Indian Mother And Son Sex Story सगी बेवा माँ की फुद्दी को जमकर चोदा New XXX Hindi Chudai Ki Kahani : हेल्लो दोस्तों मैं भावेश शर्मा आप सभी का हम माँ और बेटे की खतरनाक चुदाई की इस गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ. आज मैं आपको अपनी ही मम्मी को पेलने वाली एक सच्ची फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में सूना रहा हूँ. में उम्मीद करता हूँ कि हम माँ और बेटे की खतरनाक चुदाई की यह गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में आप सभी लोगों को बहुत पसंद आएगी. मैं एक छोटे से गाँव का रहने वाला हूँ. मेरे अब्बू एकशराबी थे और उन्हें रंडियों को पेलने का भी बहुत शौक था इस कारण उन्होंने अपनी सारी दौलत दारू पीने में और रांड बाजी करने में लुटा दी और वो जवानी में ही स्वर्ग सिधार गए.
इस वक्त मेरी अम्मी की उम्र 40 साल थी और मैं 21 साल का जवान लड़का हो चुका था. मेरी अम्मी की मै इकलौती संतान थी इस लिये वो मुझसे बहुत प्यार करती थी. पापा के जाने के बाद मेरी अम्मी अपनी फुद्दी की खुजली मिटाने के लिये वो कभी कभार हेंडजॉब कर लिया करती थी. मेरी अम्मी कभी केले से तो कभी भुट्टा से अपनी फुद्दी को खतरनाक चोदा करती थी और जब घर में केले या भुट्टा नहीं होती थी तो वो अपनी ऊँगली से ही अपनी प्यासी फुद्दी की प्यास भुजाया करती थी. मेरी बेवा माँ अभी जवान थी और पेलने लायक माल भी थी.
Indian Mother And Son Sex Story सगी बेवा माँ की फुद्दी को जमकर चोदा New XXX Hindi Chudai Ki Kahani

एक दिन जब मोर्निंग सुबह मेरी अम्मी स्नानघर में नहा रही थी थी तो मेरे भीतर माँ को नंगी नहाते हुए देखने की सनक चडी फिर में दरवाजे की संद में से भीतर बाथरूम में देखने लगा . भीतर का नजारा देखते ही मेरा फौलादी लण्ड तक कर खड़ा हो गया. भीतर मेरी बेवा माँ नहा रही थी और वो पूरी तरह से न्यूड पुंगी थी. दोस्तों, दिल में यही आ रहा था की अभी अपनी बेवा माँ का चीरहरण कर डालू उन्हें पकड़ लूँ और बेवा माँ की फुद्दी की जमकर चोदा चादी कर डालूं. मेरे अब्बू ने कभी मेरी अम्मी के गरम शरीर पर ध्यान ही नहीं दिया वो तो बस दारू पिने और रांड औरतों को चोदते चोदते स्वर्ग सिधार गए. मेरी मम्मी का बदन आज भी भरा हुआ और सुडौल था.
मेरी बेवा माँ के दूध से भरे चूचे काफी कसे हुए और गोल गोल मस्त थे. कहीं से भी मेरी अम्मी के गदराई बदन पर चर्बी नही थी और बड़ा सुडौल बदन था उनका. वो साबुन को अपने मोटे मोटे बोबों पर जल्दी जल्दी मल रही थी, फिर हाथ पैर और चेहरे पर साबुन लगाने लगी, फिर अंत में टांगो पर साबुन मलने लगी. फिर जांघ पर साबुन लगाते हुए माँ अपनी फुद्दी पर पहुच गयी और साबुन फुद्दी पर मलने लगी. इसी बीच मेरी अम्मी का गरम हो उठी और उनका चुदवाने का दिल करने लगा और वो अपनी फुद्दी में ऊँगली करने लगी. ““आआआआअह्हह्हह…. ईईईईईईई… ओह्ह्ह्हह्ह… अई..अई..अई….अई….” करके मेरी चुदासी माँ आवाज निकाल रही थी. “काश…..कोई मुझे चोद डाले…..कसके मुझे चोद दे…. सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….” मेरी अम्मी बार बार चीख रही थी.
