रांड राधिका की फुद्दी चोदकर ठंड मे गरम कर डाली – हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में : मैं 2 महीने पहले घूमने के लिए मनाली गया था मेरे साथ मेरे कुछ फ्रेंड भी थे. उसी दौरान मेरी मुलाकात राधिका से हो गई राधिका भी घूमने के लिए आई हुए थी उसके साथ उसके फैमिली के कुछ सदस्य थे किन्तु उसके बावजूद भी वह मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो गई. मैंने कभी सोचा नहीं था इतनी सुंदर माल और गजब माल को में चोद पाऊंगा, जब मैंने देसी रांड राधिका को खतरनाक चोदा तो मुझे एक अलग ही एहसास हुआ, वह भी बहुत प्रसन थी. >> Full HD 4K Porn of Indian Randi Group Sex, Desi village randi
मैं मारवाड़ का रहने वाला हूं. मेरे फ्रेंड और मेरे बीच में घूमने को लेकर चर्चाएं चल रही थी मैंने अपने दोस्तों से कहा कि काफी वक्त हो चुका है हम लोग कहीं घूमने भी नहीं गए हैं, क्या हम लोग कभी घूमने जाऐंगे? वह सब कहने लगे हम लोग मनाली चलते हैं, वहां का मौसम इस वक्त बड़ा ही अच्छा होगा. हम लोग सर्दियों के वक्त में मनाली चले गए और जब हम लोग मनाली पहुंचे तो वहां की शर्द वादियां मुझे बहुत अच्छी लग रही थी, हम लोगों ने जैकेट पहन ली क्योंकि हमें बहुत ठंड महसूस हो रही थी।
मेरा एक फ्रेंड राहुल मुझे कहने लगा यहां पर तो बहुत ज्यादा ठंड है मैंने सोचा भी नहीं था कि इतनी अधिक ठंड यहां पर होगी, मैंने देसी रांड राधिका को कहा यहां का यही तो आनंद है और हम लोग भी यहां एंजॉय करने आए हैं, राहुल भी बहुत प्रसन था और उसकी नाक ठंड से पूरी तरीके से जम चुकी थी रांड राधिका को सर्दी भी लग गई थी वह कहने लगा मुझे तो अब सर्दी भी होने लगी है, मैंने देसी रांड राधिका को कहा कोई बात नहीं तुम हमारे साथ इंजॉय करो।
वह हमारे साथ पूरा इंजॉय कर रहा था हालांकि उसकी नाक एकदम से बंद पड़ी थी और उससे कहा भी नहीं जा रहा था हम लोगों ने सोचा कि पैदल ही घूमने निकला जाए, हम लोग पैदल घूमते घूमते मनाली से काफी आगे आ चुके थे हमें वहां कुछ लोग और भी दिखाई दिए वह लोग भी पैदल ही जा रहे थे, मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था क्योंकि वहां की शरद वादियों में मुझे बिलकुल थकान भी महसूस नहीं हो रही थी किन्तु ठंड का आलम इतना था कि हमारा बदन ऐसा लग रहा था जैसे कि ठंड से अकड़ चुका हो, पर उस मौसम का एक अलग ही आनंद था।
जब हम लोग पैदल चल रहे थे तो उस वक्त कुछ ज्यादा ही ठंड बढ़ने लगी मौसम भी बिल्कुल खराब हो चुका था मैंने अपने दोस्तों से कहा कि हम लोग वापस लौट सकते हैं मौसम भी कुछ ठीक नहीं लग रहा, वह कहने लगे कोई बात नहीं अब हम लोग इतना आगे आ चुके हैं तो थोड़ा और आगे चल लेते हैं, हम लोग पैदल पैदल काफी आगे आ चुके थे किन्तु उनका मन ही नहीं भर रहा था वह लोग कहने लगे हम लोग इतनी दूर घूमने आए हैं तो क्या हम लोग ऐसे ही वापस लौट जाएं, हम लोग जंगल को निहार रहे थे और काफी अच्छा भी लग रहा था, जंगल में हमें कई पक्षी दिखते किन्तु उसी वक्त बारिश होने लगी और बारिश इतनी ज्यादा तेज हो गई कि हम लोग पेड़ के नीचे रुक गए, मैंने अपने दोस्तों से कहा कि मुझे नहीं लगता कि यहां पर हम लोग कुछ देर और रह सकते हैं।
