गे ताऊजी के लौड़े से चूतड़ मरवाने में आनंद आ गया गे फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में – ताऊजी भतीजा फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में हिंदी सेक्स कहा नियाँ Free XXX Hindi Nonveg Sex Story For Adults 18+ Hindi Chudai Kahani Hindi Sex Stories : हेल्लों तो मेरे प्यारे चोदू किस्म के भाइयों और चुदास से भरी जवान बहनों कैसे हो आप सभी उम्मीद करता हूँ आप सभी आनंद मंगल होंगे? दोस्तों आपने लड़के और लड़की की फुद्दी चुदाई की और चूतड़ मारने व मरवाने की बहुत सी गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में पढ़ रखी होगी आज मै आप सभी के लिए कुछ नया मसालेदार लेकर आया हूँ उम्मीद करता हूँ की ये नया मसाला आप सभी को बहुत पसंद आयगा. मेरी गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में शुरू करने से पहले मै आप सभी को मेरा परिचय दे देता हूँ. दोस्तों मेरा नाम देव है. मैं बी.ए फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट हूं.
मेरी उम्र 20 साल है और अब मेरे लण्ड में बहुत तेज गति से विकास हो रहा है और उसमे कड़क पन भी बढता जा रहा है. शुरू से ही मेरी रूचि लड़कियों की जगह लड़कों में ज्यादा रही है जिससे यह प्रतीत होता है की मै भविष्य में गे ही बनूँगा. मै अधिकतर छुपते छुपाते गदराई ब्लू फिल्मे देखा करता था और मुझे सेक्सी ब्लू फिल्म भी गे वाली ही पसंद आती थी. इस तरह से वक्त के साथ मुझे पता चला कि मैं तो गे ही हूं. फिर गे गदराई ब्लू फिल्मे देख देखकर मेरा मन भी करने लगा कि मैं भी अपनी लेट्रिंग से भरी गांड के अंदर किसी मर्द का लौड़ा लेकर देखूं. वक्त के साथ साथ आहिस्ता आहिस्ता मेरी किसी मर्द के लौड़े से अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ मरवाने की तलब बढ़ती ही जा रही थी. फिर ऐसे ही मेरा ध्यान मेरे ताऊजी पर जाने लगा.
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मेरे ताऊजी बचपन से ही हमारे साथ रहते थे. उनका नाम धीरज है और उनकी उम्र करीब 26 साल हैं. मेरे ताऊजी जॉब करते थे और घर-बाहर के काम भी देखा करते थे. ताऊजी का गठीला बदन अब मेरा ध्यान खींचने लगा था. रोज मोर्निंग वो वर्कआउट करने जाया करते थे. जब मेरे ताऊजी वापस घर आते थे तो उनके डोले और छाती फूली होती थी जिसको देखकर मेरी टट्टी से भरी गांड के अंदर ताऊजी के लौड़े से चुदवाने की कुलबुलाहट सी होने लगती थी. ताऊजी की बनियान पूरी पसीने में भीगी रहती थी और मैं उनके आसपास घूमता रहता था ताकि उनके बदन को ताड़ सकूं. मेरे ताऊजी का तगड़ा लौड़ा उनकी जीन्स में साफ साफ उभार बनाये रहता था और मेरी निगाहें वहीं उनके लौड़े पर टिकी रहती थी.
बहुत बार मैं छुप छुपकर उन्हें स्नानघर में नंगा होकर नहाते हुए देखा करता था. बॉडी एकदम मस्त बनाई हुई थी. नहाते हुए जब उनका अंडरवियर गीला रहता था तो लण्ड का साइज भी पता लग जाता था. गे ताऊजी का सख्त लौड़ा सोया हुआ ही 4 इंच के करीब लगता था. इन सब बातों के शुरू होने के बाद उनकी जॉब बदल गयी और वो चेन्नई रहने चले गये. वहां पर वो अपने कुछ रूममेट के साथ रहने लगे. अभी कुछ दिन पहले जब वो हमसे मिलने हमारे घर आये तो 10-12 दिन की छुट्टी लेकर आये थे.