आज मैं जान गया की मेरी अम्मी पापा के मरने के बाद से ही चुदवाने के लिये तरस रही है पर शर्म के मारे मुझसे अपने दिल की बात नहीं करती पर आज भी उनका उनका मन अपनी फुद्दी चुदवाने का और मोटा लौड़ा अपनी फुद्दी में लेने का बड़ा दिल करता है. मेरी प्यासी माँ बड़ी देर तक नहाते नहाते अपनी रसीली फुद्दी में ऊँगली करती रही. अपनी झांटे साफ करने के बाद अपनी प्यासी फुद्दी पर साबुन मलती रही. फिर उन्होंने बाल्टी भर भर कर जी भरकर नहाया और अपने बदन को साफ़ कर लिया. अपनी फुद्दी में माँ से कई बार पानी जग से भरकर डाला. फिर तौलिया लेकर मेरी अम्मी ने अपने सारे बदन को पोछा, अपने सुडौल चूचे और चूचियों को भी माँ ने अच्छे से पोछा और फिर अंत में अपनी फुद्दी को तौलिया से अच्छे से पोछा.
अब बेवा माँ की फुद्दी बड़ी सुंदर, साफ़ और लाल लग रही थी. जब माँ स्नानघर के बाहर आने लगी तो मैं वहां से हट गया. अपनी न्यूड कामुक माँ को मैं देख ही चूका था और बेवा माँ की बुर पेलने का बड़ा मन था मेरा. मैंने कई बार माँ के रूप कलर को देख देखकर मुठ मारी. एक नाईट मुझे नींद नही आ रही थी. माँ को पेलने का बड़ा दिल था मेरा. मैं मेरी मम्मी के बैडरूम में चला गया. माँ सो रही थी. नाईट के ११ बजे हुए थे. मैं माँ के बगल लेट गया और मेरी मम्मी के गाल पर किस करने लगा. वो नही जान पायी. माँ ने साड़ी ब्लाउस पहन रखा था, उसके ब्लाउस से मेरी मम्मी के सुडौल और बहुत ही आकर्षक दूध मुझे दिख रहे थे.
मैं हवस की आग में जल रहा था और खुद को मादरचोद बन्ने से रोक ना सका और मैंने अपनी प्यारी माँ के दूध से भरे मोटे मोटे बोबों पर हाथ रख दिया और कस कसकर दबाने लगा. कुछ ही देर में माँ की आँखे खुल गयी. मेरे हाथ उसके दूध पर थे. “भावेश…..ये क्या कर रहा है??? तू सोया नही?….और तू मेरे शयनकक्ष में क्या कर रहा है??” माँ हडबडा कर उठ गयी और बैठ गयी और मुझसे पूछने लगी ये क्या कर रहा है बेशर्म में तेरी वाइफ या कोई रांड नहीं हूँ बल्कि तेरी माँ हूँ. मै डरते डरते कहा “माँ……मैं आपको चोदना चाहता हूँ!!”
फिर मेरी अम्मी गुस्से से कहने लगी “क्या …????? तेरा दिमाग तो ख़राब नही हो गया है???” वो चौंक गयी थी मेरी बात सुनकर. मैंने मेरी अम्मी से कहा “हाँ माँ…..मैं आप की प्यासी फुद्दी को कसकर चोदना चाहता हूँ…..आपकी रसीली चूत के अंदर अपना मोटा लण्ड डालना चाहता हूँ आप एक दफे मुझसे आप की फुद्दी पेलने दो आप की कसम आप को कभी भी पापा की कमी महसूस नहीं होने दूंगा!!”
