पूरे कुनबे ने मुझे रांड की तरह चोदा XXX हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में : दोस्तों मेरा नाम ममता है और में एक बेवा रांड किसम की लड़की हूँ. मेरा एक बेटा है और वो मुंबई में पड़ता है और मैं घर पर अकेली रह गई. में एक रांड किस्म की लड़की हूँ मेरी प्यासी फुद्दी को तो चुदवाने का चस्का लग चुका था और में अपनी लेट्रिंग से भरी गांड के अंदर खुद ही डंडा कर के अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ मार कर उसे शांत कर लेती थी. एक दिन मेरे मादरचोद बेटे ने मुझे फ़ोन बताया था कि उसकी विद्यालय में कोई नई गर्ल-फ्रेंड भी बन गई थी और वो उसके साथ सेक्स करने लग गया है. अपने राज दुलारे बेटे की बात सुन मेरी भी फुद्दी में खुजली शुरू हो गयी. मेरी फुद्दी चुदाई की आज ने मुझे रांड बनाकर छोड़ दिया.
मेरी प्यासी फुद्दी तड़प रही थी, मेरी भूखी प्यासी फुद्दी को 5 महीने से कोई लण्ड नहीं नसीब हुआ था. जब कभी भी मैं घर के बाहर निकलती तो जवान लड़कों को देख कर मेरी चुदवाने की चाहत और बढ़ जाती और मेरी फुद्दी में जोर जोर की खुजली होती और मुझे हस्तमैथून करके अपनी फुद्दी की खुजली शांत करनी पड़ती थी।
तभी एक दिन, जो मेरा पड़ोस का घर खाली पड़ा था, उसमें एक शर्मा जी अपने फैमिली के साथ रहने आए. उनके 2 लड़के थे, बड़ा लड़का साइंस कॉलेज में सेकेण्ड-ईयर में था और छोटा वाला बारहवीं कक्षा में पढ़ता था। मेरा उनके फैमिली से परिचय हो गया और उनकी माँ जिनका नाम कोमल था, उसके साथ अच्छी फ्रेंडी भी हो गई. कोमल के पति शर्मा जी थोड़े शर्मीले थे और वो मुझसे बहुत कम ही कहा करते थे।
क्योंकि मैं अकेली रहती थी और बेवा थी, तो कोमल को लगता था कि मुझे कभी भी कुछ सहायता की ज़रूरत पड़ सकती है, तो वो जब कभी भी बाज़ार जाती तो मुझे से पूछ लेती कि मुझे बाज़ार से कुछ मंगाना तो नहीं. उसको शायद मेरे अकेलेपन पर तरस आता था, पर उसको यह खबर भी नहीं थी कि मेरी निगाहेंें उसके दोनों बेटों पर लगी हुई थीं और मेरी प्यासी प्यासी फुद्दी उनसे चुदवाने को बेकरार हो रही थी में उनके लण्ड से देसी रांड बनकर चुदवाने के लिये तड़प रही थी।
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मेरे दिमाग ने उसके दोनों बेटों ले पेनिस को आकर्षित करने के तरीके सोचने शुरू कर दिए. मैं सज-धज कर तैयार होने लगी, जैसे हेमंत के लिए तैयार होती थी, यह सोच कर कि कल किसी बहाने से कोमल के घर जाऊँगी और अवसर मिला तो बड़े लड़के, जिसका नाम संपत था, उसको आकर्षित करने का प्रयास करूँगी। मैंने अपना बदन बिल्कुल चिकना कर लिया और अपने बालों को भी सैट करवा लिया. अपने हाथ और पाँव के नख भी लाल कलर की नेल-पॉलिश से और ब्यूटीफुल बना लिए।
किस्मत ने भी मेरा साथ दिया और एक दिन रविवार की मोर्निंग कोमल का छोटा बेटा अजय मेरे घर आया और उसने बोला- आंटी आपके पास कोई बड़ा स्क्रू-ड्राईवर है क्या? पापा कुछ काम कर रहे हैं घर में, तो उन्हें चाहिए। मैंने नीले कलर की पतली नाइटी पहनी हुई थी. अन्दर पैडेड ब्रा और चड्डी के अतिरिक्त कुछ भी नहीं पहना था। मैंने सोचा, चलो पहले छोटे वाले को ही आकर्षित करने का प्रयास की जाए, यह कम उम्र का है और इसकी उमर के लड़कों को आकर्षित करना आसान होगा। मैंने उस से कहा- हाँ अजय, अन्दर आ जाओ बेटा, मेरा राज दुलारा बेटा हेमंत औजार ऊपर के कमरे की अलमारी में रखता था. थोड़ा ढूँढना पड़ेगा पर मैंने बड़ा स्क्रू-ड्राईवर देखा है।
वो पक्का अलमारी में है. चल आ, थोड़ी सहायता कर मैं निकाल कर तुझे देती हूँ. मैं अजय को अपने शयनकक्ष में ले गई और स्टूल पर चढ़ कर बोली- अजय ज़रा स्टूल तो पकड़.. मैं ऊपर ढूँढती हूँ. इसके बाद मैंने जानबूझ कर थोड़ा संतुलन खोने का ड्रामा किया और बोली- अरे अजय तू नीचे बैठ कर स्टूल पकड़, नहीं तो मैं गिर पड़ूँगी। मैं जानती थी कि मेरी बड़ी घेर वाले पतली, नीले कलर की नाइटी मेरी मांसल जाँघों और शायद मेरी प्यासी फुद्दी का पूरा दर्शन अजय को कराएगी, मुझे देखना था कि उसकी प्रतिक्रिया क्या होती है !
