हेल्लो दोस्तों मेरी इस ताऊजी भतीजी की गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में “नादान भतीजी के बोबे संतरे जितने मोटे और रस भरे हो गए गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में” में आप सभी का बहुत बहुत स्वागत है. मै एक जॉइंट फेमली में रहता हूँ मेरी फेमली में मेरे एक बड़े भाई साहब उनकी गरम वाइफ और मेरे अब्बू अम्मी रहते है. मेरे बड़े भाई साहब की एक 18 साल की जवान लड़की है जिसका नाम याशिका है. मेरी भतीजी दिखने में बहुत ब्यूटीफुल और सुशिल थी. मेरी 18 साल की जवान भतीजी याशिका एक अनचुदी अनचुदी लड़की थी वो बहुत नादान थी नाईट दिन मेरे साथ खेलती रहती और आनंदक करती रहती थी वो बचपन से नाईट को ज्यादातर मेरे साथ ही खेलते खेलते चिपक कर सो जाती थी, उस वक्त तो मुझे कुछ खास महसूस नहीं होता था.
लेकिन जब मेरी 18 साल की जवान भतीजी याशिका के बोबे संतरे जितने मोटे और रस भरे हो गए तो नाईट को सोते वक्त वो मुझे अपनी और आकर्षित करने लगे. जब मेरी 18 साल की मस्त कमसिन माल भतीजी मेरे से चिपक के सोती तो मेरी हालत ख़राब हो जाती और कई बार तो मुझे स्वपन दोष भी हो जाता था. नाईट को जब मेरी 18 साल की ब्यूटीफुल और सुशिल नासमझ सी दिखने वाली भतीजी मुझसे चिपक कर सोती तो उसके संतरे जैसे मोटे मोटे रस भरे बोबे मेरे सीने में दबने लगते थे और मुझे उसके बोबे के साथ खेलने के लिये उत्तेजित करते थे पर में उस नादान समझ कर अपने मन पर काबू रख लिया करता था.
नादान भतीजी के बोबे संतरे जितने मोटे और रस भरे हो गए गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में

मेरी नादान भतीजी को इस बारे में पता था या नहीं ये मुझे नहीं पता किन्तु मेरी नादान भतीजी की इस हरकत से मेरा 9 इंच लम्बा और 5 इंच मोटा लौड़ा तन कर खड़ा हो जाता था और मुझे डर रहता था कि कहीं मेरी अनचुदी भतीजी का कोमल हाथ या पैर मेरी लुल्ली को छू न जाए अगर ऐसा हो गया तो में अपने आप पर काबू नहीं रख पाउँगा और जोश जोश में अपनी नादान भतीजी को चोद डालूँगा और उसके साथ अवैध सेक्स संबंध बना बैठूँगा. मै मेरी भोली भली नादान भंगी के साथ अवैध सेक्स संबंध तो बनाने की सोचता था पर मुझे इस बात का भी डर था की कंही मैंने ऐसा कुछ गलत करा तो मेरे घर वाले मेरी टट्टी से भरी गांड के अंदर डंडा कर देंगे.
एक नाईट को जब मेरी अनमैरिड भतीजी याशिका को नींद आ चुकी तो मैंने धीरे से अपना हाथ उसके संतरे जितने मोटे और रस भरे बोबे पर रख दिया उसके बोबे कमाल के स्पंजी थे बिलकुल पिलपिले. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने आहिस्ता आहिस्ता उसके संतरे जितने मोटे और रस भरे बोबे को अपने हांथो से जोर जोर से दबाना शुरू कर दिय. कुछ समय बाद मैंने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए और शमीज के ऊपर से उसके संतरे जितने मोटे बोबे को काफी देर तक दबाता रहा, मेरी नादान भतीजी ने कोई हरकत नहीं की. इससे आगे बढ़ने की मेरी हिम्मत नहीं हुई आख़िर मैंने मेरी नादान भतीजी के नाम की मूठ मार कर अपने आप को शांत किया और सो गया. (नादान भतीजी के बोबे संतरे जितने मोटे और रस भरे हो गए गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में)

अगले दिन रात को फ़िर में उसके सोने का इंतजार करने लगा कि एकदम मेरी नादान भतीजी ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने बोबे पर रख लिया और नींद में होने का नाटक किए हुए सोती रही. मुझे समझ में आ गया कि कल नाईट को मेरी अनमैरिड भतीजी याशिका को सब कुछ पता हो चुका था, फ़िर क्या था मैंने उसके नाईट शर्ट के बटन खोल दिए और देख कर हैरान रह गया कि आज मेरी नादान भतीजी ने अन्दर शमीज ही नहीं पहनी थी. मेरे हाथ सीधे उसके अनछुए बोबे पर थे, उसके बोबे के पिंक पिंक निप्पल देख कर मेरे तो होश उड़ गए. उस नाईट मैंने उसके बोबे को खूब मसला और उसके बोबे के निप्पलो को अपने मुँह में लेकर चूसा मेरी नादान भतीजी को कुछ पता नहीं चला वो तो बस छुप चाप सोती रही.
