चुदाई की प्यासी मकान मालकिन आंटी जी की फुद्दी पेलने के बाद चूतड़ भी मारी Free XXX Hindi Nonveg Sex Story For Adults 18+ Hindi Chudai Kahani 40 साल की महिला के साथ अवैध सेक्स संबंध बनाने की इंडियन गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में : दोस्तों मेरी यह Hindi XXX Sex Story उस दिन की है जब एक नाईट मुझे मेरे माकन मालिक के घर सोना पड़ा. उस नाईट को मेरे और माकन मालिक की सेक्सी बीवी के बिच कुछ ऐसा हुआ कि मैं तो वो हसीन रात कभी नहीं भूल पाया चलिए आगे फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में में पूरी घटना विस्तार से सुनाता हूँ आप लोग इस Indian Hindi XXX Sex Story को पढने के बाद मुठ ज़रूर मार लेना नहीं तो नाईट में सोते वक्त स्वपन दोष हो सकता है जिससे आप के बिस्तर और कपड़े स्पर्म में संदने की पूरी पूरी सम्भावना है.
मेरा नाम नरेंद्र है और मैं चेन्नई में जॉब करता हूँ. में अकेला एक किराये के मकान में रहता हूं. मैं बहुत ही सीधा सादा लड़का हूं. मेरे मकान मालिक मुझ पर बहुत भरोसा करते थे. जब मैं यहां रहने आया था तो 6 महीने के भीतर ही मैं उनके फैमिली के सदस्य जैसा हो गया था. मेरे मकान मालिक बहुत चुदाई बाज किस्म के इन्सान थे. उनका बहुत सी औरतों के साथ चक्कर चल रहा था. उनके बारे में उनकी सुहागन पत्नी को भी सब पता था. मगर वो कुछ बोलती नहीं थी क्योंकि वो प्यासी महिला अपनी ही दुनिया में मस्त रहती थी. एक दफे की बात है मेरे मकान मालिक अंकल को बाहर जाना था. वो पांच दिन के बाद आने वाले थे.
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जब मैं शाम को दफ्तर से घर लौटा तो मुझे उनके जाने के बारे में पता चला. उस वक्त घर में मकान मालिक, मकान मालकिन आंटी और उनकी बेटी ही थी. उनकी बेटी को मैं पढ़ने में सहायता किया करता था. अब अंकल के जाने के बाद वो मकान मालकिन आंटी घर में बेटी के साथ रह गयी. आगे बढ़ने से पहले मैं आपको आंटी के बारे में बता देता हूं. मेरे चुदाई बाज मकान मालिक की वाइफ देखने में बहुत गदराई है उसकी उम्र 40 साल की थी किन्तु वो 40 साल की गरम महिला देखने में 5-7 साल छोटी लगती थी क्योंकि उसने खुद की जवानी को बहुत अच्छी तरह संभाल कर रखा हुआ था. मेरी मकान मालकिन आंटी जी की गांड बहुत मोटी थी जो चलते हुए ऐसी लगती थी जैसे पूरी दुनिया ही हिल रही हो.
नाईट को मैं खाना खाकर टहलने के लिए गया तो आंटी और उनकी बेटी के लिए आते हुए आइसक्रीम ले आया. जब मैं अपने शयनकक्ष में जाने लगा तो आंटी बोलने लगी- यहीं पर सो जाओ. हम बहन के लंड दोनों यहां पर अकेली ही हैं तुम्हारे अंकल तो कुछ दिनों के लिए बाहर गए हुए हैं. मैं मना करने लगा किन्तु वो रोकने लगी. फिर मैं मान गया. फिर हमने काफी देर तक बातें कीं. उसके बाद मकान मालकिन आंटी जी की बेटी सोने के लिए अपने शयनकक्ष में चली गयी. मकान मालकिन वहीं मेरे पास बैठी रही और टीवी देखती रही. ऐसे ही देखते देखते वो लेट गयी और फिर उसको पता नहीं कब नींद आ गयी. मैं भी वहीं उसी सोफे पर बैठा हुआ था. वो मेरी ओर पैर करके लेटी हुई थी.
