लण्ड गुसते ही मेरी अनचुदी फुद्दी से ब्लड की धार निकलने लगी गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में : मेरा नाम सुष्मिता है और में अपनी जवानी में बहक गई और बिन शंदी करे अपनी फुद्दी की सील खुलवा बैठी दोस्तों जब मैंने मेरे जीवन का पहला सेक्स करा था तब मेरी मेरी अनचुदी फुद्दी से ब्लड की धार निकल पड़ी थी बस आज वही वाली गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में में रांड लड़की आप सभी के सामने पेश करने जा रही हूँ यदि आप को मेरी यह खुनम खान अनचुदी फुद्दी की गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों के सहत व्हाटसप और ट्विटर पर ज़रूर जरुर शेयर करना दोस्तों ये दोनों सोशल साईट एडल्ट कंटेंट को सपोर्ट करती है इस लिये आप इन दोनों सोशल मीडिया के माध्यम से हमारी गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में अपने चाहने वालो के साथ शेयर कर सकते है.
दोस्तों मैं अपनी लाइफ में कुछ करना चाहती थी किन्तु मेरे मादरचोद पिताजी हमेशा मुझे कहते कि तुम एक लड़की हो और तुम कभी कुछ नहींकर पाओगी. वह मुझे हमेशा ही कम आंका करते थे और कहते कि तुम पढ़ने में भी ठीक नहीं हो किन्तु उसके बावजूद भी मैं अपनी पढ़ाई पूरे ध्यान से किया करती थी। वक्त बीतता चला गया और मेरा कॉलेज भी पूरा हो गया मैं अब घर पर ही थी किन्तु मुझे कुछ करना था मुझे कुछ समझ नहीं आया कि मुझे क्या करना चाहिए।
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मैं सोचती की मुझे किसी कंपनी में जॉब करनी चाहिए या कुछ और करना चाहिए फिर मेरी एक रांड सहेली ने मेरी सहायता करी और कहा तुम किसी बड़ी कंपनी में जॉब के लिए ट्राई करो. उसके बाद मेरी जॉब लग गई हालांकि मुझे अपने मादर चोद पिताजी के साथ इस बात को लेकर काफी झगड़ा करना पड़ा उसके बाद ही उन्होंने मुझे जॉब करने के लिए कहा . मेरे मादर चोद पिताजी का मानना था की जो लडकियाँ जॉब करती है वो बिगड़ जाती है और शादी से पहले पराये मर्दों के साथ बदनानी रिश्ते बना बैठती है.
पहले वह मुझे मना कर रहे थे किन्तु मैंने जब उन्हें समझाया तो वह मान गए परंतु उसके बावजूद भी वह मेरी जॉब से प्रसन नहीं थे और हमेशा ही कहते रहते कि तुम जॉब मत करो किन्तु फिर भी मैंने जॉब करने के बारे में सोचा. पिताजी भी अब बीमार रहने लगे थे अब मेरे दोनों बहनचोद भाइयों के कंधों पर ही घर की सारी जिम्मेदारी थी और वह दोनों भी बिल्कुल मेरे मादरचोद पिताजी की तरह ही एक नुम्बर के रांड बाज हैं . “लण्ड गुसते ही मेरी अनचुदी फुद्दी से ब्लड की धार निकलने लगी गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में”
वह दोनों मुझे कहने लगे कि तुम जॉब छोड़ दो नहीं तो बिगड़ जाओगी और गलत काम में पड़ जाओगी किन्तु उसके बावजूद भी मैंने जॉब नहीं छोड़ी मैं अपनी जॉब करती रही उसी दौरान मेरी मुलाकात रांड चोद चन्दन से हुई. जब मेरी मुलाकात पहली बार रांड चोद चन्दन से दफ्तर में हुई तो उसे पहली नजर में देखते ही मुझे ऐसा लगा कि जैसे मैं कई वर्षों से उसे जानती हूं. दोस्तों मुझे उससे प्यार हो गया था और रांड चोद चन्दन भी कहीं ना कहीं मेरे गदराई बदन की तरफ आकर्षित होने लगा था हम बहन के लंड दोनों ही जवानी में बहकने लगे थे।
दफ्तर में वह मुझसे बात किया करता था हम दोनों ने अपने दिल की बात किसी से नहीं कही किन्तु उसी दौरान मेरी सगाई मेरे मादरचोद पिताजी ने किसी और बहन के लौड़े के साथ तय कर दी. वह कहने लगे यदि तुम्हें अपनी जॉब करनी है तो तुम्हें हमारी बात माननी पड़ेगी मैं उन्हें शादी के लिए मना करती रही लेकिन वह मेरी बात नहीं माने. वह कहने लगे कि तुम्हें मेरे बचपन के फ्रेंड के लड़के बहन के लौड़े शशांक के साथ शादी करनी पड़ेगी, बहन के लौड़े शशांक मुझे पहले से ही पसंद नहीं था मुझे नहीं पता कि वह मुझे अच्छा क्यो नही लगता।
जब कभी भी मैं बहन के लौड़े शशांक से बात करती तो मुझे उससे बात करना थोड़ा सा भी अच्छा नही लगता था किन्तु मेरे मादरचोद पिताजी की जिद के आगे मैं मजबूर थी. मैंने मेरी रांड माँ से कहा कि मैं उस बहन के लौड़े शशांक के साथ सगाई नहीं कर सकती मेरी रांड माँ बोलने लगी बेटा हम तुम्हारे पिताजी के आगे क्या कह सकते हैं.
