माहवारी के दौरान आंटी ने पैड लगाना सिखाया Hindi Sex Story : यारों मेरा नाम आकाश है और मैं जयपुर (राजस्थान) के एक गाँव का रहने वाला हूँ, मैं अपने लण्ड के साईज के बारे में आप को बता दू मेरा फौलादी लण्ड 9 इंच लम्बा और चार इंच मोटा है. मेरा काला मोटा लण्ड किसी भी प्यासी औरत को रांड की तरह चोदकर संतुष्ट कर सकता है. गरम आंटी को रांड की तरह ठोक चोदकर चुदाई सिखने की मेरी यह अन्तर्वासना इंडियन देसी नॉनवेज सेक्स स्टोरी उस वक्त की है जब मुझे सेक्स का कोई खास ज्ञान नहीं था तो मेरी पड़ोस की एक गदराई रांड आंटी ने मुझसे अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ मरवा कर और फुद्दी चुदवा कर मुझे रांड के साथ सेक्स करना सिखाया ।
चलो गरम आंटी के बारे में बता देते हैं. गरम आंटी का नाम कंचन शर्मा है जिनकी उम्र अब 36 वर्ष है और वो आज भी एक रांड की तरह हॉट और गदराई दिखती हैं. गदराई रांड आंटी के पति कैंसर के कारण इस दुनिया को छोड़ कर चले गये तो उन्हें उनके देवर के साथ नाते से बिठा दीया था और आब वो अपने देवर की रांड थी. मैं उन दिनों गाँव के ही एक विद्यालय में 12वीं में पढ़ता था, मैं तब 19 साल का हो चुका था. तो जब लंच होता था तो हम दीवार कूदकर घर आ जाया करते थे. उन गरम आंटी का देवर जो अब उनका पति था वो किराने की दुकान करता था पर दिन में खेत पर जाया रहता था. मैं यह अच्छी तरह से जानता था इसलिये मैं जानबूझकर उनके घर पर अखबार पढ़ने के बहाने गया. गरम आंटी उस वक्त नहाने के लिये जाने वाली थी।

तो वो अखबार देकर नहाने के लिये चली गई और वहीं से मुझसे बातें करती रहीं. कुछ समय बाद उन्होने मुझे आवाज लगाकर कहा – आकाश, भीतर पलंग पर कपड़े रह गये हैं, जरा पकड़ा देगा? मैं मन ही मन प्रसन होता हुआ बोला- अभी लाया गरम आंटी. मैं भीतर गया तो देखा गरम आंटी अपना पेटिकोट और पैडेड ब्रा वहीं छोड़ गई थी. मैं दोनों कपड़े उठाकर स्नानघर की ओर चल दिया. मैं जैसे ही हाथ को आगे करके कपड़े देने लगा मेरा हाथ वहाँ तक नहीं पहुँच रहा था तो गरम आंटी बोली- इधर को आकर दे दे, शर्मा क्यों रहा है।
जैसे ही मैं आगे बढ़ा, गरम आंटी को देखकर दंग रह गया. गरम आंटी मेरे सामने बस पैंटी में खड़ी थी. गरम आंटी को एकटक निहारता रहा, गरम आंटी ने जब कपड़े पकड़कर हँसते हुए मुझसे कपड़े माँगे तो मेरी नींद टूटी. गरम आंटी हँसकर बोली- जा अखबार पढ़ ले अब. मैं वापस आकर बैठकर अखबार पढ़ने लगा. ऐसे ही दिन गुजरते रहे, नाईट को देर देर तक हम गरम आंटी के पास बैठे रहते, कभी गरम आंटी मुझसे चिपककर बैठ जाती तो कभी मैं गरम आंटी से चिपककर बैठ जाता था।
फिर डेढ़ साल बाद यह सर्दियों की बात थी, मैं अब कॉलेज में आ चुका था और शहर में पढ़ने लगा था जिस कारण मेरा दिमाग इन कामों में पहले से ज्यादा दौड़ने लगा था।
नाईट का टाइम था, गरम आंटी भीतर खटिया पर लेटी हुई थी. मैं भी रोजाना की तरह नाईट को उनके घर पहुँचा और जाकर उनकी खटिया पर बैठ गया. पास में ही उनका छोटा बेटा सोया हुआ था. हम इधर उधर की बातें कर रहे थे कि तभी गरम आंटी का बेटा रोने लगा तो उन्होंने उसे चुप कराने के लिये अपने मोटे मोटे ब्रेस्ट को बाहर निकाला और अपने मादरचोद बेटे के मुँह में दे दिया. हालांकि वो इतना छोटा नहीं था कि वो माँ की दूधी चूसे. कुछ समय बाद बात करते करते गरम आंटी ने दूसरे मोटे मोटे ब्रेस्ट को भी बाहर निकाल लिया. यह देख मेरे होश उड़ गये. मेरे लण्ड में अकड़न होने लगी।
