Brother And Sister Sex Stories मामा के साथ चुदाई करते देखा बेवा अम्मी को Hindi Chudai Ki Kahani : मेरा नाम मलाज है. मैं आपको एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ. यह बात उस वक्त की है जब मैं करीब 10-12 साल का था मैं अधिकतर अपने मामा जी के साथ ही रहता था. मामा जी मुझे अपने साथ ही सुलाते थे. फिर मेरी गदराई अम्मी मुझे देर नाईट मामा जी के पास से लेकर अपने पास सुलाती थी. मैं अधिकतर महसूस करता था कि जब मेरी हॉट अम्मी मुझे लेने आती थी तो कभी कभार मैं जाग जाता था तो लगता था कि खटिया हिल रही है और मेरे मामा जी मेरी अम्मी के उप्पर लेटे हुए उप्पर निचे हो रहे हैं और मेरी गरम माँ आह…. आह… कर रही है. उस वक्त मैं बच्चा था तो मेरी समझ में कुछ भी नहीं आता था और कुछ देर बाद ही मेरी अम्मी मुझे लेकर अपने बिस्तर पर आ जाती थी.
खैर काफी दिनों तक उन भाई बहनों का ये चुदाई का गेम खेल ऐसे ही चलता रहा. मैं कभी कभार दिन में भी देखता था कि मामा जी चोरी छुप्पे अपनी बेवा बहन की ओर कुछ इशारा करते थे और फिर वो मामा जी के साथ भूसे वाले छप्पर में चली जाती थी और काफी देर बाद निकल कर आती थी. मैं कभी मेरी रांड अम्मी से पूछता कि आप वहाँ झोपड़ी में मामा जी के साथ क्या करने गए थे…??? तो मेरी अम्मी कहती थी- कुछ नहीं बेटा, तेरे मामा जी बैलों के लिये तूड़ी लेकर खेत में जा रहे हैं उन्हें तूड़ी बंधवाने गई थी. किन्तु आहिस्ता आहिस्ता मुझे उन पर कुछ शक हो रहा था कि आखिर मामा जी और मेरी अम्मी एक साथ करते क्या हैं.
Brother And Sister Sex Stories मामा के साथ चुदाई करते देखा बेवा अम्मी को Hindi Chudai Ki Kahani

दोस्तों जैसे जैसे दिन बीत रहे थे मैं भी समझदार हो रहा था और अब आहिस्ता आहिस्ता मुझे उन भाई बहन का ये सारा गन्दा गेम खेल समझ में आने लगा था मुझे पता लग चूका था की ये भाई बहन मेरी आँखों में धुल झोंककर चुदाई करते है. एक दिन मुझे कुछ देखने का हल्का सा अवसर मिला. मामा जी उन दिनों भैंसों के बाड़े में सोते थे, जब मैं एक नाईट को चुपके से अपने घर की छत पर जाकर मेरी अम्मी का इंतजार करने लगा कि कब मेरी अम्मी अपने भाई के पास जाती है. बाहर ठण्ड भी थी, फिर भी मैं वहीं पर बैठा रहा कि कब ये सेक्स के भूखे भाई बहन अपना चुदाई का गेम खेल शुरु करते हैं. और मेरी मेहनत कलर लाई, नाईट के करीब 10 बज रहे थे, मेरी अम्मी ने घर का दरवाजा खोला और उसे धीरे से बंद करके मामा जी जहाँ सो रहे थे उस बाड़े में चली गई.
भीतर काफी अंधेरा था और बाहर दरवाजे पर एक टाट का पर्दा लगा था इस वजह से मुझे भीतर कुछ भी नहीं दिख रहा था. मैं चुपके से छप्पर के पीछे के आले जहाँ गोबर के बने कण्डे से उन्हें बंद किया गया था ताकि भीतर सर्दी ना जाए, उनके पास गया तो केवल भीतर की खुसर फुसर की आवाज सुन रहा था. कभी मामा जी तो कभी मेरी बेवा अम्मी की हल्की-हल्की सिसकियाँ निकल रही थी. मैं किसी भी तरह अन्दर का नजारा देखना चाहता था किन्तु मुझे आज वो नसीब नहीं हुआ. किन्तु एक बात तो मेर दिमाग में घर कर गई कि मामा जी और मेरी अम्मी कुछ ऐसा वैसा करतें जरूर हैं. बस मेरे दिमाग में हमेशा उनका ही ख्याल रहने लगा.