फिर मेरा टीवी देखकर मन भर गया और मैंने टीवी बंद कर दी. उसके बाद मैंने अपना मोबाइल निकाला और फोन में हिन्दी एडल्ट वेबसीरीज देखने लगा. उस इंडियन हिन्दी एडल्ट वेब सीरीज में चुदाई वाले गर्म सीन थे और इस कारण से मैंने हेडफोन लगा लिये. देखते देखते मेरा 9 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लण्ड खड़ा हो गया. मैं पेनिस को दबाने लगा और सीन का आनंद लेने लगा. पता नहीं कब मेरी मकान मालकिन आंटी जी की नींद खुल गई और उन्होंने मुझे मेरे काले मोटे पेनिस को दबाते हुए देख लिया. फिर मैं उठकर चला गया और स्नानघर में जाकर हेंडजॉब करने लगा. मैंने माल निकाल कर खुद को शांत किया.

जब मैं मुठ मारकर स्नानघर से बाहर आया तो देखा कि मेरी मकान मालकिन आंटी जी की साड़ी उसके घुटनों तक ऊपर उठी हुई थी और उनकी गदराई टांगे न्यूड उघड़ी हुई थीं. मैंने मुठ तो मार ली थी किन्तु मेरी मकान मालकिन आंटी जी की मोटी उभरी हुई चूतड़ देखकर मेरे मन में फिर से वासना उठ गयी. मैं उसके पास जाकर फिर से बैठ गया. मकान मालकिन आंटी जी की गांड को देखकर मेरा फौलादी लण्ड फिर से खड़ा होने लगा. उसकी मोटी बदबूदार चूतड़ और गोरे गोरे पैर देखकर मेरे काले मोटे लण्ड में फिर से तनाव आने लगा था. इसके बाद मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा तो उनकी साड़ी का पल्लू भी एक तरफ गिर गया था.
मुझे शक हुआ कि शायद ये ऐसा जानबूझकर कर रही है. मैंने धीरे से उसके गोरे गोरे टांगों पर हाथ फिराना शुरू कर दिया. वो कोई हलचल नहीं कर रही थी. मेरी भी हिम्मत बढ़ने लगी. फिर मैं हाथ को उस साली रंडी छिनाल की गांड पर ले गया. क्या चूतड़ थी उस 40 साल की महिला की यारो! जैसे दो बड़े बड़े पहाड़ थे. मैंने मकान मालकिन आंटी जी की डबलरोटी जैसी गद्देदार गांड को हल्के हाथ से दबाया. उसने अब भी कोई हरकत नहीं की. फिर मैं हाथ को उसके पेट से होकर उसकी छाती तक ले गया. मैंने उसकी चूचियों को छेड़ा तो तब भी वो चुपचाप लेटी रही. उसके चेहरे से लग रहा था कि वो जाग तो रही है किन्तु सोने का नाटक कर रही है. मैंने मकान मालकिन आंटी जी की चूचियों को हल्के से दबाया. इसके बाद मैंने थोड़ा जोर देकर दबाना शुरू कर दिया अब वो खुबसुरत महिला कसमसाने लगी.
फिर अगले ही पल उसने करवट ली और मेरे हाथ को अपनी दूध से भरी चूचियों पर ही दबाये हुए सीधी होकर पीठ के बल लेट गयी. अब उसकी जांघें मेरे सामने फैली थीं और उसने मेरे हाथ को अपने ब्रेस्ट पर दबा कर खुद ही अपने हाथ से प्रेस करना शुरू कर दिया था. मैं जान गया कि ये चुदना चाहती है. इसके बाद मैंने भी आगे कदम बढ़ाया और मकान मालकिन आंटी के बोबों को जोर जोर से दबाने लगा. आंटी के मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं. अब मैं आंटी के ऊपर आ लेटा और उसने अपने कोमल होंठ खोल दिये. हम बहन के लंड दोनों एक दूसरे को बांहों में लेकर किस करने लगे.

