हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में औरतों को ठोक चोदकर संतान का सुख दिलवाना काम है मेरा : सलाम दोस्तों, मेरा नाम कुमार है और मैं 33 साल का साधारण सा लड़का हूं. मेरे चुदाई करने वाले डंडे का साइज़ साढ़े 6 इंच और मोटाई 3 इंच है. ये घटना साल 2010 की है. तब मैं एक कम्पटीशन एग्जाम देने अम्बाला से चेन्नई जा रहा था. मुझे बस से चेन्नई जाना था. जब अम्बाला कैंट बस अड्डे से मैं बस में बैठा तो नाईट के 11:30 बज रहे थे.
बस में बैठ कर मैं पेपर के बारे में सोच ही रहा था कि एकदम 33 साल की एक बहुत ही ब्यूटीफुल महिला मेरे पास आई और कहने लगी – क्या मैं आपके पास बैठ सकती हूं? मुझे भला क्या ऐतराज हो सकता था. मैंने कहा – जी जरूर बैठिए. दोस्तों, अंधे को क्या चाहिए दो आंखें. और ये मुझे उसके बैठने से मिल गई थीं. उसके चूचे 36 के रहे होंगे और उस साली रंडी छिनाल की गांड भी एक दम मस्त और मोटी थी. उसको देखते ही मेरे मुँह में पानी आ गया था. अब मैं अपनी आंखों से उसको पेलने (चक्षु चोदन) लगा था.
जैसे ही बस पीपली अड्डे के पास से गुजरी तो मुझे अपनी जांघ पर उसका कोमल हाथ घूमता हुआ महसूस हुआ. मैंने भी हिम्मत करके उसका दाईं चूची को दबा दिया. इस पर वो थोड़ा मुस्कुराई तो मेरी हिम्मत बढ़ गई. नाईट का वक्त था और बस की लाइट बन्द होने से भीतर अंधेरा था. ऐसे में हमें कोई परेशानी नहीं होने वाली थी.
औरतों को ठोक चोदकर संतान का सुख दिलवाना काम है मेरा
तभी उसका कोमल हाथ फिसलते हुए मेरे चुदाई करने वाले डंडे पर आ गया और फिर उसने चैन खोलकर लन्ड को बाहर निकल लिया. मेरा लन्ड अब तक तन कर रॉड सा हो गया था. फिर वो उसे हाथ में लेकर मुठ मारने लगी. उसके ऐसा करने से मैं तो जन्नत की सैर करने लगा था.
इसके बाद मैंने भी अपना बायां हाथ उसकी सलवार में डाल दिया और उसकी बिना बालों वाली फुद्दी को दबाने और सहलाने लगा. उसने करीब 20 मिनट मुठ मारा और फिर मेरा माल निकल कर मेरे कपड़ों पर ही गिर गया. इसके बाद मैंने बैग से कागज निकाला और अपने कपड़ों को साफ़ किया. अब तक उसकी फुद्दी ने भी पानी छोड़ दिया था.
फिर थोड़ी देर हम ऐसे ही बैठे रहे और एक – दूसरे के अंगों से छेड़छाड़ करते रहे. इसके बाद वो मुझसे कहने लगी – अगर आपको ज्यादा जरूरी काम न हो तो अगले स्टॉप पर उतर जाते हैं और होटल में एन्जॉय कर लेते हैं. फिर आगे चलेंगे.
उसकी यह बात सुन कर एक दफे तो मैं डर गया. मैं सोचने लगा कि पता नहीं ये कौन है, क्यों इतना जल्दी तैयार हो गई और उतरने पर पता नहीं क्या होगा? किन्तु दोस्तों, जैसा कि आप सब को पता ही है कि लण्ड के आगे किसी का जोर नहीं चलता. आखिर मैंने हां कर दिया और अगले बस स्टॉप पर उतर गए.
इसके बाद मैंने पास में ही होटल देखा और कमरा ले लिया. इस दरमियान हमारे बीच ज्यादा बात नहीं हुई. फिर हम रूम चले गए और मैंने खाना आर्डर किया. तब तक हम बहन के लंड दोनों फ्रेश होने लगे.
