भाई के लम्बे मोटे डंडे से फुद्दी चुदवाई गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में : हेलो दोस्तों, मैं श्वेता आपकी फ्रेंड पहली बार आपके सामने अपनी एक सच्ची घटना लेकर आई हूं. मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी इंडियन देसी हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में ज़रूर पसंद आएगी. तो में ज्यादा वक्त ना लेते हुए अपनी देसी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में पर आती हूं. मैं गोवा में रहती हूं मेरे घर में मेरे अम्मी पापा और मेरे से एक साल छोटा मेरा भाई रहता है. मेरी उमर 21 साल है. मेरा एक यार था वो मुझे अपनी रांड बनाकर बहुत चोदा करता था. मैं हफ्ते में करीब 5-6 बार उससे चुद जाती थी, उसने मेरे भीतर चुदवाने का कीड़ा डाल दिया था. वह मेरी बहुत मस्त चुदाई करता था पर अफसोस वह शहर छोड़कर चला गया अब में एकदम अकेली हूं मेरी फुद्दी दिन रात तड़पती रहती है.
एक दिन मेरे साथ एक सुनहरा हादसा हुआ, जिसे याद कर के मेरी फुद्दी चुदवाने के लिए तड़प उठती है, और अपने प्यारे भाई के पेनिस को लेने के लिए तड़प उठती है.. एक शाम में अपने भाई के साथ अपने घर के पास पार्क में घूम रही थी, अब अंधेरा हो चुका था और लाइट ओन हो चुकी थी, तभी मेरी निगाहें एक ट्रि पर गई, वहां एक लड़का लड़की छुप कर एक दूसरे के नंगे बदन के साथ गेम रहे थे. मैंने भाई को कोहनी मारी और उसे इशारा किया. उसने कहा क्या है दीदी? मैंने कहा – वह देख पेड़ के पीछे क्या हो रहा है?? भाई कहा – हां दीदी यह तो चुम्मा चाटी कर रहे हैं.. मैंने कहा अरे बेवकूफ वह तो मुझे भी पता है, और ध्यान से देख जरा… उसने कहा दीदी आप ठीक कह रही हो, यह कुछ गड़बड़ तो है. भाई इसमें आनंद आता है क्या? मैंने मस्ती में पूछा.
Brother Sister Hindi Chudai Ki Kahani भाई के लम्बे मोटे डंडे से फुद्दी चुदवाई गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में

उसने कहा मुझे नहीं पता हो भी सकता है.. वैसे कैसे लगता है यह काम करते हुए? तूने कभी किया है भाई? वैसे मुझे सब पता था पर मैंने फिर भी गेलचोदी बनकर भाई से पूछा. भाई नें कहा – नहीं किया दीदी, क्या हम दोनों भाई बहिन आज कर के देखें? मुझे भाई से इस उत्तर की उम्मीद नहीं थी पर फिर मैं भी गेलचोदी बन के कहने लगी सच में भाई आनंद आएगा ना? चलो फिर कर के देखते हैं. चल फिर हम दोनों झड़ी के पीछे चलते हैं, उन्होंने मुझे कहा और हम दोनों झाड़ी के पीछे चलने लगे. हम एक झाड़ी के पीछे जाने लगे तो वहां पहले से ही एक लड़का लड़की चुदाई कर रहे थे. यह देख कर हम दोनों भाई बहिन वहां से दूसरी झाड़ी की और चले गये.
दूसरी झाड़ी के पीछे कोई नहीं था, वहां पर मैं जाकर एक दूसरे को देखने लगे, तभी मैं कहने लगी भाई अब आगे कैसे करना है? दीदी मुझे क्या पता? अच्छा एक काम करते हैं हम दोनों एक दूसरे से लिपट जाते हैं, जैसे वह लड़का लड़की कर रहे थे भाई बोला. अच्छा आ जा फिर मुझसे लिपट जा, मेरे इतना कहते ही भाई मुझसे लिपट गया. और मैंने जानबूझकर अपने मोटे मोटे स्तन मेरे भाई के शरीर से रगड दीए.. भाई अब चुम्मा चाटी करें क्या? मैंने भाई को गरम करने के लिए कहा , और अपने कोमल होंठ उसकी और कर दिए. मेरा बहनचोद भाई भी शायद कम नहीं था, उसने भी जल्दी से अपने कोमल होंठ मेरे लाल गुलाबी कोमल होंठों पर रख दीए और मुझे किस करने लगा.
