पड़ोसन भाभी की प्यास और मेरे मजे Antarvasna Hindi Chudai Ki Kahani : हैलो दोस्तों , मैं राहुल चेन्नई से। आज फिर ले आया हूँ आपके लिए एक सच्ची चुदाई की कहानी मेरी इस देसी हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में के मुख्य किरदार मेरी खतरनाक चुदाई की प्यासी पड़ोसन और मैं हूँ. यारों मैंने उसके साथ संभोग करा था और आज में आपको वही फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में सुनाने जा रहा हूँ जिसने मुझे मेरी मकान मालकिन और उसकी अनचुदी बेटी की भी फुद्दी दिलवाने में हेल्प की थी .
जैसा कि आप लोग जानते हैं मैं पंजाब से चेन्नई पढ़ने आया था और शुरू प्रारंभ में एक किराये का फ्लैट लेकर रहता था। जहाँ की मकान मालकिन और बेटी को मैं रोज चोदता था, कभी कभी एक साथ और कभी अकेले अकेले। उनकी कहानी तो सुना चूका हूँ , आज सुनाता हूँ मेरी प्यासी पड़ोसन सुनीता भाभी की खतरनाक चुदाई की फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में। मैं चेन्नई आ तो गया था पर तीन चार दिन तक बहुत बोर हो रहा था। जब से लण्ड खड़ा होना शुरू हुआ है तब से फुद्दी मरने की लत लग गयी। और ऐसा पहली बार हो रहा था कि चार दिन से मैंने कोई लड़की नहीं ठोकी। मैं अपनी पंजाब वाली गर्लफ्रेंड और अपनी भाभी को वीडियो कॉल पर चोदता था और मुठ मरता था। पर ऐसा कब तक चलता , इस कारण से मैं चौथे दिन शाम में पार्क में चला गया और ढूंढने लगा कोई चुदकड़ माल।
पड़ोसन भाभी की प्यास और मेरे मजे Antarvasna Hindi Chudai Ki Kahani

मुझे तो शकल देख कर ही अंदाज़ा हो जाता है , कोन चुदकड़ है और कोन शरीफ। पार्क तो भरा पड़ा था हसीं चेहरों से , भाभियाँ , अंटियाँ, जवान लड़किया , जिधर देखो उधर हुस्न ही हुस्न की परियां। अब इनमे से किसे पटाऊ ये सोचने लगा। फिर घूमते घूमते मैं पार्क के पीछे चला गया जहाँ पर सब लोग योग कर रहे थे। वास्तविक आनंद तो वहाँ पर था। मैं वहाँ खड़ा होकर हुस्न ताड़ने लगा। कही कोई भाभी झुक कर अपनी चूचियां दिखा रही तो कही कोई लड़की अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़। पांच ही मिनट में मेरा हथियार भी मेरे साथ आ गया और वो भी अलग अलग चूचियां और गांड को देख कर जोश में आने लगा। मेरे हथियार ने मेरे पैजामे में ही उछलना शुरू कर दिया और तन कर खड़ा हो गया।
अब मुझे शर्म आने लगी क्यूंकि सात इंच का लण्ड अगर खड़ा है तो पैजामे में तो साफ़ साफ़ दिखता है। मुझे वहाँ रुके भी काफी देर हो गयी थी इस कारण से किसी के बोलने से पहले मैं वहाँ से जाने लगा। अभी पीछे मुड़ा ही था कि एक भाभी मुझसे टकरा गयी और मेरे ऊपर गिर गयी। वो शायद जॉगिंग कर रही थी। अब वो मेरे ऊपर थी और में उसके निचे। और निचे मेरा लण्ड उसकी फुद्दी को स्पर्श कर रहा था। उसकी चूचियां मेरी छाती से दबी हुयी थी और इस वजह से मेरे चुदाई करने वाले डंडे ने भी अब अपना पूरा जोश दिखाना शुरू कर दिया और उसकी फुद्दी को स्पर्श करने लगा।