सारे घर की जिम्मेदारी उन्होंने उठाई है और इतने वर्षों तक उन्होंने मेहनत की है यदि हम लोग इस बारे में उनसे कुछ कहेंगे तो उन्हें बुरा लगेगा इस कारण से तुम उनकी बात मान जाओ. मैंने जब यह बात रांड चोद चन्दन को बताई तो वह कहने लगा सुष्मिता तुम्हारी अपनी भी कुछ इच्छाएं है तुम्हें अपने हिसाब से भी चलना चाहिए. तुम अपने मादरचोद पिताजी की बात मान जाओगी तो तुम अपनी जिंदगी नही जी पाओगी तुम यदि अभी कुछ वक्त चाहती हो तो तुम्हें उनसे कहना चाहिए।
मैंने देसी रांड चोद चन्दन से कहा वह मेरी बात नहीं मानेंगे और कभी भी वह इस बात को स्वीकार नहीं करेंगे कि मैं कुछ और वक्त लूं क्योंकि पिताजी ने अब मेरी सगाई बहन के लौड़े शशांक के साथ करने के बारे में सोच लिया है वह थोड़ा सा भी मेरी बात नहीं मानने वाले. मुझे बहन के लौड़े शशांक थोड़ा सा भी पसंद नहीं है उसकी हरकतें और उसका बात करने का तरीका मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता. रांड चोद चन्दन ने मुझे काफी समझाया किन्तु मैं रांड चोद चन्दन से अपने दिल की बात ना कह सकी और ना ही रांड चोद चन्दन ने मुझे कभी इस बारे में कुछ कहा था।
मेरे पास भी अब कोई रास्ता नहीं था इसलिए मुझे बहन के लौड़े शशांक के साथ सगाई करनी ही पड़ी और फिर हम बहन के लंड दोनों की सगाई हो गई मेरे मादरचोद पिताजी इस बात से बहुत प्रसन थे कि मैंने उनकी बात मान ली. उस नाईट उन्होंने मुझे कहा की बेटा चलो छत पर बैठते हैं आज मौसम काफी अच्छा है हम दोनों छत पर चले गए मेरे मादरचोद पिताजी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और कहा देखो सुष्मिता बेटा हमने तुम्हें बचपन से कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं होने दी. वह कहने लगे तुम्हें मालूम है ना कि मैंने जीवन में कितना संघर्ष किया है उसके बावजूद भी मैंने तुम लोगों के ऊपर कभी भी आंच नहीं आने दी और तुम्हें किसी भी चीज की कमी होने नहीं दी।
मैं तुम्हें हर बार काम करने के लिए मना करता रहा किन्तु उसके बावजूद भी तुम जॉब करने लगी मैंने पिता जी से कहा पिता जी आप ठीक कह रहे हैं किन्तु मेरे भी कुछ सपने हैं मैं उन्हें पूरा करना चाहती हूं. पापा कहने लगे कि बेटा मुझे पता है तुम्हारे भी कुछ सपने हैं किन्तु मैंने भी कभी तुम्हें किसी चीज के लिए रोका नहीं है हालांकि मैं तुम्हारे पर थोड़ा सख्ती जरूर दिखाता हूं किन्तु उसका यह मतलब नहीं है कि मैं तुम्हारे बारे में कभी नहीं सोचता, तुम बहन के लौड़े शशांक के साथ शादी करके प्रसन रहोगी।
मैं भी अपने पिताजी को उस वक्त कुछ कह नहीं पाई और मेरी सगाई कुछ दिनों बाद ही बहन के लौड़े शशांक से होने वाली थी लेकिन मेरे दिल में तो रांड चोद चन्दन के लिए जगह थी. और मैंने देसी रांड चोद चन्दन को कुछ नहीं कहा था और जब मेरी सगाई हो गई तो उसके बाद भी रांड चोद चन्दन को मैं अपने दिल से नहीं निकाल पाई मैं रांड चोद चन्दन के बारे में ही सोचा करती. मैं भी अपने दफ्तर जाया करती थी और बहन के लौड़े शशांक और मेरे बीच में फोन पर बात होती रहती थी बहन के लौड़े शशांक भी प्रयास कर रहा था कि हम बहन के लंड दोनों के रिश्ते सुधर जाएं. बहन के लौड़े शशांक को यह बात अच्छे से पता थी कि मैं उसे थोड़ा सा भी पसंद नहीं करती किन्तु वह तो मेरे मादरचोद पिताजी की जिद के आगे मुझे उससे शादी के लिए हां कहना पड़ा।
