दबाव में आकर भाई साहब भाभी के साथ थ्रीसम सेक्स करा Hindi Sex Stories : आप सभी दोस्तों का मेरे भाई साहब गरम भाभी और मेरी थ्रीसम फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में में बहुत स्वागत है. दोस्तों मेरी यह थ्रीसम फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में कोई काल्पनिक कहानी नहीं है बल्कि मेरे जीवन की एक सच्ची घटना है जब मुझे दबाव में आकर भाई साहब भाभी के साथ थ्रीसम सेक्स करना पड़ा था किन्तु फिर बाद में मुझे इन सब में मजे आने लगे और में अपनी ख़ुशी से भाई साहब भाभी के साथ संभोग करने लगा. पहले में आप को मेरा मेरे भाई साहब और गरम भाभी का थोड़ा परिचय दे देता हूँ. मेरा नाम गिरीश सारस्वत है और में पंजाब का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 21 साल है. दोस्तों.. मुझे गदराई कहा नियाँ पढ़ना और लिखना बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता है. आज में जो थ्रीसम फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ वो मेरे और भाई साहब भाभी की है जो कि मेरे मामाजी के लड़के हैं.
यह थ्रीसम सेक्स की घटना आज से लगभग दो साल पहले की है. में अपनी गर्मी की छुट्टियों में अपने मामा जी के घर गया था. वहाँ पर मामाजी, मामी और भाई साहब, भाभी रहते है. मेरी गरम भाभी के हॉट बदन के बारे में क्या बताऊँ? में तो शुरू से ही उनके साथ सेक्स करना चाहता था उन्हें अपनी रांड बनाकर पेलना चाहता था.. क्या फिगर है मेरी जवान गरम भाभी का? एकदम सेक्सी, पतली कमर, गदराया हुआ बदन.. उनकी हाईट 5.7 इंच है और उनके बोबे बहुत मोटे मोटे है. गरम भाभी के बड़े बड़े ब्रेस्ट का साइज़ 36 है और मेरी गरम और गदराई भाभी की लाल चूतड़ थोड़ी बाहर की तरफ निकली हुई है. मेरी गरम भाभी की डबलरोटी जैसी गद्देदार गांड 34 इंच की होगी. दोस्तों मेरे भाभी के बदन में मुझे उनकी डबलरोटी जैसी गद्देदार गांड और उनके मोटे मोटे बोबे सबसे ज्यादा प्यारे लगते हैं. मेरी गरम भाभी को देखकर ही लगता है की वो अपने गरम शरीर की बहुत देख रेख करती थी.. मुझे भाभी का शरीर एकदम गदराई लगता था.
दबाव में आकर भाई साहब भाभी के साथ थ्रीसम सेक्स करा Hindi Sex Stories

दोस्तों अब में सीधे गरम भाभी व भाई साहब के साथ थ्रीसम सेक्स की घटना पर आता हूँ.. एक दिन में मेरी गरम भाभी के शयनकक्ष में बैठा टीवी देख रहा था और भाभी बाथरूम में नहा रही थी और मेरी मामीजी ऊपर वाले कमरे में बैठी थी. तभी टीवी देखते देखते मेरी नज़र भाभी की अलमारी से बाहर निकली हुई पैडेड ब्रा पर पड़ी जिसे देख मुझे सेक्स चढ़ गया और मेंने भाभी की अलमारी से उनकी पैडेड ब्रा निकली और सीधा ज़मीन पर लेटकर भाभी की ब्रा को चाटने लग गया और में उन्हें सूंघ रहा था सच में मुझे बाड़ा आनंद आया और करीब 10-15 मिनट तक में मदहोश होकर भाभी की पैडेड ब्रा चाटता रहा और मुझे यह भी पता नहीं चला की भाभी कब नहाकर अटैच्ड स्नानघर से बाहर आ गई और उन्होंने मुझे ऐसा करते हुए देख लिया.
मुझे अपनी पैडेड ब्रा के साथ गन्दी गन्दी हरकतें करते देख भाभी ज़ोर से चिल्लाई कि मेरी पैडेड ब्रा के साथ ये क्या कर रहे हो देवर जी आप? में बहुत डर गया और में एक पाँच मिनट तक कुछ नहीं कहा तो भाभी ने फिर से कहा कि कुछ बोलोगे या नहीं? में चुप रहा और फिर भाभी ने कहा की रूको में तुहारे भाई साहब को बताती हूँ की तुम मेरी पैडेड ब्रा के साथ क्या कर रहे थे. यह सुनकर मेरी चूतड़ फट गई और में दर के मारे रोने लग गया और मैंने भाभी के पैर पकड़ लिए. फिर उनसे सॉरी कहने लगा.. किन्तु भाभी मेरी एक भी नहीं सुन रही थी. मैंने भाभी के पैर नहीं छोड़े तो कुछ देर बाद भाभी ने कहा कि चलो देवर जीकोई बात नहीं में किसी को कुछ नहीं बताती.. किन्तु जो में कहूंगी वो तुम्हें करना होगा? मैंने एकदम से हाँ कर दी.