क्योंकि उस वक्त लैम्प जला हुआ था तो इतना अच्छा दिखाई नहीं दे रहा था इसलिये मैंने जानबूझकर गरम आंटी के मोटे मोटे दूध से भरे मोटे मोटे ब्रेस्ट को हाथ लगाया और पूछा- गरम आंटी ये क्या है? हाथ लगाते ही मैंने हाथ को पीछे हटा लिया. गरम आंटी बोली- बदमाश! तू सब जानता है. और हँसकर मोटे मोटे ब्रेस्ट को भीतर कर लिया. मेरी हिम्मत अब पहले से बढ़ गई थी. नेक्स्ट डे मैंने प्लान किया कि गरम आंटी को किसी तरीके से अपना लण्ड दिखाया जाये जिससे गरम आंटी खुद उसके बारे में कुछ बात करें और मैं तब ही गरम आंटी को बोल दूँ कि आप मुझे बहुत पसंद हो।
जब गरम आंटी छत पर कपड़े सुखाने के लिये आती थी तो उनकी छत से हमारे घर के एक कमरे के भीतर का एक खिड़की में से दिखाई पड़ता था. मैंने सोचा गरम आंटी को मुठ मारते हुए अपना लण्ड दिखाता हूँ; क्या पता बात ही बन जाये. मैं नेक्स्ट डे उनके आने से पहले ही कमरे में चला गया और कमरे को सोने के बहाने से भीतर से बंद कर लिया. अब मैं गरम आंटी का कपड़े सुखाने के लिये आने का इंतजार करने लगा. थोड़ी देर में गरम आंटी कपड़े सुखाने के लिये आ गई।
जैसे ही गरम आंटी आई, मैं लण्ड निकाल कर खिड़की के सामने खड़ा होकर मुठ मारने लगा. सब कपड़े सुखाने के बाद गरम आंटी जब नीचे जाने को हुई तो उनकी नजर खिड़की पर पड़ी. मैं तिरछी नजरों से उन्हें देख रहा था पर मैंने ये गरम आंटी को पता नहीं लगने दिया. गरम आंटी ने थोड़ी देर देखते रहने के बाद जानबूझकर खाँसा जिससे मेरी निगाहें उन पर पड़े।
मैंने गरम आंटी जी की तरफ देखा और झटके से पीछे को हो गया. मेरा दिल पूरी तेज तेज धड़कने लगा था. थोड़ी देर इंतजार करके मैं जैसे ही आगे को हुआ तो तभी गरम आंटी बिना किसी हाव भाव के देखकर चली गई. मेरी टट्टी से भरी चूतड़ फट गई कि कहीं गरम आंटी मेरे घर पर न बोल दें।
मैं कुछ समय बाद घर से निकला और उनके घर के दरवाजे के सामने आँख मलता हुआ घूमने लगा जिससे लगे कि सोकर आया हूँ. तभी गरम आंटी मुझे देखकर घर से बाहर आई और हँसते हुए बोली- सोकर आया है शायद तू? मैं भी हँसकर मन ही मन प्रसन होता हुआ ‘हाँजी’ बोलकर चला गया।
अब मेरी हिम्मत पहले से भी बढ़ गई थी।
नेक्स्ट डे मैं गरम आंटी के घर पहुँचा तो गरम आंटी टीवी देख रही थी, मैं भी गरम आंटी के साथ बैठकर टीवी देखने लगा. तभी टीवी में व्हिस्पर का ऐड आया तो मैंने जानबूझकर गरम आंटी से पूछा- गरम आंटी, ये क्या होता है?
गरम आंटी हँसकर बोली- ये तेरे मतलब की बात नहीं है।
मैं गरम आंटी से बताने की जिद करने लगा पर वो मानने को तैयार ही नहीं थी बल्कि मुझे डाँट दिया तो मैं उठकर जाने लगा।
तभी गरम आंटी ने गुस्से वाली आवाज में ही बुलाया- यहाँ सुन।
उस टाइम मेरी हवा खराब हो रही थी।
तभी गरम आंटी बोली- देख बता दूँगी! पर प्रोमिस कर तू बतायेगा नहीं किसी को?