इसके बाद मैंने सोचा की जब मेरी नादान भतीजी के बोबे इतने शानदार है तो इसकी अनचुदी फुद्दी तो और भी खतरनाक होगी. फिर मेरे दिल के भीतर मेरी नादान भतीजी की अनचुदी फुद्दी के दर्शन करने की जिज्ञासा जाग उठी मैंने थोड़ी हिम्मत करके धीरे से सलवार के ऊपर से उसकी फुद्दी पर हाथ रखा तो मुझे लगा जैसे फूली हुई गद्दी पर हाथ रखा हो, मैंने धीरे से उसकी सलवार के अन्दर हाथ डालने का प्रयास की तो वो दूसरी तरफ़ करवट बदल कर सो गई और उस दिन मेरे दिल की तम्मना अधूरी ही रह गई. आख़िर उस दिन भी मैंने मेरी नादान भतीजी के नाम की मूठ मारी और अपने भीतर की गर्मी निकाल कर अपनी नादान भतीजी से चिपक कर सो गया.

नेक्स्ट डे से मेरी अनचुदी भतीजी का व्यव्हार मेरे साथ कुछ बदल सा गया और वो बार-बार चाचू- चाचू कहकर मेरे साथ चिपकने लगी, मैं समझ गया कि अब इसकी अनचुदी फुद्दी पेलने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा किन्तु अवसर हाथ नहीं लग रहा था क्योंकि उसी कमरे में मेरे मादरचोद पापा भी सोते थे, इस कारण से केवल बोबे दबाकर तथा फुद्दी ऊपर से दबाकर ही संतोष करना पड़ता था, अब तक हम खुल गए थे किन्तु हर बार वो इससे आगे बढ़ने के लिए मना कर देती. आख़िर एक दिन मुझे अवसर मिल ही गया मेरी फैमिली के सभी मैम्बर मुंबई गए थे और मेरी अनचुदी भतीजी को मेरे साथ घर पर अकेले चोद गए थे.
दोस्तों अब घर पर सिर्फ़ मैं और मेरी अनचुदी भतीजी ही थे. मोर्निंग 10 बजे का वक्त होगा मेरी अनचुदी भतीजी याशिका नहाने जा रही थी तो मैंने मेरी अनमैरिड भतीजी याशिका को पकड़ लिया और चूमने लगा. तो वो कहने लगी —- चाचू मुझे छोड़ो ! मुझे नहाना है! मैंने उस से कहा—- चलो आज साथ नहाते हैं, तो वो शरमा गई, क्योंकि मेरे पूरे जीवन में आज की तारीख तक हमने नाईट में ही सब कुछ किया था. मैं उसके साथ स्नानघर में घुस गया और उसके कपड़े उतारने लगा और मेरी अनमैरिड भतीजी याशिका को नंगी करने लगा. वो न ना करती रही किन्तु मैंने मेरी अनचुदी भतीजी याशिका की पेंटी छोड़ कर सब कपड़े उतार दिए और अपनी भी अंडरवियर छोड़कर सब कपड़े उतार दिए.