अबकी बार मैंने ठान लिया था की अबकी बार किसी भी तरह से ताऊजी के लौड़े से चूतड़ मरवाने का सतूना करना है. मैंने संकल्प कर लिया था की मैं अबकी बार अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ को ताऊजी से मरवा कर ही दम लूँगा. वैसे तो उनके और मेरे बीच में बहुत बातें होती थीं. हंसी आनंदक भी बहुत था किन्तु लाज और शरम के मारे मै कभी चूतड़ मरवाने की तमन्ना को जाहिर ही नहीं कर पाया. उन्हें आये हुए दो तीन दिन बीत चुके थे और मेरे हाथ कुछ नहीं लगा था. मैं बस उन्हें अपने बदन के इशारों में बताने का प्रयास करता कि मेरी टट्टी से भरी चूतड़ चोद लो किन्तु वो इस तरफ ध्यान ही नहीं दे रहे थे.
हमारा एक कमरा छत पर बना हुआ था जिसको हम स्टोर रूम की तरह इस्तेमाल करते थे. फिर मैं भी उसी कमरे में रहने लगा था क्योंकि मुझे अपनी प्राइवेसी चाहिए थी. उस नाईट को वो मेरे रूम में ही थे. हम बहन के लंड दोनों लैपटॉप में फिल्म देख रहे थे. बातों बातों में मैंने उनसे पूछा- ताऊजी , कोई लड़की वड़की पटाई या बस यूं ही काम चला रहे हो? मेरे गे ताऊजी बोले- हां, अंजलि नाम की एक लड़की है. वो मेरी सेटिंग है. मगर वो ज्यादा कुछ करने नहीं देती मुझे उसके गदराई बदन के साथ भतीजे इस कारण से मैं इतना आनंद नहीं ले पाता उसके साथ.
मैं कहा तो फिर कोई और देख लो. चाचा- नहीं यार, इतना टाइम नहीं मिलता. उसी से काम चल जाता है. फिर वो मूवी देखने लगे. कुछ समय में मूवी खत्म हो गयी और हम सोने लगे. नाईट के 10 बजे का टाइम हुआ होगा. फिर मुझे नींद आ गयी. ताऊजी भी पहले ही सो चुके थे. फिर एकदम 2-3 घंटे बाद मेरी नींद कुछ चीखती आवाजों ने खोल दी. मैंने उठकर देखा तो नजर उनके फोन की स्क्रीन पर गयी. ताऊजी फोन में गदराई ब्लू फिल्में देख रहे थे. ताऊजी ने मुझे देखा तो वो सहम से गये. पर मैं मुस्करा दिया तो वो भी मुस्करा दिये. मैं फिर वापस से करवट लेकर सो गया.
जब मोर्निंग उठा तो वो कहने लगे- साले नाईट को ऐसे क्या देख रहा था? मुझे पता है कि तू भी देखता होगा पोर्न फ़िल्में. बच्चा थोड़ी है अब तू अब तो तेरे हथियार में भी हलचल होती होगी..! तेरे लैपटॉप में हैं पोर्न फ़िल्में? मैं बोला- हां देखता तो हूं किन्तु मैं ऑनलाइन इंडियन सेक्स बाज़ार की देसी पोर्न वेबसाइट पर देखता हूँ. मेरे पास लैपटॉप में पोर्न फ़िल्में नहीं है. मेरे गे ताऊजी बोले- कोई नहीं, तू ऑनलाइन ही दिखा दे. इसके बाद मैंने लैपटॉप पर एक पोर्न साइट खोली और उस पर गे वाली कैटेगरी पर क्लिक कर दिया. गे चुदाई की फिल्म चलने लगी. ताऊजी बोले- ये देखता है तू? मैं बोला – मैं तो सब देखता हूं. जिस ऑप्शन पर क्लिक हो गया वही देखने लगता हूं.
वो फिर चुपचाप नंगे लड़के की दुसरे लड़के के लण्ड से चूतड़ मरवाने की फिल्म देखते रहे. मेरी लुल्ली तो खड़ी हो गयी थी. साथ में मेरे छबीले ताऊजी बैठे थे और सामने लड़के की गांड चोदी जा रही थी. मैंने पूछा- आपने कभी किया है क्या किसी लड़के के साथ? मेरे गे ताऊजी ने न में गर्दन हिलायी और चुपचाप देखते रहे. इसके बाद मैंने उनकी जांघ पर हाथ रख लिया. मेरे ताऊजी ने एक दफे मेरी ओर देखा और फिर दोबारा से स्क्रीन पर देखने लगे. शायद उन्हें मेरी बात से कुछ पता चलने लगा था. आहिस्ता आहिस्ता मेरा हाथ सरक कर उनके तने हुए लण्ड की ओर जा रहा था.
