शर्मा जी की बेटी को पेलने की अधूरी ख्वाहिश पूरी हो गई Free XXX Hindi Nonveg Sex Story For Adults 18+ Hindi Chudai Kahani : हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम निखिल शर्मा है. में चेन्नई का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 36 साल है. में आज आप सभी लोगों को अपनी पड़ोस में रहने वाली एक अनचुदी लड़की की चुदाई की एक सच्ची हिन्दी Free XXX Hindi Nonveg Sex Story For Adults 18+ Hindi Chudai Kahani सुनाने जा रहा हूँ. जिसमें मैंने अपने पड़ोस की एक लड़की को चोदा. वैसे मुझे बचपन से ही सेक्स करना बहुत पसंद था. मेरी यह हिन्दी Free XXX Hindi Nonveg Sex Story For Adults 18+ Hindi Chudai Kahani आप सभी को ज़रूर अच्छी लगेगी और अब आपका ज्यादा वक्त बर्बाद न करते हुए सीधे आज की हिन्दी Free XXX Hindi Nonveg Sex Story For Adults 18+ Hindi Chudai Kahani पर आता हूँ.
दोस्तों उस वक्त मेरे पड़ोस में शर्मा जी रहते थे और वो मेरे अब्बू जी के बहुत अच्छे फ्रेंड थे, इस कारण से मेरा उनके घर पर आना जाना लगा रहता था. इस कारण से वो लोग भी हमारे घर पर आते-जाते रहते थे, उनके पांच बच्चे थे. जिनमें तीन लड़कीयां और दो लड़के थे और उनके लड़के मेरी उम्र के ही थे, इस कारण से हम लोग हमेशा साथ में खेला करते थे. दोस्तों शर्मा जी की सबसे बड़ी लड़की का नाम याशिका था और वो मुझसे उम्र में करीब तीन साल छोटी थी, किन्तु वो लड़की थी बहुत सुंदर और उसका स्वभाव भी मेरे लिए बहुत ही ज्यादा अच्छा था और वो मुझसे बहुत ज्यादा हंसी आनंदक किया करती थी.
शर्मा जी की बेटी को पेलने की अधूरी ख्वाहिश पूरी हो गई Free XXX Hindi Nonveg Sex Story For Adults 18+ Hindi Chudai Kahani

मैंने कई बार सही अवसर देखकर उसके मोटे मोटे ब्रेस्ट और बहार की तरफ निकली गद्देदार चूतड़ को छूआ, किन्तु वो बस मुसकुराकर रह जाती, किन्तु मुझे कुछ ना कहती. अब धीरे-धीरे हम लोग जवान हो रहे थे और हमारे यौन अंग भी बड़ी तेज गति से विकसित हो रहे थे. उस वक्त मैं शर्मा जी की गदराई लड़की के साथ छुपन छुपाई का गेम खेल खेला करता था और एक दिन हम सभी लोग मिलकर गेम खेल रहे थे. उस वक्त हम दोनों ऊपर वाले कमरे में जाकर छुप गये, तो मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि उस कमरे में बहुत ज्यादा अँधेरा था और अब वो ठीक मेरे आगे खड़ी थी.
तभी कुछ देर बाद उसने अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ को पीछे की तरफ दबा दिया, जिसकी वजह से शर्मा जी की मस्त कमसिन माल लड़की अनजाने में मुझसे एकदम चिपक गई थी. अब शर्मा जी की जवान लड़की की डबलरोटी जैसी गद्देदार गांड की गरमी पाकर मेरा तगड़ा लौड़ा पेंट के भीतर ही तनकर खड़ा हो गया और मेरे भीतर उसको पेलने की ख्वाहिश जाग उठी. इसके बाद मैंने हिम्मत करके उसके आगे आकर अपने दोनों हाथों से उसकी छाती पर लटके हुए दो मोटे मोटे बोबे पकड़ लिये, मेरे दोनों हाथ उसके मोटे मोटे ब्रेस्ट पर थे. जैसे ही मैंने अपने हाथों से उसके बोबे दबाना शुरू करे उसकी साँसे फूलने लगी.