भाभी ने कहा कि देवर जी आपने मेरी पैडेड ब्रा के तो मजे ले लिये अब मेरी पेंटी के भी मजे ले लो फिर भाभी ने अपनी अलमारी से मुझे अपनी पेंटी निकालकर दी और कहने लगी देवर जी इसे भी बहुत अच्छी तरह से चाटो. तभी में मेरी गरम भाभी के मुहं की तरफ देखने लगा तो उन्होंने मुझे इशारा किया और कहा कि जो मैंने कहा वो जल्दी से करो. मैंने कहा कि ठीक है और में भीतर ही भीतर बहुत प्रसन हो रहा था.. क्योंकि में अपनी गरम और गरम भाभी का गुलाम बन रहा था और वो मेरी मालकिन. मैंने भाभी की पेंटी को भी बहुत अच्छी तरह से चाटा भाभी की पेंटी मेरे थूक से पूरी की पूरी गीली हो चुकी थी. फिर भाभी ने कहा कि देवर जी आब आप अपनी पेंट खोलो और अंडरवियर में जमीन पर लेट जाओ. तो में लेट गया और भाभी मेरे ऊपर खड़ी हो गई और मेरे खड़े पेनिस को अपने टांगों से मसलने लगी.
उस टाईम डर के मारे मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी और में सिर्फ़ आहाह्ह्ह अहाह्ह्ह कर रहा था. फिर भाभी ने मुझसे कहा की देवर जी अब आप खड़े हो कर मेरे गोरे गोरे पैर चाटो.. तो में अच्छी तरह से मेरी गरम भाभी के गदराई कामुक पैर चाटने लगा और अब मेरी हिम्मत भी थोड़ी थोड़ी बढ़ रही थी. मैंने डरते डरते भाभी से पूछा कि क्या में आपकी फुद्दी भी चाट सकता हूँ? उन्होंने मुझे गन्दी गन्दी गलियाँ देते हुए कहा कि साले कुत्ते कमीने क्या तू अपनी भाभी से ऐसे बात करेगा? तो मैंने फिर से सॉरी कहा .. तभी उन्होंने कहा कि आओ देवर जी में तुम्हे फुद्दी चटवाती हूँ.. तू अब नीचे लेट जा साले कमीने. तो में नीचे जमीन पर लेट गया.. भाभी ने अपनी चुड़ीदार सलवार और पेंटी को नीचे सरकाया.. वाह क्या नज़ारा था? गोरी मोटी मोटी जांघे और उन पर एक भी बाल नहीं था.

में तो जैसे जन्नत के नज़ारे निहार रहा था और मेरी गरम भाभी की फुद्दी पानी से गीली हो चुकी थी और भाभी की गुलाबी फुद्दी पर हल्के हल्के बाल थे. भाभी अभी मेरे सामने न्यूड खड़ी थी.. में भाभी से कहने लगा कि भाभी जी प्लीज़ मुझे आपकी फुद्दी टेस्ट करने दो.. तो उन्होंने कहा कि कुत्ते और भीख माँग में तुझे इतनी आसानी से अपनी फुद्दी चाटने नहीं दूंगी.. फिर में भाभी के आगे गीड गीडाने लगा और भाभी से फुद्दी चाटने देने की भीख माँगने लगा.. उनके पैर चाटने लगा तो भाभी ने कहा कि चल ठीक है और फिर भाभी सीधे मेरे मुहं पर आ कर बैठ गई और फुद्दी की जगह उन्होंने अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ मेरे मुहं पर रख दी.. मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था और में भाभी जी की गांड चाटने लग गया और भाभी आवाज़े निकालने लगी उफफफफफ्फ़ कुत्ते अच्छी तरह से चाट आहा हम्म अहहाा चाट और ज़ोर से चाट.. मैंने भी अपनी जबान उनकी गांड के छेद में डाल दी और ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा.. वो अब सातवें आसमान पर थी.