मेरे भीतर हवस बढ़ती जा रही थी और फिर देखते देखते मैंने ताऊजी के तगड़े लौड़े को छू लिया और मेरे हाथों का स्पर्श पाकर उनका लौड़ा खड़ा होने लगा. अब मैंने उनके लण्ड पर पूरा हाथ रख लिया और उसको दबाने और सहलाने लगा और फिर जोर जोर से दबाने लगा. अब मेरे गे ताऊजी ने भी मेरी जांघ को सहलाना शुरू कर दिया. मैंने उनके तगड़े लौड़े को हाथ में भर लिया और उनका लौड़ा पूरा तन गया. अब मेरे गे ताऊजी का कोमल हाथ भी मेरी लुल्ली पर आ चुका था. हम बहन के लंड दोनों एक दूसरे के लंडों को सहला रहे थे. वो मेरी टट्टी से भरी चूतड़ को दबाते हुए बोले- तुझे लण्ड पकड़ना पसंद है क्या भतीजे..? मैंने हां में गर्दन हिला दी.

मेरे हाथ में ताऊजी का मूसल लण्ड था और मेरी हालत खराब हो रही थी क्योंकि अपनी लाइफ में पहली बार मैंने किसी और का लण्ड पकड़ा था. इसके बाद मैंने उनकी लोअर में हाथ डालकर उनके अंडरवियर के भीतर हाथ ले जाकर उनके तगड़े लौड़े को पूरा हाथ में भर लिया. बहुत गर्म और सख्त लण्ड था धीरज ताऊजी का. मेरे ताऊजी बोले भतीजे अगर तू पहले बता देता की तू भी गे है तो मैं पहले ही तुझे लण्ड दे देता. मेरे प्यारे भतीजे मैं तो खुद तेरी चूतड़ मारना चाह रहा था बहुत दिन से तेरी चूतड़ बहुत मस्त है. मौहल्ले वाले राहुल से भी मस्त.
मैंने हैरानी से पूछा- तो क्या ताऊजी वो साला राहुल भी अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ मरवाने आप के पास ही आता है? मेरे गे ताऊजी बोले- हां वो भी चूतड़ मरवाने मेरे पास ही आता है वो साला भी तो गे है, मैंने कई बार उसकी बदबूदार गांड मारी हुई है. एक दफे तो उसने भी मेरी मारी हुई है. मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मेरे सगे ताऊजी भी मेरी तरह गे हैं और वो भी कई लड़की की गांड मार चुके हैं. मेरी तो लॉटरी लग गयी थी ये बात जानने के बाद. अब मुझे समझ में आया कि राहुल और धीरज ताऊजी इतने अच्छे फ्रेंड कैसे बने हुए थे. उनके बीच में तो आये दिन गे सेक्स होता था. मैंने अब मेरे गे ताऊजी के लौड़े की मुठ मारनी शुरू कर दी.

मै उन्हें हेंडजॉब का आनंद दे रहा था और फिर हेंडजॉब का आनंद लेते लेते मेरे सामने अपनी बनियान उतारने लगे. गे ताऊजी का सख्त लौड़ा लोअर को पूरा तंबू बनाये हुए था. मैं तो उनके तगड़े लौड़े को देखने के लिए बेताब सा हो उठा था. फिर मेरे गे ताऊजी ने लोअर को निकाल दिया. अब अंडरवियर जब नीचे खींचा तो मेरी आँखें हैरानी से फैल गयीं. सांवले से कलर का मूसल लण्ड उनकी टांगों के बीच में झूल रहा था. मेरे पास आकर वो मेरे चेहरे को अपनी तरफ करके मेरे कोमल होंठों को चूसने लगे. मैं भी जैसे उनके कोमल होंठों में खो गया.
फिर वो मेरे कपड़े उतारने लगे और मुझे पूरा नंगा धडंगा कर दिया. अब मेरा बदन ताऊजी के सामने पूरा नंगा था आज हम ताऊजी भतीजे मिलकर पहली बार गे सेक्स करने वाले थे मै बहुत बैचेन और उतावला हुए जा रहा था. उनके लण्ड में झटके लग रहे थे. फिर वो मुझे नीचे लिटा कर मेरे ब्रेस्ट को चूसने लगे. मैं मदहोश सा होने लगा. ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं किसी स्वर्ग में हूं. उनकी गर्म सांसें मेरी उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ा रही थीं. मेरी छोटी छोटी गोल चूचियों को चूसते और दांतों से काटते हुए वो नीचे की ओर बढ़ रहे थे.
