हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में वो मेरी फुद्दी के बालों को भी ब्लेड से साफ करने लगा था Hindi Chudai Ki Kahani : हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शुभम शशांक है, में केरल (राजस्थान) का रहने वाला हूँ. यारों मैंने अपनी मम्मी के साथ संभोग करा है और तो और में अपनी गरम माल बहन को भी चोद चूका हूँ वो वाली हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में यंहा पर है :- माँ और बहन के साथ सुहागरात मनाई और प्रेग्नेंट किया पिताजी की मृत्यु के बाद और अब मेरी हवस से भरी गन्दी नजरे मेरे फ्रेंड की हॉट और गरम वाइफ पर थी.
मेरे एक बहुत ही ज्यादा अच्छा फ्रेंड है और उसकी शादी कुछ साल पहले हो चुकी है, उसकी वाइफ का नाम चंचल है और वो दिखने में बहुत सुंदर और गदराई है उसे देखते ही आप का मन भी अपना लण्ड उसकी फुद्दी में घुसेड़ कर उसकी खतरनाक चुदाई करने को करेगा, उसका गोरा भरा हुआ बदन गोल गोल मोटे मोटे दूध से भरे हुए ब्रेस्ट मोटी मोटी थोड़ी बाहर को निकली हुई चूतड़ मेरा कुल मिला कर कहने का मतलब यह है की उसमे कोई भी कमी नहीं है।
वो मेरी फुद्दी के बालों को भी ब्लेड से साफ करने लगा था Hindi Chudai Ki Kahani
मेरी गरम भाभी जी के साथ बहुत अच्छी बनती और वो मुझे शुरू से ही अपने भाई जैसा मानती थी पर में अधिकतर उनके साथ सेक्स करने की फ़िराक में रहता था जब मैंने अपनी प्यारी माँ बहन को ही चोद दिया था तो भाभी तो किस खेत की मुली थी. मै हमेशा उनके साथ सेक्स करने की तमन्ना उनके घर पर हर कभी चला जाता हूँ के काश कभी उनके साथ सेक्स करने का अवसर मिल जय।
दोस्तों में उनके घर के किसी भी छोटे बड़े कामों में उनकी सहायता किया करता और मै उन्हें भी हवस से भरी गन्दी नजरो से देखा करता था पर कभी उनकी फुद्दी पेलने या चूतड़ मरना का अवसर नहीं मिला. एक दिन चंचल के जन्म दिन की पार्टी थी और उसने अपने बहुत सारे दोस्तों को उस पार्टी में बुलाया और में एक नाईट पहले से ही उनके घर पर रुककर तैयारियों में लगा हुआ था।
दोस्तों उस पार्टी वाले दिन चंचल ने मुझे अपनी एक फ्रेंड से मिलवाया जिसका नाम श्वेता था, उसने मुझसे हाथ मिलाया उसके मेरे हाथ को छुते ही मेरे शारीर में बहुत तेज कारंट से दोड़ने लगा अब मेरा मन उस लड़की की कसी हुई फुद्दी चुदाई करने को करने लगा फिर फ्रेंड की वाइफ चंचल उस लड़की को मेरे पास छोड़ कर दुसरे गेस्ट को अटेंड करने चली गयी और मुझसे बोलकर गयी के तुम श्वेता का खयाल लखना मैंने भी उन्हें जी भाभी जी बोल दिया.. इस तरह से हम बहन के लंड दोनों उसी पार्टी में एक दूसरे के साथ बातें करने लगे और कुछ देर बाद हंसी आनंदक भी करने लगे थे।
अब मुझे उसके साथ बातें करने पर बड़ी ही प्रसनी मिल रही थी, जिसका कोई ठिकाना नहीं था और वो भी मेरे साथ प्रसन थी और कुछ घंटो में ही हम एक दूसरे से अब ऐसे बातें कर रहे थे, जैसे हम बहुत सालों से फ्रेंड हो. फिर कुछ घंटे चलने के बाद हमारी वो पार्टी खत्म हो गई, जिसके बाद वहां पर आए हुए सभी लोग एक एक करके अपने अपने घर जाने लगे थे. फिर सभी लोगों के चले जाने के बाद श्वेता ने अब पूरी तरह से खुलकर मुझसे मेरे बारे में पूछा कि आप कहा ँ रहते हो, क्या करते हो? और उसके अलावा उसने मेरे बारे में बहुत कुछ बातें और जानकारियां ली।