मेरी रांड भाभी मुझे बहुत गन्दी गन्दी गालियाँ दे रही थी और अपनी चुदने की प्यासी लाल गुलाबी चूत में तीन उंगली भीतर बाहर कर रही थी. 15 मिनट चाटने के बाद वो झड़ गई और अपना सारा पानी मेरे ऊपर गिरा दिया मैंने उनका सारा पानी पी लिया और फिर वो कहने लगी कि चल कुत्ते आज के लिए बहुत हुआ और आज नाईट को 11 बजे मेरे रूम में आ जाना. मैंने कहा कि नाईट को तो रूम पर भाई साहब भी मौजूद रहेंगे. उन्होंने कहा की तू टेंशन मत ले.. मैंने तुझसे जितना कहा है उतना कर. मैंने कहा कि ठीक है और भाभी की फुद्दी को चाट चाटकर अच्छी तरह से साफ करके बाहर आ गया. फिर में बड़ी बेसब्री से नाईट के होने का इंतज़ार कर रहा था और जैसे ही नाईट के 11 बजे में उनके रूम में गया और जैसे ही मैंने रूम का दरवाजा खटखटाया तो भीतर से भाभी की आवाज आई कि भीतर चले आओ.. दरवाजा खुला है.
मैंने शयनकक्ष का दरवाजा खोला और जैसे ही भीतर जाकर देखा तो भाभी पलंग पर न्यूड लेटी हुई थी और भाई साहब, भाभी की फुद्दी को कुत्ते की तरह अपनी जबान से चाट रहे थे. फिर में भाई साहब भाभी के शयनकक्ष से बाहर आने लगा.. तो भाभी ने कहा कि अबे कुत्ते कहा ँ चला? इधर आ जा तो में बहुत दंग रह गया और फिर भाई साहब मुझे देखकर हंस रहे थे और में उनके पास गया और भाई साहब, भाभी को देखने लगा. फिर भाभी कहने लगी कि कुत्ते क्या वहाँ पर खड़ा ही रहेगा या कुछ काम भी करेगा? तो मैंने कहा कि जी हाँ भाभी जी बोलिए.. तो उन्होंने कहा कि चल अब जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार और नंगा हो. में भाई साहब के कारण थोड़ा शरमा रहा था तो भाई साहब ने भी कहा कि चल कोई बात नहीं उतार दे और जैसा तेरी भाभी बोल रही है वैसा ही कर और देख आज तुझे कितने मज़े आते हैं.

में भाई साहब की यह बात सुनकर बहुत दंग रह गया और अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया और शयनकक्ष में एक साईड में जाकर खड़ा हो गया तो भाभी ने मेरा खड़ा लण्ड देखा.. लण्ड पूरा तनकर खड़ा था. भाभी ने भाई साहब से कहा कि देखो तुमसे बड़ा लण्ड तो मेरे देवर का है.. तो भाई साहब ने कहा कि देर किस बात की है ले लो अपने देवर का भी लण्ड और दिखा दो इसको भी अपने गदराई बदन के जलवे. में उनकी यह बात सुनकर हैरान रह गया और वो दोंनो ऐसे बोलते हुए हंसने लगे. फिर भाभी ने कहा कि ठीक है.. किन्तु इतनी जल्दी नहीं और उन्होंने मुझसे कहा कि देवर जी अपने भाई साहब की गांड को अपनी जबान से चाटो. मैंने भाभी से साफ मना कर दिया की में भाई साहब की गांड नहीं चाटूंगा तो भाभी ने सीधे मेरी टट्टी से भरी चूतड़ पर ज़ोर से एक लात मारी और मुझे गन्दी गन्दी माँ बहन की गलियाँ देने लगी. दोस्तों आज में भाई साहब और भाभी के सामने अपने आप को बिल्कुल मजबूर महसूस कर रहा था.
मैंने कहा कि ठीक है और फिर में दबाव में आकर अपने भाई साहब की गांड चाटने लगा फिर कुछ वक्त बाद मुझे भी भाई साहब की गांड चाटने में बहुत आनंद आने लगा. तभी भाभी ने मुझसे कहा कि देवर जी मुझे आप का लण्ड टेस्ट करना है.. तो हम 69 पोज़िशन में आ गये में मेरी गरम भाभी की फुद्दी चाट रहा था और भाभी मेरा पेनिस अपने मुँह में भरकर चूस रही थी और भाई साहब बीच बीच में कभी भाभी के रसीले चुचे चूस रहे थे तो कभी मेरे लिप्स को चूम रहे थे. जैसे ही मेरी गरम भाभी ने मेरा तगड़ा देसी लौड़ा अपने मुहं में डाला वाह वो क्या सुखद अहसास था.