मेरे पेट पर चूमने के बाद मेरे गे ताऊजी ने मुझे दूसरी तरफ पलटा दिया. अब मेरी टट्टी से भरी चूतड़ ताऊजी के सामने ऊपर की ओर थी. मेरे गे ताऊजी ने मेरे फुद्दीड़ों पर अपने गर्म कोमल होंठों से चूमा तो मेरे लण्ड में सरसरी दौड़ गयी. बहुत ही ज्यादा अच्छा लगा मुझे! मेरा मन किया कि चूतड़ को ताऊजी के गर्म कोमल होंठों पर लगा दूं और वो मेरे छेद को जोर जोर चाटें और चूमें. वो मेरे फुद्दीड़ों को बार बार दबाते और फिर चूम लेते. तीन चार मिनट तक मेरे गे ताऊजी ने मेरे फुद्दीड़ों से खेला. मेरी टट्टी से भरी चूतड़ का छल्ला अब खुद ही ढीला सा पड़ने लगा. जैसे कि वो लण्ड के इंतजार में खुद को तैयार कर रहा है. अब मेरे गे ताऊजी मेरे बगल में आ लेटे और फिर मेरे गे ताऊजी ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया.

मैं ताऊजी के बदन का दीवाना था और मैंने अपनी हर चाहत पूरी करने की ठान ली. मैंने उनके कोमल होंठों को चूसना प्रारम्भ करा. वो भी मेरा सिर पकड़ कर मेरी लार पीने लगे. फिर मैं नीचे गर्दन को चूसने लगा. उनकी गर्दन चूसने में मुझे और ज्यादा उत्तेजना होने लगी. वो भी मुझे कसकर भींचने लगे. इसके बाद मैंने छाती के निप्पल मुँह में भर लिये. उनके निप्पल बहुत रसीले थे. मन कर रहा था कि चूसता ही रहूं. मगर मेरी हालत ऐसी थी कि किसी भूखे के सामने ढेर सारा खाना डाल दिया गया हो और वो हर एक चीज को चखना चाह रहा हो. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं अपने ताऊजी के गठीले कसरती बदन को कहा ं कहा ं से चूमूं और चाटूं. हर हिस्से को चूसना चाह रहा था मैं! बेसब्री से उनकी छाती और पेट को चूमते हुए मैं नीचे जाने लगा.
जैसे ही उनके झांटों के एरिया पर किस किया तो मेरे गे ताऊजी ने मेरे सिर को नीचे दबाते हुए खुद ही मेरे कोमल होंठों को अपने लण्ड के टोपे पर लगवा दिया. उनके लौड़े से निकली कामरस की बूंद को मैंने जबान की नोक से चाट लिया. फिर उनकी आँखों में देखते हुए अपना मुँह खोलकर उनके मोटे सुपारे को अपने मुँह में भर लिया और आंख बंद करके चूसने लगा. हाय … इतना रसील लण्ड था उनका. मेरे मुँह में लार की धार बह निकली. पाँच मिनट में ही तगड़े लौड़े को मैंने थूक में सान दिया. ताऊजी के मुँह से निकलती सिसकारियां बता रही थीं कि वो कितने आनंद में हैं.
उनका एक हाथ मेरे सिर पर था जो मेरे सिर को बार बार उनके लण्ड पर दबा रहा था. दूसरे हाथ से वो अपने पेट और छाती को सहला रहे थे. उनका ये कामुक रूप देखकर मेरा तो मन जैसे खिल उठा. इतना रसीला मर्द आज मुझे चूसने के लिए मिल गया है. उस टाइम मुझे एसा लग रहा था जैसे मैं सातवें आसमान पर हूँ. क्या टेस्ट था उनके लण्ड का! वो मेरे बाल पकड़ कर मेरे मुँह को अपने लन्ड पर आगे पीछे कर रहे थे. ताऊजी मुँह पेलने में भी पूरे खिलाड़ी थे. मुझे लण्ड चूसते हुए 8-10 मिनट हो गये किन्तु वो झड़े नहीं.

अब मेरे गे ताऊजी ने मुझे उठने के लिए कहा . मैं समझ गया कि मेरी अनचुदी गांड की पहली खतरनाक और धमाकेदार चुदवाने का शुभ मुहूर्त हो गया है. मेरी अनचुदी चूतड़ अब ताऊजी के लौड़े से चुदवाने वाली थी. पहली बार मेरी टट्टी से भरी चूतड़ को लण्ड का आनंद भोगना था. मेरी टट्टी से भरी चूतड़ मारने के लिए मेरे गे ताऊजी ने मुझे अपनी अनचुदी गांड की चुदवाने के लिए श्वान बनने के लिए कहा . मुझे ताऊजी का सख्त लौड़ा देखकर ही डर लग रहा था.