मैंने नीचे हाथ ले जाकर मकान मालकिन आंटी जी की साड़ी को उनकी कमर तक चढ़ा दिया. अब उसकी जांघें पूरी न्यूड थीं और मेरा हाथ उसकी पैंटी पर उसकी उभरी हुई फुद्दी को सहला रहा था. आह्ह … यारों, क्या बताऊं आपको मैं! ये बड़ी उम्र की औरतें बहुत गर्म होती हैं. उसकी फुद्दी की गर्मी मुझे मेरी हथेली पर साफ साफ फील हो रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे उसकी फुद्दी से भांप निकल रही हों. दोनों एक दूसरे में जैसे खोने लगे थे. हम बहन के लंड दोनों को कुछ होश नहीं रहा कि हम क्या कर रहे हैं. बस दोनों एक दूसरे को जैसे खाने में लगे थे. काफी देर तक चूमा चाटी होने के बाद वो उठ गयी. उठकर वो सीधी अपनी बेटी के शयनकक्ष की ओर गयी. वहां जाकर उसने भीतर देखा कि वो सो गयी है या नहीं.
फिर वो धीरे से उसके शयनकक्ष के दरवाजे को बाहर से बंद करके मेरे पास अपनी अधूरी प्यास भुजाने आ गयी. फिर वो मेरे पास आई और अपनी साड़ी खोलकर एक तरफ डाल दी. अगले ही पल उसने पेटीकोट खोला और उसको निकाल कर फेंक दिया. अब मेरी मकान मालकिन आंटी मेरे सामने ऊपर से ब्लाउज में और नीचे से पैंटी में थी. मकान मालकिन आंटी का ये रूप देखकर मेरा फौलादी लंड बम की तरह फटने को हो गया. मैं उसके सामने खड़ा हुआ अपने पेनिस को दबाने और सहलाने लगा. उसने मेरे काले मोटे लण्ड का तनाव देखा और मेरे घुटनों में आकर बैठ गयी. मेरी पैंट की चेन खोलकर उसने भीतर हाथ डाला और मेरे काले मोटे पेनिस को कच्छे के ऊपर से ही पकड़कर सहलाने लगी.
दोस्तों मुझपर सेक्स चढ़ चूका था जिस कारण मुझसे इंतजार नहीं हो रहा था तो मैंने अपनी पैंट ही खोल दी. उसके बाद अपनी चड्डी भी नीचे सरका दि. अब मेरा कामरस में भीगा लण्ड मेरी सेक्स की प्यासी मकान मालकिन के सामने लहरा रहा था. उसने उसको हाथ में लेकर नापा और उसकी गर्मी ली. फिर उसे सूंघा और एकदम से मुँह खोलकर उसके सुपारे को भीतर ले लिया. जैसे ही उसके गर्म मुँह में लण्ड भीतर गया तो मेरी आंखें स्वत: बंद हो गयीं. वो पूरे पेनिस को मुँह में लेकर मस्ती से चूसने लगी. ऐसा लग रहा था जैसे उसके लिये वो कोई खाने की चीज हो. मेरे हाथ उसके सिर पर पहुंच गये. मैं चूतड़ को आगे पीछे करके उसके मुँह को पेलने लगा और वो आराम से पेनिस को गले तक लेने लगी.

यारों किसी लड़की या महिला से लण्ड चुसवाना भी जन्नत की सैर करने जैसा होता है. खासकर तब जब एक सेक्स की प्यासी महिला उसको लॉलीपोप समझकर चूस रही हो. जिन प्यासी औरतों या भाभियों को लण्ड चूसने का शौक होता है वो तो सच में गजब का आनंद देती हैं. किसी 40 साल की प्यासी महिला से अपने पेनिस को चुस्वाने का मेरा ये पहला एक्सपीरियंस था और मैं बता नहीं सकता कि मुझे अपना लण्ड चुसवाने में कितना आनंद आ रहा था. लण्ड खाने की भूखी उस कुतिया रांड मकान मालकिन की लण्ड चुसाई के आगे मैं पांच मिनट से ज्यादा टिक नहीं पाया और मेरा गरम गरम माल उसके ब्यूटीफुल से मुँह में निकल गया. उस सेक्स की प्यासी मकान मालकिन ने स्पर्म की एक बूंद भी बाहर नहीं आने दी और सारा काम रस पी गयी.