मेरी पड़ोसन भाभी को भी पता लग गया और वो हंसने लगी और बोलने लगी साले पार्क में भी अपना लोला खड़ा कर के घूम रहा हैं। मैंने उस से कहा तुम जैसी हुस्न की परियां हैं यहां तो ये लोला तो खड़ा होगा ही। हम अभी उठे नहीं थे और उसने ऐसे ही कहा साले कितना बड़ा है तेरा। मैंने उस से कहा इतना कि भाभी आपकी फुद्दी में डालूंगा तो चूतड़ से बाहर आएगा। हम हंसने लगे और खड़े हो गए. अब तो मेरे चुदाई करने वाले डंडे ने तम्बू बना लिया और वो मेरे एकदम पास आ गयी और चुपके से लण्ड सेहला कर कहने लगी इसे लेने में तो आनंद आएगा और हंस कर चली गयी। जब वो ऊपर गिरी तो चूचियों का साइज तो पता लग गया ,लगभग ३८ था और अब पीछे से जाते हुए देखा तो चूतड़ का भी एक्सरे किया वो भी करीब ३६ होगी गोल गोल।
पड़ोसन भाभी की कमर को देख कर ही पता लग रहा था कि ३२ है। कुल मिला कर एक सेक्स हसींन चुदकड़ भाभी है ये। पर क्या फायदा तड़पा के चली गयी साली रांड, कोई जान पहचान भी नहीं हुयी और दोबारा मिलेगी भी या नहीं , चुदाई करने देगी या नहीं कुछ नहीं बताया। उसको देखने के बाद अब मेरा मन ही नहीं किया किसी और को भी देखु, शायद दिन ही खराब था। पर नहीं दिन बहुत ही ज्यादा अच्छा था भाईओ। अगली दोपहर को में कॉलेज से वापिस आया तो खाना खाकर मैंने अपने लण्ड की कसरत शुरू की। मेरे तीन इंच मोटे और सात इंच लम्बे लण्ड का राज़ यही है , मैं इसकी रोज सरसो के तेल से मालिश करता हूँ। उस दिन भी में वही कर रहा था और मेरे रूम की खिड़की हमेशा की तरह खुली हुयी थी।
एकदम से मेरी निगाहें सामने वाले फ्लैट पर गयी , वहा पर एक महिला मुझे ध्यान से देख रही थी। मैं बिलकुल नंगा था और मेरा लण्ड खड़ा था , मैं उसकी मालिश कर रहा था। जब मैंने उसे ध्यान से देखा तो वो वही कल वाली भाभी थी। उसने मुझे इशारा कर के कहा बहुत ही ज्यादा अच्छा लण्ड है तुम्हारा बहुत लम्बा और मोटा है। उसने अपनी फुद्दी पर हाथ रखा और इशारा किया उसे ये उसकी प्यासी फुद्दी में चाहिए। मुझे समझ में आ गया की मेरी पड़ोसन भाभी की फुद्दी मेरे लण्ड की प्यासी हैं पर मैंने अनजान बनने का नाटक किया और जिस लिए ये नाटक किया वही हुआ। वो गरम भाभी मुझे देख कर मुस्कुराने लगी औरअपनी फुद्दी पर हाथ फेरने लगी और मुझे इशारा किया लण्ड हिला अपना।

मैंने अब अपने लण्ड की मालिश करना बंद किया और मुठ मरना प्रारम्भ करा। जितना तेज मैं मुठ मरता उतनी ही तेज वो अपनी ऊँगली फुद्दी में भीतर बाहर करती। अब हम वो पीछे सोफे पर गयी और टाँगे उठा कर खुद को पेलने लगी। मैं खड़ा होकर ही लण्ड हिला रहा था। अब चाहे फुद्दी में हो या मुठ मेरा लण्ड एक घंटे से पहले हार नहीं मानता । वो तो झड़ के बैठ चुकी थी और मुझे देख रही थी। तीस पेंतीस मिनट बाद मेरे चुदाई करने वाले डंडे ने माल छोड़ा और वो ये देख कर हैरान हो गयी। पर साली इस बार फिर से बहुत अच्छे का इशारा किया और पर्दा लगा लिया। चलो अब इतना तो पता था कि ये मेरे सामने ही रहती है।
नेक्स्ट डे उसी टाइम मैं फिर से खिड़की पर आ गया और उसका इंतज़ार करने लगा। दस मिनट में ही भाभी आ गयी और हैलो का इशारा किया और पूछा आज का क्या प्लान है। मैंने इशारा किया आज मुझे तुझे ठोकना है ,मैं वहाँ आ जाऊ क्या ? उसने इशारा किया नहीं। मैंने सिर निचे कर के नाराज होने का बहाना किया। सिर उठा कर उसे देखा तो वो चली गयी थी। साला पुरे मूड की माँ चुदवा बैठी। पर बहुत देर तक नहीं , दस मिनट में ही डोर बैल बजी और मैंने दरवाजा खोला तो सामने वही भाभी।
दरवाजा खोलते ही मेरी पड़ोसन भाभी भीतर की तरफ भागी और मैं हैरानी से पीछे मुड़ कर उसे देखने लगा। वो कहने लगी दरवाजा बंद कर बहनचोद मुझे क्या देख रहा है। मैंने भी तुरंत दरवाजा बंद किया और इतने में वो सोफे पर बैठ चुकी थी। टेबल पर पैर रख लिए थे और बगल में रखी सिगरेट जला ली और किसी रांड की तरह उसे पीने लगी। मैं उसके पास आकर बैठ गया। उसने तुरंत ही कहा दारु भी या केवल सिगरेट पीता है साले। मैं तुरंत उठा और दो पेग बनाकर ले आया। मैं उसे कुछ बोल नहीं रहा था बस अपना पेग खींच रहा था। हम बहन के लंड दोनों का पेग खतम हुआ तो उसने सिगरेट मुझे दी पीने को।

