अम्मी को पापा से चुदवाते देख भाई को अपनी अनचुदी फुद्दी दे डाली हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में : हेल्लो यारों आज मै आप को मेरी पहली खतरनाक और धमाकेदार चुदाई की दास्ताँ इस देसी हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में के माध्यम से सुनाने जा रही हूँ. मै उम्मीद करती हु की आप सभी को मेरी फुद्दी की सील फटवाने वाली ये हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में आप सभी को बहुत पसंद आयगी. पहले मै आप सभी को मेरे बारे में बता देती हूँ. दोस्तों मेरा नाम निहारिका है और मेरा बदन गोरा और और बहुत आकर्षित है जो कोई मुझे एक दफे देख ले मेरे नाम की मुठ मारे बिना नहीं रह पाए. मेरा एक भाई भी है और वो मुझसे 4 साल बड़ा है और उसका नाम चिराग है और वो हॉस्टल में रहता है और अभी कुछ दिनों के लिये घर आया हुआ था. यहाँ भी देंखे अम्मी पापा इतनी नाईट में करते क्या हैं-पापा किसी छोटे बच्चे की तरह अम्मी के रसीले आम जैसे स्तनों को चूस रहे थे जिससे चुस्स चुस्स की आवाज लगातार आ रही थी. अम्मी के हाथ पुनः पापा की पीठ पर चल रहे थे Hindi Sex Stories
जब भाई छूट्टीयो मे घर आया तो वो मुझसे आते ही गुस्सा हो गया क्यूंकी उसके जाने के बाद मैने उसका शयनकक्ष ले लिया था. पर पापा बोले, ‘चिराग जब तक तू यहा है तब तक निहारिका हमारे शयनकक्ष मे सो जाएगी.’ वो और मैं दोनो मान गये. जब उसे नाईट मैं पापा-अम्मी के शयनकक्ष मे सो रही थी तब नाईट को मुझे मेरी अम्मी की कसमसाहट की आवाज सुनाई दी और मैं जाग गयी पर सिर्फ़ थोडिसी आखें खोलके देखने लगी और जो नजारा था उसे देख मेरी नींद उड़न छु हो गयी. मेरे अब्बू और अम्मी दोनो ज़मीन पे बिल्कुल नंगे एक दुसरे से चिपक कर लेटे हुए थे.
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मेरे अब्बू अम्मी के दोनो दूध से भरे मोटे मोटे ब्रेस्ट को बरी बरी से अपने मुँह में भरकर चूस रहे थे. मैं ये देख के दंग हो गयी, फिर अम्मी ने पापा का लण्ड अपने हांथो में लिया और उनकी मुठ मरने लगी थोड़ी देर में ही मेरे अब्बू का लण्ड तन कर 12 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा हो गया दोस्तों अपने पापा का इतना बड़ा और मोटा लण्ड देख मैं तो घबरा गयी. मै कल्पना करने लगी यदि मेरे अब्बू का लण्ड मेरी फुद्दी में गुस गया तो मेरी फुद्दी के तो परखछे उड़ जायंगे.
दोस्तों मुझे अम्मी को पापा से चुदवाने देख बहुत जोश चढ़ गया था तो मै अपनी चड्डी के भीतर अपना हाथ घुसेड़ कर पानी फुद्दी में ऊँगली करने लगी. फिर पापा ने अपने 12 इंच लम्बे और 4 इंच मोटे पेनिस को मेरी अम्मी की फुद्दी पर रख के ज़ोर काशॉट दिया और मा कसमसा उठी, तब मैने भी मेरे अनचुदी फुद्दी के भीतर गीला पन महसूस किया और मुझे कुछ अजीबसा लगने लगा. मोर्निंग जब बातरूम जाके मैने मेरी चड्डी उतरी और उसे हाथ मे पकड़ा तो मुझे चिपचिपा लगा और उसे नाक से सूंघने पर एक वासना भारी अंगड़ाई आई. मेरी अम्मी को पापा से चुदवाने देख मैं तो जैसे बावरी हो गयी. उसे दिन पहली बार मैने खुद को पूरे कपड़े उतार के नंगा देखा और खुदके छोटे छोटे ब्रेस्ट को सबारा. हे क्या बतऊ मेरी हालत. उसके बाद मैने चार दिन मा और पिताजी का वो गेम खेल रोज नाईट को चुपके से देखा.