मेरी बात सुन मेरी अम्मी ने मेरे गाल पर 2 कसकर तमाचे मारे और इसके साथ थी मेरा तना हुआ लण्ड ढीला पद गया और मेरा दिमाग झनझना गया. मेरी अम्मी कहने लगी “बेशर्म……बेहया…नालायक……यही संस्कार दिए है मैंने तुझे…..यही सिखाया है मैंने तुझे की अपनी ही मम्मी के साथ सेक्स करने के सपने देखे…??? यही सब विद्यालय में पढ़ने जाता है… तेरा बाप भी साला रांड बाज था पर तो तो मदरचोद निकला….????” लगभग पंद्रह से बीस मिनट बाद वो शांत हुई. मैं अपना मुँह लटकाए वंही अपनी मम्मी के पास बैठा रहा. मेरी अम्मी मुझे पुचकारते हुए कहने लगी की मुझे माफ़ कर दे बेटा जो मैंने तुझे थप्पड़ मारा …
फिर वो मुझसे पूछने लगी की “तुझे ये चुदाई वाली बात कैसे पता चल गयी?? भावेश क्या तू किसी लड़की की फुद्दी चोद चुका है?? क्या तेरी कोई गर्लफ्रेंड है???” मैंने पूरी बात बताई की किस तरह मैंने कुछ दिन पहले उन्हें स्नानघर में न्यूड होकर अपनी प्यासी फुद्दी में ऊँगली करते हुए और हेंडजॉब करते हुए देख लिया था. माँ बार बार कह रही थी की काश कोई बेवा माँ की प्यासी फुद्दी को कसकर चोद डाले.
मैंने पूरी बात बताई तो वो शांत हो गयी. मैंने जल्दी से अपनी पेंट खोल दी और नीचे सरका दी. मैं नही चाहता था की माँ मुझसे शर्म करे या अपना विचार बदले. मैं तो बस यही चाहता था की माँ बस आज नाईट मुझे अपनी प्यासी बुर पेलने के लिए दे दे. आज यदि में मेरी लुल्ली का डेमो मेरी अम्मी को दे देता हूँ तो उसके बाद तो वो आगे से चलकर मेरे पास चुदवाने आया करेगी.

अपनी पेंट नीचे सरकाने के बाद मैंने जल्दी से अपना अंडरविअर भी नीचे सरका दिया और मेरा 9 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लण्ड साफ साफ मेरी प्यासी माँ को दिखने लगा. मेरे तगड़े पेनिस को देख कर मेरी अम्मी की चुदवाने की प्यास और बढ़ गयी और अब वो मेरे काले मोटे लण्ड से अपनी फुद्दी की चुदवाने के बारे में सोचने लगी. ये कहना गलत नही होगा की बार बार माँ किसी न किसी बहाने से मेरे काले मोटे पेनिस को देख रही थी. माँ परेशान होकर कहने लगी “नही बेटा भावेश….ये सब गलत होगा…..मैं तुम्हारी माँ हूँ….तुम कैसे मुझको चोद सकते हो और में कैसे अपने ही मादरचोद बेटे के साथ सेक्स कर सकती हूँ….??”
मैंने मेरी अम्मी को समझाते हुए कहा की “माँ घर की बात घर में ही रहेगी…..तुम जवान हो और मै भी जवान हूँ. बाकी चीजो से क्या फर्क पड़ता है जानवर भी तो बिना संबंध देखे एक दुसरे को चोद लेते हैं. वैसे ही हम अपने घर में चुदाई करेंगे…कौन किसी को पता लगने वाला है!!” फिर मै मेरी गरम माँ के बगल ही उसके बिस्तर पर बैठ गया और अपना लण्ड दबाने और सहलाने लगा. फिर मेरी अम्मी शरमाते हुए कहने लगी “नही बेटा….नही बेटा…” इसके बाद मैंने उनका कोमल हाथ पकड़ा और चूमने लगा. मेरी अम्मी अभी भी मुझसे चुदवाने को राजी नही हो रही थी. मेरी अम्मी चुदवाने के लिये गरम तो हो चुकी थी पर वो मेरे साथ सेक्स करने से शरमा रही थी पर मैं आज ये हसींन अवसर मेरे हाथो से जाने देने वाला नहीं था.