उसकी सांसे ज़ोर से चलने की वजह से मुझे उसकी छाती भीतर बाहर होती हुई महसूस हो रही थी, किन्तु वो मुझसे कुछ नहीं कहने लगी और मैंने उसकी तरफ से किसी भी तरह का विरोध ना देखकर तुरंत थोड़ी और हिम्मत करके उसके कपड़ो को जल्दी से ऊपर उठाकर उसके रसीले आम जैसे स्तनों को नंगा कर दिया और अब में उसकी छाती को अपनी तरफ घुमाकर ब्रेस्ट को ब्रा को ऊपर करके बाहर निकालकर ज़ोर ज़ोर से चूसने दबाने लगा. फिर उसके मुहं से सस्स्स्स्स्स्स आईईईइ की आवाज़ निकल रही थी. इसके बाद मैंने करीब पांच मिनट तक उसके रसीले आम जैसे स्तनों को बहुत मज़े लेकर चूसा और चूसने की वजह से उसको बहुत तेज दर्द हुआ, इस कारण से मैंने उसको छोड़ दिया और उसने जल्दी से अपने कपड़े ठीक किए.
उसके बाद हम दोनों नीचे आ गये और वो मेरी तरफ मुस्कुराती हुई अपने घर पर चली गई और में उसके चले जाने के ठीक बाद स्नानघर में चला गया और अब मैंने उसके नाम की मुठ मारी और अपने खड़े पेनिस को बैठा दिया, किन्तु उसके बाद मेरी हिम्मत अब इतनी बढ़ चुकी थी कि जब कभी भी मुझे अवसर मिलता तो में उसको पकड़कर अपनी बाहों में दबोच लेता और उसके रसीले आम जैसे स्तनों को दबा देता था. मैंने उसके साथ यह सब बहुत बार किया और उसने भी आहिस्ता आहिस्ता अब मेरा साथ देना शुरू कर दिया था, क्योंकि अब शायद उसको भी मेरे साथ मज़ा आने लगा था.
फिर एक दिन हमारी अच्छी किस्मत से हम दोनों के घरवाले फिल्म देखने चले गये, किन्तु उनके घर से अन्नु और मेरे घर से में भी उनके साथ नहीं गए, क्योंकि में उस वक्त अपने घर से बाहर था और मुझे घर पहुंचने में ज्यादा वक्त लगता, इस कारण से मेरे घरवाले मुझसे फोन पर यह बात कहकर चले गए कि हम सभी लोग और अन्नु के घर वाले हम सभी फिल्म देखने जा रहे है. फिर जब में अपने घर पर आया तो मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि अन्नु मेरे घर पर बैठी हुई थी. इसके बाद मैंने उससे बिल्कुल अंजान बनकर पूछा कि घर के सभी लोग कहा ँ है और वो मुझसे कहने लगी कि वो सभी फिल्म देखने गये है.
इसके बाद मैंने उससे पूछा कि तुम भी उनके साथ क्यों नहीं गई? तो वो मुझसे हंसकर बोलने लगी कि बस ऐसे ही मेरी तमन्ना नहीं थी. तभी मैंने उसके रसीले आम जैसे स्तनों को पकड़ लिया और उसको कपड़ो के ऊपर से ही चूमने लगा और दबाने लगा, तो वो मुझसे कहने लगी कि तुम ऊपर वाले कमरे में चलो, में पूरे घर को ताला लगाकर अभी ऊपर आती हूँ. इसके बाद मैंने उससे कहा कि में भी तुम्हारे साथ चलता हूँ और इसके बाद मैंने एक बेडशीट को उठा लिया, वो जल्दी- जल्दी से अपना काम खत्म करने लगी और फिर हम दोनों ऊपर वाले कमरे में आ गए. इसके बाद मैंने उस बेडशीट को ज़मीन पर बिछा दिया और लेट गया.

फिर वो भी मेरे साथ लेट गयी. अब मैंने उसके लाल कोमल होंठो को चूमना शुरू कर दिया और आहिस्ता आहिस्ता मैंने महसूस किया कि उसको भी अब बहुत आनंद आ रहा था और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. इसके बाद मैंने उसको कपड़े उतारने के लिए कहा , किन्तु वो मना करने लगी. इसके बाद मैंने कहा कि तुम न्यूड हो जाओ कुछ नहीं होगा, तुम मेरे होते हुए डरती क्यों हो? फिर वो मुझसे कहने लगी कि ठीक है, में ऊपर वाले कपड़े खोल देती हूँ, किन्तु सलवार नहीं उतारूंगी. इसके बाद मैंने शर्मा जी की लड़की से कहा कि हाँ ठीक है और उसने जैसे ही ऊपर से अपने कपड़े उतारे.