अब हम ताऊजी भतीजी स्नानघर में एक दुसरे के सामने आर्ध नगन पोजीशन में खड़े थे. मेरी अनचुदी भतीजी याशिका शरमा रही थी किन्तु मैं उसके एक बोबे को अपने एक हाथ से जोर जोर से दबाने लगा तथा दुसरे वाले बोबे को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. आहिस्ता आहिस्ता मेरी अनमैरिड भतीजी याशिका को भी अपने चाचू से अपने मोटे मोटे बोबे चुस्वाने में आनंद आने लगा. मैंने जैसे ही मेरी अनचुदी भतीजी याशिका की पेंटी को हाथ लगाया मेरी नादान भतीजी ने कहा चाचू ये सब गलत है में आप के साथ ये सब नहीं क्र सकती ! किन्तु मैं जानता था कि आज अवसर है , अपनी अनचुदी भतीजी याशिका की अनचुदी फुद्दी के स्वाद को चखने का जो करना है आज ही कर लेना है ! मैंने मेरी अनचुदी भतीजी याशिका से कहा अरे तुम डरो मत कुछ नहीं होगा.
इसके बाद मैंने जबरन मेरी अनचुदी भतीजी याशिका की पेंटी में हाथ डाल दिया. उसकी फुद्दी पर नरम नरम रोयें जैसे छोटे छोटे बाल आना शुरू ही हुए थे, मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा उसकी फुद्दी पूरी तरह गीली हो रही थी. मैंने मेरी अनचुदी भतीजी याशिका की पेंटी उतार दी तो मेरी नादान भतीजी ने शर्म के मारे अपनी आँखे बंद करली. मैंने घुटनों के बल बैठ कर उसकी फुद्दी को देखा और अपनी जबान से मेरी अनमैरिड भतीजी याशिका की अनचुदी फुद्दी चाटने लगा वो सिसकारियाँ भरने लगी और मेरे सर को जोर से अपनी अनचुदी फुद्दी पर दबाने लगी. मैंने मेरी अनचुदी भतीजी याशिका से कहा —- चलो अन्दर शयनकक्ष में चलते हैं आज तुम्हे कुछ नया सिखाता हूँ. वो कुछ नहीं बोली.
मैंने मेरी अनमैरिड भतीजी याशिका को उठाया और अन्दर कमरे में बिस्तर पर ले आया. मेरी नादान भतीजी ने आँखे बंद कर रखी थी, मैंने अपना अंडरवियर उतारा और उसकी बगल में लेट गया. आहिस्ता आहिस्ता उसकी फुद्दी सहलाते हुए मैंने मेरी अनचुदी भतीजी का एक हाथ पकड़कर अपने मज़बूत और शक्तिशाली लण्ड पर रख दिया. मेरी अनमैरिड भतीजी याशिका ने शरमाते हुए मेरी लुल्ली को पकड़ तो लिया किन्तु वो मेरे लौड़े के साथ कुछ भी नहीं कररही थी. मैंने मेरी अनमैरिड भतीजी याशिका को मेरा 9 इंच लम्बा और 5 इंच मोटा लौड़ा मुँह में लेकर चूसने और मुझे ब्लोजॉब देने के लिए कहा तो मेरी नादान भतीजी ने मेरी लुल्ली को अपने मुँह में भरकर चूसने के लिये मना कर दिया.
दोस्तों अपनी भतीजी के मुँह की खतरनाक चुदाई करने का तो मेरा बहुत मन था पर मैंने भी उसे ब्लोजॉब के लिये ज्यादा जोर नहीं दिया. इसके बाद मैंने उसकी फुद्दी चाटते हुए एक अंगुली उसकी फुद्दी में डाल दी. उउफ्फ !! उसकी मक्खन जैसी फुद्दी में मेरी उंगली फिसल कर भीतर चली गयी, मेरी नादान भतीजी ने धीरे से उफ़ किया किन्तु कुछ कहने लगी नहीं, मैं उसकी फुद्दी में उंगली करता रहा दोस्तों उसकी फुद्दी भीतर से एक दम गर्म भट्टी जैसी थी, आहिस्ता आहिस्ता मेरी अनमैरिड भतीजी याशिका को भी आनंद आने लगा. फ़िर मैंने उठ कर अपने मज़बूत और शक्तिशाली लण्ड पर थोड़ा तेल लगाया और उसके टांगों को चौड़ा करके बीच में बैठ गया. वो आँखे बंद करके पड़ी रही.