फिर मैं आहिस्ता आहिस्ता मेरी कामुक माँ को अपनी बाहों में जकड़ने लगा और फिर उनके गाल और गले पर किसी पागल आशिक की तरह चूमा चाटी करने लगा, आहिस्ता आहिस्ता सब कुछ ठीक हो गया और मेरी अम्मी ने मेरी भूख के आगे अपने शरीर का समर्पण कर दिया. हम बहन के लंड दोनों माँ और बेटे बिस्तर पर बैठे थे और एक दूसरे को बाहों में ले चुके थे. मैं मेरी गरम माँ के होठ के अपने मुँह में भरकर चूसने लगा और उनके कोमल होंठो का रस पीने लगा. ओह्ह्ह्ह….आज भी मेरी मम्मी के होठ काफी अच्छे और रसीले थे. मैंने माँ को बिस्तर पर लिटा दिया और मेरी मम्मी के उपर लेट गया. उसके बाद तो हम बहन के लंड दोनों लिपलॉक होकर किस करने लगे.
अब सेक्स करने की आग दोनों तरफ लग चुकी थी हम बहन के लंड दोनों माँ और मादरचोद बेटे के रिश्ते वाली शर्म हया भूल गए और आहिस्ता आहिस्ता हम बहन के लंड दोनों गर्म होने लगे. मेरा एक हाथ मेरी मम्मी के सीधे दूध पर चला गया और मैं जोर जोर से अपनी मम्मी के चूचे दबाने लगा. हम अभी भी बहुत जोश में थे और एक दूसरे के होठ पी रहे थे. माँ की जबान मेरे मुँह में, तो मेरी जबान मेरी मम्मी के मुँह में घुस गयी थी. गर्मागर्म चुम्बन के बाद मेरी अम्मी चुदवाने को तैयार हो गयी थी. मैं तेज तेज बेवा माँ की बड़ी बड़ी गेंद दबाने लगा. वो “सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ..” करने लगी.

मेरी अम्मी के दूध से भरे मोटे मोटे चुचे इतने बड़े थे की बड़ी कठिनाई से मेरे हाथों में समा रहे थे. उफ्फ्फ्फ़…क्या बताऊं दोस्तों की कितना आनंद आ रहा था. लग रहा था की जैसे किसी स्पंज के गोले है. फिर मैं दूसरा चुच्चा कसकर दबाने लगा और आनंद लेने लगा. १५ मिनट बाद हम बहन के लंड दोनों पूरी तरह से नंगे हो गये थे. मेरी मम्मी अपनी फुद्दी को दोनों हाथों से छिपाए हुई थी. कितनी अजीब बात थी की वो मुझसे चुदवाना भी चाहती थी और फुद्दी को छिपाए हुए भी थी. मैं तुरंत माँ के नग्न दूध को मुँह में भर लिया और पीने लगा. उफ्फ्फ्फ़. कितना आनंद मिला मुझे.
मैं पूरी तरह से अपनी प्यारी माँ पर आसक्त हो गया था और उन्हें कसकर चोदना चाहता था. “उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी.. हा हा हा.. ओ हो हो….” माँ तेज तेज गर्म गर्म आवाजे मुँह से निकाल रही थी. मैं साफ़ साफ़ देख सकता था की उन्हें बहुत आनंद, सुख और आनंद की प्राप्ति हो गयी थी. मेरे बाप को मजे १० साल से जादा हो चुके थे. १० सालों से मेरी जवान महकते बदन वाली माँ नही चूदी थी, पर आज वो १० साल का सूखा खत्म होने वाला था. मेरी अम्मी का बेटा अब जवान हो चुका था और आज उन्हें कसकर चोदना चाहता था.