मेरी गरम भाभी मेरा फौलादी लण्ड चूसते चूसते बिच बिच में अपने नुकीले दांतों से काट भी रही थी तो दर्द के मारे मेरी चीख निकल रही थी और फिर 5 मिनट के बाद में गरम भाभी के मुँह में ही झड़ गया और भाभी ने मेरा सारा गरमा गर्म स्पर्म पी लिया और फिर से मेरा फौलादी लण्ड मुहं में डालकर चूसने लगी जैसे ही लण्ड फिर से खड़ा हुआ उन्होंने कहा कि चल अब यह लण्ड मेरी फुद्दी में डाल. मैंने कहा कि ठीक है और मैंने एकशॉट मारा और अपना पूरा लण्ड भाभी की फुद्दी में डाल दिया. तभी भाभी बहुत ज़ोर से चिल्लाई और कहने लगी कि हरामी थोड़ा आराम से कर.. क्या मुझे मार ही देगा? तू रुक तुझे तो में अभी बताती हूँ और भाभी ने भाई साहब को कहा कि पति देव आप अपना लण्ड मेरे देवर के मुहं में घुसेड़ कर इसके मुँह की खतरनाक चुदाई करो और अपने भाई को ब्लोजॉब का आनंद दो. मैं भाई साहब का लण्ड अपने मुँह में भरकर उन्हें ब्लोजॉब देने से मन कर दिया.

मैंने अपना मुहं खोलने से मना कर दिया.. किन्तु भाभी और भाई साहब ने ज़बरदस्ती मेरे मुहं में लण्ड घुसा दिया और में दबाव में आकर भाई साहब का लण्ड चूसने लगा. भाभी मेरे फौलादी लौड़े पर सवार हो गयी और मेरे लण्ड की सवारी करने लगी. भाभी मेरे फौलादी लौड़े पर ऊपर नीचे उछल रही थी और भाई साहब ने मेरे बालों को पकड़कर पूरा लण्ड मेरे मुहं में भीतर तक डाल दिया.. जिससे मेरी साँसे रुक गई.. किन्तु कुछ टाईम बाद जाकर थोड़ा आराम हुआ और भाई साहब का लण्ड अभी में अच्छी तरह से चूस रहा था और उधर भाभी अपने गरम जीं के जलवे दिखा रही थी भाई साहब भाभी और में आज थ्रीसम सेक्स कर रहे थे. जैसे ही मेरा फौलादी लण्ड भीतर जाकर भाभी की फुद्दी की दीवार से टकराता तो भाभी पेनिस को भीतर ही जकड़ लेती.
आज में समझ गया था की मेरी भोली भली दिखने वाली भाभी वास्तव में बहुत बड़ी चुदक्कड़ रांड है.. भाभी मेरे फौलादी लौड़े से चुदवाते चुदवाते आवाज़े निकाल रही थी और मुझे गलियाँ भी दे रही थी. मैंने भाभी का ऐसा रूप पहली बार देखा था वो बोल रही थी और ज़ोर से चोद कुत्ते हरामी मदारचोद भोसड़ा बना दे मेरी फुद्दी का और में उन्हें फुल स्पीड से चोद रहा था. उधर भाई साहब ने 5 मिनट के बाद सारा स्पर्म मेरे मुहं में डाल दिया.. तो मुझे बहुत गंदा लगा. में जैसे ही थूकने लगा तो भाभी ने मुझे किस करना शुरू कर दिया और बड़े ही आराम से सारा स्पर्म मुझे पिला दिया.. किन्तु मुझे उस टाईम बहुत ही ज्यादा अच्छा लगा और फिर हम बहन के लंड दोनों कुत्ते कमीनो ने 5 मिनट तक किस किया और उधर मेरा भी स्पर्म निकलने वाला था और भाभी भी दो बार झड़ गई थी.