अब मैं 16 की हो गई थी और पूरी जवान लगने लगी थी. पर मुझे किसी लड़के ने अभी तक स्पर्श करा नही था. मेरा भाई भी अब 20 का हुआ था और स.य.ब्कॉम कर रहा था. मैने भी 10त पास कर लिया था और पिताजी ने मुझे भी भाई के साथ चेन्नई के उसीके कॉलेज मे 1२वी के लिए भेज दिया. भाई और मैं जब मुंबई पह्ोचे तब जोरो की बारिश चल रही थी और हम दोनो भीग गये थे. भाई तब एक चल मे रहता था जिसमे एक छोटसा शयनकक्ष किराए पे लिया था. यहाँ भी देंखे भाई की अपनी अनचुदी बहन के बदन को भोगने की लालसा गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में शयनकक्ष मे ही टॉयलेट और स्नानघर था पर बातरूम को दरवाजा नही था. भाई अकेला होने के वजह से उसे तकलीफ़ नही हुए पर अब मुझे वाहा नहाने को परेशानी होगी ये मैने कहा तो उसने कहा , ‘ जब तुम नहाने जाओगी तब मैं शयनकक्ष क बाहर चला जौंगा और तुम भीतर नहा लेना, फिर दरवाजा खोलना.’ मैं इस बात पे मान गयी.
अगले दिन हम कॉलेज पहुचे उसने मेरा दाखिला करा दिया और हम रोज़ साथ मे ही घर से कॉलेज जाते और साथ ही घर आते. आते आते कभी हम समान बाजार से ले आते और मैं घर मे ही खाना पकाती और भाई भी मुझे हेल्प करता था. इस दौरान ही मुझपे जवानी चढ़ने लगी थी. कॉलेज मे हमे बहुत लोग बाय्फ्रेंड-गर्लफ्रेंड ही समझते थे. मुझे भी वो अछा लगता था. जब कभी भाई मुझे खाना बनाने मे हेल्प करता तो उसका कोमल हाथ कभी कभी मेरे स्तानो को छू जाता और मेरे बदन मे एक ही सिरसिरी भर जाती, पर ये वो जानभुज के करता या अंजाने हो जाता ये उसे ही पता. ऐसे ही दो महीने बीत गये.
हमारे घर के पास ही एक मेला लगा, मैने भाई को कहा चलो मेला घूम आते है, भाई भी तैयार हुआ और हम शाम को मेला देखने चले गये. घूमते घूमते हम भाई के एक टीचर मिल गये, उन्हे लगा मैं भाई की वाइफ हू, और वो कुछ सुनने के पहेले ही कह गये, ‘जोड़ा खूब जज्ता है, कुश खबर जल्दीही देना.’ और्र मैं और भाई शरम के मारे पानी पानी हो गये. आयेज हम दोनो आकाश झूले मे बैठे, जैसे झूला उपर जाता मैं भाई को कस क पकड़ लेती थी क्यूंकी मुझे बहोट दर्र लगता है. तब मेरे स्तन भाई के खांडे को चिपक जाते, और जाँघ से जाँघ च्पक गई थी. मेरी आखे बंद थी और मेरे सलवार के उपर से मेरे स्तन दिख रहे थे, भाई उन्हे आखे फाड़ के देख रहा था (ये उसने मुझ बाद मे बताया) जब हम झूले से नीचे उतरे तो भाई मेरी तरफ अलग ही नज़र से देख रहा था.
घर जाते जाते बारिश ने हमे घेर लिया और मैं और भाई पूरी तरह भीग गये. मेरे सलवार सफेद थी और भीगने के कारण मेरी पैडेड ब्रा क्लियर नज़र आ रही थी जिसे भाई घूर रहा था. जैसे तैसे हम रूम पहुचे और दरवाजा बंद कर लिया. भाई जान नें कहा , “निहारिका तुम कपड़े बदल लो मैं बाहर खड़ा रहता हू.’ तो मैने कहा ,’भाय्या रहएने दो आप पीठ कर के खड़े हो जाओ, मैं जल्दी से कपड़े बदलती हू.’ वो मान गया. मैं कपड़े बदल रही थी, जैसे ही मैने मेरा सलवार उतरा मुझे चिराग की हल्की सिसकी सुनाई दी, मैं समझ गयी की वो मुझे देख रहा है.