मैं अपनी न्यूड माँ को पूरी तरह से अपनी बाहों में लिए हुए था और मेरी मम्मी के दूध मुँह में भरकर पी रहा था. उफ्फ्फ्फ़…कितनी नशीली और ब्यूटीफुल थी मेरी अम्मी की छातियाँ. कितनी गोल, कितनी रसीली, जूसी और बड़ी बड़ी कमनीय किसी गेंद की तरह. मैंने एक घंटे तक अपनी मम्मी की दोनों चुचियों को मुँह में लेकर खूब जी भर के चूसा और दिल लगाकर पिया. मेरी मम्मी के मखमली और गोरे पेट को चूमते हुए मैं मैं उसकी टुंडी पर आ गया और उसमे जबान डालने लगा. माँ तडप उठी और “उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ. हमममम अहह्ह्ह्हह.. अई…अई….अई……बेटा….!!” करके सिसकियाँ लेने लगी थी और अपनी कमर उठा रही थी.

कुछ देर बाद मैंने बेवा माँ की दोनों जांघे खोल दी, और मुझे उनकी प्यासी फुद्दी साफ़ दिख रही थी. मेरी जवान और गरम माँ की फुद्दी देख कर मैं ललचा गया. आज भी मेरी अम्मी की फुद्दी काफी कसी हुई और एक दम तंग थी. मेरी अम्मी की फुद्दी कहीं से भी ढीली नही थी ऐसा लग रहा था की मानो वो फुद्दी किसी 16 साल की जवान लड़की की अनचुदी फुद्दी हो. मेरे शराबी अब्बू मेरी अम्मी को जादा चोद नही पाए थे क्यों की उन्हें रोज नई नई रंडियों को पेलने का शौक जो था.
मेरी बेवा माँ ने अपनी झांटे तो उसी दिन साफ कर ली थी जब मैं उन्हें न्यूड होकर नहाते हुए देख रहा था, फुद्दी पर एक भी बाल नहीं होने के कारण मेरी जवान और गरम माँ की फुद्दी बिलकुल मखमली और साफ़ दिख रही थी. कुछ देर तक माँ के भोसड़े का मैं दीदार करता रहा, फिर मुँह लगाकर मैं अपनी मम्मी की फुद्दी पीने लगा. ““..उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ….बेटा भावेश अच्छे से फुद्दी पी मेरी!!” माँ ने हुक्म दिया. मैं किसी कुत्ते की तरह आवाज कर करके अपनी प्यारी माँ की फुद्दी पीने लगा. बहुत आनंद आ रहा था दोस्तों. बड़ी देर तक अपनी मम्मी की मखमली बुर पीने के बाद मैं माँ की फुद्दी में ऊँगली करने लगा और जल्दी जल्दी भीतर बाहर करने लगा.

मेरी अम्मी अपनेयोनीड़ उठाने लगी. माँ कहने लगी “….अई…अई….अई……अई,…..इसस्स्स्स्स्स्स्स्….. उहह्ह्ह्ह….. ओह्ह्ह्हह्ह….. चोदोदोदो…..मुझे और कसकर चोद दो बेटा भावेश!!” तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगा. मैं तेज तेज अपनी प्यारी माँ को अपनी ऊँगली से पेलने लगा. फिर कुछ देर में मैंने अपना ८” मोटा लण्ड माँ के भोसड़े में डाल दिया और उन्हें पेलने लगा. नर्म मोटे गद्देदार आरामदायक बिस्तर में अपनी को चोद रहा था. इतना आनंद मिल रहा था की मैं आपको क्या बताऊँ दोस्तों. माँ बहुत जादा गर्म हो चुकी थी और “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी…. ऊँ..ऊँ…ऊँ…करके वो चीख रही थी और मजे से चुदवा रही थी. ये एक बहुत मस्त और कमाल का एक्सपीरियंस था.