मैंने सिगरेट पकड़ी और उस चुदाई की प्यासी पड़ोसन ने अपनी साडी का पल्लू गिरा दिया और उसकी स्लीवेल्स ब्लाउज में से उसकी चूचियों का दर्शन बहुत मजेदार था और इतना कामुक कि मैं सिगरेट भूल गया पीना और बस उसकी चूचियां निहारता रहा। वो सोफे पर छाती के बल लेट गयी और उसका मुँह मेरे चुदाई करने वाले डंडे के पास था। अब उसकी चूचियों की का दर्शन मुझे और खुल कर हो रहा था। उसने मेरी जांघो पर हाथ रखा और सहलाने लगी मैंने भी उसके कोमल होंठ को हाथो से मसल दिया उसके मुँह में ऊँगली डाल दी।
अब मेरी प्यासी पड़ोसन भाभी मेरी उंगलियां चूस रही थी और मैं सिगरेट पी रहा था। उसने एकदम से मेरी शॉट्स के निचे से भीतर हाथ डाला और लण्ड पकड़ लिया। मेरा सात इंची लण्ड हाथ में लेकर वो हैरान हो गयी और एकदम से मेरी शॉट्स खींच कर निचे कर दी और कहने लगी बाप रे बहनचोद इतना बड़ा। मैंने उसके बाल पकडे और कहा भाभी मुँह में लेकर देखो जायेगा कि या नहीं…? अंदाज़ा लगा लो आप की प्यासी फुद्दी मेरा लम्बा मोटा लण्ड सहन कर पाओगी या नहीं…?

वो हंसने लगी और कहने लगी साले यही लेने तो आयी हूँ और क्या माँ चुदवाने आयी हूँ अपनी। मैंने कहा तो क्या खुद को चुदवाने आयी है। वो कहने लगी साले बहुत बोल रहा है और इतना बोल कर मेरा लण्ड जोर से दबा दिया। मुझे दर्द हुआ और मैंने बोलो आअह्ह्ह क्या कर रही रांड। उसने बिना कुछ बोले लण्ड मुँह में डाल लिया और किसी धंधा करने वाली रांड की तरह चूसने लगी । मैं अपनी पड़ोसन भाभी की खतरनाक चुदाई करने के लिये गर्म होने लगा था तो इसके बाद मैंने अपनी कमीज उतार ली और झुक कर शॉट्स भी पूरी उतार कर फेक दी।
मुझे उसका सिर पकड़ कर दबाने की जरुरत नहीं पड़ी। पूरी चुदकड़ थी वो भाभी और खुद ही बड़े मजे से लण्ड चूस रही थी और लण्ड के आस पास भी जबान से चाट रही थी और मेरे लण्ड के निचे लटके टट्टे अर्थात मेरे अंड कोष तो ऐसे खा रही थी जैसे आम का रस चूस रही हो। मैंने उस गदराई भाभी की लाल चूतड़ सेहलानी शुरू की। पहले तो साडी के ऊपर से ही सहलाता रहा फिर आहिस्ता आहिस्ता उसकी साडी ऊपर उठाने लगा। साडी पूरी कमर पर इकठी कर के मैंने उस साली रंडी छिनाल की गांड पर जोर से थपड मारा और वो चीख पड़ी क्या कर रहा है माधरचोद। चूतड़ मारनी होती है न की गांड पे थपड। मैंने कहा रांड जो कर रही वो कर और उस साली रंडी छिनाल की गांड अब प्यार और मोहब्बत से दबाने और सहलाने लगा।