इसके बाद मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि उसके छोटी छोटी ब्रेस्ट की लाल गुलाबी निप्पल एकदम कड़क और नुकीली हो चुकी थी और उसको देखकर मेरा तगड़ा लौड़ा पेंट फाड़ने को तैयार हो गया और जैसे ही में पेंट खोलने लगा तो उसने मुझसे साफ मना कर दिया और वो कहने लगी कि तुम पूरी पेंट नहीं बस चैन खोलकर अपने पेनिस को बाहर निकाल लो. अब मैंने उसके कहने पर अपनी पेंट की चैन को खोलकर अपने पेनिस को बाहर निकाल लिया और मेरा 9 इंच का लण्ड तनकर लोहे के सरीये की तरह खड़ा हो गया था. इसके बाद मैंने उससे कहा कि तुम अब इसको पकड़ लो. फिर उसने तुरंत मेरे तगड़े लौड़े को अपने मुलायम हाथों से पकड़ लिया.
फिर जैसे ही उसके हाथों ने मेरे तगड़े लौड़े को स्पर्श किया तो में पागल हो गया, जिसकी वजह से मेरे लण्ड ने अब हल्के हल्के झटके देना प्रारम्भ करा और अब मैंने उसके मोटे मोटे ब्रेस्ट को चूसना शुरू कर दिया और में ज़ोर-ज़ोर से उसके सुंदर मुलायम स्पंजी थन चूस रहा था और वो आआआऊ उफ्फ्फफ्फ्फ़ कर रही थी. अब वो बहुत जोश में आ गई थी और में अब उसकी गरम फुद्दी को सलवार के ऊपर से ही मसलने, दबाने और सहलाने लगा, जिसकी वजह से वो सिसकियाँ लेकर और भी ज्यादा गरम हो गई. इसके बाद मैंने जल्दी से अपनी पेंट को उतार दिया और अब में पूरा नंगा हो गया था. इसके बाद मैंने उसको भी नंगा होने के लिये कहा तो वो अब भी मना करने लगी.
इसके बाद मैंने शर्मा जी की लड़की से कहा कि तुम अपनी सलवार को थोड़ा सा नीचे ही कर लो, मुझे बस एक दफे तुम्हारी फुद्दी को देखना है, प्लीज तुम मुझे उसके दर्शन करवा दो और मेरे बहुत कहने पर वो अब मान गई और उसने अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया. यारों मैंने जब उस कुँवारी लड़की की लाल फुद्दी देखी तो में बिल्कुल बेकाबू पागल सा हो गया, क्योंकि उसकी फुद्दी पर बहुत छोटे छोटे बाल थे और वो बिल्कुल नासमझ कली की तरह दिख रही थी, इस कारण से उसकी वो अनमैरिड फुद्दी मुझे बहुत जोश दिला रही थी, इस कारण से अब में उसकी अनचुदी फुद्दी पर हाथ फेरने लगा और उसको दबाने और सहलाने लगा, जिसकी वजह से उसके मुहं से आह्ह्ह्हह्ह हूऊऊह्ह्ह्हह स्सीईईईइ तुम यह क्या कर रहे हो, प्लीज अब अपना हाथ हटाओ वहां से आह्ह्हह्ह यह सब गलत है. उसके मुहं से ऐसे शब्द निकल रहे थे.
इसके बाद मैंने शर्मा जी की लड़की से कहा कि हम दोनों बहुत गरम हो गए है, यह जोश हम दोनों में बराबर है, प्लीज मुझे एक दफे प्यार करने दो और उसके बाद में अपनी जबान से शर्मा जी की मस्त कमसिन माल लड़की की लाल फुद्दी को चाटने लग गया, जिससे वो मज़े से पागल हो गई और नीचे से अपने कूल्हों को उछालने लगी, जिससे में एकदम से रुक गया और अब मैंने शर्मा जी की लड़की से कहा कि तुम मेरे तगड़े लौड़े को चूसो तो उसने मना कर दिया. फिर उसकी तरफ से ना सुनकर मैंने भी तुरंत उसकी फुद्दी को चाटने से मना कर देने के बाद वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज और ज़ोर से चूसो ना, मुझे तुम्हारे चूसने से बहुत ही ज्यादा अच्छा महसूस हो रहा है और बहुत मज़ा भी आ रहा है, प्लीज एक दफे चूस लो.
इसके बाद मैंने कहा कि तुम भी मेरा तगड़ा लौड़ा चूसो और में तुम्हारी फुद्दी को चूसता हूँ और अब वो मान गई और कुछ देर मेरे तगड़े लौड़े को चूसने के बाद अब हम दोनों 69 सेक्स पोजीशन में आ गए. उसके कुछ देर बाद हम दोनों बारी बारी से झड़ गये. मैंने उसकी लाल फुद्दी चाटी तो उसने मेरा तगड़ा लौड़ा अपने मुह में भरकर चूस चूसकर बिलकुल साफ कर दिया और फिर वो नीचे चलने की बात करने लगी. तब मैंने उससे कहा कि अभी तो हमने कुछ भी नहीं किया है और अभी तो हमें बहुत कुछ और भी करना है, किन्तु वो नहीं मानी और हम लोग नीचे आ गए और वो उसके बाद अपने घर पर चली गई. फिर में भी कुछ समय तक ऐसे ही इधर उधर घूमता रहा और इतने में हमारे घर वाले भी आ गये थे जिस वजह से मेरी शर्मा जी की बेटी की फुद्दी पेलने की ख्वाहिश अधूरी रह गई.