मैं अपने काले मोटे लण्ड से अपनी मम्मी की प्यासी फुद्दी को चोद चोदकर भरता बना रहा था. मेरे हाथ अब भी मेरी मम्मी के नंगे दूध पर थे और तेज तेज उसकी रसीली फुद्दी में लण्ड की सपलाई कर रहा था. वो बार बार उ उ…आ आ …की आवाज निकाल रही थी. मेरी अम्मी को चोदते चोदते मेरा मोटा लण्ड और भी ज्यादा फूल गया और सूज कर मोटा हो गया. “अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ…. अअअअअ… .आहा …. हा हा हा… तुम मस्त चुदाई कर रहे हो बेटा…. करते रहो…रुकना मत…. अहहह्ह्ह्हह..” माँ बोली. ये जानकर बड़ी खुसी हुई की माँ मेरी ठुकाई से पूरी तरह से संतुस्ट थी और मजे से मेरा मोटा ८” लम्बा लौड़ा खा रही थी.
मेरी गरम माँ के काले घने बाल खुले हुए थे और वो इतनी मस्त माल लग रही थी की मैं आपको क्या बताऊँ. मेरी मम्मी के काले बाल मेरी मम्मी के सफ़ेद, चिकने और गोरे कंधे पर बिखरे हुए थे और जैसे पानी में आग लगा रहे थे. अगर इस वक्त कोई चुदासा आदमी मेरी अम्मी को देख लेता तो पक्का उन्हें चोदकर मानता. जाने नही देता. इसी बीच माँ की फुद्दी में चुदते चुदते खलबली होने लगी और वो अपना पेट हवा में उपर उठाने लगी. वो बड़ी बेचैन दिख रही थी, क्यूंकि मेरा मोटा लण्ड उन्हें एक पल का आराम नही करने दे रहा था.

मेरी अम्मी बोल रही थी की बेटा तुम तो तुम्हारे पापा से भी अच्छा चोदते हो. मैं इंडियन क्रिकेटर विराट कोहली की तरह अपनी मम्मी की फुद्दी रूपी पिच पर अपने लण्ड रूपी बैट से शानदार चौके छक्के लगा रहा था . माँ तो बिलकुल पगलाई जा रही थी।“….आआआआअह्हह्हह… अई…अई…….ईईईईईईई मर गयी….मर गयी…. मर गयी……मैं तो आजजजजज!!..तेरा लौड़ा बहुत मोटा और लम्बा है बेटा.. उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ…” माँ बार बार चिल्लाने लगी और हाफ्ने लगी. अपनी तारीफ़ सुनकर मैं बहुत प्रसन हुआ और तेज तेज फिर से माँ की प्यासी फुद्दी पर चौके छक्के मारने लगा.
मेरी गरम माँ के हॉट बदन में बुरी तरह से आग लग चुकी थी. पर मैं अभी रुकने वालो में से नही था और गच गच अपनी मम्मी को चोद रहा था. बेवा माँ की कराहने और चीखने की आवाजे मुझे पागल कर रही थी. उफ़…..अपनी प्यारी माँ को चोदना कितना सुखद और मजेदार होता है. एक घंटे तक माँ को नॉन स्टॉप ठोकने के बाद मैं अपना माल उसकी फुद्दी में ही छोड़ दिया. फिर हम बहन के लंड दोनों एक दूसरे के बगल में लेट गये. आज मैंने मेरी जवना बेवा माँ की बड़ी मस्त ठुकाई की थी शायद ही कभी उन्हें मेरे शराबी अब्बू ने पहले कभी ऐसे चोदा होगा.