इसके बाद मैंने भी उसको अपने बारे में सभी कुछ सही सही बता दिया, जिसको सुनकर वो बहुत प्रसन हुई और फिर उसके बाद मैंने भी उसके बारे में बहुत कुछ पूछा उसके बारे में सभी कुछ जान लेने के बाद, फिर हम बहन के लंड दोनों कुत्ते कमीनो ने आपस में एक दूसरे से अपना अपना मोबाइल नंबर का आदान प्रदान किया और फिर उसके बाद हम बहन के लंड दोनों भी अपने अपने घर आ गये. दोस्तों मुझे उसके साथ बातें करना उसके बारे में इतना सब जान लेना बहुत ही ज्यादा अच्छा लगा और वैसे वो दिखने में सुंदर होने के साथ ही उसका कलर भी दूध जैसा सफेद, उसकी बड़ी बड़ी काली आंखे, रसभरे लाल कोमल होंठ, सुराही जैसी गर्दन, मीठी सुरीली आवाज, पतली कमर, गोरे उभरे हुए ब्रेस्ट और उसका वो पूरा भरा हुआ बदन देखकर में उसकी तरफ पहली बार में ही लट्टू हो गया और देखा जाए तो उसका स्वभाव भी बड़ा ही हंसमुख था।
दोस्तों मतलब देखा जाए तो उसमे कोई भी कमी नहीं थी, बात करने के तरीके से वो मुझे खुले विचारों की होने के साथ साथ किसी अच्छे घर की होने के संकेत भी दे रही थी और इस कारण से में उसको देखकर पूरी तरह से उसका दीवाना हो चुका था. फिर उसके साथ पहली बार मिलकर बातें करके कुछ दिन ऐसे ही निकलते चले गए और में अपने कामों में बहुत ज्यादा व्यस्त हो गया।
अब इस कारण से मुझे उसके बारे में थोड़ा सा भी विचार नहीं आया, किन्तु फिर ऐसे ही अकेले बैठे कुछ बातें सोचते हुए मुझे एक दिन एकदम से श्वेता का विचार दोबारा आ गया. फिर जिसकी वजह से मेरे मन में प्रसनी की एक लहर दौड़ गई और मैंने तब मन ही मन में सोचा कि चलो श्वेता से फोन पर बात की जाए और यह बात सोचकर मैंने प्रसन होते हुए उसको फोन लगा दिया. अब मेरा मोबाईल कान पर लगा हुआ था, सामने वाली तरफ लगातार कुछ देर तक घंटी जाती रही और तभी उधर से फोन उठते ही एक बड़ी ही मधुर एक आवाज़ मेरे कानों में आई, हैल्लो जिसको सुनकर में कुछ देर तक कुछ भी नहीं बोल सका।
अब में मन ही मन उत्साहित होकर बस सुनाता ही रहा और वैसे मुझे उस पागलपन की वजह से थोड़ा सा भी समझ नहीं आ रहा था कि में क्या कहूँ? फिर उधर से आवाज़ आई हेल्लो बोलिए ना आप कौन बोल रहे है? तब मैंने बड़ी धीरे से कहा कि में “शुभम शशांक, शुभम शशांक बोल रहा हूँ. अब वो मेरा नाम आवाज को सुनकर कहने लगी हाँ शुभम शशांक आज आपने मुझे कैसे याद किया? और वैसे में भी कुछ दिनों से सोच रही थी कि में तुमसे बात करूं, किन्तु में क्या करती मेरा वो पुराना वाला मोबाइल कहीं खो गया है और तुम्हारा यह नंबर उसी में था और इस कारण से में बस बात करने के बारे में सोचकर ही रह जाती थी।