तभी हम लोग भागते हुए एक दुकान में चले गए वह दुकान तो पता नहीं हमें कहा ं से उस वक्त जंगलों के बीच में मिल गई, हम लोग उस दुकान में बैठ गए, उस दुकान के ऊपर टीन से ढका हुआ था, हम लोगों को थोड़ा अच्छा लगा और हमने उस दुकान वाले से कहा कि भाई साहब आप हमें गरमा गरम चाय की प्याली पिला दीजिए, उसने हमें जब उस वक्त चाय पिलाई तो हमें काफी अच्छा लग रहा था हम लोग आपस में बात कर रहे थे उसी वक्त वहां पर एक फैमिली दौड़ते हुए आया जब वह लोग आए तो उन्होंने भी चाय बनाने के लिए कहा मेरी निगाहें जब उस लड़की पर पड़ी तो मैं उस लड़की को केवल निहारता रहा उसने बड़ी सी जैकेट पहनी हुई थी और उसके टांगों में बूट थे मैंने देसी रांड राधिका को काफी देर तक देखा और वह भी जब मुझे देखती तो मुझे ऐसा लगता कि जैसे वह मेरी तरफ ही देख रही है,मैं बहुत ही प्रसन था।
मैंने जब उससे बात करने की सोची तो राहुल मुझे कहने लगा ऐसे ही तुम किसी से बात मत करो किन्तु वह लड़की भी मेरे पास आकर मुझसे बात करने लगी, उसने मुझे अपना नाम बताया उसका नाम राधिका है, मैं राधिका के साथ बात करने लगा और वह भी मुझसे बात कर रही थी, मैंने उससे पूछा तुम्हारे साथ यह लोग कौन है? वह बोलने लगी यह मेरी फैमिली के ही सदस्य हैं हम लोग फैमिली टूर पर मनाली आए हैं. राधिका और मेरी इतनी ज्यादा बात होने लगी की हम बहन के लंड दोनों जैसे एक दूसरों की बातों में खोने लगे और मुझे उससे बात कर के बहुत ही ज्यादा अच्छा महसूस हो रहा था…
मौसम बिलकुल ही खराब हो चुका था और बारिश भी तेज हो रही थी, ठंड भी इतनी होने लगी कि जो जैकेट हमने पहनी हुई थी उसमें भी ठंड रुकने का नाम नहीं ले रही थी तभी वह दुकान वाले व्यक्ति बोले की लगता है बर्फ पड़ने वाली है आप लोग जल्दी से अपने होटल में चले जाइए किन्तु हम लोग काफी दूर आ चुके थे और मुझे यह भी डर सता रहा था कि कैसे हम लोग वापस जाएंगे बारिश भी रुक नहीं रही थी और सब लोग वहीं बैठ कर बारिश रुकने का इंतजार कर रहे थे, मैं तो राधिका के साथ बैठ कर बात कर रहा था मैं उससे जब बात करता तो मैं सोचने लगा कि बारिश तो लगी ही रहनी चाहिए क्योंकि मेरा थोड़ा सा भी राधिका को छोड़कर जाने का मन नहीं था और हम बहन के लंड दोनों एक भीतर की टेबल में जाकर बैठ गए बाकी सब लोग बाहर बारिश रुकने का इंतजार कर रहे थे।