मैंने पूछा- पहली बार चूतड़ मरवाने में ज्यादा दर्द तो नहीं होगा? मेरे गे ताऊजी बोले- यार … अरे भतीजे तू भी क्या लड़कियों की तरह डरता है गांड की खतरनाक चुदाई (Anal Sex) करवाने में? चल जल्दी से कुतिया (Doggy) बन जा पहली बार चूतड़ मरवाने में मामूली दर्द होगा और वो भी कुछ समय बाद आनंद में बदल जायगा! मन ही मन मैं तो प्रसन हो रहा था कि आज मेरी अनचुदी चूतड़ मरवाने की मनोकामना पूरी हो जाएगी. पहली बार अपनी अनचुदी चूतड़ मरवाने का आनंद प्राप्त करने के लिए मैं अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ उप्पर करके चूतड़ चुदवाने के लिए जल्दी से श्वान बन गया.
फिर ताऊजी अपने मुँह से थूक हथेली में लेकर मेरी अनचुदी चूतड़ के छेद पर मलने लगे ताकि पहली गांड की खतरनाक चुदाई (Anal Sex) में मुझे दर्द कम हो और मेरी टट्टी से भरी चूतड़ फटे नहीं. उनकी उंगलियां जब मेरी अनचुदी चूतड़ के छेद को सहला रही थीं तो मेरी अनचुदी चूतड़ का छेद फैलने लगा. मेरी आंखें आनंद में बंद होने लगीं. फिर मेरे गे ताऊजी ने लण्ड पर थूक मला और मेरे छेद पर सुपारा टिका दिया. एक दो बार मेरे छेद को लण्ड के टोपे से सहलाया. मेरी आह्ह … निकल गयी. फिर मेरे गे ताऊजी ने शॉट मारा तो लण्ड एकदम से फिसल गया. मेरी टट्टी से भरी चूतड़ अनचुदी थी इस लिये बहुत तंग थी.

मेरे गे ताऊजी ने थोड़ा और थूक अपने लौड़े के लाला लाल टोपे पर लगाया. लण्ड डालने से पहले अपनी उंगली पर थूक लिया और मेरी टट्टी से भरी गांड के अंदर दे दी. इससे मुझे दर्द हुआ किन्तु फिर अनचुदी चूतड़ खुलने लगी. वो उंगली को भीतर बाहर करने लगे. मुझे उनकी खुरदरी उँगली गांड के अंदर लेकर बहुत आनंद आ रहा था. उंगली करने के बाद मेरे गे ताऊजी ने फिर से तगड़े लौड़े को छेद पर टिकाया. अबकी बार बहुत जोर से शॉट मारा और उनका सुपाड़ा मेरी साबुत सील चूतड़ के दरवाजे को तोड़ता हुआ भीतर जा फंसा. मेरी तो हालत ख़राब हो गई. जिन्दगी में पहली बार इतना दर्द महसूस किया था.
किसी तरह मैंने अपने मुँह पर हाथ रखकर अपनी चीख दबाई किन्तु फटी हुई चूतड़ का दर्द मेरी जान निकाल रहा था. ताऊजी मेरे ऊपर आ लेटे और मैं बोला- छोड़ दो ताऊजी , नहीं लिया जा रहा. मेरे गे ताऊजी बोले- लिया जायेगा. तू तो पूरा ले लेगा मेरी जान … बस कुछ समय रुक जा. वो मेरी चूचियों को भींचते हुए मुझे प्यार करने लगे. मुझे अच्छा लगा और फिर कुछ देर में पहले झटके का दर्द कम होने लगा. अब मेरे गे ताऊजी ने आहिस्ता आहिस्ता तगड़े लौड़े को और भीतर सरकाना प्रारम्भ करा. बड़ी कठिनाई से लण्ड फंसता हुआ भीतर जा रहा था.