मैंने अपने लण्ड का टोपा उसकी फुद्दी के मुँह पर रखा और थोड़ा सा जोर लगाया ही था कि वो बोली- हाए चाचू, दर्द हो रहा है, जबकि लण्ड तो अभी पूरा बाहर ही था. खैर, मैंने थोडी देर उसके बोबे दबाये और फ़िर थोड़ा जोर लगाया वो फ़िर बोलने लगी कि दर्द होता है. उसकी अनचुदी फुद्दी इतनी तंग थी कि लण्ड का टोपा भी अन्दर नही घुस रहा था मै समझ गया था की आज तो इसकी फुद्दी पक्का फटने वाली है क्यों की उसकी फुद्दी बहुत चिपकी हुई थी और मेरा फौलादी लण्ड लोहे की रौड जैसा सकत था, मैं उसके ऊपर लेट गया और मेरी अनमैरिड भतीजी याशिका का ध्यान भटकाने के लिये उसे बातों में लगाया और आहिस्ता आहिस्ता अपने लण्ड का टोपा उसकी अनचुदी फुद्दी पर रगड़ने लगा तथा मेरी अनमैरिड भतीजी याशिका को कहा कि वो जोर से मुझे बाँहों में भर ले.

फिर जैसे ही मेरी नादान भतीजी ने मुझे बाँहों में लिया, मैंने पूरी ताकत से उसकी फुद्दी में अपने लण्ड से शोट मारा उसके मुँह से चीख निकल गई और उसकी आँखों से आंसू निकलने लगे वो दर्द के मारे जोर जोर से रोने लगी और मुझे बोलने लगी चाकू प्लीज बहुत तेज दर्द हो रहा है आह…..आह……उमह….आह…….. एक झटके में मेरा आधा लण्ड उसकी अनचुदी फुद्दी की झल्ली फाड़ कर उसकी फुद्दी में घुस चुका था, वो दर्द के मारे मेरे निचे लेते लेटे छटपटाने लगी किन्तु मैंने मेरी अनमैरिड भतीजी याशिका को जकड़ रखा था, वो रोने लगी और बोलने लगी चाचू आप बहुत गंदे हो, आगे से मैं आपके पास कभी नहीं आउंगी आप मेरे साथ गन्दा काम कर रहे हो..
मै उसे बोलने लगा की अरे पागल ये काम तो सभी लड़कियों को करना पड़ता है आज तुम पहली बार कर रही हो इस लिये तुम्हे दर्द हो रहा है ये दर्द अभी थोड़ी देर में ख़त्म हो जायगा और फिर तुम्हे बहुते मजे आने लगेंगे. अब में मेरी भतीजी को आहिस्ता आहिस्ता पेलने लगा मैंने अपना लण्ड और आगे नहीं गुसाया और उतने ही लण्ड से मेरी नादान भतीजी को खतरनाक चोदा चादी करता रहा. आहिस्ता आहिस्ता मेरी अनमैरिड भतीजी याशिका को भी अच्छा लगने लगा, उसकी बाहें फ़िर मेरी पीठ पर कस गई, जैसे ही मेरी नादान भतीजी ने अपनी पकड़ तंग की, मैंने फिर एक खतरनाक शोट उसकी कोमल सी फुद्दी पर में दे मारा और मेरा पूरा लण्ड उसकी फुद्दी के छेद में गुसा डाला.