वो अभी भी मेरा लण्ड चूस रही थी , मैंने उसकी पेंटी निचे सरका दी और अब उस साली रंडी छिनाल की गांड दबाने लगा। वो गर्म होने लगी और अब तो उसने लण्ड को लॉलीपॉप या आइस क्रीम समझ कर चूसना शुरू कर दिया और मैं तड़पने लगा। मैंने उसके टट्टी करने वाले छेद जिसे चूतड़ बोलते है उसमे ऊँगली डाल दी और भीतर बाहर करने लगा। पंद्रह मिनट तक उसने अपना मुँह चुदवाया और फिर उठ कर तुरंत ब्लाउज खोला और अपनी तरबूज जैसे बड़ी बड़ी चूचियां मेरे मुँह पर रख दी।
मैंने भी हाथ से दोनों मोटी मोटी चूचियां पकड़ ली और एक को चूसने लगा। उसके निप्पल को जान बुझ कर बार बार काट रहा था। वो अभी भी घुटनो के बल बैठी थी और ऊपर से मेरा सिर अपनी छाती में दबा रही थी। मैंने उसकी चूचियों पर भी बहुत दांत काटे , पर उसे उस दर्द में बहुत आनंद आ रहा था वो वो और जोर से मेरा सिर दबाने लगती। दस मिनट मैंने ऐसे ही उसकी चूचियां चूसी और फिर उसे धक्का देकर लिटा दिया। अब मैंने फिर से उसकी साडी उठायी और पेंटी खींच कर उतार फेंकी।

अब उसने अपनी फुद्दी की प्यास मिटवाने के लिये खुद ही अपने दोनों पैर फैला लिए और मैंने अपना मुँह उसकी फुद्दी पर रख दिया। पहले तो मैं उसकी जांघो और कमर को चाटने लगा जिस से उसकी हवस और तड़पने लगी और उसकी सिसकियाँ खुल कर बाहर आने लगी। वो अपने हाथो से पानी चूचियां दबा रही थी और बोल रही थी तू केवल साला ही नहीं कुत्ता भी है। कुत्ते से अच्छा चाट लेता है तू तो साले। मैंने उसकी गालियों का उत्तर उसकी जांघ पर दांत काट कर दिया। वो चीख पड़ी साले माँ चोद दूंगी तेरी।
मैंने कहा रांड पहले खुद चुदवाने आयी है तो पहली अपनी ठुकवा बाद में मेरी अम्मी चोदना। इतना बोल कर मैंने उसे थोड़ा आगे खींचा और सीधे उसकी फुद्दी पर धावा बोल दिया. उसकी फुद्दी पर एक भी बाल नहीं और हलकी काली लाल कलर की फुद्दी जिसमे से मनमोहक खुसबू आ रही थी। मैंने फुद्दी चाटना शुरू ही किया था कि उसने अपनी टाँगे फोल्ड कर ली और मेरा सिर दबा दिया। अब मैंने भी उसकी फुद्दी हाथ से हलकी खोली और भीतर जबान घुसेड़ कर उसे पेलने लगा।
अब तो वो रांड बस आआह्ह्ह आआआअह्ह्ह्हह आआअह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह कमाल है साले तू क्या चाटता है यार आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह आआह्ह्ह। मेरे चाटने की वजह से वो झड़ गयी दस मिनट में ही। और इसके बाद मैंने हमेशा की तरह उसकी फुद्दी का रस चाट कर साफ़ कर दिया। अब मैंने उसे कहा न्यूड कर दूँ तुझे पूरी। वो कहने लगी साले पूछ के करेगा…??? कर न बहनचोद। मैंने उसकी साडी उतारनी शुरू करी और दो ही मिनट में वो बिलकुल न्यूड हो गयी।

