मुझ बेवा औरत को मादरचोद बेटे के लण्ड ने चोदकर शांति प्रदान करी हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में : हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कुमकुम है. मै एक बेवा महिला हूँ जिसकी फुद्दी चुदाई की आग आज भी भड़कती है , मेरी उम्र 37 साल है और मै पिछले 5 सालो से लण्ड के लिए तरस रही हूँ. मेरा राज दुलारा बेटा भावेश जो बाहर पढ़ता है, जिसकी उम्र 18 साल है. में बहुत ही ज्यादा सेक्सी, लंबी, गोरी, ब्यूटीफुल हूँ. एक दफे मेरा राज दुलारा बेटा भावेश मेरे घर गर्मीयों की छुट्टियों में रहने आया हुआ था, मेरा रजा बेटा दिखने में गदराई है, उसकी बॉडी अच्छी है।
जब कभी भी में उसे देखती थी तो पता नहीं क्यों मेरी फुद्दी में सरसराहट होती थी? में बहुत ही कामुक और चुदास एक रांड किस्म की महिला हूँ. में हर वक्त संभोग के लिए बेचैन रहती हूँ, किन्तु बेवा होने से कई साल तक मैंने चुदाई का आनंद नहीं लिया था और में हर वक्त अपनी फुद्दी चुदवाने के तरीके सोचती रहती हूँ।
में रोज नहाते वक्त हस्त मैथुन भी करती हूँ, किन्तु इससे भी मेरे बदन की भूख लगातार बढ़ ही रही थी. में जब कभी भी भावेश की छाती के बालों को देखती हूँ, तो में उत्तेजित हो जाती थी. एक दिन रात के 11 बज रहे थे, अब में और भावेश पास-पास के रूम में सो रहे थे, उसके रूम की खिड़की खुली हुई थी और भीतर नाईट बल्ब जल रहा था. अब मुझे नींद नहीं आ रही थी, में पूरी तरह से उत्तेजित थी और मेरी फुद्दी का कोना-कोना जल रहा था. तभी मैंने सोचा कि टॉयलेट के बाद मेरी फुद्दी की गर्मी कुछ शांत हो जाएगी, तो में टॉयलेट करने को उठी। आप ये कहानी अन्तर्वासना स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
मुझ बेवा औरत को मादरचोद बेटे के लण्ड ने चोदकर शांति प्रदान करी हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में
तभी मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि भावेश के रूम का नाईट बल्ब जल रहा है. फिर में टॉयलेट करके लौटकर आई तो मैंने सोचा कि क्यों ना भावेश को सोते हुए देखते हुए में उत्तेजित होकर हेंडजॉब कर लूँ? किन्तु जैसे ही मैंने भीतर देखा तो मेरी पूरी फुद्दी में सरसराहट दौड़ गई. अब मेरा राज दुलारा बेटा भावेश अपना मोटा लण्ड अपने हाथ में लिए सहला रहा था और उसे तेज़ी से झटके दे रहा था।
अब ये सब देखते ही मेरी फुद्दी सुलगने लगी थी तो में उसे लगातार देखती रही. फिर तभी मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि भावेश के हाथ में मेरी पेंटी थी, अब मेरा रजा बेटा उसे पागलों की तरह सूँघे जा रहा था, मेरे माँदरचोद मादरचोद बेटे ने मेरा रजा बेटा अलमारी में से निकाल ली होगी. अब मेरा रजा बेटा मेरी पेंटी को चाट रहा था मुझ बेवा महिला के लिये ये बहुत ख़ुशी की बात थी, फिर मुझसे संभोग की प्यास बर्दाश्त नहीं हो पाई तो मैंने धक्का देकर उसके रूम का दरवाजा खोल दिया और उसके रूम में घुस गई।
अब मुझे देखते ही भावेश ने अपने पेनिस को अपने हाथ में दबा लिया था. फिर में मुस्कुराते हुए कहने लगी कि ये क्या कर रहे हो बेटा? तो मेरा रजा बेटा कुछ नहीं बोला. फिर में उसके पास चली गई और उसके लम्बे मोटे लण्ड की तरफ देखती हुई कहने लगी कि उसे क्यों ऐसे छुपा रहे हो? बेटा मैंने तो सब देख लिया ही है. तो मेरा रजा बेटा कहा कि आप मेरी अम्मी है आप को ये सब शोभा नहीं देता, आप अपने बैडरूम में जाइए ना, ये सब ठीक नहीं है।