मेरी मस्त कमसिन माल अम्मी और मेरे मामा की खतरनाक चुदाई की आगे की कहानी बताने से पहले मैं आपको अपने और मेरी फैमिली के बारे में बता देता हूँ कि मेरे परिवर में मामा जी, मेरी अम्मी, मैं एवं मेरी बुड्डी नानी हैं. मेरे अब्बू जी की डेथ मेरे जन्म के पांच साल बाद ही हो गयी थी . मेरी अम्मी भरी जवानी में ही बेवा हो गई थी. शराबी अब्बू की मौत के बाद कॉलोनी के सभी मर्द मेरी जवान और गरम माँ पर गन्दी नज़र रखने लगे थे. वो सभी मर्द मेरी बेवा माँ की खतरनाक चुदाई करना चाहते थे. जब मेरी नानी को इस बात का पता चला तो वो हम माँ मादरचोद बेटे को अपने साथ अपने घर ले गई और इस तरह मेरी परवरिश मेरी नानी के घर में होने लगी. पापा की डेथ के बाद से मैं और मेरी अम्मी नानी के साथ गाँव में रहने लगे थे. गांव में खेतीबाड़ी का काम है जो मामा जी संभालते हैं.
उन दिनों जब मैंने मेरी अम्मी को अपने भाई के साथ सेक्स करते हुए पकड़ा था मैं कक्षा 6 में पढ़ने पास के ही एक गाँव में जाता था. मामा जी की उम्र करीब 26 साल हो चुकी थी किन्तु शादी तब तक नहीं हुई थी. मेरी अम्मी दसवीं तक पढ़ी हैं, मामा जी एकदम अनपढ़ गंवार आदमी है. मेरी अम्मी गौरी पतली है, पतली कमर, गोरे-गोरे गाल, गोरा कलर ! मामा जी काले कलर के, चौड़ी छाती उस पर काले-काले घुंघराले बाल. बुड्डी नानी अधिकतर घर पर ही रहती थी. उस दिन के बाद तो मेरा मन पढ़ाई में थोड़ा सा भी नहीं लगता था, मन करता था कि हमेशा मेरी गदराई बेवा अम्मी के साथ ही रहूँ. मैं किसी भी तरह मेरे मामा और मेरी अम्मी की खतरनाक चुदाई का गेम खेल देखना चाहता था और हर संम्भव प्रयास कर रहा था कि उन भाई बहन की खतरनाक चुदाई देखूँ.

आखिर मैंने एक दिन विद्यालय ना जाकर उनकी खतरनाक चुदाई का गेम खेल देखने का फ़ैसला किया क्योंकि मैं जानता था कि मेरी अम्मी अपने भाई से कहने लगी -मामा जी का खाना लेकर खेत पर जाती हैं, अब तो सरसों भी बड़ी हो रही है इसलिये ये दोनों पक्का वहाँ खतरनाक धक्का पेल चुदाई करते होंगे, यही सोच कर मैं विद्यालय ना जाकर चुपके से खेत पर पहुँच गया जहाँ सरसों के खेत के बीच एक बड़ा भारी पेड़ है, उसके नीचे काफी दूर तक सरसों नहीं थी. मैं उस पर चढ़ कर बैठ गया. किन्तु में उस दिन मेरी गदराई अम्मी को मामा जी के लण्ड से चुदते हुए नहीं देख सका क्योंकि मेरे काफी इंतजार के बाद भी उन्होंने कुछ नहीं किया और मेरी अम्मी मामा जी के साथ सेक्स करे बिना घर वापस आ गई.