लौड़े से स्पर्म निकलने के बाद मैं अब ढीला पड़ गया किन्तु उस सेक्स की प्यासी मकान मालकिन की फुद्दी में तो जैसे लण्ड खाने की आग लगी थी. मेरी गदराई मकान मालकिन अपने हाथ से ही फुद्दी को सहलाने में लगी हुई थी. मैंने सोचा कि इस सेक्स की प्यासी मकान मालकिन को भी चोदकर शांत करना होगा नहीं तो ये तड़पती रह जायगी. अब मैंने उसको फिर से सोफे पर चलने के लिये कहा . साड़ी खोलने के बाद मैंने उसका ब्लाउज और पैडेड ब्रा उतरवा दी और उसकी मोटी मोटी चूचियों से तजा दूध पीने लगा.

मैंने 40 साल की आंटी के बोबों से दूध पिते हुए उनके ब्रेस्ट के निप्पलों को अपने नुकीले दातों से काटने लगा और उसकी दूध से भरी मोटी मोटी चूचियों को जोर जोर से दबाने लगा वो गरम होकर जोर जोर से कराहने लगी थी. फिर मैं नीचे की ओर चला. उसकी फुद्दी को मैंने सूंघा तो उसकी फुद्दी से एक नशीली सी महक आ रही थी. मैंने मेरी गरम मकान मालकिन की फुद्दी पर जबान लगाई तो वो सिसिया गयी. दोस्तों मेरी सेक्स की प्यासी मकान मालकिन की फुद्दी से पानी निकल रहा था. अब मैंने उसकी गीली फुद्दी में उंगली डाली और एक दो बार भीतर बाहर की.
सेक्स की प्यासी मकान मालकिन की फुद्दी भीतर से बहुत गरम थी ऐसे लग रहा था मानो ये फुद्दी नहीं बल्कि कोई गरम भट्टी हो जिसमे बहुत तेज आग जल रही हो. उस सेक्स की प्यासी मकान मालकिन की फुद्दी में अब मैं लगातार अपनी उंगली भीतर बाहर चलाने लगा और अपनी उँगलियों से ही उसकी फुद्दी की खतरनाक चुदाई करने लगा. जब में उसकी गरम फुद्दी को मेरी उँगलियों से चोद रह था तो वो प्यासी महिला अपनी चूचियों को खुद ही अपने हाथों से जोर जोर से दबा रही थी और आह. उई… आह.. आह की आवाजे निकाल रही थी.

इसके बाद मैंने आंटी जी की गरम फुद्दी में जबान डाल दी और उसने अपने पैर मेरे सिर पर लपेट दिये. मैं तेज गति से उसकी फुद्दी में जबान को भीतर बाहर करने लगा. उसने इतनी जोर से टांगें कस दीं कि मेरी सांस ही रुक गयी किन्तु मैं किसी तरह लगा रहा. थोड़ी ही देर के बाद उसने मेरे सिर को अपने हाथों से फुद्दी पर दबाया और उसकी फुद्दी का झरना मेरे मुँह में छूट पड़ा. मैंने आंटी जी की फुद्दी का सारा रस पी लिया. अब वो फिर से मेरे ऊपर आ चढ़ी. उसने मुझे सोफे पर पटका और मेरे पूरे बदन को चाटने लगी. आहिस्ता आहिस्ता वो लण्ड तक पहुंची और एक दफे फिर से उसको मुँह में भर लिया. दो-चार मिनट में ही मेरा लौड़ा फिर से तन गया.