खतरनाक शॉट मरते ही उसके मुँह से हलकी सी चीख सी निकली और वो फ़िर से दर्द के मारे रोने लगी किन्तु अब मैं रुकने वाला नहीं था. मैं मेरी नादान भतीजी की अनचुदी फुद्दी पूरी ताकत से चोदे जा रहा था. लगभग पंद्रह से बीस मिनट बाद मेरी नादान भतीजी ने रोते रोते अपनी दोनों टांगे और चौड़ी कर ली जिस कारण मेरा 9 इंच लम्बा और 5 इंच मोटा लौड़ा उसकी बच्चे दानी तक गुसने लगा. में अपनी अनचुदी भतीजी की जवानी चख रहा था और वो दर्द के मारे जोर जोर से रो रही थी और मुझसे बोल रही थी आह…. उमह…. आह ताऊजी … आह…. आह ताऊजी बहुत तेज दर्द हो रहा है…. उमह…. बस…आह..आह…. आह……. एकदम उसकी फटी हुई फुद्दी मेरे 9 इंच लम्बे और 5 इंच मोटे पेनिस को भींचने लगी.
मेरी भतीजी को बहुत तेज दर्द हो रहा था तो वो मुझसे बुरी तरह से चिपक गई. दोस्तों आज पहली बार मुझे अनचुदी फुद्दी पेलने को मिली थीऔर अब मेरा स्पर्म निकलने वाला था तो मैंने तुरंत अपना लण्ड मेरी नादान भतीजी की फुद्दी से बाहर निकाला और उसके पेट पर अपना सारा स्पर्म उड़ेल दिया. मेरी नादान भतीजी की अनचुदी फुद्दी को आज मैंने फाड़ डाला था उसकी फुद्दी बहुत गर्म और तंग थी जिस कारण मेरा 9 इंच लम्बा और 5 इंच मोटा लौड़ा बुरी तरह दर्द कर रहा था तथा मेरी नादान भतीजी की फुद्दी से निकले ब्लड से लाल हो रहा था. (नादान भतीजी के बोबे संतरे जितने मोटे और रस भरे हो गए गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में)

सेक्स करने के बाद करीब 5 मिनट तक हम वैसे ही नंगे धडंगे पलंग पर पड़े रहे. जब उठने लगे तो मेरी नादान भतीजी याशिका उठ नहीं पा रही थी क्यों की आज उसके जीवन की पहली खतरनाक और धमाकेदार चुदाई थी और मैंने अपने लण्ड से उसकी फुद्दी फाड़ डाली थी और उसकी फुद्दी में बहुत तेज दर्द हो रहा था. जब हमने बेड की तरफ़ देखा तो हमारे होश उड़ गए पूरी बेडशीट ब्लड से लाल हो चुकी थी, यह देख याशिका घबरा गई और फ़िर रोने लगी, मैंने मेरी अनमैरिड भतीजी याशिका को समझाया और चद्दर बदली, मैंने उसकी फुद्दी पर नहाने के बाद रुई लगाई. उसकी पूरी फुद्दी फट चुकी थी जिस कारण उससे चला नहीं जा रहा था, मैंने मेरी अनमैरिड भतीजी याशिका को पेनकिलर गोली दी, शाम तक काफी आराम हो गया.
दोस्तों आज पहली बार मैंने मेरी भतीजी के साथ अवैध सेक्स संबंध बनाये थे और मुझे बहुत सुख की अनुभूति हो रही थी. उस दिन के बाद 7 दिन तक मेरी नादान भतीजी ने मुझे उसके हॉट और गदराई बदन के हाथ भी नहीं लगाने दिया, किन्तु एक सप्ताह बाद वो खुद आगे से चलकर मेरे पास आई और बोलने लगी की चाचू आज मेरा आप के साथ उस दिन करा था ना वो वाला गन्दा काम करने का मन कर रहा है.
दोस्तों हम ताऊजी भतीजी फ़िर से सेक्स शुरू हो गया जो करीब 7 साल तक उसकी शादी तक चला. मेरे मेरी भतीजी के साथ आज भी अवैध सेक्स संबंध है और ये बात किसी को पता नहीं है. आज भी हम अवसर पाकर एक दुसरे के साथ अवैध सेक्स संबंध बनाते रहते है. दोस्तों आप सभी को हम ताऊजी भतीजी की गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में “ नादान भतीजी के बोबे संतरे जितने मोटे और रस भरे हो गए गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में ” पसंद आई हो तो निचे लाइक बटन पर ज़रूर क्लिक करना और इस गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में को अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करना. – हिंदी सेक्स कहा नियाँ XXX Hindi Sex Stories