अब छोड़ो वो बातें यह बताओ कि तुम कैसे हो? मैंने उसको कहा कि में एकदम ठीक हूँ और तुम कैसी हो? फिर उसने भी कहा कि हाँ में भी ठीक ही हूँ और फिर कुछ देर तक इधर उधर की कुछ औपचारिक बात करके हम बहन के लंड दोनों कुत्ते कमीनो ने फोन को बंद कर दिया, किन्तु दोस्तों मुझे पहली बार उसके साथ मिलना और उसके बाद फोन पर बात करना इतना अच्छा लगा कि उसकी वो काया मुझे बिल्कुल दीवाना बना गई. फिर उस वजह से हम बहन के लंड दोनों के बीच आहिस्ता आहिस्ता हर दिन ही फोन पर बातें होने लगी थी और उसके बाद फिर हम एक दिन में कई बार जब कभी भी अवसर मिलता फोन पर बातें करने लगे थे और फिर उसके बाद तो अब हम बहन के लंड दोनों रातों में भी बहुत देर तक लगातार बातें करने लगे थे, क्योंकि हम बहन के लंड दोनों को अब एक दूसरे से बात करके आवाज सुनकर रहा नहीं जाता था।
अब हम बहन के लंड दोनों एक दूसरे के बहुत करीब आने लगे थे और फिर हम बहन के लंड दोनों आहिस्ता आहिस्ता अब एक बहुत अच्छे फ्रेंड भी बन चुके थे और इस वजह से हम अपनी किसी भी तरह की कोई भी बातें किसी से नहीं छुपाते, सब कुछ पूरी तरह खुलकर बता देते. अब वो मुझे अपने मन का हाल सुनाती और में अपने मन की हालत उसको बता देता, ऐसा हमारे बीच कुछ महीने तक लगातार चलता रहा और उस वजह से हम बहन के लंड दोनों बड़े प्रसन रहने लगे थे।
फिर एक दिन उसका मेरे पास फोन आया और वो मुझसे बोलने लगी कि कल 6 फरवरी है और तुम्हे कल मेरे घर आना है. फिर उसी वक्त चकित होकर मैंने उसको पूछा कि क्यों क्या कोई खास बात है? जो मेरा वहां पर कल ही आना जरूरी है, में क्या कभी किसी और दिन तुमसे मिलने नहीं आ सकता? अब श्वेता मुझसे कहने लगी कि हाँ कोई विशेष बात है बस, इस कारण से तुम्हे कल आना है।
तभी मैंने उसको कहा कि हाँ ठीक है फिर तुम मुझे आने का वक्त भी बता दो में कब तुमसे मिलने आऊं? वो हंसते हुए बोलने लगी कि कल शाम को ठीक 6 बजे में तुम्हारा इंतजार करूँगी और तुम्हे आना ही होगा वरना तुम मुझसे दोबारा बात या मिलने का प्रयास कभी भी मत करना. अब मैंने भी हंसते हुए उसको कहा कि हाँ ठीक है, में तुम्हारे बताए ठीक वक्त पर ज़रूर आ जाऊंगा और मैंने उसको इतना कहा और उसने मुझसे बाय कहकर अपनी तरफ से फोन बंद कर दिया. दोस्तों उसके बाद में उसको दोबारा मिलने की बात अपने मन में सोच सोचकर पूरी नाईट प्रसनी से पागल हो गया और इस कारण से मुझे पता ही नहीं चला कि कब मुझे नाईट को नींद आई. फिर उसके बाद मोर्निंग जल्दी उठकर में नहा धोकर प्रसन होता हुआ तैयार हुआ और में एकदम ठीक वक्त पर उसके घर पर पहुंच गया, क्योंकि में पहली बार उसको मिलने जा रहा था।
अब इस कारण से रास्ते से में एक फूलों का गुलदस्ता भी खरीदकर अपने साथ उसके लिए लेकर पहुंच गया. अब वो मुझे अपने घर पर देखकर बहुत प्रसन हुई और मेरे हाथ में वो गुलदस्ता देखकर बहुत चकित होकर वो अब मुझसे पूछने लगी क्या तुम्हे पहले से पता था कि आज मेरा जन्मदिन है? तब मैंने उसको कहा कि नहीं मुझे ऐसा कुछ भी पता नहीं था हाँ, किन्तु पहली बार किसी सुंदर लड़की ने मुझे मिलने के लिए अपने घर पर बुलाया है, उस दिन को यादगार बनाने के लिए में इसको अपने साथ में ले आया हूँ और अब मुझे यह बात जानकर भी बहुत प्रसनी है कि आज तुम्हारा जन्मदिन है, तुम्हे जन्मदिन मुबारक हो तुम हजारों साल जियो. अब मेरे मुहं से यह बात सुनकर हंसते हुए मुझसे धन्यवाद बोलकर उसने मेरे हाथ से वो गुलदस्ता ले लिया और मुझे अपने घर के भीतर बुला लिया।