मैं आज फिर मेरी अम्मी को अपने सगे भाई से अपनी फुद्दी चुदाई करवाते देखे बिना निराश ही घर लौटने वाला था. इस तरह तीन-चार दिन बीत गये और उन्होने चुदाई नहीं करी. मैं सोच रहा था कि यह शायद मेरी गलत फहमी है की मेरे मामा जी अपनी ही सगी बहना की खतरनाक चुदाई करते है भला भाई बहन के रिश्ते में चुदाई कैसे संभव है. करीब चार दिन बाद मैंने मामा जी को मेरी अम्मी से कुछ कहते सुना, मेरी अम्मी कह रही थी- ठीक है, आज नाईट को मैं खेत पर ही आ रही हूँ. मेरे दिमाग में फिर से उन बहन भाई की खतरनाक चुदाई देखने का कीड़ा कुलबुलाने लगा.
शाम को मेरी बेवा अम्मी ने खाना बनाकर हमें खिलाया और बुड्डी नानी से बोलने लगी- माँ, आज नाईट को भाई का खाना खेत पर ही जायेगा क्योंकि नाईट को बिजली का नम्बर है. बुड्डी नानी बोली- ठीक है बेटी, तू खेत पर चली जाना और तेरे मादरचोद बेटे को मेरे पास ही छोड़ जाना, बच्चा खेत में इतनी दूर क्या करेगा. नाईट के अँधेरे में मेरी अम्मी अपने भाई का खाना लेकर खेत पर चली गई, इधर मैं भी वहाँ जाना चाहता था किन्तु बुड्डी दादी मुझे अकेले खेत में नहीं भेजती तो मैंने एक बहाना बनाया और कहा – दादी हमारी परीक्षा आने वाली है आप कहो तो मैं मेरे फ्रेंड के यहाँ पढ़ने चला जाऊँ? पहले तो बुड्डी दादी नहीं मानी किन्तु काफी मनुहार करने के बाद उन्होंने जाने की अनुमति दे दी.
मैं नाईट के अँधेरे में जल्दी-जल्दी अपने खेत की ओर चल दिया. मुझे अंधेरे रास्ते में डर भी लग रहा था पर मेरी गदराई बेवा अम्मी और मेरे मामा की खतरनाक चुदाई देखने की जिज्ञासा मुझे उधर खिंच रही थी. मैं जैसे तैसे करके हमारे ट्यूबवैल के पास पहुँच गया तो सोचने लगा कि शायद मेरी अम्मी मामा जी खेत में पानी मोड़ रहे होंगे. मैं जैसे ही खेत में लगी टयूबवैल के पास पहुँचा तो देखा कि मोटर तो बंद है और कोठरी भी भीतर से बंद है, कोठरी में अन्दर बल्ब जल रहा है. मैं धीरे-धीरे कोठरी के पास पहुँचा तो लगा कि मेरी सेक्सी अम्मी मामा जी के साथ भीतर झोंपड़ी में ही हैं. मैं भीतर देखना चाहता था कि वो भाई बहन दोनो क्या कर रहे हैं. यही सोचकर मैं टयूबवैल की तरफ एक छोटी सी खिड़की जहाँ से मोटर को देखते थे, उसके पास जाकर अन्दर देखा तो मेरा शक यकीन में बदल गया.

खेत में बनी झोपड़ी में मेरे बहनचोद मामा जी और मेरी गदराई बेवा अम्मी तख्त पर आपस में एक दूसरे से लिपटे पड़े हैं. कोठरी ज्यादा बड़ी नहीं थी, केवल 8X8 फीट की ही थी, उसमें एक छोटा तख्त डाल रखा था जिस पर मामा जी मेरी अम्मी लिपटे पड़े थे. मामा जी मेरी गदराई बेवा अम्मी के गालों पर अपना मुँह टिका कर चूम रहे थे. मेरी अम्मी ने भी मामा जी को कसके जकड़ रखा था. यह सब देख कर एक दफे तो दिल में आया कि इन दोनों को मार डालूँ किन्तु मैं तो यह सब कई दिनों से देखना चाहता था और आज वह अवसर मिल ही गया.