यहाँ भी देंखे पापा कमाने मे और अम्मी चुदवाने मे व्यस्त इंडियन हिंदी सेक्स स्टोरी बॉलीवुड स्टार आलिया भट्ट की मेरे भी बदन मे एक लेहायर आ गयी और मानो एक सेकेंड मे मेले की बाते और मा-पापा का सेक्स मेरे आखो के सामने आ गया और मुझे नीचे गीला लगने लगा. बाद मे मैने उसके तरफ देखा और कपड़े बदले पर उसने नही देखा. कुछ समय बाद उसने उसके कपड़े बदले तब मैं चोरी से उसकी अंडर पंत को देखा तू वो एक तुंबो जैसे लग रही थी. मैं समाज गयी के भाई का लण्ड खड़ा हो गया है.
उस नाईट मैं रोज़ की तरह नीचे ज़मीन पे सो रही थी और भाई पलंग पे. वो पलंग पे पेट के बाल सॉयके सोने का नाटक कर रहा था और मेरे उभरो को देखे जेया रहा था. मैने भी उसे उतेज़ित करने के लिए पल्लू निकल दिया था, ताकि उसे मेरे स्तानो क बीच की खाई दिखे. उस नाईट मैं बहोट देर तक सोचती रही की ये सही है या ग़लत, वो मेरे मेरी विर्जिन फुद्दी की खुजली भाई को सोच सोच और ही बढ़ रही थी. वैसे भी वो मेरा सौतेला भाई था और उसके तरफ भी आग लगी थी, पर उसकी हिम्मत नही थी कुछ करने की. फिर मैने ही एक प्लान बनाया.वो ऐसा,
अगले दिन सुभह जब मैं नहाने निकली तो भाई बाहर जाने लगा, मैने कहा , ‘चिराग भाय्या, आप यही रूको, जब आप बाहर जाते हो तो बाजू के लोग, बाड़मे मुझे घूरते है.’ तो भाई रुक गया और पलंग पे पीठ कर के बैठ गया. मैने पल्लू का परदा किया और नहाने लगी. नहाते वक़्त मैं गाना गाने लगी, “सजना है मुझे, सजना के लिए…” तो भाई जान नें देखे और जल्दी से फिर मूड गया. मैने जानबूजके टवल पलंग पे ही रखा था.
नहाना होने के बाद मैने भाई को कहा की मुझे टावल देना, तब मैं स्टूल पे बैठ के दोनो पैर के बीच स्तन छुपाके बैठी थी. और मेरा कुर्ता गीला होने के वजह से मेरी पनटी और गीली भारी हुई जंघे दिख रही थी. मैने परदा हल्के से खिछा और टवल लेने के लिए थोड़ी उठी. उठाते ही मेरा लेफ्ट स्तन पूरा भाई को दिखा और उसके मुँह से सिसकियाँ निकले. यहाँ भी देंखे रक्षा बंधन के दिन बहन को चोदकर प्रेग्नेंट करा और उसका घर बसाया गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में मैने ऐसा बर्ताओ किया की ये अंजाने मे हुआ और बैठ गयी, बैठते ही उसे मेरी पनटी दिखी. और उसके पंत मे मुझे हलचल दिखी. मैं जान गयी की तीर निशाने पे लगा है.
उस दिन मैं सोचती रही के अब आगे क्या करना है और उस नाईट खाना खाने क बाद, मैने भाई से कहा “ तुम सो जाओ मैने सहेली से नोट्स लाए है जो मुझे कंप्लीट करने है.” तो वो सोने की तायारी करने लगा और मैं नीचे बैठ क नोट्स कंप्लीट करने लगी. वो फिरसे पलंग पे पेट क बाल लेट क सो रहा था. मैं नोट्स लिखते वक़्त थोड़ी झुक क लिख रही थी जिससे मेरी स्तानो क बीच की खाई उसे थोड़ी थोड़ी दिख रही थी. मैने सोचा क भाई को गरम करने का ये चान्स छोड़ना नही छाईए इस कारण से मैने गर्मी हो रही है ये दिखा क पल्लू निकल दिया और तोड़ा और झुक क लिखने लगी. उसकी थोड़ी सिसकी से मुझे पता चल गया की चिंगारी ने आग पकड़ ली है.