मैंने भाभी को पूछा कि स्पर्म कहा ँ गिराऊँ? तो उन्होंने कहा कि देवर जी आप अपना स्पर्म मेरी फुद्दी के भीतर ही डाल दो इसमें घबराना कैसा.. तो मेंने अपना सारा स्पर्म भाभी जी की फुद्दी के भीतर ही डाल दिया. भाई साहब हम भाभी देवर की खतरनाक चुदाई देखकर अपना लण्ड मसल रहे थे. फिर भाभी जैसे ही उठी तो कहने लगी कि चल अब मेरी फुद्दी चाट चाटकर साफ कर में भाभी की स्पर्म से संदी फुद्दी को अपनी जबान से चाटने लगा आज में पहली बार में किसी महिला की फुद्दी चाट रहा था बहुत मजे आ रहे थे. क्या फुद्दी थी भाभी की एकदम मस्त और में चाट ही रहा था की पीछे से भाई साहब ने अपना लण्ड मेरी टट्टी से भरी चूतड़ के छेद पर रख दिया और जैसे ही उनके लण्ड का टोपा मेरी टट्टी से भरी चूतड़ के छेद के भीतर गया तो दर्द के मारे मेरी चीख निकल गई.. तो भाभी ने मेरे मुहं पर हाथ रख दिया और जोर जोर से हंसने लगी.

भाई साहब से अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ मरवाते वक्त मुझे काफी तेज दर्द हो रहा था जिस कारण मेरी आँखो से आंसू भी निकल रहे थे में रोते रोते दबाव में आकर अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ मरवा रहा था. किन्तु वो दोंनो नहीं हटे और मेरी टट्टी से भरी चूतड़ मारते गये और कुछ टाईम बाद मेरी हवस से भरी भाभी मेरे नीचे आ गई और मेरा फौलादी लण्ड चूसने लगी और जैसे ही मेरा फौलादी लण्ड फिर से तनकर खड़ा हो गया तो भाभी ने फिर से उसे अपनी फुद्दी में डाल लिया और अब मुझमें थोड़ा सा भी जान नहीं थी. जो भी कर रही थी वो भाभी ही कर रही थी वो अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ को उठा उठाकर मेरी लुल्ली को अपनी फुद्दी में आगे पीछे करने लगी. उधर मेरे भाई साहब ने करीब 30 मिनट तक मेरी टट्टी से भरी गांड मारी और अपना सारा गरम गरम स्पर्म मेरी टट्टी से भरी गांड के अंदर छोड़ दिया और दूसरी तरफ मेरी गरम भाभी रांड अभी भी फुद्दी में लंड भीतर बाहर कर रही थी.
फिर कुछ देर बाद में भी झड़ गया.. किन्तु चुदाई खत्म होने के बाद भी भाभी ने मेरा तगड़ा देसी लौड़ा अपनी फुद्दी से बाहर नहीं निकलने दिया और उसे अपनी फुद्दी के भीतर ही रहने दिया. मेरा सारा स्पर्म भाभी की फुद्दी के भीतर चला गया और लण्ड आहिस्ता आहिस्ता सिकुड़ कर अपने आप ही बाहर निकलने लगा. तभी मेरे भाई साहब आकर भाभी की मखमली फुद्दी चाटने लगे और कुछ टाईम बाद गरम भाभी खड़ी हुई और मेरे मुहं पर गरम मूत कर दिया में मेरी ब्यूटीफुल भाभी का सारा गरम मूत पी गया दोस्तों अबकी बार मैंने दबाव में आकर नहीं बल्कि अपनी ख़ुशी से भाभी का गरम मूत पीया था. दोस्तों मेरी का गरम मूत बहुत नमकीन था आपने जीवन में आज पहली बार मैंने किसी महिला का गरम मूत पीया था सच में एक बहुत सुखद अहसास था.
फिर उस नाईट के बाद मैंने, भाई साहब और भाभी ने लगातार तीन चार दिन तक भयँकर थ्रीसम चुदाई करी. दिन के वक्त मुझे जब कभी भी अवसर मिलता तो में भाभी के कमरे में चला जाता था और भाभी के बोबे चूसता उनकी फुद्दी चाटता और फिर फुद्दी चुदाई करने के बाद भाभी की लाल चूतड़ भी मारता था. नाईट को भाई साहब भाभी और में एक साथ थ्रीसम खतरनाक धक्का पेल चुदाई करते थे. शुरू प्रारंभ में तो मुझे दबाव में आकर सेक्स करना पड़ा किन्तु फिर बादमे मुझे मजे आने लगे थे. में जब तक मामा और मामी के घर पर रहा रांड भाभी भाई साहब और मेरा थ्रीसम सेक्स यूँ ही चलता रहा. हरामी भाई साहब और रांड भाभी ने मुझे थ्रीसम सेक्स करना और अच्छी तरह से चूतड़ मरवाना सिखा दिया था.. मेरे भाई साहब और भाभी मेरे साथ थ्रीसम सेक्स करके बहुत प्रसन थे और में उनके साथ थ्रीसम सेक्स करके अपने आप को भाग्यशाली समझ रहा था.