इसके बाद मैंने अपनी साड़ी को ऊपर करके उठा दिया, तो मेरा रजा बेटा कहा कि ये क्या कर रही है अम्मी? यहाँ से जाइए ना, किन्तु मेरा रजा बेटा मेरी और देख रहा था, इससे मुझे लगा कि मेरा रजा बेटा थोड़ा झिझक रहा है. इसके बाद मैंने अपनी चूंची को पूरी तरह से नंगा कर दिया और उससे कहा कि भावेश तुम्हें मेरी कसम, मेरी प्यास बुझा दो बेटा, में कब से आग में जल रही हूँ
फिर तब मेरे माँदरचोद मादरचोद बेटे ने हल्के से मेरी चूंची को सहलाया और रूम लॉक कर दिया. तब मैंने भावेश के पेनिस को पकड़ लिया और सहलाने लगी. फिर मेरे माँदरचोद मादरचोद बेटे ने मेरी साड़ी को उतार दिया और इसके बाद एक-एक करके मेरा ब्लाउज, पेटीकोट भी खोल दिया।
अब में ब्लेक पेंटी पहने थी, अब मेरी पेंटी पूरी गीली हो रही थी. फिर मेरे माँदरचोद मादरचोद बेटे ने मेरी पेंटी में अपना हाथ डाल दिया तो में सिसकने लगी और फिर मेरे माँदरचोद मादरचोद बेटे ने मेरी पेंटी नीचे सरकाकर मेरी फुद्दी को उजागर कर दिया और बहुत ध्यान से मेरी फुद्दी को देखने लगा. इसके बाद मैंने उसका कोमल हाथ पकड़कर अपनी फुद्दी पर रख लिया और कहा कि मेरी फुद्दी को चाटो भावेश. तो मेरा रजा बेटा कहा कि अम्मी अपनी टाँगे फैला लो, अब मेरी फुद्दी जमकर अपना पानी छोड़ रही थी।
अब 4 साल के बाद पहली बार मेरे लड़के ने मेरी फुद्दी को सहलाया था. फिर मेरा रजा बेटा मेरी फुद्दी को चूसने लगा तो में ज़ोर से कहने लगी कि चूसो मेरी फुद्दी को, चाट लो पूरा. अब मेरा राजा बेटा भी पूरा उत्तेजित हो गया था और तेज़ी से मेरी फुद्दी को चूसने लगा था।
अब मेरा भी मन उसका लण्ड चूसने का कर रहा था, तो जब मैंने उसका लंड चूसने का प्रयास की तो मेरा राजा बेटा आनाकानी करने लगा. किन्तु में नहीं मानी और अपने जवान रजा बेटे का नुकीला लण्ड अपने मुँह में डालकर मुख मैथुन करने लगी. अब में अपने मादरचोद बेटे के पेनिस को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थी।
अब उसकी महक मुझे पागल कर रही थी, फिर धीरे-धीरे भावेश अपनी कमर हिलाने लगा, तो में समझ गई कि अब उसका मन भी चुदाई के लिए मचल रहा है. तो मैंने उसी वक्त भावेश का लण्ड अपने मुँह से निकाल दिया और अपनी फुद्दी फैलाकर कहने लगी कि भावेश अब घुसा दो अपने पेनिस को अपनी प्यारी माँ की फुद्दी में, चोद लो जी भरकर अपनी प्यारी माँ की फुद्दी को, मेरी सालों की प्यास बुझा दो बेटा।
फिर भावेश ने मेरी फुद्दी की तरफ देखा और अपने पेनिस को आगे बढ़ाकर अपना लण्ड मेरी फुद्दी के मुहाने पर रख दिया और उसे भीतर धकेलने लगा, अब में तो जैसे स्वर्ग में थी।
इसके बाद मैंने उससे धक्का लगाने को कहा तो मेरे माँदरचोद मादरचोद बेटे ने धक्का मारा, तो उसका लण्ड मेरी फुद्दी के भीतर चला गया, तो उसी पल मैंने ज़ोर से सिसकियाँ ली. अब मेरा रजा बेटा बहुत प्रसन हो गया था और ये सोचकर कि मुझे आनंद आ गया, उसका लण्ड वैसे ही मोटा था इस कारण से मुझे दर्द ज्यादा ही महसूस हो रहा था, किन्तु थोड़ी ही देर में मेरा दर्द मज़े में बदल गया और मुझे अपने सगे मादरचोद बेटे के साथ चुदाई करने में बहुत आनंद की अनुभूति होने लगी. कुछ देर बाद हम बहन के लंड दोनों ठंडे हो गए और ऐसे ही नंगे एक दुसरे के उप्पर पड़े रहे अब मेरा राज दुलारा बेटा मेरे साथ ही रहता है और हम रोज रोज खतरनाक धक्का पेल चुदाई करते है अब मैंने उसे अपना पति मान लिया है और वो भी मुझ बेवा औरत को अपनी वाइफ का दर्जा दे चूका है… (मुझ बेवा औरत को मादरचोद बेटे के लण्ड ने चोदकर शांति प्रदान करी हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में)