मैं बहन के लौड़े शशांक के साथ प्रसन नहीं रहने वाली थी इस बात का मुझे पहले से ही पता था वक्त बीता जा रहा था और मेरी शादी का वक्त नजदीक आने लगा. एक दिन मैं बहन के लौड़े शशांक से फोन पर बात कर रही थी उस वक्त मैं दफ्तर में ही थी मैंने उसे कहा मैं तुम्हें लंच टाइम में फोन करूंगी मैंने फोन रख दिया. मैंने लंच टाइम में जब बहन के लौड़े शशांक को फोन किया तो बहन के लौड़े शशांक कहने लगा तुम मुझसे बात ही नहीं कर रही हो मैंने उसे कहा ऐसा कुछ भी नहीं है मैं उस वक्त दफ्तर में बिजी थी इस कारण से तुमसे बात नहीं कर पाई. बहन के लौड़े शशांक मुझे कहने लगा शायद तुम मुझसे शादी नहीं करना चाहती हो, उसके बाद हम बहन के लंड दोनों के बीच काफी झगड़े शुरू हुए. रांड चोद चन्दन भी शायद मेरे पीछे ही खड़ा था रांड चोद चन्दन ने सब सुन लिया था।
उसने पीछे से मेरे कंधे पर हाथ रखा और वह मुझे समझाने लगा कि अभी तुम फोन रख दो बाद में बहन के लौड़े शशांक के साथ बात करना. मैंने फोन रख दिया मैंने देसी रांड चोद चन्दन से कहा तुम्हें अब मैं क्या बताऊं बस मैं बहन के लौड़े शशांक से परेशान हो चुकी हूं और उससे मैं थोड़ा सा भी शादी नहीं करना चाहती किन्तु मेरी मजबूरियां मेरे आड़े आ जाती है मुझे कुछ समझ नहीं आता कि मुझे क्या करना चाहिए.
तब मुझे रांड चोद चन्दन कहने लगा तुम फिलहाल प्रसन रहने का प्रयास किया करो और इन सब चीजों के बारे में ना ही सोचो तो ठीक रहेगा. मैंने उससे कहा तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो मुझे इन सब चीजों के बारे में सोचना नहीं चाहिए और मुझे अपने काम पर ध्यान देना चाहिए. उस वक्त मैं अपने काम पर भी अच्छे से ध्यान नहीं दे पा रही थी और मेरा ध्यान पता नहीं कहा ं रहता था।
मैं रांड चोद चन्दन के साथ अपने सुनहरे पलों को बताना चाहती थी मैंने सोच लिया था कि मैं रांड चोद चन्दन से अकेले में मिलूंगी. मैं और रांड चोद चन्दन जब अकेले में मिले तो वह मुझे समझा रहा था मैं उसकी तरफ बड़े ध्यान से देख रहा था मैंने जैसे ही रांड चोद चन्दन से कहा मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है तो वह मेरे चेहरे की तरफ देखने लगे और कहने लगा तुम्हारा दिमाग तो सही है तुम यह कैसी बात कर रही हो मैंने कभी तुम्हारे बारे में ऐसा नहीं सोचा. “लण्ड गुसते ही मेरी अनचुदी फुद्दी से ब्लड की धार निकलने लगी गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में”

उस दिन मैं अपने आप पर थोड़ा सा भी काबू नहीं कर पाई मैंने उसके सामने अपने कपड़े उतार दिए और न्यूड हो गई. मैंने जब उसके सामने अपने कपड़े उतारे तो वह मेरी तरफ देखने लगा और मुझे कहने लगा देखो सुष्मिता मैंने तुम्हारे बारे में कभी ऐसा नहीं सोचा. मैंने उसे कहा तुम मेरी फीलिंग को समझो मैंने जब उसके लिप्स पर किस किया तो वह भी पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगा उसने मेरे बदन को महसूस करना शुरू कर दिया.