दोनों भाई बहन काफी देर तक इसी पोजीशन में पड़े रहे, फिर मामा जी ने मेरी गदराई अम्मी को छोड़ा और बोले- बहना, कितने दिनों से तुम्हारी बेवा फुद्दी की खतरनाक चुदाई करने और चूतड़ मारने को मन कर रहा है. मामा जी बोले जीजू की मौत के बाद तुमने कई दिनों से चुदाई के मजे नहीं लीये होंगे यह सोचकर में तुम्हारी ख़ुशी के खातिर तुम्हारे साथ सेक्स करने को तैयार हु यह सोचकर की मेरी बेवा बहन को जीजू की मौत के बाद लण्ड की कमी नहीं खाले एक तुम हो कि अपने भाई का जरा भी ख्याल नहीं रखती हो. मेरी अम्मी मेरे मामा जी से कहने लगी- भाई, मैं भी क्या करुँ, यह साला मासिक धर्म भी तो आ जाता है. मामा जी मेरी गरम माँ से बोले – बहना, अब जल्दी से कपड़े उतार डालो.
मेरी बेवा अम्मी तो जैसे मामा जी के कहने का ही इंतजार कर रही थी, झट उठी और एक एक कर सारे कपरे उतार कर एकदम न्यूड हो गई. मैं पहली बार मेरी गदराई अम्मी को नंगी देख रहा था मेरी बेवा माँ का क्या गजब बदन था मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता एकदम गोरी छाती पर गोलगोल संतरे जैसे बोबे, उनके मोटे मोटे ब्रेस्ट पर लाल कलर की निप्पल तो मैंने पहले भी कई बार देखी है और बचपन में उनमे से दूध भी चूसा है. किन्तु उससे नीचे का भाग पहली बार देख रहा था. बस मुझे इसी बात का अफ़सोस था की मेरे अब्बू अभी ठीक तरह से मेरी हॉट और गरम माँ के बदन के मजे भी नहीं ले पाए थे और भगवन ने उन्हें अपने पास बुला लिया.

जहाँ मेरे मामा मेरी अम्मी की खतरनाक चुदाई करने वाले थे वो कोठरी काफी छोटी होने की वजह से और उसमें 200 वाट का बल्ब जलने के कारण अन्दर काफी रोशनी ओर गर्मी थी. मामा जी ने मेरी गदराई अम्मी को पकड़ कर तख्त पर डाल लिया और मेरी बेवा अम्मी की चूचियाँ जोर जोर से मसलने लगे. एकदम ही मेरी गदराई बेवा अम्मी के मुँह से सिसकियाँ निकल गई- सीइइ अई इइइ क्या कर रहे हो भाई, जरा धीरे भींचो ना ! कितना दर्द कर रहे हो. मामा जी मेरी गरम माँ से बोले – अरे बहना, मेरी जान, आज कितने दिनों बाद अवसर मिला है तुम्हे पेलने का. मेरी अम्मी अपने भाई से कहने लगी – हाँ भाई, मैं भी तो तुम्हारे लण्ड की दिवानी कई सालों से हूँ.
मैंने मेरी गदराई अम्मी को पहली बार बिना कपड़ों के न्यूड देखा था, मेरी बेवा अम्मी की पतली कमर के नीचे गोरी गोरी जांघों के बीच में हल्के-हल्के काले झांट के बाल दिखाई दे रहे थे. जहाँ मेरे बहनचोद मामा जी का कोमल हाथ बार बार फिसल रहा था. मेरी अम्मी तो मस्त होती जा रही थी. फिर मामा जी उठे ओर अपने कपड़े उतारने लगे. जैसे ही मामा जी पुरे नंगे हुए मेरी तो आँखें फटी की फटी रह गई, मामा जी का क्या गजब लौड़ा था करीब 11 इंच लम्बा और करीब 4 इंच मोटा उसका कलर बिलकुल काला था पर वो अभी थोड़ा मुरझाया हुआ था. उसे मामा जी ने मेरी गदराई बेवा अम्मी के हाथ में पकड़ा दिया और मेरी अम्मी से बोले- बहना, लो तुम्हारे प्यारे भाई का हतियार इसे जरा लोड तो कर दो….