भाई भी सोने का नाटक कर रहा था और मुझे देख रहा था. ऐसे ही 20-25 मिनिट बीट गये. मैने तोड़ा सोचा और एक दफे भाई क तरफ देखा तो जल्दी से उसने आखे बंद की और जताया क वो सो रहा है. मैं जल्दी से उठी और मेरा कुर्ता उतार दिया. ये भाई जान नें कभी सोचा ही नही था क मैं ऐसा कुछ करूँगी. उसे तो जैसे 440वॉल्ट का करेंट ही लग गया. उसने उसकी उक्सुकता थोड़ी कम की और सोने का नाटक चालू रखा. पर यह मेरे मेरी विर्जिन फुद्दी से पानी बहना शुरू हो गया था. वो मेरे दोनो द्तानो को घूर रहा था, मैं भी उसका आनंद ले रही थी. और 10-15 मीं तक मैने कभी मेरे स्तानो पे का पसीना कभी कुर्ते से तो कभी टवल से पोछा जिसे भाई और उत्तेजित हो. मेरा तो बुरा हाल था, उत्तेजना के कारण मेरे दोनो स्तन कड़क हो गये थे और सीधे हो गये थे.
फिर मै उठकर मुतने के लिए बातरूम गयी, और दरवाजा भी नही लगाया ताकि मेरे भाई को मेरे हुस्न का दीदार हो जाए और उसके भीतर का जानवर जग उठे. फिर मै मेरी चड्डी निचे उतार नीचे बैठ कर मूतने लगी ताकि मेरी टट्टी से भरी चूतड़ का घेरा और छेड़ भाई को सॉफ साफ दिखाई दे. मेरे बदन के दर्शन पते ही मेरा भाई तो जैसे सातवे आसमान पर था. मैं ज़ोर देके मूतने लगी ताकि मेरे शूशु…………. की आवाज़ हो. उस नाईट के सन्नाटे मे वो आवाज़ कुछ असर कर गयी.
मैं सोने के लिए गयी तो बारिश शुरू हो गयी और जहा मैं सोती थी वही से पानी टपकने लगा. और मेरी रज़ाई और बेडशीट भीग गये. पानी की आवाज़ से भाई भी नींद से उठने का नाटक किया और कहा “ कोई बात नही निहारिका यहा आजओ उपर.कल छत ठीक कर लेंगे.” मूज़े जैसा चाहिए था वैसा ही हुआ और मैं जल्दी से पलंग पे लेट गयी. यहाँ भी देंखे इंडियन हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में – पापा का बिग ब्लैक कोक और मेरी अम्मी की नासमझयोनी भाई से तोड़ा अंतर ले क सोने लगी(वैसे अब हम दोनो सोने का नाटक कर रहे थे) मैने थोड़े देर बाद नींद मे हू ऐसा दिखाते भाई क पेट पर हाथ रख दिया और तोड़ा तोड़ा हाट उपर नीचे करने लगी. जिस से उसका लण्ड उत्तेजित हो गया और उसके पाजामे मे तंबू बनाने लगा.
मेरे बहन छोड़ भाई जान नें भी उसका कोमल हाथ मेरे छाती पर रख दिया और मेरे मोटे मोटे स्तानो पे फेरने लगा. अब आग पूरी लग गयी थी और बस मंज़िल थोड़ी ही दूर थी. तभी वो उठा और अपनी पाजामा और चड्डी निकल दी और पूरा नंगा हो गया. तब मेरा हाथ मेरे बहन चोद भाई की जाँघ को सहला रहा था. फिर मेरा भाई मेरी तरफ मुड़ा और मुड़ते ही उसका लण्ड मेरी हथेली मे आ गया. मैने भी उसे थोडा जोर से दबाया और अपने भाई के पेनिस को मुट्ठी में दबाकर मुठ मारने लगी और एक दफे बही को झडा डाला और उनका सारा का सारा स्पर्म अपने मुँह के भीतर घुसेड़ कर गटक गई और तभी मेरे भाई जान नें जल्दी से मेरे एक स्तन को ज़ोर से दबाया. बस अब हम दोनो क बीच की सब दीवारे टूट गयी और हम एक दूसरे को लिपट गये.