तब मुझे पता चला कि उसके घर में उसकी अम्मी, पापा और तीन भाई थे श्वेता दूसरे नंबर की थी बाकी दो उसको छोटे थे और फिर उसने मेरा परिचय अपने घर के सभी सदस्यों से करवाया, उसके घर वालों को मेरा व्यहवार बहुत ही ज्यादा अच्छा लगा. फिर देर नाईट तक मेरा वहां पर रुकना खाना-पीना हुआ और उसके बाद में वापस अपने घर पर आने लगा. फिर उसी वक्त उसकी अम्मी मुझसे कहने लगी कि अब बहुत नाईट हो चुकी है और इस कारण से अब तुम ऐसा करो कि आज नाईट यहीं पर रुक जाओ, उसके बाद तुम कल मोर्निंग उठकर चले जाना।
अब मैंने उन्हें कहा कि नहीं में चला जाऊंगा, आप मेरी टेंशन ना करे वैसे भी में अपनी फोर व्हीलर गाड़ी से आया हूँ और इस कारण से मुझे वापस जाने में कोई भी समस्या नहीं आएगी और अब में उन्हें इतना कहकर घर से बाहर निकल गया।
फिर में अपनी फोर व्हीलर गाड़ी के पास आ गया, तब मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा तो वो पंचर थी और उसके बाद मैंने स्टेपनी को देखा तो वो भी मुझे बिना हवा के मिली और अब में इतनी नाईट को पंचर कहा ँ बनवाता और इस वजह से में हारकर वहीं पर रुक गया. फिर जब में ऊपर आया, तब तक श्वेता अपने कपड़े बदल चुकी थी और वो अब अपनी सोने की तैयारी करके सोने ही जा रही थी।
अब मैंने उसके पास जाकर उसको अपनी वो सारी बात बताई और फिर उसने मुझसे कहा कि मेरी अम्मी पहले ही तुमसे कह रही थी कि आज नाईट यहीं पर रुक जाओ और इस कारण से कहते है कि कभी भी अपने से बड़ो की बात को नहीं टालते और इस तरह से में एक रात के लिए वहीं पर रुक गया. अब उसने मेरे लिए ऊपर छत पर ही बिस्तर लगा दिया, क्योंकि वो गर्मियों की राते थी और उस दिन एकदम चाँदनी नाईट थी और वैसे उसके अम्मी पापा भी ऊपर छत पर ही सोते थे, श्वेता ने भी ऊपर छत पर ही अपना भी बिस्तर लगा लिया. फिर उसके बाद एक घंटे तक मेरे गाने का उसके घर के लोगों ने बड़ा आनंद लिया और फिर उसके बाद हम सभी सो गये।
फिर उसके बाद करीब 2:30 का वक्त होगा, एकदम से मेरी नींद खुल गई शायद वो मेरे लिए नयी नयी जगह होने की वजह से कुछ अटपटा लग रहा होगा और इस कारण से मैंने करवट बदली तो देखा कि श्वेता भी उस वक्त जाग रही थी. अब मैंने उसको पूछा कि क्यों क्या हुआ तुम्हे भी नींद नहीं आ रही है? उसने कहा कि हाँ मुझे पता नहीं क्यों आज नींद नहीं आ रही है और फिर उसके बाद हम बहन के लंड दोनों बातें करने लगे और तब मैंने उसको पूछा कि श्वेता क्या तुमने कभी किसी से प्यार किया है? उसने कहा कि हाँ एक लड़का था जिसका नाम गौरव नाम था में उसको कुछ वक्त पहले बहुत चाहती थी और शायद अब तक तो हम बहन के लंड दोनों की शादी भी हो गई होती, किन्तु मेरी किस्मत को यह मंजूर नहीं था. फिर एक दफे मैंने उसके प्यार में अपने बचपन की एक हक़ीकत के बारे में उसको बता दिया और तब उसने मेरी उस बात को सुनकर मुझसे शादी के लिए साफ मना कर दिया।