उसने कहा बेड नहीं है क्या तेरे घर में। मैंने कहा है न मेरी जान , तो उसने उत्तर दिया तो साले उसपे क्या नहाता है। ले चल मुझे वहा औरअच्छे से चोद अपनी रांड समझ कर। मैंने उस गरम भाभी को अपनी गोद में उठा लिया और अब पहली बार उसके कोमल होंठो को चूमा और ऐसे ही उसके कोमल होंठ चूसते हुए उसे पलंग पर ले जाकर पटक दिया। मैंने उसके ऊपर चढ़ना चाहा पर उसने मुझे धक्का दिया और मेरे ऊपर चढ़ गयी और मेरे कोमल होंठो से अपने कोमल होंठ मिला कर चूसने लगी।
अब वो पूरी तरह पागल हो चुकी थी। अपनी फुद्दी मेरे चुदाई करने वाले डंडे पर रगड़ रही थी और मेरे कोमल होंठो को चूस रही थी। मैं उस साली रंडी छिनाल की गांड दबा रहा था। अब वो फिर से आहिस्ता आहिस्ता निचे जाने लगी और मेरी छाती चाटने लगी। मेरे निप्पल्स को चूसने लगी और कुछ ही देर में मेरा लण्ड फिर से उसके मुँह को पेलने लगा।
इस बार तो वो और भी पागलो जैसे लण्ड चूस रही थी और इस बार तो में भी बाल से पकड़ कर उसका मुँह चोद रहा था। सात इंची लण्ड उसके गले तक पहुँच रहा था और उसकी आवाज बिलकुल बंद हो गयी थी। पांच मिनट तक वो फिर से मेरा लण्ड चुस्ती रही और उसके बाद मेरे ऊपर बैठ गयी। थोड़ी सी चूतड़ उठा कर उसने मेरा लण्ड पकड़ा और फुद्दी पे निशान लगा लिया और एक झटके में लण्ड अपनीयोनी में घुसेड़ लिया।

झटके की वजह से मेरी भी चीख निकल गयी और वो भी मेरा लण्ड सेहन नहीं कर पायी और दर्द के मारे बहुत जोर से चीख पड़ी। मैंने कहा आराम से करती माधरचोद। वो कहने लगी आराम आराम से क्यों करू बच्ची हूँ में क्या। लाँड़ लाँड़ का पानी पी चुकी हूँ साले पर तेरे जितना मोटा लम्बा लण्ड आज पहली बार नसीब हुआ। साले ने मेरी चीख निकलवा दी। इतना बोल कर उसने मेरे हाथ उठाये और अपनी चूचियों पर रखे और लण्ड पर उछलना शुरू कर दिया।
मैं उसकी चूचियां दबाता रहा और वो आअह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह आआह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह बोलते बोलते मुझे चोदती रही। अब मैंने उस साली रंडी छिनाल की गांड पर हाथ लगाया और उसे उछलने में हेल्प की और उसने अपनी चूचियां अपने हाथ में ले ली और दबाने लगी। अब जितना जोर से उछलती उतना ही जोर से अपनी चूचियां दबाती। पंद्रह मिनट तक ये सिलसिला चलता रहा और वो एक दफे झड़ गयी। अब वो थक कर मेरे ऊपर लेट गयी पर मैंने उसे चिढ़ाया क्यों रांड हो गया बस। वो साली ये सुन कर फिर से जोश में उठी और सीधे कुतिया बन गयी। वो कहने लगी अब दिखा तू साले तुझमे कितना दम है। उस साली रंडी छिनाल की गांड का एक्सरे तो किया था पर मेरा अंदाज़ा गलत था । उस साली रंडी छिनाल की गांड लगभग चालीस की थी और अभी भी गालो जैसी ही चिकनी।

मैंने पहले उसकी गांड को चाटना प्रारम्भ करा और भाभी की लाल चूतड़ के छेद में भी जबान घुसेड़ कर उसे और गर्म किया। वो कहने लगी चूतड़ भी मार लेना साले पहले मेरी फुद्दी की प्यास तो बुझा। मैंने उस साली रंडी छिनाल की गांड थोड़ी ऊपर उठायी और एक झटके में लण्ड उसकी फुद्दी चीरता हुआ उसकी बच्चेदानी से टकराया। अब शुरू से ही मैंने घोड़े की तरह उसे चोदना प्रारम्भ करा और अब तो उसकी आवाजों में हवस और भर चुकी थी।
आअह्ह्ह आअह्ह्ह आआह्ह्ह आआह्ह्ह्ह चोद मेरे कुत्ते अपनी कुतिया को चोद साले जोर जोर से चोद आआह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह। वो पूरी तरह से झुक गयी और अपना मुँह पलंग पर रख लिया। मैंने उसके बाल से उसे खींच लिया और स्पीड और बढ़ा दी। दस मिनट बाद मैंने कहा अब लेट जा। वो मेरी तरफ चूतड़ कर के लेट गयी और मैंने उसकी एक टांग उठा कर पीछे से उसकी फुद्दी को फिर से चोदना प्रारम्भ करा। पांच मिनट तक उसे ऐसे ही चोदा चादी करता रहा और फिर वो झड़ गई।