मैं यही तो चाहता था, मैं प्रसन होकर बोला- प्रोमिस गरम आंटी. किसी को नहीं बताऊँगा।
गरम आंटी बोली- चल ठीक है, तो गेट बंद करके आ, मैं बताती हूँ।
मैं बहुत तेज गति से गेट बंद करके वापस आ गया और गेट बंद किये, गरम आंटी इतने में एक पैड लेकर आ गई थी।
गरम आंटी बोली- तू बैठ जा, आराम से. जो बोलूँगी वो करते रहना।
मैं वहीं खटिया पर बैठ गया और गरम आंटी मेरे पास ही खड़ी हो गई. गरम आंटी ने अपनी साड़ी और पेटीकोट उठाया और मुझे पकड़ने के लिये बोला, मैंने एकदम से पकड़ लिया. गरम आंटी ने अपनी पैंटी को नीचे खिसकाया और ब्लड से संदी फुद्दी पर पैड को लगाने लगी. गरम आंटी ने अपनी फुद्दी पर पैड लगाते हुए कहा – एक हाथ छोड़कर पैड को एक दफे एडजेस्ट कर मुझसे साड़ी की वजह से दिखाई नहीं दे रहा।
मैं मन ही मन पूरा प्रसन था क्योंकि जो मैं चाहता था वही हो रहा था. मैंने एक हाथ से साड़ी को छोड़कर उनके पैड को पकड़ा और जानबूझकर अपनी भीतर वाली अंगुली को उनकी फुद्दी पर कसके लगाया. गदराई रांड आंटी ने मेरे ये करते ही बहुत तेज ‘ससस्स शस्सस…’ करते हुए सिसकियाँ भरी. गदराई रांड आंटी जी की फुद्दी पर चिपचिपा सा लगा हुआ था. मैं समझ गया था कि गदराई रांड आंटी गर्म हो चुकी है. मैंने तभी अवसर देखते हुए अपनी अँगुली को उस रांड की फुद्दी के छेद में सीधा कर दिया।
मेरे ऐसा करते ही गदराई रांड आंटी सिसकियाँ लेने लगी और मुझे अपने पेट पर लगाकर मेरा नाम पुकारने लगी- आकाशईईई … सस्स शस्सस… गदराई रांड आंटी ने आँखें बंद कर ली थी. मैं पैड हटाकर गदराई रांड आंटी जी की फुद्दी के छेद में अँगुली को बाहर भीतर करने लगा था, मेरे ये करते करते गदराई रांड आंटी ने पैड को छोड़कर साड़ी उतार दी फिर आँख बंद में ही बोली- हट जा! नाड़ा खोलने दे. इतना बोलते ही मैंने जल्दी से उनका नाड़ा खोल दिया. और उन्होंने मुझे कहा के मेरे प्यारे बेटे आज में तुम्हे देसी देसी रांड को चोदना सिखा दूंगी
सेक्सी रांड आंटी मादकता भरी आवाज में हँसते हुए लिप किस करते हुए बोली- तू तो बहुत तेज हो गया है और ये बोलते हुए मुझे पीछे धक्का देकर गिरा दिया और मेरी बेल्ट खोलकर मुझे नीचे से नंगा कर दिया; मेरे लंबे-चौड़े पेनिस को सहलाने लगी और बोली- तू इतना बड़ा कब में हो गया. मैं आँखें बंद करके मजे ले रहा था कि तभी रांड आंटी ने मेरे सुपारे को मुँह में लेते हुए पूरे पेनिस को मुँह में ले लिया।
बहुत देर तक रांड आंटी चूसती रही, मेरा पहली बार होने के कारण मैं बर्दाश्त नहीं कर सका और रांड आंटी के मुँह में ही छूट गया, रांड आंटी मेरे सारे पानी को चट कर गई और फिर लिप किस करते हुए कहने लगी कोई बात नहीं सीख जायेगा और फिर से लिप लॉक कर लिया. बहुत देर तक लिप्स को चूसने के बाद हम बहन के लंड दोनों 69 की पोजिशन में आ गये और रांड आंटी ने मुझे फुद्दी चूसने को बोला. मेरा पहली बार था, पर कुछ समय बाद मैं मजे से चूसने लगा. तो रांड आंटी पूरी तरह गर्म हो गई. फिर मुझे जल्दी ऊपर आने को बोला।
रांड आंटी ने पैर चौड़े किये और बोली- जब से तेरे अंकल गुजरे हैं मैं तरस गई हूँ अपनी फुद्दी चुदवाने को और चूतड़ मरवाने को, मैंने देवर को अपने पास नहीं आने दिया. बहुत दिनों बाद सेक्स कर रही हूँ आराम से करना मेरी खतरनाक चुदाई. मैं कहा ठीक है …’ बोलकर पेनिस को फुद्दी पर रगड़ने लगा. रांड आंटी ने पेनिस को फुद्दी पर सेट किया और आहिस्ता आहिस्ता डालने को बोला. मेरा पहली बार होने के कारण मैंने जोर लगाया तो फुद्दी गीली होने के कारण एकदम से पूरा घुस गया. रांड आंटी चीख पड़ी- ऊऊ ऊऊऊईईई ईईई … माँ … आराम से कहा था बेटा तुझे. पर कोई बात नहीं तू फुद्दी चोदना सीख जायेगा आहिस्ता आहिस्ता…
मैं चुदाई रोक कर रुका रहा फिर रांड आंटी हँसते हुए बोली- कर अब, अब क्यों रुक गया? मैंने शोर्ट लगाने शुरू किये; रांड आंटी नशीली भरी आवाजें निकालने लगीं. मेरा एक दफे निकल जाने के कारण दूसरी बार में चुदाई बहुत देर तक चली. कुछ समय बाद बहुत तेज तेज धक्कों के साथ मैं भीतर ही झड़ गया. बहुत देर तक हम बहन के लंड दोनों ऐसे ही लेटे रहे. रांड आंटी मेरी कमर पर सहलाती रही. तब से लेकर मेरे पूरे जीवन में आज की तारीख तक मैं रांड आंटी को चोदता आ रहा हूँ, रांड आंटी ने मुझे जवानी का गेम खेल सिखलाया है. रांड आंटी मुझसे पूरी तरह प्रसन रहती है … माहवारी के दौरान आंटी ने पैड लगाना सिखाया Hindi Sex Story