अब मैंने उसको पूछा कि वो ऐसी कौन सी बात थी? जिसको सुनने के बाद उसने तुम जैसी सुंदर लड़की के साथ शादी करने से साफ मना कर दिया. अब उसने मेरे ऊपर पूरा पूरा भरोसा करके अपने बचपन की वो बात मुझे बताना प्रारम्भ करा, वो कहने लगी कि में तब बहुत छोटी थी और अपने नाना-मामा के घर पर ही रहती थी।
उनका घर बहुत बड़ा है और उस वक्त मेरा कमरा चोथी मंजिल पर था, किन्तु मुझे अपनी पढ़ाई के लिए नीचे बैठक वाले कमरे में हमेशा ही आना होता था. फिर पढ़ाई करते वक्त अधिकतर में वहीं पर थककर सो जाती थी, जब नाईट को मेरे मामा जिन्हे घर में सभी लोग निर्मल मामा कहकर बुलाते थे, मेरी नानी उनके साथ मुझे ऊपर भेज देती।
वो मेरी फुद्दी के बालों को भी ब्लेड से साफ करने लगा था लिंग को चाटते चूसते हुए (3)फिर मेरे मामाजी मुझे ऊपर ले जाकर मेरे कमरे में लेटा देते थे, किन्तु जब वो मुझे पकड़कर सीड़ियों से ऊपर ले जाते थे, उस वक्त मेरी पेंटी में अपने हाथ को डालकर वो मेरी कसी हुई फुद्दी में अपनी उंगली को डाल देते थे और वो इस तरह मेरे साथ हर दिन किया करते, जिसकी वजह से मेरी कसी हुई फुद्दी का आकार आहिस्ता आहिस्ता पहले से अब बड़ा हो गया।
एक दिन सही अवसर देखकर उन्होंने अपना “वो’ बाहर निकालकर मेरी कसी हुई फुद्दी के मुहं पर लगा दिए, किन्तु तब तक भी मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि यह मेरे साथ क्या हो रहा है? हाँ किन्तु मुझे कुछ अजीब सा ज़रूर लग रहा था और ऐसा मेरे साथ बहुत वक्त तक चलता ही रहा, जिसकी वजह से मेरे ब्रेस्ट भी अब पहले से ज्यादा बाहर निकल आए थे और अब मुझे महावारी भी आने लगी थी।
एक दिन निर्मल मामा अपने काम में सफल हो गये, ऐसा सालों तक चला और अब मेरे मामा का फैमिली भी बड़ा हो गया और इस कारण से वो जगह अब कम पड़ने लगी थी. फिर मेरे नाना ने हम लोगों के लिए एक अलग से मकान जो मुख्य सड़क पर था, वो लेकर हमे दे दी और इस कारण से हम लोग वहीं उस मकान में रहने लगे थे और कुछ वक्त बाद मेरे ताऊजी का एक लड़का जिसका नाम दिनेश है वो भी अपनी पढ़ाई करने के लिए उन दिनों मध्य प्रदेश से केरल (राजस्थान) आ गया. अब मेरे कमरे में बहुत जगह थी और इस कारण से वो भी उसी कमरे में रहने लगा और आहिस्ता आहिस्ता वो मेरे बहुत करीब आ गया।
अब मुझे बचपन से ही ग़लत आदत पड़ चुकी थी इस कारण से मुझे उसका साथ अब बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा था, वो आहिस्ता आहिस्ता सभी के सो जाने के बाद देर नाईट को मेरे बिस्तर पर आ जाता और फिर वो मुझसे चिपककर सो जाता. फिर उसके बाद वो धीरे से मेरी कसी हुई फुद्दी को अपने हाथ से सहलाता और उसके बाद वो सही अवसर पाकर मेरी कसी हुई फुद्दी को अपनी जबान से चूमने चाटने लगता और फिर उसके बाद वो भी अब मेरी खतरनाक चुदाई करने लगा था।
फिर महीने दो महीने में एक दफे वो मेरी कसी हुई फुद्दी के बालों को भी ब्लेड से साफ करने लगा था और एक दफे जब चुदाई करते हुए कुछ दिनों बाद मुझे पता चला कि मेरे पेट में उसका बच्चा ठहर गया तब वो मुझे अपने साथ हॉस्पिटल ले जाकर मेरा गर्भपात भी करवाकर आ गया और हमारे बीच यह सब करीब पांच सालों तक वैसे ही चलता रहा. फिर जब उसकी पढ़ाई पूरी हुई तब वो वापस अपने घर चला गया और फिर उसके चले जाने के कुछ दिनों बाद तुम मेरी जिंदगी में आए हो।