जब चुदाई की प्यासी मकान मालकिन आंटी ने देखा कि मेरी लुल्ली का तनाव उनकी फुद्दी को भेद सकता है तो उसने मेरी टांगें सीधी कीं और खुद मेरे ऊपर आकर अपनी टांगों को मेरे दोनों तरफ फैला लिया. उसने मेरी छाती पर अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ रखी और फुद्दी को मेरे मुँह पर सटा दिया. उसकी फुद्दी से काम रस की गंध आ रही थी जो मेरे भीतर एक अलग सा जोश भर रही थी. उसकी गीली फुद्दी को मैं मुँह देकर चाटने लगा. फिर जबान भीतर देकर फिराने लगा. वो अपनी चूचियों को दबाते हुए चूतड़ को आगे पीछे करने लगी और मैं मुँह से उसकी फुद्दी को पेलने लगा. बहुत आनंद आ रहा था. मेरा फौलादी लण्ड फिर से फटने को हो गया था. वो उठी और मेरे काले मोटे लण्ड के ऊपर आकर नीचे बैठने लगी.

चुदाई की प्यासी मकान मालकिन आंटी ने मेरे काले मोटे पेनिस को हाथ में पकड़ा और अपनी फुद्दी के छेद पर टिका कर बैठती चली गयी. मेरे काले मोटे पेनिस को उसने आहिस्ता आहिस्ता बैठते हुए अपनी फुद्दी में पूरा उतरवा लिया. जैसे जी मेरा फौलादी लण्ड आंटी जी की फुद्दी की गहराई में उतरा मैं स्वर्ग में पहुंच गया . फिर वो मेरे काले मोटे लण्ड पर कूदने लगी और मेरे लौड़े की सवारी करने लगी. मैंने उसकी गांड को थाम लिया और नीचे से शोर्ट देने लगा. अब हम बहन के लंड दोनों अपने अपने रिदम में आ गये. वो मेरे धक्कों के साथ अपनी लेट्रिंग से भरी गांड की ताल मिलाने लगी. मकान मालकिन की फुद्दी में मेरा फौलादी लण्ड फच फच की आवाज करता हुआ भीतर बाहर होने लगा. मैंने स्पीड तेज कर दी तो उसने भी कर दी.
कुछ देर तक अपनी चुदाई की प्यासी मकान मालकिन आंटी को कामसूत्र के इसी सेक्स पोज में पेलने के बाद मैंने उसको सोफे के हत्थे पर झुकाकर कुतिया बनाया और उसकी फुद्दी में पीछे से लण्ड पेल दिया. अब मैं उसके ऊपर झुककर उसकी चूचियों को दबाते हुए उसको पेलने लगा. यारों, फुद्दी पेलने में इतना आनंद भी मिलता है मुझे नहीं पता था. वो आंटी बहुत ही ज्यादा गर्म थी. मैं दस मिनट तक उसको ताबड़तोड़ चोदा चादी करता रहा और फिर आंटी जी की फुद्दी में ही झड़ गया. ऐसा लगा जैसे पूरा बदन हल्का हो गया. आंटी जी की फुद्दी मारकर मेरा पूरा बदन जैसे आनंदित हो गया था. कुछ देर तक मैं उसके ऊपर ही पड़ा रहा. फिर हम सोफे पर जाकर लेट गए. कुछ समय के बाद आंटी उठी और फिर स्नानघर में नहाने के लिये चली गयी क्योकि वो पूरी मेरे स्पर्म में संद चुकी थी.

पांच मिनट बाद वो स्नानघर से वापस आई और फिर मैं भी खुद को साफ करके आ गया. में और आंटी कुछ देर ऐसे ही बिना कपड़ों के नंगे ही लेटे रहे. मैंने आंटी से पूछा- आंटी जी क्या आप नींद में थीं या ये सब जानबूझकर किया? वो बोली- मेरा ऐसा कुछ प्लान नहीं था. मगर मेरी निगाहें तुम्हारे लण्ड पर पड़ गयी थी जब तुम उसको फोन में देखते हुए सहला रहे थे. फिर मेरा भी मन कर गया. उसके बाद जब तुम स्नानघर में जाकर पेनिस को हिला रहे थे तो मैं तुम्हें छुपकर देख रही थी. मैंने पूछा- तो आपने इससे पहले किसी पराये मर्द के साथ किया है? वो बोली- नहीं, मगर मैं अपने पति से बदला लेना चाहती थी.