उस दिन के बाद में बस यही बात सोचता रहा कि अब में शर्मा जी की बेटी की फुद्दी को कब चोद पाउँगा और बाद मे हमें कभी कोई अच्छा अवसर ही नहीं मिला. में कभी कभी उसको अकेले में पकड़ लेता था और उसके मोटे मोटे बोबों को दबा देता और अपने 9 इंच लम्बे और 4 इंच मोटे पेनिस को शर्मा जी की मस्त कमसिन माल बेटी के हाथ में दे देता था. शर्मा जी की बेटी भी बहुत प्रसन होकर मेरे तगड़े लौड़े को सहलाती और में शर्मा जी की मस्त कमसिन माल बेटी के मोटे मोटे ब्रेस्ट के मज़े लेता. जब एक दिन में शाम को बाहर से करीब 7 बजे अपने घर पर आया. तभी मैंने उसकी खिड़की की तरफ देखा तो वो मेरी तरफ इशारा कर रही थी.
में शर्मा जी की मस्त कमसिन माल बेटी का वो इशारा समझकर तुरंत चुपके से अपनी छत से कूदकर उसकी छत पर चला गया और उसको देखने लगा. फिर वो भी कुछ देर बाद अवसर पाकर अपनी छत पर आ गयी और फिर वो मुझसे बोलने लगी कि आज मेरे घर के सभी लोग मेरी साली पक्की छिनाल माँ की बहिन के यहाँ एक पूजा में गए हुए है और वो सभी कल तक आ जायेंगे, अभी घर पर में अकेली ही हूँ. मैंने जैसे ही उसकी यह बात सुनी तो मेरे दिमाग में उसे पेलने का ख्याल आया आज मुझे मेरे लण्ड से शर्मा जी की बेटी की फुद्दी पेलने की अधूरी ख्वाहिश पूरी होती नजर आ रही थी.

यही सही अवसर था शर्मा जी की कुँवारी बेटी की अनचुदी फुद्दी पेलने का मैं वक्त न गँवाते हुए जल्दी से उस गदराई लड़की को पेलने के लिये नीचे उसी के घर में ले गया और इसके बाद मैंने दरवाजा बंद कर शर्मा जी की लड़की से कहा कि आज में तेरी अनचुदी फुद्दी की चुदाई ज़रूर करूंगा, तू चाहे कितना भी मुझे मना कर ले, किन्तु आज तेरी अनचुदी फुद्दी मेरे लण्ड से चुदकर ही रहेगी, चाहे तू अपनी मर्जी से चुपचाप अपनी चुदाई करवा या फिर में तेरे साथ जबरदस्ती करूं, यह तेरी मर्जी. फिर वो मुझसे चुदवाने के लिये मना करने लगी. सेक्स करने से मना करने के बावजूद मैंने उसको चूमना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से वो आहिस्ता आहिस्ता गरम होने लगी थी.
मैंने शर्मा जी की लड़की से कहा कि मुझे तुम्हारी फुद्दी चुदाई करने दो प्लीज आज नहीं तो कल तुम्हें वैसे भी किसी ना किसी से चुदना ही पड़ेगा फुद्दी भगवान ने बनायीं ही चुदवाने के लिये है फिर तुम अपनी फुद्दी मुझे पेलने क्यों नहीं दे रही हो. मेरे बहुत समझाने के बाद भी वो मुझसे चुदवाने को तैयार नहीं हुई तो में उससे कहा कि ठीक है में यहाँ से जा रहा हूँ. मेरे ऐसा कहने पर उसने मुझे पकड़कर ज़बरदस्ती पलंग पर गिरा दिया और बोलने लगी कि नाराज हो गये हो क्या? फिर वो मेरे कपड़े खोलकर मुझे नंगा करने लगी और कुछ ही देर में शर्मा जी की मस्त कमसिन माल लड़की ने मुझे पूरा नंगा कर दिया और अब वो अपने कपड़े भी उतारने लगी और देखते ही देखते वो भी अब मेरे सामने बिल्कुल नंगी हो गयी.