मेरी अम्मी अपने भाई अर्थात मेरे मामा जी के काले मोटे पेनिस को अपने हाथ में पकड़ कर हिलाने लगी. कुछ देर बाद मामा जी ने मेरी गदराई अम्मी को तख्त पर चित लिटा दिया और बोले- बहना, चलो चुदाई करते हैं, अब और सहन नहीं हो रहा है।मेरी अम्मी अपने भाई से कहने लगी – हाँ भाई, मैं भी तो कब से तडप रही हूँ इसे लेने को. तभी मामा जी नें मेरी गदराई अम्मी को चित लिटा कर दोनों टांगों को चौड़ा किया तो मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि उनके बीच काले बालों के बीच में एक लाल कलर की दरार है जिसे मैं अब स्पष्ट देख रहा था. तभी मामा जी ने अपने लण्ड का सुपारा मेरी बेवा अम्मी की फुद्दी के मुँह पर रगड़ा तो मेरी अम्मी गनगना उठी. मामा जी लगातार उसे रगड़ते रहे. कुछ समय बाद मेरी बेवा अम्मी की फुद्दी से चिपचिपा पानी दिखने लगा.
मेरी अम्मी अपने भाई से कहने लगी – हाय भाई, क्यों तडपा रहे हो, जल्दी से अपना लौड़ा मेरी फुद्दी के अन्दर डाल दो ना. मामा जी मेरी गरम माँ से बोले – ठीक है मेरी प्यारी बहन, अभी इसे तुम्हारे अन्दर करता हूँ. मुझे बिल्कुल विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरी अम्मी इतने विशाल लण्ड को अपने अन्दर ले जायेगी और अगर मामा जी ने जबरदस्ती भीतर डाल भी दिया तो क्या मेरी अम्मी इसे सम्भाल पायेगी.
तभी मामा जी ने मेरी बेवा अम्मी की गोरी गोरी न्यूड टाँगों को थोड़ा ऊपर करके अपने विशाल लण्ड का सुपारा मेरी अम्मी की फुद्दी के मुँह पर रखा तो मेरी अम्मी ने अपने दोनो हाथों से फुद्दी के कोमल होंठ फ़ैला दिये, अब मामा जी ने नीचे खड़े होकर मेरी गदराई बेवा अम्मी के फुद्दीड़ों को तख्त के किनारे पर रखा और अपनी कमर का दबाव बढ़ाया तो मेरे मामा का आधा लण्ड अन्दर मेरी अम्मी की फुद्दी में सरक गया और मेरी गदराई बेवा अम्मी के मुँह से एक मस्ती भरी सिसकियाँ निकली- सी ईइइ इइइ… उउउइइइ भाई थोड़ा प्यार और मोहब्बत से…!

तभी मामा जी ने दूसरे झटके में तो अपना पूरा का पूरा लौड़ा ही मेरी अम्मी की फुद्दी के भीतर अपना लोला घुसेड़ दिया. अब मेरे मामा की का पूरा लण्ड मेरी बेवा अम्मी की फुद्दी की गहराई में समा चुका था. इधर आहिस्ता आहिस्ता मेरे मामा ने झटके मारने शुरू करे और उधर मेरी गदराई बेवा अम्मी के मुँह से फिर से सिसकारियाँ निकलने लगी- आहह हहह… सीइइइ उइई ! मामा जी ने अब दोनों हाथों से मेरी बेवा अम्मी की कमर पकड़ी और लगे अपने तगड़े मोटे लंड को अन्दर बाहर करने !
पहले मामा जी अपने चुदास से भरे लौड़े को धीरे से बाहर खींचते फिर एक ही खतरनाक झटके में पूरा अन्दर मेरी अम्मी की फुद्दी की जड़ों तक घुसा देते और हर झटके के बाद मेरी अम्मी के मुँह से आह… निकल जाती. फिर मामा जी ने मेरी गदराई बेवा माँ को पेलने की स्पीड बढ़ाई और जल्दी जल्दी अपना काला मोटा लण्ड मेरी चुदासी माँ की फुद्दी के भीतर बाहर करने लगे. मेरी अम्मी फुद्दीड़ उचका-उचका कर हर झटके का स्वागत कर रही थी.