मैंने मेरी गदराई मकान मालकिन आंटी से पूछा- कैसा बदला? वो बोली- मेरा पति रोज किसी न किसी को चोदकर आता है. मुझे चोदे हुए उसको साल भर हो गया था. मैं प्यासी थी और वो रोज मौज लेकर आता था. अब मैं फिर से उसको गर्म करने लगा. उसके शरीर की हर एक जगह पर किस करने लगा. वो फिर से गर्म होने लगी. मेरा फौलादी लंड भी तंग हो चुका था. मैंने मेरी सेक्स की प्यासी मकान मालकिन को नीचे लिटाया और अपना मोटा तगड़ा लण्ड धीरे से उसकी प्यासी फुद्दी में डाला और पेनिस को भीतर करके मैंने उसकी फुद्दी में शोर्ट देना प्रारम्भ करा.
कुछ ही पलों में मैंने जोर जोर से शॉट मारने शुरू कर दिये. वो प्यासी महिला भी मेरे लण्ड से अपनी फुद्दी चुदवाने के मजे लेने लगी लेकिन. फिर मेरी सेक्स की प्यासी मकान मालकिन अपने पति को गालियां देते हुए मुझसे चुदवाने लगी वो बोलने लगी आह्ह … उस भोसड़ी वाले को अब मैं बताऊंगी … आह्ह … वो अय्याशी रांड बाज रोज नई नई फुद्दी मारता है … अब मैं भी ऐसे ही रोज नए नए मर्दों के साथ अवैध सेक्स संबंध बनाया करुँगी और अय्याशी करा करुँगी. रोज अपनी भूखी चूतड़ और फुद्दी के खड्डे में नए-नए लण्ड लिया करूंगी … आह्ह … ओह्ह … और तेज गति से चोद नरेंद्र मेरी प्यासी फुद्दी को आई… आह… आह..… आह्ह … फाड़ डाल आज मेरी इस फुद्दी को.

चुदाई की प्यासी मकान मालकिन आंटी जी की गन्दी गन्दी गालियां सुनकर मैं भी जोश में आ गया और जोर से शॉट मारने लगा. पांच-सात मिनट के भीतर हम बहन के लंड दोनों फिर से एक साथ झड़ गये. फिर हम शांत हो गये. नाईट के 3 बज रहे थे. थोड़ा टाईम हमने आराम किया और फिर वो फ्रीज से दोनों के लिए एनर्जी ड्रिंक ले आयी. मैंने पूछा- ये आप कहा ं से लाती हो आंटी जी? वो बोली- मेरा अय्याश पति लाता है. वो पूरा बॉक्स लाकर रख देता है. फिर हम बहन के लंड दोनों कुत्ते कमीनो ने ड्रिंक पीया. वो बहन की लौड़ी अब चुद चुदाकर सोने की तैयारी करने लगी. मगर मेरा दिल अब गरम आंटी जी की गांड मारने का कर रहा था. मैंने फिर से मेरी गदराई मकान मालकिन को दबोच लिया. उसकी चूचियों को दबाते हुए उसे किस करने लगा.
मेरी मालकिन बोली- चोद तो लिया अब सोने दो अब … नींद आ रही है. मैं बोला – बस कुछ समय और … करने दो प्लीज आंटी जी. फिर वो भी ना चाहते हुए मेरा साथ देने लगी और मैं 40 साल की गरम आंटी के पूरे बदन को किस करने लगा. आहिस्ता आहिस्ता वो भी गर्म हो गयी और उसने अपनी फुद्दी मेरे मुँह पर लगा दी. अपनी गदराई मकान मालकिन की फुद्दी चाटते हुए मैं उसकी गांड को भी छेड़ने लगा. मैंने फिर उसके टट्टी करने वाले छेद जिसे चूतड़ बोलते है उसमे उंगली दे दी और फुद्दी को चाटता रहा. जब वो पूरी चुदासी हो गयी तो मैंने उन्हें घोड़ी बना दिया.