उसके किस करने से मेरे बदन में कुछ अजीब सी हरकत होने लगी. इतने में मैंने महसूस किया कि भाई का लण्ड खड़ा हो चुका था और मेरे पेट पर लग रहा था. मैंने भी भाई के दोनों फुद्दीड़ पकड़ कर दबा दिए और कहने लगी भाई ऐसे ही दबाते हैं ना? मेरे भाई के फुद्दीड़ों को दबाते हुए मैंने उसको अपनी ओर खींच लिया और उसके पेनिस को मेरी फुद्दी के भीतर डालने लगी, अब भाई नें भी अपने दोनों हाथ मेरी टट्टी से भरी चूतड़ पर रख दिए और मेरे फुद्दीड़ दबाने लगा.. अब ठीक है ना दीदी ऐसे ही दबाते हैं ना.. भाई मेरे फुद्दीड़ दबाते हुए बोला.

भाई का खड़ा लण्ड बार बार मेरी फुद्दी पर लग रहा था, मुझे यह सब बहुत ज्यादा मस्त कर रहा था. मेरा दिल कर रहा था कि अभी के अभी भाई मुझे चोद दे बस. पर मैंने सोचा पहले इसे और गरम कर दूं ताकि यह जल्दी से तैयार हो जाए और मेरे दीवाना बन जाए.. भाई ये तुम्हारे निचे क्या लटक रहा है? मैंने गेलचोदी बन भोलेपन से पूछा.. दीदी मुझे नहीं पता? भाई नें शरमाते हुए उत्तर दिया. भाई पर तुझे आनंद तो आता है ना जब यह खड़ा हो जाता है? मुझे लगा कि वो मना कर देगा इस कारण से मैंने उसके उत्तर देने से पहले ही उसका काला मोटा लौड़ा अपने हाथों में ले लिया था. मेरे लण्ड हाथ में लेने से वो एक दम कांप उठा और कहा दीदी यह क्या कर रही हो आप? ओह्ह सोरी लग गई क्या तुझे भाई? मैंने भाई का लण्ड छोड़ते हुए कहा .
नहीं नहीं दीदी मुझे तो बहुत आनंद आया, भाई बोला. ओह्ह भाई मैं तो डर गई थी, यह कहते ही मैंने उसका काला मोटा लौड़ा फिर से पकड़ लिया और दबाने लगी. भाई मुझसे लिपट गया और मुझे हर जगह किस करने लगा. वैसे तो हमारा गेम शुरु हो गया था जैसा मैं चाहती थी, पर यहां थोड़ा रिस्की था. वैसे तो अंधेरा था पर मैं भाई पर लण्ड जोर जोर से मसल ने लगी, जिससे वह और बेचैन हो गया मुझे पता चल रहा था. अब यह मुझे बिना चोदे नहीं छोड़ेगा. इस कारण से मैं कहने लगी चल भाई अब घर चलते हैं, .यहां हमें कोई देख सकता है. बाकी काम घर जाकर करते हैं. बस दीदी कुछ समय रुक जाओ मुझे बहुत आनंद आ रहा है, भाई नें मुझे रोकते हुए कहा .
पर मैं घर की तरफ चल पड़ी, भाई भी मन मारकर मेरे पीछे पीछे घर की और चल पड़ा. भाई सारे रास्ते मुझे सेक्स के बारे में बातें करता रहा, शायद वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो चुका था. कुछ ही देर में हम घर आ गए और हम अपने रुम में चले गए और अपनी बुक खोलकर स्टडी करने लगे.. पर मेरे दिमाग में तो भाई का लण्ड घूम रहा था और उधर भाई भी मुझे बार बार मुस्कुरा कर देख रहा था, नाईट हो चुकी थी अम्मी डैडी भी सो गए थे. वह उठा और अपने रूम की कुंडी लगा दी, मेरी तरफ मुड़कर मुस्कुराने लग गया और कहा चलो दीदी वही करते हैं अब. आपकी बात सुनकर मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई है, पर अब हमें कोई टेंशन नहीं थी, क्योंकि मॉर्निंग तक हमें कोई तंग नहीं कर सकता था.
मैंने कहा भाई कपड़े तो चेंज कर लें और केवल लोअर ही डालना उपर. भाई नें कहा हां दीदी आप भी बदल लो. मैं एक काफी छोटा सा शोर्ट डाल दिया था कि वह जल्दी से ऊपर हो जाए और मेरी फुद्दी एकदम सामने आ जाए. और भाई नें भी अपना लोअर डाल दिया था, उसने मेरी तरफ देखते हुए अपनी दोनों बाहें फैला दी और मुझे मुस्कुराते हुए बुलाने लगा, मैं भी जाकर उसकी बाहों में समा गई और वह मुझे चूमने लगा. उसका काला मोटा लौड़ा मेरी फुद्दी पर लग रहा था, जो मुझे साफ साफ महसूस हो रहा था.