फिर पूरी न्यूड होकर वो मेरे ऊपर आकर मेरे खड़े पेनिस को चूसने लगी और उसने अपनी न्यूड फुद्दी को मेरे मुहं पर रखते हुए मुझसे बोलने लगी कि तुम अब मेरी फुद्दी को चूसो. इसके बाद मैंने उससे साफ मना कर दिया और में उससे कहा कि तुम मेरे चूसने की वजह से झड़ जाओगी और उसके बाद तुम मुझे तुम्हारी फुद्दी का आनंद नहीं लेने दोगी, तुम्हें तो वो मज़ा मिल जाएगा, किन्तु में फिर भी प्यासा रह जाऊंगा. तब उसने कसम खाई और वो मुझसे बोलने लगी कि आज में तुम्हें तुम्हारी मर्जी से वो सब ज़रूर करने दूँगी, चाहे तुम मेरे साथ कुछ भी करो, कैसे भी करो, में तुम्हें मना नहीं करूंगी.

मेरे हरामी दोस्तों उसकी पूरी बात सुनकर मैंने उसकी फुद्दी को चाटना शुरू कर दिया और थोड़ी ही देर में मैंने महसूस किया कि उसका तो बहुत बुरा हाल हो गया, वो अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ को उछालने लगी और ओइईईईईईू ऊऊऊऊहाआआं उफ्फ्फ्फ़ करने लगी और कुछ समय बाद वो बिल्कुल शांत हो गई. इसके बाद मैंने शर्मा जी की लड़की से कहा कि अब में तुम्हारी फुद्दी को चोदकर अपने पेनिस को ज़रूर शांत करूंगा, तो वो मुझसे मना करने लगी, किन्तु में फिर भी उसके रसीले आम जैसे स्तनों को दबाने लगा और उसके निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा.
मेरे यह सब करने की वजह से वो करीब पांच मिनट में दोबारा से गरम हो गयी और इस बार मैंने सोचा कि यही अवसर ठीक है, अब में इसकी अनचुदी फुद्दी चोद देता हूँ, नहीं तो यह चुदवाने के लिये फिर से मना करने लग जाएगी. मैंने उसको सीधा लिटा दिया और में उसके ऊपर आ गया और अपने पेनिस को उसकी अनचुदी फुद्दी के छेद पर लगा दिया और फुद्दी के दाने को दबाने और सहलाने लगा. अब वो मुझसे बोलने लगी कि प्लीज थोड़ा आहिस्ता आहिस्ता करना, मेरी फुद्दी में दर्द मत करना.
इसके बाद मैंने शर्मा जी की लड़की से कहा कि ऐसा कुछ नहीं होता, आज तुम्हारी फुद्दी की सील खुलेगी इस लिए बस हल्का सा दर्द होगा, किन्तु तुम बस उसको सह लेना, तुम अपनी तरफ से ज्यादा मत उछलना, तुम्हारे साथ वैसे भी में हूँ ना और इसके बाद मैंने अपने पेनिस को एक खतरनाक धक्का दे दिया, जिसकी वजह से मेरा आधा लण्ड उसकी फुद्दी की झिल्लीतोड़ते हुए भीतर फुद्दी में चला गया और वो दर्द से रोने लगी और वो आईईईईई प्लीज छोड़ दो मुझे उफ्फ्फफ्फ्फ़ मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है, कसम से में सच कह रही हूँ, प्लीज अब तुम हटो मेरे ऊपर से आह्ह्हह्ह्ह्ह और वो मुझे धक्का देकर अपने ऊपर से हटाने लगी, किन्तु मैं उसको बहुत ज़ोर से पकड़ा हुआ था, इस कारण से वो कुछ नहीं कर सकी.

कुछ देर में ऐसे ही रहा और उसके रसीले आम जैसे स्तनों को लगातार चूसता रहा और कुछ देर बाद जब वो ठण्डी हो गईतो मैंने सही अवसर देखकर अपने लण्ड से उसकी फुद्दी पर एक धक्का और लगा दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा का पूरा लण्ड उसकी उस छोटी सी फुद्दी को चीरता हुआ उसमें समा गया और में कुछ देर तक उसके ऊपर चुपचाप पड़ा रहा और उसके रसीले आम जैसे स्तनों को और फुद्दी को सहलाता रहा. इसके बाद मैंने कुछ देर बाद अपनी तरफ से उसकी फुद्दी में हल्के हल्के शोर्ट देने शुरू कर दिए, जिसकी वजह से उसको हल्का हल्का दर्द हो रहा था और इसके बाद भी मेंने ज़ोर ज़ोर से शोर्ट देना शुरु कर दिया और इसके बाद मैंने ध्यान से देखा तो अब उसको भी आनंद आना शुरू हो गया था, क्योंकि वो भी अब अपने फुद्दीड़ को उछालने लगी और लण्ड के पूरा भीतर जाते ही उसको आनंद आ रहा था और वो हल्की हल्की आवाज से सिसकियाँ ले रही थी.