मेरी बेवा अम्मी रह रह कर हाय यय उईइ इइ सीइ मर गई रे ! भाईरर आह… आह… आनंद आरहा है पेलो और जोर से पेलो अपनी इस बेवा बहन की चूत के अंदर आह…. आह… और भीतर तक घुसाओ… आह… आह…मेरे रररेरे रा जा हाय ययय ! मामा जी भी मेरी बेवा चुदासी माँ की खतरनाक चुदाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे. लण्ड फुद्दी की फांकों तक आता, आकर एक ही झटके में भीतर चला जाता. एकदम मेरी गदराई बेवा अम्मी के मुँह से खतरनाक सिसकारियाँ निकलने लगी, मेरी अम्मी ने अपने दोनों पैर मामा जी की कमर पर लपेट लिये और मामा जी से लिपट कर सीइ इइ सीइइइ हायय उईइ करने लगी. मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि फुद्दी से फचाफच की आवाज निकलने लगी.

मामा जी के मोटे मोटे अण्डकोष मेरी बेवा अम्मी की गाण्ड पर टकरा रहे थे. फिर थोड़ी देर में ही मेरी अम्मी शांत हो गई, बोलने लगी- भाई मैं तो कई बार झड़ गई हूँ थोड़ा आराम से चोद लो में तुम्हारी बहन हु कोई रांड नहीं हु. किन्तु मामा जी कहा ँ माननें वाले थे, मामा जी ने एक दफे मेरी गदराई अम्मी को छोड़ा और उसको तख्त पर ही सीधा करके खुद भी मेरी न्यूड लेती हुई माँ के ऊपर ही आ गये. मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि मामा जी का तगड़ा लंण्ड मेरी बेवा अम्मी की फुद्दी का पानी पीकर तो ओर भी ज्यादा भंयकर लग रहा था वो अब पहले की तुलना में बहुत ज्यादा कठोर और मोटा भी लग रहा था.
मेरी अम्मी और मामा दोनों भाई बहन खतरनाक धक्का पेल चुदाई करते करते इतनी तेज सर्दी में भी पसीने से नहा रहे थे. फिर मामा जी मेरी गदराई बेवा अम्मी के ऊपर सवार होकर अपना तगड़ा लौड़ा पेलने लगे. अब मेरी गरम माँ की बेवा फुद्दी एक छल्ले की तरह मेरे मामा के लण्ड पर कस रही थी. मामा जी मेरी न्यूड माँ की दोनों टाँगों को अपने हाथों में लेकर शोर्ट मारने लगे. मामा जी से अपनी फुद्दी चुदाई करवाते हुए मेरी गदराई बेवा अम्मी के मुँह से फिर सिसकारियाँ निकलने लगी. मामा जी इसी तरह करीब आधा घंटा तक मेरी गरम माँ की बेवा फुद्दी में अपना तगड़ा लण्ड पेलते रहे.
मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा अब मामा जी ने अपनी गरम माल बहन को पेलने की स्पीड बहुत तेज कर ली है मै समझ गया की अब मेरे मामा जी भी झड़ने वाले हैं. तभी मेरे मामा जी मेरी अम्मी से बोले बहन मेरा चिपचिपा सफेद पानी छुटने वाला है चल अब अपने भाई के अंतिम झटके झेलने के लिये तैयार हो जा ये बोलकर मेरे मामा जी ने चुदाई की स्पीड तेज कर दी. चुदते चुदते मेरी अम्मी अपने भाई से कहने लगी- भाई, अपना माल भीतर मेरी फुद्दी में मत डालना प्लीज… में एक बेवा हूँ गर्भवती हो गयी तो बदनामी हो जायगी लोग बोलेंगे की देखो इस बेवा को पता नहीं कहा ँ किसके साथ अपना मुँह काला करवाकर आई है पता नहीं इस रांड के पेट में किसका बच्चा है! पर मेरे मामा जी ने मेरी अम्मी की एक नहीं सुनी और करीब आठ दस खतरनाक झटकों के बाद मेरी अम्मी की फुद्दी में अपने लण्ड की पिचकारी दे मारी और अपने लण्ड से निकला सारा स्पर्म मेरी अम्मी की फुद्दी में छोड़ दिया.