मेने भाई का लोअर नीचे खिसका दिया और उसका मस्त झूमता हुआ काला लंड बाहर निकाल लिया, मेरे लिए अब लण्ड पकड़ना बहुत आसान हो गया, भाई अपने हाथों से मेरे दोनों फुद्दीड़ दबा रहा था. और मैं उसके उसका काला मोटा लौड़ा पकड़ कर ऊपर नीचे करने लगी. मुझे अब समझ आ गया था कि भाई मेरी तरह भोला बनने की एक्टिंग कर रहा था. उसने कहा दीदी इसमें तो बहुत आनंद आ रहा है यार.. मैंने कहा हां वह तो है तू भी और जोर से दबा पीछे से, अब मैं भी उससे खुलने लग गई, और उसका पूरा साथ देने लगी. भाई कहा दीदी आपका सुसु कहा ं है वह खड़ा नहीं हुआ? मैं हंसने लगी और कहने लगी भाई हमारा यह डंडा नहीं होता जैसे तुम्हारे यह ब्रेस्ट नहीं होते, समझा.
तभी वह कहा अरे हां दीदी आपके मस्त ब्रेस्ट भी तो है.. कहते ही उसने अपने हाथ मेरे कुर्ती में डाल दिए और मेरे ब्रेस्ट को ढूंढने लग गया. मुझे इस में बहुत आनंद आ रहा था. मैंने भी बड़े आराम से अपने दोनों स्तन उसके हवाले कर दिए और उससे अपने मोटे मोटे स्तन दबवाने लगी. जोर से दबाओ ना, मैंने मस्त हो कर कहा . क्यों दीदी उसे क्या होगा? और मेरे स्तन के निप्पल पकड़ कर घुमा लिए मैं मस्ती में झूम पड़ी.. भाई जैसे तुम्हें अपने डंडे में आनंद आता है ना बस वैसे ही मुझे अपने मोटे मोटे स्तन में आनंद आता है, मैंने थोड़ा शांत होकर उसका उत्तर दिया.
अच्छा इतना आनंद आता है, चलो दिखाओ अपना डंडा फिर. यह कहते ही उसने मेरी फुद्दी पर अपने हाथ रख दिए और अपनी एक्टिंग चालू रखी, उसे अच्छे से पता था कि ऐसा कुछ नहीं होता, पर फिर भी वह लगा हुआ था. आराम से मेरी जगह बहुत नाजुक है, उसके हाथ मेरी फुद्दी पर घूम रहे थे. वह मेरा डंडा ढूंढ रहा था. और उसे वह कभी नहीं मिलने वाला था. तभी उसने अपनी उंगलियां मेरी फुद्दी में घुसा दी और मेरे मुंह से आह्ह्ह औऊ अह्ह्ह निकल गई मैं, पूरी मस्त हो चुकी थी. भाई मैं खड़े खड़े थक चुकी हूं चल पलंग पर चलते हैं, वहां आराम से करेंगे मैंने उस से कहा. उसने कहा ठीक है दीदी.

दीदी कपड़े उतार कर पूरी न्यूड (नग्न) धडंगी हो जाओ बहुत आनंद आने वाला है, मैंने भी उसकी बात मान ली और सारे कपड़े उतार दिए और मन ही मन सोचने लगी कि अब नाटक करने का कोई फायदा नहीं है वरना चुदाई में कोई आनंद नहीं आएगा. भाई एक बात सच सच बताओ. उसने कहा हां ही बोलो दीदी. मैने कहा – क्या तुमने किसी लड़की को चोदा है? भाई डरते हुए कहा नहीं दीदी. यह कैसे होता है कैसे करते हैं? मैंने कहा अरे मेरे प्यारे भाई मैं किसी को कुछ बताऊंगी थोड़ी ना, बताना सच. भाई कुछ सोचने लग गया और कुछ समय बाद कहा नहीं दीदी चलो अपनी मस्ती करते हैं. अरे तेरा लण्ड तो साफ साफ बता रहा है कि उसने किसी फुद्दी का पानी पिया हुआ है, बोलना. मैंने उस पर जोर देते हुए पूछा.
वो शरमाते हुए बोला, हां दीदी आपकी ही फ्रेंड है वह मुझसे प्यार नहीं करती बस चुद्वाती है. मैंने कहा चल आ जा यह देख मेरी फुद्दी भी चुद सकती है. भाई नें कहा अरे दीदी फिर इतना पहले नाटक को क्यों किया? यह तो मैंने बस तुझे खोलने के लिए किया, चल मुझे छोड़ दे अब, मैंने मीठे लफ्जों में कहा . भाई भी शर्म छोड़ कर मुझे लिपट गया और किस करने लगा. मैंने भी उसके कोमल होंठों में कोमल होंठ में घुसेड़ कर किस किया और उसकी जबान मुंह में लेकर चूसने लगी. अब उसने मुझे गोदी में उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया.