मैंने भी अब अपनी पेलने की स्पीड को बड़ा दिया, जिसकी वजह से वो ना जाने क्या क्या बड़बड़ाने लगी और गन्दी गन्दी गलियाँ देते हुए चुदवाने लगी, उसने अब मुझे गंदी गंदी गालियाँ देनी शुरू कर दी, बहनचोद मादरचोद कुत्ते हाँ और ज़ोर से धक्का दे, हाँ आज तू फाड़ दे मेरी इस फुद्दी को, दे हाँ और ज़ोर से धक्का दे, तेरे लण्ड के साथ साथ आज तू मेरी प्यासी फुद्दी को भी शांत कर दे, वाह मज़ा आ गया और वो बहुत कुछ बोली, जिनको सुनकर में बड़ा हैरान था कि वो एक लड़की होकर मुझे इतनी गंदी गलियां बक रही है और अपनी चुदाई करने के लिए मुझसे कह रही है.
अब में पूरे जोश में आकर लगातार ज़ोर से शर्मा जी की बेटी की फुद्दी में शोर्ट लगाता रहा, किन्तु कुछ देर शोर्ट लगाने के बाद वो झड़ गयी. फिर कुछ देर वो बिल्कुल निढाल होकर पड़ी रही और फिर वो कुछ देर बाद मुझसे बोलने लगी कि अब बंद करो. इसके बाद मैंने शर्मा जी की लड़की से कहा कि अभी में नहीं झड़ा और तुम्हें मेरे झड़ने तक रुकना होगा और फिर में ज़ोर ज़ोर से शोर्ट देकर उसको पेलने लगा, जिसकी वजह से वो एक दफे फिर से गरम हो गई और अब वो मेरा साथ देने लगी. फिर कुछ देर शोर्ट देने के बाद में भी उसकी फुद्दी में झड़ गया और जैसे ही मैंने अपना लण्ड फुद्दी से बाहर निकाला तो मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा शर्मा जी की कुँवारी बेटी की फटी हुई फुद्दी से ब्लड और स्पर्म बाहर निकल रहा था.

यह देखकर मैंने उसको एकदम से उठाकर बैठा दिया और शर्मा जी की लड़की से कहा कि तुम जल्दी से जाकर स्नानघर कर लो, नहीं तो कुछ कबाड़ा ना हो जाए और वो जल्दी से उठकर स्नानघर में चली गई और में अपने कपड़े पहनकर सीधा अपने घर आ गया. फिर कुछ दिनों के बाद मेरे अब्बू की और शर्मा जी की किसी बात को लेकर अनबन हो गई और हमारा एक दूसरे के घर पर आना जाना बंद हो गया, दो साल तक हम दोनों भी एक दूसरे से नहीं बोले. फिर मेरी सगाई हो गई और जिस दिन मेरी सगाई थी और उसके नेक्स्ट डे याशिका ने मुझे फोन करके छत पर मिलने आने के लिए कहा और में उससे मिलने हमारी छत पर चला गया, जहाँ वो मुझसे मिलने के लिये इन्तजार कर रही थी.
मेरी सगाई होने की बात को लेकर बहुत दुखी थी और वो अब ज़ोर ज़ोर से रोने लगी, किन्तु मेरे पास अब कोई रास्ता नहीं था, इस कारण से मुझे सगाई करनी पड़ी. कुछ देर में छत पर उसको समझाता मनाता रहा. उसके बाद में वापस आ गया और उसके कुछ दिनों बाद ही मेरी शादी हो गयी और मेरी शादी के दो साल के बाद उसकी भी शादी हो गई और वो अपने ससुराल चली गई. फिर मुझे पता चला कि उसका पति चेन्नई में कहीं काम करता था और उसके कुछ दिनों बाद शर्मा जी हमारे पास वाले घर को छोड़कर किसी दूसरे घर में रहने चले गए और में अपने मैरिड जीवन में व्यस्त हो गया, किन्तु इस दौरान मैंने बहुत सारी अनमैरिड और मैरिड औरतों भाभियों को अपनी बातों में फंसाकर उनकी चुदाई की और उनके साथ सेक्स के बहुत सारे मज़े लूटे.