फिर मेरी यह पूरी सच्ची घटना को मेरे मुहं से सुनकर उसने मुझसे शादी करने से साफ मना कर दिया और उसने मुझसे कहा कि तुम मेरे लिए नहीं बनी हो में तुम्हे क्या समझता था और तुम क्या निकली यह बात तुम मुझे पहले बात देती तो में हमारी यह फ्रेंडी इतनी आगे ही नहीं बढ़ने देता. अब आज से हो सके तो तुम मुझे भुलाकर प्लीज मेरा पीछा छोड़ दो अच्छा हुआ तुमने मुझे शादी से पहले ही यह सभी बातें बता दी वरना आगे जाकर हम बहन के लंड दोनों को बहुत परेशानी उठानी पड़ती और इतना कहकर अब श्वेता मुझे यह बात बताते हुए बीच में ही रुककर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी थी।
इसके बाद मैंने उसको कहा कि श्वेता तुम्हारे साथ अब तक जो कुछ भी हुआ है उसमे तुम्हारी कोई भी ग़लती नहीं थी, वो सब तुमने अंजाने में किया और आहिस्ता आहिस्ता तुम्हारी आदत पड़ी तुम्हे मज़ा आने लगा और वैसे भी नादानी में किया गया कोई भी काम हमेशा गलती ही कहलाता है और अपनी गलती को मान लेना सबसे बड़ा प्राश्चित माना जाता है, उसको कोई भी गलती या जानबूझ कर किया गया काम नहीं कह सकते. अब तुम वो सभी बातें भूलकर बस मेरी तरफ देखो में क्योंकि अब तुम्हारे साथ हूँ हमेशा हमेशा के लिए में कभी भी तुम्हे छोड़कर नहीं जाऊंगा।
इसके बाद मैंने उसको कहा कि श्वेता तुम्हारे घर वाले मुझसे तुम्हारी शादी नहीं करेंगे वरना में तुम जैसी सुंदर समझदार लड़की से शादी करके अपने आपको इस पूरी दुनिया का सबसे ज्यादा प्रसननशीब इंसान समझता और इसके बाद मैंने इतना कहकर उसी वक्त उठकर उसको अपने गले से लगा लिया और उसके बाद आहिस्ता आहिस्ता उसको मैंने अपनी बाहों में समेट लिया और उसके बाद उसको मैंने कहा कि जान में तुमसे सच्चा प्यार करता हूँ तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो मुझे तुम्हारे साथ पहले क्या हुआ उस बात से कोई भी मतलब नहीं है मुझे बस तुम्हारे आज से मतलब है।
अब मेरे मुहं से यह सभी बातें सुनकर वो भी अब मुझ में पूरी तरह से सिमट गयी, मुझे थोड़ा सा भी पता नहीं चला कि कब मेरे हाथ खुद ब खुद उसके सुंदर मुलायम स्पंजी थन पर चलने लगे और मेरा 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लिंग जोश में आकर तनकर खड़ा हो गया. फिर इस बात का भी मुझे पता ही नहीं पड़ा कि मेरा लिंग अब मेरी पेंट से बाहर आने को एकदम तड़प रहा था।
फिर कुछ देर उसके गोरे गालों, सुराही जैसी गर्दन के साथ साथ उसके गोलमटोल बड़े आकार के मुलायम ब्रेस्ट को छुकर दबाकर महसूस करने के बाद मेरी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ती ही चली गई, क्योंकि मुझे उसकी तरफ से थोड़ा सा भी विरोध जैसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा था और इस कारण से हम बहन के लंड दोनों मस्ती में चूर होकर वो सब करते चले गए।