मैं उस को नीचे कर दिया और खुद उसके पास बैठकर पेनिस को हाथ में लेकर मसलने लगी. उसको बहुत आनंद आने लग गया और वह मुह से सिसकियां भरने लगा, मैंने मुस्कुराकर फुद्दी को लण्ड पर रखा और धीरे से उस साले चोदू के तंदरुस्त और फौलादी लण्ड पर फुद्दी रखकर घुसा दीया. मेरी फुद्दी में से पानी निकल रहा था, जिसकी वजह से लण्ड आसानी से अब मेरी फुद्दी में भीतर बाहर हो रहा था. और मेरी फुद्दी को आराम मिल रहा था, मैं अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ उठा उठा कर पेनिस को अपनी बच्चेदानी तक उतार रही थी. और अब भाई भी अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ नीचे से हीला कर मुझे चोद रहा था. मैंने अपनी फुद्दी को हीलाने से रोक दिया और भाई से पूछा लण्ड गांड में भी चला जाता है? भाई नें कहा पता नहीं दीदी, मैंने मेरे पूरे जीवन में आज की तारीख तक ऐसा कुछ नहीं किया.. चल करते हैं मैंने उसे उत्तर दिया.

भाई के सामने मै घोड़ी बनकर झुक गई और उसे अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ के प्रथम दर्शन कराएं वह भी मेरी गोल मटोल डबलरोटी जैसी गद्देदार गांड को देखकर पागल हो गया और अपना मुसल जैसा लंड मेरी टट्टी से भरी चूतड़ पर रख लिया पर चूतड़ तंग होने की वजह से लण्ड गांड में जाने को तैयार ही नहीं हो रहा था. मैंने कहा मेरी टट्टी से भरी चूतड़ पर तेल लगा और फिर चोद भाई. उसने ऐसे ही किया और मेरी टट्टी से भरी चूतड़ पर उंगली से तेल लगाकर गांड में घुसा दी, जिससे मुझे बहुत तेज का दर्द हुआ पर मैंने अपने भाई के डंडे से अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ को चुदाने की प्यास में दर्द भी अनदेखा कर दिया. फिर एकदम ही मेरी टट्टी से भरी गांड में लण्ड चलता हुआ महसूस हुआ और मुझे लण्ड के घुसने का दर्द महसूस होने लगा. और उसके पेनिस को भी भीतर आने में जरा सी तकलीफ हो रही थी.
मैंने भाई से कहा ं भाई बस कर मेरी टट्टी से भरी चूतड़ फट जाएगी आगे की प्रयास हम कल करेंगे. उसने मेरी बात मानते हुए अपना सुपाड़ा गांड में से निकाल दिया और निकलते ही मेरी फुद्दी में घुसा दिया और जोर जोर से मेरी योनी फ्री स्टाइल में पेलने लगा. मैं श्वान बनी हुई अपनी फुद्दी चुदवा रही और उधर मेरे भाई मेरी फुद्दी मारता रहा, और मेरे स्तन को पकड़कर मसलता रहा. उसकी ऐसी चुदाई से अब मेरा निकलने वाला था इस कारण से मैं भी अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ हिलाकर मेरे प्यारे भाई के तगड़े पेनिस को मेरी बच्चेदानी तक लेने लगी और अगले ही पल जड़ गई.
मेरे मुंह से आहाह औऊ हहह ई औऊ ओह्ह उऔउ ऐईउ उईइ जैसी कामुक सिसकियां निकली और मैंने उसे पीछे कर दिया. भाई नें कहा दीदी मेरा तो अभी हुआ नहीं.. मैंने उसको खड़ा किया और उसके पेनिस को मुंह में ले कर चूसने लगी. उसका वीर्य अगले ही पल मेरे मुंह में निकल गया और फिर भी मैं उसके सुपारी को चुस्ती रही. जब तक उसके पानी की एक एक बूंद तक खत्म नहीं हुई. अब भाई मुझसे लिपट कर सो गया खराटे लेने लग गया. मैं मुस्कुराई और अपने राजदुलारे भाई को किस कर के भाई के बिस्तर पर आकर सो गई और भाई और उसके दोस्तों के साथ गैंग बैंग चुदाई के सपनों में खो गई. तो मेरे प्यारे भाई और बहनों उम्मीद करती हूँ की आप सभी को मेरी हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में “भाई के लम्बे मोटे डंडे से फुद्दी चुदवाई गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में“ बहुत पसंद आई होगी.