मेरा अभी हुआ नहीं था पर मेरी पड़ोसन भाभी अब बिलकुल शांत हो चुकी थी। अब मैंने उसे सीधा कर के लिटा दिया और उसकी टाँगे उठा कर अपने कंधो पर फिट कर ली और अब इस सेक्स पोजीशन में उसे चोदा चादी करता रहा। वो आँखे बंद कर के बस आअह्ह्ह्ह आआअह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह आआह आआह्ह्ह आआह्ह्ह्ह करते चुदवाती रही। मेरा निकलने वाला था , मैंने पड़ोसन भाभी से कहा रांड कहा लेगी लण्ड का रस , फुद्दी में या मुँह में…??? वो कहने लगी तू मेरी प्यासी फुद्दी की प्यास बुझ साले में हमेशा आईपिल लेकर चलती हूँ पता नहीं कब कहा किस के लण्ड से चुदवाने का मन कर जाये।
मैंने भी मेरी पड़ोसन भाभी की दोनों टाँगे अब और ऊपर उठायी और उसकी फुद्दी की प्यास भुजाने के लिये चुदाई की स्पीड बढ़ा दी। पांच मिनट बाद मेरे चुदाई करने वाले डंडे ने सारा काम रस उसकी प्यासी फुद्दी में छोड़ दिया. मेरी पड़ोसन भाभी की फुद्दी में मेरा स्पर्म निकल जाने के बाद मेरी पड़ोसन भाभी की प्यास तो शायद भुज चुकी थी पर मुझे अभी तक शांति नहीं मिली थी तो मैंने मेरी पड़ोसन भाभी के मुँह में अपना लण्ड घुसेड़ कर उसका मुँह चोदना शुरू कर दिया।

मेरी पड़ोसन भाभी तो दर्द के मारे बेसुध होकर पड़ी थी मैं ही जबरदस्ती उसका मुँह खोल कर चोद रहा था। तीन चार मिनट बाद मैं शांत हुआ और उसके बगल में लेट गया। पांच मिनट बाद वो उठी और मेरे ऊपर चढ़ कर कहने लगी साले आज से पहले मैं लड़को को थका देती थी आज पहली बार मैं थकी हूँ चुदवा के। अब तो तेरा लण्ड मेरी फुद्दी की कमजोरी बन गया है।
मैंने कहा अच्छा , एक बात बता। मैं तुझे रांड बोलू भाभी बोलू या तेरा नाम भी है कोई। वो कहने लगी साले तू मुझे सुनीता रांड भाभी बोल। उसने मुझे पूछा तू भी गालिया ही सुनेगा या तेरा भी नाम है कुछ। मैंने नाम बताया तो वो कहने लगी ठीक है चोदू राहुल। हम हंसने लगे। मैंने उसे पूछा तो सुनीता रांड भाभी दुबारा कब चुदवायेगी। वो कहने लगी मुझे रोज लण्ड चाहिए होता है। मेरा पति नपुंसक है। वो दिन में काम पर होता है तो मैं दिन में बाहर लण्ड खाती हूँ। कॉलोनी में ऐसा कोई जवान मर्द नहीं जिसने मुझे चोदा न हो। पर आज से लण्ड ढूँढना बंद अब तो ये रांड तेरी। उसने मुझे अपना नंबर दिया और कहा कॉलेज से आकर मुझे फ़ोन कर देना अब रोज।
फिर क्या था , अब रोज सुनीता रांड भाभी दोपहर से शाम तक मेरे रूम में चुदवाती रहती थी। कॉलेज खतम होने तक उसने मुझे सात फुद्दी और दिलवाई। खुद ही मेरे चुदाई करने वाले डंडे के चर्चे कर के मुझे फेमस कर दिया. कैसी लगी दोस्तों मेरी और सुनीता देसी रांड भाभी की खतरनाक चुदाई की कहानी। कमेंट कर के बता दो फिर जाओ अपनी हवस शांत करो. दोस्तों आप सभी को मेरी और मेरी पड़ोसन भाभी की चुदाई की हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में “पड़ोसन भाभी की प्यास और मेरे मजे Antarvasna Hindi Chudai Ki Kahani” पसंद आई हो तो निचे लाइक बटन पर क्लिक कर देना नहीं तो तुम्हारी माँ को भूत चोदकर भाग जायगा…