भाई जान नें मेरे लाल गुलाबी कोमल होंठो को चूमा. फिर भाई जान नें आहिस्ता आहिस्ता मेरे स्तन दबाए, मैने भी उसके पेनिस को आहिस्ता आहिस्ता आगे पीछे करना प्रारम्भ करा. भाई जान नें मेरा कुर्ता और सलवार उतार दिया अब मैं सिर्फ़ चड्डी मे थी . मैने भी भाई के कपड़े उतार डाले और उसकी बालो वाली छाती चूमने लगी. भाई मेरे स्तानो को मुँह मे लेके चूसने लगा, कभी एक कभी दूसरा. मेरे मुहसे सिसीकिया निकालने लगी, “हे… अफ… आ…और ज़ोर्से…” ये सुनके भाई और ज़ोर्से चूसने लगा. मैं भी उसका लण्ड हाथ से ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी, जिसके वजह से भाई भी सिसकिया निकालने लगा…
यहाँ भी देंखे ऑडियो फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में भाई के लम्बे और मोटे लण्ड से चुद गई Hindi Audio Sex Story अब मैने उल्टा होकर उसका लण्ड मुँह मे ले लिया और वो मेरी गोरी गोरी विर्जिन फुद्दी चाटने लगा… हम 69 के पोज़िशन मे थे और मुखमैथून का आनंद ले रहे थे, मेरी गोरी गोरी विर्जिन फुद्दी झड़ने लगी और भाई जान नें सारा पानी पी लिया. मैने भी उसका पानी झड़ने के बाद पी लिया… वा क्या स्वाद था उसका… हम दोनो का पानी चाड़ने के वजह से हम थोड़े सुस्त होगआय और एकदुसरे के बहो मे लिपट के लेते रहे.
कुछ समय बाद भाई का लण्ड फिरसे खड़ा होने लगा, जब उसने मुझे दिखाया तो मैं प्रसन हो गयी और उसे मुँह मे लेकर आहिस्ता आहिस्ता चूसने लगी वो मेरे स्तानो को दबाने लगा. भाई का लण्ड अब पूरे जोश मे आगेया था, और इस बार मैं उसे मुझमे समाने के लिए बेताब थी. मैं जल्दी से बिस्तर पे लेट गयी और भाई को चढ़ने को कहा . भाई जान नें भी पोज़िशन ली, और मेरे उपर आ गया, पर उसे मेरे मेरी विर्जिन फुद्दी का छेड़ मे डालते ही नही आ रहा था.
तो मैने मेरे कुल्हो के नीचे तकिया रखा और टांगे फैला दी, जिससे मेरा छेड़ तोड़ा खुल के दिखने लगा. भाई उस पे आया और एक ज़ोर से धक्का लगाया, जिस से उस साले चोदू के तंदुरुस्त और फौलादी लण्ड का सूपड़ा मेरी गोरी गोरी विर्जिन फुद्दी चीरता हुआ अंडर चला गया. मैं ज़ोर से चीलाई पर उतने मे भाई जान नें मेरे होंटो मे उसके होंटो को डालके चूमा. मुझे बहोट दर्द होने लगा और मैं रोने लगी, तो उसने उसका लण्ड बाहर निकल लिया. जब मैने अपनी विर्जिन फुद्दी को देखा तो उससे ब्लड निकालने लगा था, और ऐसा दर्द हो रहा था जैसे किसीने उसे फाड़ दिया हो…
यहाँ भी देंखे मौसेरी बहन की अनचुदी फुद्दी से ब्लड निकलने लगा चुदाई के दौरान गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में भाई जान नें मुझे समझाया मेरी प्यारी बहन आज तुम्हारी फुद्दी की सील फट गई है और आज तुम्हारा कोमार्ये भंग हुआ है… “निहारिका, ऐसा तो होता ही है. आज तू काली से फूल बन गयी है.” भाई के समझने से मुझमे तोड़ा जोश आया और मैं उसे कहने लगी, “चिराग मुझे बहो मे लेलो.” उसने जल्दी से मुझको लिपट लिया. अब भाई जान नें मुझे फिरसे लेता दिया और अपनी हाथ के उंगली को मेरी गोरी गोरी विर्जिन फुद्दी मे डाला और आयेज पीछे हिलाने लगे.