आहिस्ता आहिस्ता करके मेरे गे ताऊजी ने मेरी टट्टी से भरी गांड के अंदर पूरा लण्ड उतार दिया. ऐसा लगा कि जैसे कुछ मोटी चीज मेरे पिछवाड़े में ठूंस दी गयी हो. आहिस्ता आहिस्ता मेरे गे ताऊजी ने शोर्ट लगाने चालू किये. अब मेरी टट्टी से भरी चूतड़ को तगड़े लौड़े को रास्ता देना ही था. उसके पास कोई और मार्ग नहीं था. चूतड़ चौड़ी होने लगी और लण्ड ने अपनी गति बढ़ानी शुरू कर दी. ताऊजी के शोर्ट तेज होने लगे और लौड़े से चुदवाने का मुझे पहला आनंद मिलने लगा. कुछ ही देर में मेरी टट्टी से भरी चूतड़ अब खुद ही तगड़े लौड़े को और भीतर तक रास्ता देने लगी. मेरा मन करने लगा कि ताऊजी पूरा जड़ तक लण्ड घुसा दें.
मेरी आह्ह … आह्ह … निकल रही थी और ताऊजी की ओह्ह … मेरी जान … ओह्ह मेरी रानी … ओह्ह मेरे चिकने करके सीत्कार से फूट रहे थे. इस तरह हम बहन के लंड दोनों चाचा-भतीजे गे सेक्स में डूब गये. अब लग रहा था कि मैं कुतिया हूं और ताऊजी एक चुदाई बाज कुत्ते का रूप ले चुके हैं जो अपनी कुतिया को बुरी तरह चोद देना चाहते हैं. मेरा अंग अंग दर्द करने लगा. उनके शोर्ट झेलते झेलते मेरा चेहरा लाल हो उठा.
वो फिर मेरे छोटे छोटे ब्रेस्ट दबाते हुए और जोर से तगड़े लौड़े को मेरी टट्टी से भरी गांड की आंतो तक पेलने लगे उनका पूरा लण्ड मेरी टट्टी से भरी चूतड़ से निकल रहे खून और टट्टी से संद चूका था. मैं अब बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था. मेरी टट्टी से भरी चूतड़ के चिथड़े खुल रहे थे. शोर्ट मारते हुए वो बड़बड़ा रहे थे- जोर से ले … हम्म … हम्म … और ले … आह्ह … ले भोसड़ी के … मेरा पूरा लण्ड ले ले तू! जब उनका झड़ने को हो गया तो बोले- बता भतीजे, गांड के अंदर ही छोड़ दूं या मुँह में पीयेगा लण्ड से निकलने वाला गरमा गरम माल? मैंने मेरे पूरे जीवन में आज की तारीख तक कभी किसी का माल नहीं पिया था, मैं बोला- मुँह में ताऊजी .

मेरे गे ताऊजी ने मेरी टट्टी से भरी चूतड़ के छेद से अपना लण्ड निकाला और मुँह में दे दिया. फिर वे मेरे मुँह को पेलने लगे और एक मिनट के बाद उनका स्पर्म मेरे मुँह में जाने लगा जिसका मीठा-खट्टा और नमकीन सा स्वाद मुझे मिलने लगा. पहली बार स्पर्म का स्वाद मिला था. मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगा. गर्म गर्म माल अमृत के जैसा लग रहा था.
फिर जब सारा माल मेरे गले में भीतर जा चुका तो मेरे गे ताऊजी ने तगड़े लौड़े को बाहर निकाल लिया. मैंने चाटकर ताऊजी का सख्त लौड़ा साफ किया. फिर नाईट को ताऊजी ने एक दफे फिर मेरी टट्टी से भरी गांड मारी. आज मैंने पहली बार अपनी अनचुदी गांड की खतरनाक चुदाई करवाई थी इस कारण मेरी टट्टी से भरी चूतड़ सूज कर लाल हो गयी थी और उसमे बहुत तेज जलन भी हो रह थी जिस करण मुझे टट्टी करने से भी डर लग रहा था.
नेक्स्ट डे तो चलने में भी बहुत दिक्कत हुई आखिर अनचुदी गांड की पहली खतरनाक और धमाकेदार चुदाई जो हुई थी सख्त लौड़े से. ताऊजी अभी कई दिन रुकने वाले थे और मेरी कहानी भी अभी खत्म नहीं हुई है. उसके बाद ताऊजी ने मेरे साथ क्या क्या किया वो सब भी मैं आपको इस गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में के अगले भाग में बताऊंगा. आपको मेरी अपने सगे ताऊजी से चूतड़ मरवाने की यह गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में “ताऊजी भतीजा फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में – ताऊजी के लौड़े से चूतड़ मरवाने में आनंद आ गया गे फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में” पसंद आई हो तो निचे लाइक बटन ज़रूर दबाना और हाँ इस गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में को ज्यादा से ज्यादा शेयर करना.