फिर एक दफे में अपनी बहिन के घर पर चेन्नई गया हुआ था. तब मेरी चुदास से भरी बहिन ने मुझसे कहा कि दो दिन पहले याशिका मेरे पास आई थी और वो मेरे साथ कुछ घंटे बातें करके अपने घर पर चली गई. इसके बाद मैंने तुरंत अपनी बहिन से पूछ लिया कि वो कहा ँ रहती है, उसका मकान कहा ँ पर है? तो मेरी चुदास से भरी बहिन ने मुझे उसके घर का अधूरा पता दे दिया, क्योंकि उसको भी पूरा पता पता नहीं था, किन्तु अपनी बहिन से याशिका का फोन नंबर पूछने की मेरी थोड़ा सा भी हिम्मत नहीं हुई और अब में अपनी बहिन की फोन डायरी उठा लाया, जिसमें बहुत सारे फोन नंबर लिखे हुए थे और अब में नंबर देखने लगा और बहुत देर तक ढूंढने के बाद मुझे उसमें से उसका फोन नंबर मिल गया.
इसके बाद मैंने उसका नंबर अपने मोबाइल में लिख लिया और में अपने घर पर वापस आ गया. फिर उसके कुछ दिनों तक में लगातार बस यही बात सोचता रहा कि क्या में उसको फोन करूं या ना करूं और एक दिन मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके उसको फोन लगा दिया और उसने मुझसे बहुत देर तक बातें की. तभी मुझे उससे पता चला कि उसके पापा अब इस दुनिया में नहीं है, उनकी कुछ साल पहले दिल का दौरा पड़ने से म्रत्यु हो चुकी है. उससे इस बात को सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ और वो भी मुझसे बातें करते वक्त थोड़ा सा उदास हो गई, किन्तु इसके बाद मैंने उससे हंसी आनंदक शुरू कर दिया, जिसकी वजह से उसका थोड़ा सा मूड अच्छा हो गया और उसके बाद मैंने बात खत्म करके फोन बंद कर दिया.

दोस्तों सच पूछो तो में मन ही मन उससे इतने दिनों के बाद बात करके और उसकी आवाज सुनकर बहुत प्रसन था. उसके बाद नेक्स्ट डे मैंने उसको दोबारा उसके नंबर पर फोन लगाया, किन्तु उसने मुझसे कुछ ठीक तरह से बात नहीं की तो मैंने भी उससे ज्यादा बात नहीं की थी. फिर करीब 15 दिन बाद उसका फोन मेरे मोबाईल पर आया. उसके बाद हम दोनों अब हर रोज एक दूसरे को फोन करने लगे. फिर कुछ दिनों बाद वो मुझे चेन्नई आकर मिलने को बोलने लगी और में उससे मिलने की बात को बहुत दिनों तक सोचता रहा और एक दिन में चेन्नई चला गया.
शर्मा जी की गरम सुहागन बेटी ने मेरा अपने घर पर बहुत अच्छी तरह से प्रसन होकर स्वागत किया, में उसको देखकर बहुत चकित हुआ, क्योंकि वो तो शादी के बाद अब पहले से भी ज्यादा सुंदर लगने लगी थी और उसके बोबे और चूतड़ का आकार पहले से बहुत उभर चुका था. फिर में वहां पर बस दो घंटे रहा और हमने खुलकर बात की, जब में वापस घर आने को हुआ तो उससे पहले तक में बस उसको घूर घूरकर देखता ही रहा और वैसे मेरी इस हरकत का उसको भी अंदाजा था कि मेरी निगाहें उसके बदन को खा जाएगी. इसके बाद मैंने उसको गले लगने को बोला, तो वो कहने लगी नहीं. इसके बाद मैंने पूछा कि क्यों क्या हुआ तो वो मुझसे कहने लगी कि में तुम्हारी दीवानी हो जाऊँगी.
इसके बाद मैंने उसको इस बात के लिए ज्यादा दबाव नहीं दिया और फिर में वापस अपने घर पर आ गया और उसके बाद से हमारे फोन का सिलसिला ऐसे ही चलता रहा. फिर 15 दिन बाद में दोबारा उसके घर पर चला गया और उस दिन मैंने चाय पीने के बाद उस मेरिड लड़की को अपनी बाहों में ले लिया और फिर उसके हॉट बदन को चूमना शुरु कर दिया. इसके बाद मैंने उसको चूमते- चूमते उसको शयनकक्ष में ले गया और वहां पर उसे पलंग पर गिरा दिया और उसकी साड़ी को ऊपर कर दिया. फिर मेंने अपनी पेंट की चैन को खोल दिया और अपना तना हुआ लण्ड उसकी फुद्दी में डाल दिया और इसके बाद मैंने उसको शोर्ट देना चालू कर दिया और करीब पांच मिनट में हम दोनों झड़ गये.