इससे मुझे फिर से उत्तेजना होने लगी और मैं तयार होने लगी, कुछ समय ऐसे करने के वजह से मेरे मेरी विर्जिन फुद्दी से पानी आने लगा और भाई जान नें उसे पी लिया और मेरी गोरी गोरी विर्जिन फुद्दी ज़बान से चटकार सॉफ करने लगा. अब मुझेसे रहा नही जा रहा था. सो मैं ने भाई को मेरे उपर आने का आमंत्रण दिया. वो जल्दी से उपर आया पर इस बार आहिस्ता आहिस्ता उसका लण्ड मेरी विर्जिन फुद्दी मे डालने लगा. दो-तीन झटको मे ही उसका आधा लण्ड मेरी गोरी गोरी विर्जिन फुद्दी मे चला गया. अब मेरा बहन चोद भाई आगे पीछे हिलने लगा और अपने एक हाथ से मेरा स्तन बहुत जोर जोर से दबाने लगा.
यहाँ भी देंखे इंडियन फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में – पापा अम्मी के साथ पीछे से सू सू घुसा कर कुछ कर रहे थे – मेरी प्यारी बेटी तेरे पापा के सू सू का नाम लण्ड है और तेरी सू सू को.. भाई से चुदवा कर अब मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा और मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी, “ भाई साहब आज फाड़ डालो अपनी गरम माल बहन की अनचुदी फुद्दी की सील को… इस साली मेरी विर्जिन फुद्दी को और जोर जोर से चोदो ये बहुत भूखी है लण्ड खाने की… भाई साहब… अपनी नासमझ मासूम छोटी बहन को आज चुदाई का सारा सुख दे दो… और जोर से डालो अपना लान अपनी गरम माल बहन की फुद्दी में… और… इश्स… अफ…” मेरे ऐसे कहेने से भाई भी जोश मे आगेया और ज़ोर्से झटके मरने लगा… 5मीं बाद मुझे लगा कर के मैं झड़ने वाली हूँ, मैं चिराग से कहने लगी “भाई मैं झड़ने वाली हू… तुम भी साथ मे ही झड़ो और मुझमे ही झड़ो, मैं तुम्हारा पूरा रस अपने मे समलेना चाहती हू…” मेरे बहन चोद भाई जान नें वैसा ही किया और हम साथ ही झडे और झड़ने के साथ ही मेरा भाई निढाल होकर नंगा ही मेरे बगल मे लेट गया. और हम दोनो को नींद आ गयी और हम नंगे ही सो गए.
सुबह जब मैं उठने लगी तो मुझसे उठे नही जा रहा था. बहोट प्रयास करने के बाद मैं खड़ी हुई पर जैसे बातरूम जाने के लिए पैर बढ़ाया तो दर्द के मारे लड़खड़ा गयी और नीचे बैठ गयी. मेरी पहेली चुदाई के कारण मेरी विर्जिन फुद्दी की सील फट चुकी थी और मेरी विर्जिन फुद्दी के भीतर बहुत तेज दर्द हो रहा था और इसके वजह से मैं चल नही सकती थी. मैं वही पलंग पे बैठ गयी. मेरे बहन चोद भाई जान नें कहा “निहारिका, तुम कुछ दिन घर मे ही आराम करो जब ठीक हो जाओ तब ही कॉलेज जाना.” ये कहा और मेरे पास आ के मुझे एक चूमा दे के अपने क्लास के लिए चला गया. दोस्तों आप सभी को मेरी हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में “अम्मी को पापा से चुदवाते देख भाई को अपनी अनचुदी फुद्दी दे डाली हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में” कैसी लगी हमें ईमेल करके ज़रूर बताना…