जैसे ही वो स्नानघर से बाहर आई मैंने उसको कस कर पकड़ लिया और किस करने लगा. अब हम बहन के लंड दोनों एक – दूसरे को पागलों की तरह चूम रहे थे. ऐसा लग रहा था कि वो काफी दिनों से प्यासी है. तभी बेल बजी और हम अलग हो गए. इसके बाद दरवाजा खोल कर बाहर देखा तो वेटर खाना लेकर आया था. इसके बाद हम बहन के लंड दोनों कुत्ते कमीनो ने मिलकर खाना खाया.
खाना खाते हुए मैंने उससे उसके बारे में पूछा तो वो कहने लगी – पहले आप अपने बारे में बताओ. तब मैंने कहा कि मैं चेन्नई एग्जाम देने जा रहा था लेकिन, आप इतनी ब्यूटीफुल हैं कि एग्जाम को भूल गया और यहां आ गया.
मेरी बात सुन कर वो मुस्कुराई और कहने लगी कि वो एक शिक्षिका है. फिर वो अपने बारे में बताने लगी और बताते हुए रोने लगी. तब मैंने उसे चुप कराया और रोने का कारण पूछा. फिर वो शांत हुई और कहने लगी – मेरी शादी को 6 साल हो गए किन्तु अभी तक कोई संतान नहीं है. उसने बताया कि फैमिली वाले सब उसे ही दोष देते हैं लेकिन, कमी उसके पति देव में है.
फिर वो थोड़ा रुक कर कहने लगी – वो मेरे आगे हाथ जोड़ते हैं और रोते हैं. वे कहते हैं कि उनकी कमी मैं किसी को न बताऊं. आज मोर्निंग ही हमारे बीच में तय हुआ कि मैं किसी अनजान व्यक्ति के साथ सम्बन्ध बनाऊं और प्रेग्नेंट हो जाऊं, जिससे हम बहन के लंड दोनों की इज्जत बच जायेगी. मेरे ऐसा करने में उन्हें कोई प्रॉब्लम नहीं है.
फिर उसने बताया कि मैं उसे पसंद आ गया और इसीलिए वह मेरे साथ आ गई. उसने कहा कि मैं 5 दिन के लिए घर से आई हूं. मेरे मर्द ने घर पे सब संभल लिया है. क्या तुम 5 दिन मेरे साथ रह सकते हो? इसके बदले में मैं तुमको 5 दिन के 10000 रूपये दूंगी.
उसकी कहानी सुन कर मैं द्रवित हो उठा और कहा – मुझे पैसे नहीं चाहिए किन्तु मैं तुम्हारे साथ 5 दिन रहूंगा और तुम्हें अपने बच्चे की मां बनाऊंगा.
दोस्तों, मुझे तो फुद्दी मारने की जल्दी थी बाकि बातें तो बाद में भी हो जाती. अब फिर से हम बहन के लंड दोनों एक – दूसरे के साथ गुत्थम – गुत्था हो गए. इसके बाद मैंने उसको पूरी न्यूड कर दिया. उसकी बिना बालों की फुद्दी देखकर मै पागल हो गया. इसके बाद मैंने उसकी टांगें उठाई और फुद्दी को चाटने लगा.
इससे वो पूरी मस्ती में आ गई थी और 6 मिनट में ही झड़ गई. अब उसकी बारी थी. फिर वो मेरे चुदाई करने वाले डंडे को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. क्या सुख था यार जन्नत की सैर हो रही थी! मुझे लगा कि मैं आने वाला हूं किन्तु मैं उसके मुँह में झड़ना नहीं चाहता था. इस कारण से लन्ड बाहर निकाल लिया.