पहले मैंने उसकी फुद्दी में लण्ड डाला और कुछ समय फुद्दी पेलने के बाद फिर उसके टट्टी करने वाले छेद जिसे चूतड़ बोलते है उसमे पेनिस को रगड़ने लगा. आंटी कहने लगी क्या कर रहे हो ये… ? मैंने कहा आंटी जी आप की गांड में लंड डालना है और आप की गांड मारनी है. मेरी गदराई मकान मालकिन बोली- ठीक है, जल्दी करो जो करना है. बस चोदते रहो. मुझसे रुका नहीं जा रहा. इसके बाद मैंने लण्ड पर थूक लगाया और अपनी गदराई मकान मालकिन आंटी जी की डबलरोटी जैसी गद्देदार गांड के अंदर पेनिस को पेल दिया.
गांड में लण्ड घुसते ही मेरी मकान मालकिन को बहुत तेज दर्द हुआ तो उसने मुँह पर हाथ रख लिया और ना चाहते हुए मेरी ख़ुशी के लिये घोड़ी बन अपनी डबलरोटी जैसी गद्देदार गांड मरवाने लगी. आहिस्ता आहिस्ता मैंने मेरा पूरा लण्ड आंटी जी की डबलरोटी जैसी गद्देदार गांड के अंदर उतार दिया और उनकी गांड मारने लगा. कुछ समय में आंटी जी की डबलरोटी जैसी गद्देदार गांड का दर्द गायब हो गया और वो बहन की लौड़ी भी चूतड़ को हिलाने लगी और डबलरोटी जैसी गद्देदार गांड मरवाने का आनंद लेने लगी.

अपमी डबलरोटी जैसी गद्देदार गांड मरवाते मरवाते वो अब खुद ही अपनी फुद्दी में उंगली कर रही थी. दस मिनट तक मैंने मेरी मकान मालकिन आंटी जी की बदबूदार गांड मारी और फिर उसके टट्टी करने वाले छेद जिसे चूतड़ बोलते है उसमे ही झड़ गया वो तो पहले ही झड़ चुकी थी बस मेरी खुसी के लिये मेरे आगे घोड़ी बनी हुई थी. गांड की खतरनाक चुदाई ख़त्म करने के बाद हम नंगे ही दोबारा से बाथरूम में गये और एक दूसरे को साफ किया. स्नानघर से नहा धोकर आने के बाद हमने वापस अपने कपड़े पहने. दोस्तों अब हमारा गन्दा गेम खेल ख़त्म हो चूका था और डरने की कोई बात नहीं थी तो आंटी जाकर उसकी बेटी के बैडरूम का दरवाजा खोलकर आ गयी. उसके बाद मेरी गदराई मकान मालकिन ने मुझे गले से लगाया और किस करके अपने शयनकक्ष में सोने के लिए चली गयी.
दोस्तों उस दिन के बाद से हम आये दिन अवैध सेक्स संबंध बनाने लगे इसमें हम बहन के लंड दोनों को बहुत आनंद आता था और बहुत ख़ुशी भी होती थी. अब आये दिन हम बहन के लंड दोनों अवसर पाकर चुदाई का आनंद लेते रहते हैं. मेरे और मेरी माकन मालकिन आंटी के अवैध सेक्स संबंध पूरी तरह से गुप्त हैं इसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं है. यारों उम्मीद करता हु की मेरी गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में “चुदाई की प्यासी मकान मालकिन आंटी जी की फुद्दी पेलने के बाद चूतड़ भी मारी Free XXX Hindi Nonveg Sex Story For Adults 18+ Hindi Chudai Kahani” आपको पसंद आई होगी दोस्तों इस स्टोरी को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करना और उन्हें भी हेंडजॉब करने पर मजबूर कर देना. यारों मैंने मेरी मकान मालकिन के अलावा उसकी बेटी के साथ भी अवैध सेक्स संबंध बनाए थे यदि आप चाहते हो की में वो वाली गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में भी लिखूं तो आप निचे लाइक वाला बटन ज़रूर दबाना.