के उरोजों को थोड़ा दबाइये तो उसकी चुत थोड़ी फ़ैल जाएगी और आपका लंड सुगमता से घुस जायेगा।
ऐसा सुनकर अधेड़ उम्र के चाचा ने जवान भतीजी गीतांजली की टी-शर्ट उतार दी फिर ब्रा भी खोल दिया और उसे पूरी नंगी कर दिया। जवान भतीजी गीतांजली के बड़े-बड़े सख्त उरोजों को देखकर चाचा तो एकदम पागल हो गये और उसके स्तनों को जोर-जोर से मसलने लगे, मसलने के कारण जवान भतीजी गीतांजली ऊह-आह करने लगी, फिर चाचा उसके मोटे-मोटे निप्पल को लेकर अपने मुँह में चूसने लगे। इसके बाद अधेड़ उम्र के चाचा ने अपना लंड को जवान भतीजी गीतांजली की चुत पर रख कर उसे घुसाने लगे पर उनका लंड फिर घुस नहीं पाया तो कविता चाची ने कहा- रुकिए, मैं आपकी थोड़ी हेल्प कर देती हूँ।
ऐसा कहकर कविता चाची ने अपने दोनों हाथों से जवान भतीजी गीतांजली की चुत को एकदम से चीर दिया फिर बोला- जल्दी से अपना लंड घुसाइये। यह सुनकर अधेड़ उम्र के चाचा ने अपने सुपारा को जवान भतीजी गीतांजली की चुत पर रख धक्का मारा तो उनका लंड घचाक से जवान भतीजी गीतांजली की सील पैक वर्जिन टाइट चुत की सील तोड़ते हुए चुत के छेद में घुस गया, जवान भतीजी गीतांजली दर्द के मारे बहुत ही ज्यादा तेज चिल्ला उठी उसकी फटी हुई चुत से खून निकलने लगा था पर चाचा रुके नहीं, उन्होंने अपना पूरा 11 इंच जवान भतीजी गीतांजली की कसी हुई चुत में घुसा कर ही दम लिया।
थोड़ी देर साँस लेने के बाद चाचा धीरे-धीरे अपनी कुंवारी भतीजी गीतांजली की चुत में अपना 11 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लौड़ा धीरे धीरे अन्दर-बाहर करने लगे और खतरनाक चुदाई करने लगे। चाचा को तो अपनी बहन की बच्ची की सील पैक वर्जिन चुत की चुदाई करके लग रहा था कि वो स्वर्ग में पहुँच गये हैं। अब अधेड़ उम्र के नंगे चाचा ने अपनी बहन की बेटी को चोदने की रफ़्तार बढ़ा दी और अपनी जवान कुंवारी भतीजी की झांट के घने लंबे घुंघराले काले बालों से ढकी कुंवारी चुत को घप – घप चोदने लगे और जवान भतीजी आह… आह… उई माँ… आह.. आह…. करते हुए चुदवा रही थी।
कुछ देर की खतरनाक चुदाई के बाद अधेड़ उम्र के चाचा ने पूछा- बेटी, अब दर्द कैसा है तुम्हारी चुत के अंदर का? जवान भतीजी गीतांजली- चाचा जी, अब बहुत आराम है मेरी इस झांट के घने लंबे घुंघराले काले बालों से ढकी चुत के अंदर। यह सुनकर कविता चाची बहुत प्रसन्न हो गई। थोड़ी देर के बाद अधेड़ उम्र के चाचा ने जवान भतीजी गीतांजली की चुत से अपने लंड को बाहर निकल लिया और पलंग पर अपनी पीठ की टेक लगाकर बैठ गये और जवान भतीजी गीतांजली को बोला- बेटी अब मेरे लंड पर अपनी चुत को चीर कर बैठ जाओ और मेरे लंड की सवारी करो इससे तुम्हारी इस फटी हुई चुत को बहुत आराम मिलेगा।
फिर सेक्सी भतीजी ने अपने अधेड़ उम्र के चाचा के काले मोटे लंड का गुलाबी सुपारा अपनी फटी हुई चुत के मुहँ पर रखकर उनके लौड़े पर धीरे-धीरे बैठने लगी और अपने अधेड़ उम्र के चाचा जी का लम्बा मोटा लंड अपनी टाइट चुत में समा लिया और उसके बाद चाचा में एकदम से लिपट गई और उनके होठों पर एक गरमा-गर्म चुम्बन लेकर अपनी कुंवारी गांड को ऊपर-नीचे करने लगी।
जवान भतीजी गीतांजली अपनी वर्जिन गांड को ऊपर-नीचे करते हुए अपने चाचा की फ़ाइलेरिया वाले मोटे लंड को अपनी टाइट चुत से घपा-घप चोद रही थी। दोनों की सिसकारी और घपा-घप की आवाज़ सुनकर कविता चाची को अजीब सा लग रहा था। थोड़ी देर की खतरनाक चुदाई के बाद अधेड़ उम्र के चाचा ने जवान भतीजी गीतांजली की चुत में अपना गरम-गरम माल गिरा दिया। दोस्तों चाची के सामने मरहम लगाकर चोदा जवान भतीजी की वर्जिन चुत को अधेड़ चाचा ने यह XXX हिंदी सेक्स कहानी आपको कैसी लगी हमें जरुरु बताना…