उसने मुझे न्यूड लेटाकर मेरे मोटे मोटे स्तनों के निप्पलो से काफी देर तक रसपान किया और मेरे मोटे मोटे स्तनों से ब्लड निकाल कर रख दिया. मुझे बड़ा आनंद आ रहा था जैसे ही रांड चोद चन्दन ने मेरी फुद्दी को अपनी जबान से चाटना और चोदना प्रारम्भ करा मुझे आनंद आने लगा और में गर्म होने लगी।
मेरी फुद्दी से लगातार पानी बाहर निकल रहा था जैसे ही रांड चोद चन्दन ने अपन पेनिस को मेरी फुद्दी के भीतर प्रवेश करवाया तो मैं मचलने लगी और मुझे बड़ा आनंद आने लगा. उसका लण्ड गुसते ही मेरी अनचुदी फुद्दी से ब्लड की धार निकलने लगी. जिस प्रकार से वह मुझे शोर्ट देता तो मेरे मुँह से दर्द के कारण चीख निकल रही थी और मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो रही थी. उसने मेरे दोनों टांगों को कसकर पकडा हुआ था और बड़ी तेज रफ्तार से मुझे शोर्ट दिए जा रहा था।

कछ देर बाद उसने मेरे दोनों टांगों को अपने कंधों पर रखा और उसके बाद उसने इतनी तेज रफ्तार से मुझे शोर्ट दिए कि मेरा पूरा शरीर डर के मारे कांपने लगा. मैंने उसे कहा मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है तुम ने मेरी फुद्दी फाड़ डाली है तो वह कहने लगा डार्लिंग मुझे बड़ा आनंद आ रहा है तुम्हारी तंग फटी हुई खुनम खान फुद्दी को पेलने में डार्लिंग में बहुत किस्मत वाला हूँ की मुझे आज तुम जैसे अनचुदी हॉट लड़की की फुद्दी को फाड़ने का सोभाग्य प्राप्त हुआ.
अभी इसके बाद तुम्हारी चूतड़ भी मरूँगा. मैंने उसे कहा मैं झडने वाली हूं वह कहने लगा कोई बात नहीं मेरा तो अभी बाकि है फिर वह मुझे बड़ी तेज रफ्तार से शोर्ट दे देकर पेलने लगा. कुछ समय बाद मेरी गर्मी शांत हो गई. जब मैं झड़ गई तो मैंने उसे अपने टांगों के बीच में दबोच लिया.
वह मुझ लण्ड की भूखी रांड की ब्लड से संदी फुद्दी में बहुत ही ज्यादा जोर जोर से शोर्ट मारे जा रहा था मुझे मीठे मीठे दर्द के साथ साथ आनंद भी मिल रहा था दोस्तोंआब मेरी फुद्दी से ब्लड के साथ साथ कुछ चिपचिपा पदार्थ भी बह रहा था वो शायद मेरा वीर्य था. करीब एक घंटे की शानदार चुदाई के बाद रांड चोद चन्दन का गरमा गर्म स्पर्म मेरी अनचुदी फटी हुई फुद्दी में गिरने वाला था आज में अपनी अनचुदी फुद्दी को फडवाकर बहुत प्रसन थी.
कुछ समय बाद जब उसका स्पर्म निकला तो उसने मेरी फटी हुई फुद्दी के भीतर ही अपने स्पर्म को प्रवेश करवा दिया. मैंने कभी सोचा नहीं था कि वह मेरी फुद्दी के भीतर अपने स्पर्म को प्रवेश करवा देगा किन्तु मुझे बड़ा अच्छा महसूस हुआ उसके बाद मेरी शादी बहन के लौड़े शशांक के साथ हो गई किन्तु अब भी रांड चोद चन्दन और मैं अवसर पाकर होटल में जाकर चुदाई का भरपूर आनंद लेते हैं. मेरे प्यारे भाई और बहनों यदि आप सभी लोगो को मेरी यह अनचुदी फुद्दी चुदवाने की इंडियन गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में “लण्ड गुसते ही मेरी अनचुदी फुद्दी से ब्लड की धार निकलने लगी गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में” पसंद आई हो तो निचे लाइक बटन पर ज़रूर क्लिक करना.