इसके बाद मैंने उसको सीधा पलंग पर लिटा दिया और उसकी चूचियों को पीने लगा. वो एक दम उत्तेजित हो गई थी और ‘सी सी’ की आवाज़ कर रही थी. कुछ देर बाद वो बोलने लगी – जल्दी से चोद दो कुमार प्लीज… अब मुझसे रुका नहीं जाता.
मैं भी पूरे जोश में था. इसके बाद मैंने उसको पलंग पर लिटा दिया और उसकी टांगों के बीच में आकर उसकी फुद्दी पर लण्ड को ऊपर – नीचे घिसने लगा. इससे वो बहुत गरम हो गई थी और फिर कहने लगी – कुमार प्लीज, जल्दी डाल दो अंदर, चोद दो जल्दी से. आज फाड़ दो मेरी फुद्दी को और बना मुझे मां मुझे अपने बच्चे की.
उसकी यह बात सुन कर मैंने ज़ोर का एक धक्का लगाया और आधा लण्ड उसकी फुद्दी में उतर गया. मेरे इस शोर्ट से वो कसमसा उठी. उसकी फुद्दी बहुत गरम और कसावट वाली थी. उसकी फुद्दी की कसावट देख कर मुझे ऐसा लगा कि वह अपने पति से ज्यादा नहीं चुदी है.
फिर कुछ समय बाद मैंने एक धक्का और लगाया. मेरे इस शोर्ट के साथ मेरा लन्ड उसकी फुद्दी की जड़ तक घुस गया और उसके मुँह से ‘उई…आह….आह…आह…आह, ज़ोर ज़ोर से चोदो जानू, मुझे माँ बना दो आज, आह…आह…’
जैसे शब्द निकल रहे थे.उसके इन शब्दों को सुन कर मुझे और जोश आ रहा था. अब मैं उठ – उठकर शोर्ट लगा रहा था. करीब 15 मिनट की खतरनाक चुदाई के बाद हम एक साथ झड़ गए. मेरा पूरा माल उसकी फुद्दी में भर गया और उसने अपनी फुद्दी की पेशियों को सिकोड़ कर उसे बाहर नहीं आने दिया.
उस पूरी नाईट में हमने 4 बार चुदाई की. फिर हमने अगले 5 दिनों तक दिन – नाईट चुदाई की. 5 दिन बाद हमारा अलग होने का वक्त आ गया. तब मैंने उससे उसका पता पूछा किन्तु उसने मना कर दिया. हालांकि, फिर उसने मुझे अपना फ़ोन नम्बर दिया और कहने लगी जब तक जान है फ़ोन द्वारा आपसे जुड़ी रहूगी.
दोस्तों कुछ दिन बाद उसका फोन आया. वो प्रसन थी. उसने बताया कि वो प्रेग्नेंट है. वो और उसका पति बहुत प्रसन हैं. फिर एक दिन उसका फ़ोन आया और उसने अपनी किसी सहेली के बारे में बताया. उसकी भी प्रॉब्लम उसी के जैसी थी. मैंने उसकी भी सहायता की किन्तु उसकी शक्ल नहीं देख पाया क्योंकि वो जब कभी भी मिलती थी तो नाईट में ही मिलती और नकाब में होती थी.
उस दिन के बाद अभी तक मैं कई औरतों को ठोक चोदकर उनकी सहायता कर चुका हूं, जिसमे से 10 औरतों से मुझे करुणा ने मिलवाया. बाद में मैंने एक फ्रेंड को भी अपने साथ मिला लिया. वह लैब तकनीशियन है. अब हम जब कभी भी किसी महिला से मिलते है तो पहले उसका एचआईवी टेस्ट करते हैं और फिर उसकी फुद्दी चुदाई करके उस की सहायता करते हैं. आगे औरतों को ठोक चोदकर संतान का सुख दिलवाने के और भी बहुत किस्से हैं पर वो फिर कभी और बताऊंगा दोस्तों आप को मेरी यह पोस्ट “औरतों को ठोक चोदकर संतान का सुख दिलवाना काम है मेरा” पसंद आई हो तो निचे लाइक बटन पर ज़रूर क्लिक करना धन्यवाद….