मेरी अम्मी घबराते हुए कहने लगी “हाय भाई यह क्या कर दिया अब में प्रेग्नेंट हो जाउंगी…? मैंने मना किया था ना स्पर्म मेरी फुद्दी के अन्दर डालने के लिये।” दोनों भाई बहन चुदाई करने के बाद बहुत बुरी तरह हांफ रहे थे जिसमें मेरी गरम बेवा अम्मी की तो हालात ही खराब हो रही थी. करीब दस मिनट बाद मामा जी मेरी गदराई बेवा अम्मी के ऊपर से उतरे तो मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि अब उनका विशाल लण्ड थोड़ा नरम हो गया था. मामा जी ने जैसे ही मेरी बेवा माँ की फुद्दी से अपना लौड़ा बाहर निकाला तो पूरा का पूरा एक तरल लिसलिसे पदार्थ से लथपथ हो रहा था.
मेरी हॉट बेवा अम्मी की फुद्दी मेरी तरफ होने से मैं स्पष्ट देख रहा था कि जो छेद थोड़ी देर पहले काफी छोटा दिख रहा था, वही अब काफी चौड़ा हो गया था, उसमें से सफेद कलर का पदार्थ रिस रहा था जो काफी गाढ़ा था. मामा जी मेरी गदराई बेवा अम्मी के बगल में ही निढाल होकर लेट गये. मामा जी सांड की तरह हाँफ रहे थे. मेरी अम्मी अपने भाई से कहने लगी – भाई तुमने ये क्या किया…? अपना पानी भीतर क्यों डाला? अगर मेरे बच्चा ठहर गया तो? मामा जी मेरी गरम माँ से बोले – बहना, क्या करता मुझसे तो रुका ही नहीं गया. तुम्हारी फुद्दी ही इतनी मजेदार है.
मेरी गदराई अम्मी अपने भाई से कहने लगी – देखो तुम्ही ने तो मेरे मना करने के बाद भी मेरे बेटे मलाज को पैदा कर दिया ये तो अच्छा हुआ उस वक्त मेरे स्मार्ट पति जिन्दा थे जो किसी को हम भाई बहन पर शक नहीं हुआ पर अब बात कुछ और है में एक बेवा हूँ तो अब अगर मै माँ बन गयी तो लोग मुझसे दस सवाल पूछेंगे की ये पाप किसके साथ करा कलमुहि बेवा होकर पेट में बच्चा लेकर घूम रही है… दोस्तों आज मुझे एक बहुत बड़ा राज पता चला था की मेरा बाप मेरे मामा है और ये राज जानते ही मेरे पैरो से जमीन किसक गई और मेरी आँखों से आंसू आने लगे. मामा जी मेरी गरम माँ से बोले – बहना, तुमने भी क्या गजब फुद्दी पाई है. मन तो चाहता है कि अपना लिंग इसी खांचे में फंसा कर नाईट दिन पडा रहूँ.

मेरी अम्मी अपने भाई से कहने लगी – मेरे राजा भैया, तुम्हारा लौड़ा भी तो कोई मामूली नहीं है. पता है ना जब तुमने पहली बार सरसों के खेत में मेरी खतरनाक चुदाई करी थी तो इस बेवा फुद्दी की क्या हालत बनाई थी? ऐसे ही बातें करते-करते मामा जी का काला लंड फिर से तन कर खम्बा बन गया और फिर से मामा जी मेरी गदराई बेवा की फुद्दी चुदाई करने के लिए माँ के ऊपर सवार हो गये. इसी तरह उस नाईट को मामा जी ने मेरी गदराई अम्मी को 4 बार और चोदा और एक दफे मेरी अम्मी को कुतिया बनाकर उनकी गांड भी मारी.
चुदाई का गन्दा गेम खेल ख़त्म करने के बाद दोनों भाई बहन नंगे ही एक दुसरे से चिपक कर खेत में बनी कोठरी में सो गए. दोस्तों आज मुझे अपने मामा जी की और मेरी अम्मी की खतरनाक चुदाई देखकर बहुत सुकून मिला था. अब मै पूरी तरह निश्चिंत था की पापा की मौत के बाद मेरे मामा जी अपनी बेवा बहन का पूरा खयाल रख रहे हैं. तो मेरे प्यारे भाई और बहनों आप सभी को ये हिंदी सेक्स कहा नियाँ ” Brother And Sister Sex Stories मामा के साथ चुदाई करते देखा बेवा अम्मी को Hindi Chudai Ki Kahani ” कैसी लगी मुझे ज़रूर बताना.