हम बहन के लंड दोनों के बीच सेक्स को लेकर सहमति बन चुकी थी मैंने उस दुकान के व्यक्ति के कान में कहा भाई साहब मुझे कोई जगह बताओ जहां पर मैं सेक्स का आनंद ले सकता हूं. वह कहने लगा आप यह कैसी बात कर रहे हैं. मैंने उन्हें कहा ठंड में ही तो आनंद है मैंने उन्हें पैसे दिए वह कहने लगे आप भीतर कमरे में चले जाइए वहां पर एक बिस्तर लगा हुआ है. उन्होंने मुझे भीतर कमरे में भेज दिया, कमरे की स्थिति कुछ ठीक नहीं थी किन्तु वह उस वक्त मेरे लिए काम चलाने लायक था।
मैंने राधिका के लाल गुलाबी रस से भरे कोमल होंठो पर किस करना प्रारम्भ करा जब उसके ठंडे लिप्स पर मेरे ठंडे कोमल होंठ टकराते तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था हम बहन के लंड दोनों के कोमल होंठ गरम होने लगे, मैंने उसके बदन को पूरे तरीके से गर्म कर दिया. मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए वह मुझे बोलने लगी ठंड बहुत है किन्तु तुम्हारी बदन की गर्मी मुझे गरम करती जा रही है. उसने मेरी लुल्ली को अपने मुँह में लेना शुरू कर दिया जब वह मेरी लुल्ली को मुँह मे ले रही थी तो मेरे शरीर गर्म होने लगा. मैंने देसी रांड राधिका को बिस्तर पर लेटाते हुए उसके रसीले आम जैसे स्तनों का रसपान करना प्रारम्भ करा जब मैं उसके स्तनो को चूस रहा था तो उसके रसीले आम जैसे स्तनों से मैंने दूध निकाल दिया, वह बहुत ही ज्यादा प्रसन हो गई।
जब मैंने उसके रसीले आम जैसे स्तनों पर दांत के निशान मारे तो वह बोलने लगी तुमने मुझे आनंद दिला दिया. मैंने देसी रांड राधिका को कहा मुझसे बिल्कुल रहा नहीं जा रहा ठंड में मुझे भी गर्मी चाहिए यह कहते हैं मैंने उसकी योनी के भीतर अपने पेनिस को डाल दिया. जैसे ही उसकी योनी मे मेरा फौलादी लण्ड प्रवेश हुआ तो वह बोलने लगी मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है।
हमारी खतरनाक चुदाई के कारण हम बहन के लंड दोनों का नंगा शरीर पूरी तरीके से गर्म हो चुका था, मैं रांड राधिका को तेज रफ्तार से चोदे जा रहा था मैंने देसी रांड राधिका को इतनी तेज गति से चोदना प्रारम्भ करा हम बहन के लंड दोनों का शरीर बहुत ज्यादा गरम हो गया. उस कड़ाके की ठंड में मेरा स्पर्म गिर नहीं रहा था, वह मुझे बोलने लगी मुझे तो बहुत तेज दर्द होने लगा है।
मैंने देसी रांड राधिका को कहा अभी तो तुम मजे लेते रहो मैंने देसी रांड राधिका को 10 मिनट तक बड़े अच्छे से चोदा, जब मेरा स्पर्म गिरने वाला था तो मैंने उसके मुँह के भीतर अपने स्पर्म को गिरा दिया. हम बहन के लंड दोनों कुत्ते कमीनो ने जल्दी से कपड़े पहने, वह मझे बोलने लगी तुम्हारा स्पर्म तो बड़ा ही स्वादिष्ट था मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है।
हम बहन के लंड दोनों बाहर आ गए सब लोग बारिश रुकने का इंतजार कर रहे थे. काफी वक्त बाद बारिश रूकी हम सब लोग होटल की तरफ चले गए, सब लोग ठंड से ठिठूर रहे थे किन्तु राधिका और मैं तो बड़े मजे से चलते जाते. उस दिन उसके साथ ठंड में सेक्स का आनंद मेरे लिए एक अलग ही एक्सपीरियंस था।