उसके बाद भी मैंने उसको चूमना चालू रखा, जिसकी वजह से मेरा तगड़ा लौड़ा एक दफे फिर से तनकर खड़ा हो गया और मैंने उससे पूछा कि कंडोम है क्या? तो वो कहने लगी कि हाँ तो मेरे स्मार्ट पति के कंडोम हैं… मैंने शर्मा जी की लड़की से कहा कि जल्दी से ले आओ, वो उठकर निरोध लेने दूसरे कमरे में गयी. तब तक मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए, जैसे ही वो निरोध लेकर आई तो मैंने उसको भी पकड़कर पूरा नंगा कर दिया और उसके मोटे मोटे ब्रेस्ट को चूसने दबाने लगा. कुछ देर बाद मैंने शर्मा जी की लड़की से कहा कि अब तुम मेरा तगड़ा लौड़ा चूसो तो उसने साफ मना कर दिया.
इसके बाद मैंने अपनी तरफ से उस बात पर बहुत ज़ोर दिया और फिर वो मान गई, किन्तु पहले उसने मुझसे मेरे तगड़े लौड़े को धोने के लिए कहा और मैंने उठकर स्नानघर में जाकर अपने पेनिस को धो लिया और उससे कहा कि वो भी अपनी फुद्दी को धो ले. मैंने अपने हाथों से उसकी फुद्दी को पानी लगाकर धो दिया और उसके बाद में उसको अपनी गोद में उठाकर शयनकक्ष में ले आया. अब वो मेरा तगड़ा लौड़ा अपने एक हाथ से पकड़कर बहुत आहिस्ता आहिस्ता अपने मुह के भीतर बाहर करते हुए लोलीपोप की तरह चूस रही थी और में उसकी गीली फुद्दी को अपनी जबान से चाट व चूस रहा था और मेरे दोनों हाथ उसकी छाती पर लटके दो मोटे मोटे बोबों पर पर थे.
में लगातार बहुत जोर से उसके बोबे दबा दबाकर निचोड़ रहा था, जिसकी वजह से वो चुदवाने के लिये और भी ज्यादा जोश में आ रही थी. फिर कुछ देर बाद मैंने उसको मेरे लण्ड पर निरोध चड़ाने के लिए कहा . तभी उसने जल्दी से मेरे लण्ड पर निरोध चड़ा दिया और वो मुझसे कहने लगी कि आज में तुझे चोदूंगी और अब वो मेरे ऊपर आ गई और मेरे लण्ड के अपनी फुद्दी में घुसाकर बैठ गई और उप्पर निचे होते हुए मेरे तगड़े लम्बे और मोटे लंड की सवारी करने लगी और करीब पांच मिनट तक मेरे लण्ड पर कूदने के बाद वो झड़ गई.

उसके बाद मैंने उसको अपने नीचे ले लिया और पेनिस को उसकी फुद्दी में डालकर ज़ोर ज़ोर से भीतर बहार शोर्ट देकर पेलने लगा और वो भी पूरे जोश में आकर सेक्स करने में मेरा पूरा साथ दे रही थी और अपने फुद्दीड़ को आहिस्ता आहिस्ता उठा रही थी. दोस्तों जब तक में झड़ा शर्मा जी की सुहागन बेटी तीन बार झड़ चुकी थी. उसके बाद में चुदाई खत्म करके वापस आ गया. शर्मा जी की सुहागन बेटी मेरे लौड़े से अपनी फुद्दी चुदवाकर बहुत प्रसन थी वो मेरे साथ सेक्स करके पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी, क्योंकि उसके पति देव ने अब तक उसको चुदाई का वैसा सुख नहीं दिया था जो मैंने उसको दिया था. आज भी हम कई बार अवसर पाकर होटल में सेक्स कर ही लेते है.
उसे उसके पति देव के लण्ड से चुदवाने में बिलकुल भी आनंद नहीं आता है उसे तो मेरे लण्ड से चुदवाने में आनंद आता है ऐसा मैं नहीं शर्मा जी की बेटी खुद मुझसे कहा करती है. दोस्तों उम्मीद करता हूँ की आप सभी को मेरी XXX Sex Story ” शर्मा जी की बेटी को पेलने की अधूरी ख्वाहिश पूरी हो गई Free XXX Hindi Nonveg Sex Story For Adults 18+ Hindi Chudai Kahani “ बहुत पसंद आई होगी इस फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में को अपने दोस्तों के साथ शेयर करके हमें सपोर्ट ज़रूर करा करो बहिन के लौड़ो क्या खली खुद खुद मजे लेते रहते हो क्या तुम इस फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में को अपने दोस्तों के साथ शेयर नहीं कर सकते क्या इस स्टोरी को शेयर करने में तुम्हे चूतड़ फटती है…???