अब आहिस्ता आहिस्ता आगे बढ़ते हुए मैंने उसकी सलवार में अब अपने एक हाथ को डाल दिया में कुछ देर पेंटी के ऊपर से ही उसकी उभरी हुई कसी हुई फुद्दी की गरमी को महसूस करता रहा और वो जोश में आकर सिसकियाँ लेने लगी. अब कुछ देर बाद उसकी बैचेनी को समझकर मैंने ज्यादा देर करना थोड़ा सा भी उचित नहीं समझा और उसी वक्त मैं उस लड़की की पेंटी के भीतर अपने एक हाथ को डालकर में अब उसकी कसी हुई फुद्दी को दबाने और सहलाने लगा।
वो मेरी फुद्दी के बालों को भी ब्लेड से साफ करने लगा था Hindi Chudai Ki Kahani
फिर उस वक्त मैंने छुकर महसूस किया कि करीब बीस मिनट तक चले हमारे उस काम की वजह से वो एकदम गरम हो चुकी थी, उसकी कसी हुई फुद्दी अब जोश में आकर अपना रस भी छोड़ने लगी और उसके मुहं से मुझे हल्की हल्की ऊफ्फ्फ्फ़ आह्ह्हह्ह स्सीईईई की अब आवाजे भी आने लगी थी, जिससे साफ पता चलता था कि उसकी कसी हुई फुद्दी पूरी तरफ से गरम होकर जोश में आकर मेरा लिंग लेने के लिए तरस रही है और वो क्या दोस्तों अब तो मेरा भी बड़ा बुरा हाल था? मेरे लिंग को भी कोई ठिकाना चाहिए था जो उसको शांत करके बैठा सके, किन्तु ऊपर छत पर हमारा वो काम कैसे पूरा होता वहां पर सभी लोगों के होने की वजह से हम बहन के लंड दोनों को डर था और शायद उसने मेरे बिना कहे ही मेरे मन की बात को उसी वक्त सुन लिया और इस कारण से उसने अब मुझे नीचे चलने का इशारा किया।
अब में उसका वो इशारा समझकर मन ही मन बड़ा प्रसन हुआ और तुरंत ही तैयार हो गया, तब हम बहन के लंड दोनों बिना देर किए नीचे आ गये मैंने उसके कमरे में पहुंचते ही भीतर से दरवाजा अच्छी तरह बंद कर लिया. फिर बिना एक भी पल गवाए मैंने जल्दी से उसकी सलवार को पेंटी के साथ साथ उतार दिया, उस काम को करने में उसने मेरा पूरा पूरा साथ दिया और फिर उसको मैंने पलंग पर एकदम सीधा लिटा दिया।
वो मेरी फुद्दी के बालों को भी ब्लेड से साफ करने लगा था Hindi Chudai Ki Kahani
फिर उसके बाद में उसकी गीली कसी हुई फुद्दी को कुछ देर अपनी प्यासी नजरों से देखने लगा, जो देखने में बड़ी ही सुंदर मेरे लिंग को लेने के लिए बैचेन नजर आ रही थी और फिर उसके बाद मैंने उसकी दोनों टांगों को पूरा खोलकर उसकी कसी हुई फुद्दी में अपनी जबान को लगा दिया. अब में कसी हुई फुद्दी के दाने को अपनी जबान से टटोलने लगा, मेरे ऐसा करने से वो बिल्कुल मस्त हो गयी में कुछ देर उसकी कसी हुई फुद्दी को चूसता ही रहा और फिर उसके बाद मैंने उसको 69 आसन में आने के लिए कहा ।
फिर हम बहन के लंड दोनों चुदाई करने के जोश में आकर बहुत देर तक एक दूसरे की कसी हुई फुद्दी और लिंग को चाटते, चूसते रहे ऐसा करने में हमे बड़ा मस्त मज़ा वो आनंद आ रहा था, जिसको में किसी भी शब्दों में लिखकर नहीं बता सकता कि हम क्या और कैसा उस वक्त महसूस कर रहे थे? इसके बाद मैंने उसके कुछ देर बाद उसकी प्यासी कसी हुई फुद्दी में अपना लिंग डाल दिया मेरे हल्के से ज़ोर लगाने से ही पूरा लिंग उसकी खुली गीली कसी हुई फुद्दी में बड़े आराम से फिसलता हुआ भीतर चला गया. दोस्तों यह सब इस कारण से इतने आराम से हुआ क्योंकि उसकी कसी हुई फुद्दी पहले भी बहुत बार लिंग के मज़े ले चुकी थी और इस कारण से उसको ज्यादा कुछ दर्द का सामना नहीं करना पड़ा।