दोस्तों अभी भी मेरी साँस फुल रहा था और वो अभी भी “आई… आह… आह… उई माँ…. ऊह…. उह…. आआआ… आअह्हह्हह…. ईईईईईईई… ओह्ह्ह्हह्ह… अई..अई..अई….अई..अम्मी…..” करके हांफ रही थी. उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मैं फिर से मेरी अम्मी के बोबे के निप्पल को मेरे मुँह में भरकर मेरी अम्मी का दूध पीने लगा. मेरी अम्मी बार बार मेरे माथे को चूम रही थी.
मेरी अम्मी आज बहुत दिनों के बाद इतनी प्रसन नजर आ रही थी वो मुझसे कहने लगी की “बेटा…आज तूने मुझ बेवा की चुदाई करके मेरी कई दिनों की प्यास भुजा दी आज तुमने मुझे चोदकर बड़ा आनंद दिया आज तुम्हारे पापा जिन्दा होते तो मुझे ये हसीन लम्हे नसीब नहीं हो पाते अच्छा हुआ जो तुम्हारा शराबी बाप मर गया….” नंगे लेटे लेटे हम माँ और बेटे दोनों एक दुसरे से चिपक कर सो गये. मोर्निंग ४ बजे मेरी आँख खुली. मेरी बेवा माँ न्यूड थी और ऑंखें बंद करके सो रही थी.

मुझे एक दफे फिर मेरी अम्मी की फुद्दी मारने की तलब लग चुकी थी. मैंने मेरी न्यूड माँ के उपर से बेडशीट खीच दी. मेरी मम्मी के पैर खोल दिए और फुद्दी पर मुँह लगाकर मेरी जबान उनकी फुद्दी के भीतर गुसाने लगा और उस सेक्सी गरम माल महिला की गुलाबी बुर पीने लगा. मेरी अम्मी को उनकी फुद्दी में कुछ गुदगुदी सी होने लगी तो उस वजह से उनकी आँख खुल गयी. मेरी अम्मी मुझसे मुस्कुराते हुए कहने लगी “भावेश बेटे जग गया तू!!” मैंने अपना लण्ड खुजाते हुए मेरी अम्मी से कहा “माँ …..तुमहे एक दफे और पेलने का बड़ा दिल है” मेरी अम्मी थोडा शरमाते हुए कहने लगी की “ चोद ले बेटा….चोद ले तेरी ही माँ की फुद्दी है तू नहीं चोदेगा तो क्या तेरा मरा हुआ बाप आकार चोदेगा इसे…..” उसके बाद हम माँ और बेटे फिर से सेक्स करने लग गए.
मैं लगभग पंद्रह से बीस मिनट तक मेरी बेवा माँ की फुद्दी किसी कुत्ते की तरह चाटता रहा. उसके बाद मैंने मेरा तगड़ा देसी लौड़ा मेरी बेवा माँ के मुँह में डाल दिया और उनसे अपना लण्ड बड़ी देर तक चुस्वाया वो मुझसे बहुत अच्छे से ब्लोजॉब दे रही थी वो अपने ही सगे बेटे का मोटा रसीला लण्ड बड़े मजे से किसी रांड की तरहचूसती रही. इसके बाद मैंने मेरी सगी बेवा माँ की फुद्दी को जमकर चोदा और उनकी फुद्दी पेलने के बाद उन्हें कुतिया बनाकर पीछे से उनकी गांड भी मारी.
मेरी माँ की गांड मारने की शेष गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में अगले भाग में बताऊंगा. हम माँ मादरचोद बेटे ने आज अपनी हवस के चलते पवित्र रिश्ते को दागदार कर दिया था पर ये एक राज था जो घर में ही दबा रहने वालाथा. दोस्तों आप सभी को हम सगे माँ और बेटे की खतरनाक चुदाई की ये गन्दी हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में “Indian Mother And Son Sex Story सगी बेवा माँ की फुद्दी को जमकर चोदा New XXX Hindi Chudai Ki Kahani” पसंद आई हो तो इस फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में को अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करना और हाँ निचे लाइक बटन पर क्लिक ज़रूर करना.