अब बस वो तो चुदाई के मज़े मेरे तेज तेज धक्कों से लेने लगी थी और में ज्यादा जोश में आकर उसकी कसी हुई फुद्दी में अपने लिंग को खतरनाक शोर्ट देकर ठोकता चला गया, जैसे कि में उसकी कसी हुई फुद्दी पर कोई अपना पुराना गुस्सा निकाल रहा था, किन्तु कुछ भी कहो उसकी खतरनाक चुदाई करने में मुझे बड़ा मज़ा आया, क्योंकि उसने भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया. अब वो मेरे हर शोर्ट पर अपने कूल्हों को ऊपर उठाकर अपनी तरफ से शोर्ट देकर मेरा पूरा लिंग भीतर लेने का प्रयास करती और करीब बीस मिनट की उस उठा पटक के बाद मेरा अब झड़ने का वक्त आ गया और उस तेज धक्कों की खतरनाक चुदाई में हम बहन के लंड दोनों ही एक साथ झड़ गये।
फिर तब जाकर हमारा वो जोश अब ठंडा हुआ, किन्तु तब भी में उसको हल्के हल्के शोर्ट देता गया और अपने स्पर्म को उसकी कसी हुई फुद्दी की गहराईयों में पहुंचाता गया. फिर कुछ देर बाद जाकर मेरे लिंग को वास्तविक शांति मिली और वो आहिस्ता आहिस्ता छोटा होता हुआ अपने वास्तविक आकार में आ गया. यारों मैंने अब पहले उसकी कसी हुई फुद्दी की तरफ देखा वहां से हम बहन के लंड दोनों का एक सफेद कलर का तरल प्रदार्थ एक साथ मिलकर बाहर आकर उसकी गोरी जांघ पर से नीचे टपक रहा था और वो अपने दोनों टांगों को वैसे ही फैलाकर उसको बाहर निकालती रही और में उसके रसीले आम जैसे स्तनों को सहलाता रहा।
वो मेरी फुद्दी के बालों को भी ब्लेड से साफ करने लगा था Hindi Chudai Ki Kahani
दोस्तों कुछ भी कहो, किन्तु उसका वो पूरा बदन मुझे कहीं से भी कमजोर नहीं लगा उसने अपने शरीर के हर एक अंग को बहुत देखरेख करके अच्छी तरह सम्भाल रखा था, वो ऊपर से लेकर नीचे तक एकदम काम की देवी नजर आ रही थी और उसको मुझसे ज्यादा ही चुदाई का एक्सपीरियंस भी था और इस कारण से उसने ना तो ज्यादा चीखना चिल्लाना किया और कसी हुई फुद्दी चुदाई करवाते वक्त उसने मेरा पूरा पूरा साथ दिया. दो
स्तों बस यही तो एक सबसे बड़ा फायदा होता है किसी भी अनुभवी कसी हुई फुद्दी के साथ चुदाई करने पर मज़ा भी दुगना हो जाता है. फिर कुछ देर बाद हम बहन के लंड दोनों कुत्ते कमीनो ने अपने कपड़े पहन लिए और एक दफे फिर से एक दूसरे को कसकर बाहों में भरकर हमने चूमना प्रारम्भ करा और उसके बाद हम वापस ऊपर आ गये. फिर उसके बाद हम बहन के लंड दोनों अपनी अपनी जगह पर जाकर सो गए, हमारी उस नाईट की पहली खतरनाक और धमाकेदार चुदाई के बारे में किसी को भी पता नहीं था।
फिर अगले दिन मोर्निंग में करीब सात बजे उठ गया, मैंने फ्रेश होकर चाय नाश्ता करने के बाद अपनी गाड़ी को ठीक किया और उसके बाद में उसको बाय कहकर बड़ा प्रसन होता हुआ वापस अपने घर चला आया, किन्तु दोस्तों हमारा यह चुदाई का सिलसिला उसके बाद बहुत वक्त तक वैसे ही चलता रहा. अब हम बहन के लंड दोनों को जब कभी भी कोई अच्छा अवसर मिलता हम एक दूसरे के साथ चुदाई के मज़े लेने लगते, जिसमे हर बार वो मेरा पूरा पूरा साथ दिया करती थी ।. वो मेरी फुद्दी के बालों को भी ब्लेड से साफ करने लगा था Hindi Chudai Ki Kahani