अजय नीचे बैठ कर स्टूल पकड़े हुए था और मैं स्टूल पर कुछ ऐसे खड़ी हुई कि उसकी आँखें मेरे नाइटी के अन्दर मेरी जाँघों और प्यासी फुद्दी का अच्छे से जायज़ा ले सकें. मैं स्क्रू-ड्राईवर निकाल कर जब स्टूल से नीचे उतरी, तो मैंने उसकी आँखों में वासना के डोरे भाँप लिए, उसकी साँसें तेज़ हो रही थीं और मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा उसका लण्ड उसके शॉर्ट्स के ऊपर तम्बू बना चुका था। उसकी हालत देख कर मुझे हंसी आ रही थी, उसको देख कर तो ऐसा लग रहा था कि उसने प्यासी फुद्दी नहीं बल्कि भूत देख लिया हो।
मैं मुस्कुराई और बोली- यह ले स्क्रू-ड्राईवर, अपने पापा को देकर एक घंटे में ज़रा वापस आएगा क्या? अपनी प्यारी माँ को बोलना ममता आंटी को थोड़ा कुछ सामान घर में इधर-उधर करना है और उन्हें तेरी सहायता चाहिए. बोल आएगा क्या?” वो मेरी पतली नाइटी के ऊपर से मेरे बड़े-बड़े मोटे स्तनोंं को घूरे जा रहा था और उसको तो जैसे होश ही नहीं था कि मैं क्या बोल रही हूँ। मैंने उसके कंधों को पकड़ कर उसको झकझोरा- अजय क्या हुआ तुझे? यह ले स्क्रू-ड्राईवर, क्या तू वापस आ सकता है एक घंटे में? वो सकपका कर बोला- हाँ आंटी, मैं आता हूँ वापस। उसने मेरे हाथ से स्क्रू-ड्राईवर लिया और अपने खड़े हुए लण्ड के उभार को अपने हाथ से छुपाता हुआ, दौड़ता हुआ अपने घर की तरफ चला गया. मेरी तो हंसी छूट पड़ी, उसकी हालत देख कर. किन्तु मेरे समझ में आ गई, आज इसका लण्ड तो मैं पक्का अपनी प्यासी फुद्दी में लूंगी।
अजय के जाने के बाद मैंने अपनी वो लाल कलर शॉर्ट् नाइटी निकाली, जो मेरी जाँघों से भी ऊपर तक आती थी और अन्दर ब्रा, चड्डी कुछ भी नहीं पहनी. इसके बाद मैंने खूब सारा मेकअप लगाया, गाढ़ी लाल कलर की लिपस्टिक, टांगों में सुनहरी पायल, हाई-हील की सैंडल और तैयार हो कर अजय के वापस आने का इंतज़ार करने लगी। मैं जानती थी, मुझे थोड़ा संयम से धीरे-धीरे उसको मुझे पेलने के लिए उकसाना है. अजय की उम्र अभी कम थी और जल्दबाजी में सारा मज़ा किरकिरा हो सकता था. मुझे 5 महीने बाद हाथ आया अवसर ऐसे ही नहीं गंवाना था. मैं दरवाज़ा खुला छोड़ कर अपने बिस्तर पर लेट गई और अजय का इंतज़ार करने लगी।
एक घंटे बाद मुझे दरवाज़े से अजय की आवाज़ आई, तो मैंने कमरे में लेटे-लेटे ही बोला- अजय बेटा, अन्दर आ जाओ, दरवाज़ा खुला है, अन्दर आने के बाद दरवाज़े में कड़ी लगा देना. मैं शयनकक्ष में हूँ। अजय दरवाज़ा बंद कर के अन्दर आया तो मुझे बिस्तर पर ऐसी नाईटी जो मेरे जाँघों को पूरा दिखा रही थी, देख कर दंग रह गया।
मैंने सैंडल भी नहीं उतारी थी और बिस्तर पर ऐसे ही लेटी हुई थी. मैं जानती थी कि अगर अजय से आज जम के चुदाई करवानी है तो कुछ और जुगाड़ करना पड़ेगा, क्योंकि इसने पहले कभी तो चोदा होगा नहीं और इसका लण्ड जल्दी झड़ जाएगा।
मैंने हेमंत के दराज़ से एक दवा कंपनी की दवाई जिसका काम उत्तेजना बढ़ाना था, वो निकाल ली थी. हेमंत को जब मुझे बहुत देर तक पेलने का मन करता था तो वो यह गोली खा लेता था, इस गोली को खाने के बाद उसका लण्ड खड़ा ही रहता था और वो मुझे 5 से 6 बार लगातार चोदता था. हेमंत ने मुझे बताया था कि यह दवाई बहुत अच्छी है और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है. यह दवाई जवान लड़के भी खाते हैं और बड़ी आसानी से बिना किसी डाक्टर के पर्चे के हर मेडिकल स्टोर पर मिल जाती है, और यह वियाग्रा के जैसी भी नहीं है. यह गोली लाल कलर की थी जो बिल्कुल विटामिन की दवाई जैसी लगती थी।
मैंने अजय को बोला- यहाँ आओ बेटा, बैठो मेरे पास। वो धीरे-धीरे चलता हुआ आकर मेरे बिस्तर पर बैठ गया। मैंने उसको पूछा- तुम्हारा भाई संपत तो बड़ा तंदुरुस्त लगता है, तुम इतने दुबले-पतले क्यों हो? वो बोला- पता नहीं आंटी, खाना-पीना तो ठीक ही खाता हूँ। मैंने उस से कहा- अरे पगले खाने-पीने से कुछ नहीं होता, तू विटामिन की दवाई खाता है क्या? वो बोला- नहीं आंटी, विटामिन तो नहीं खाता। मैं तो अवसर ढूंढ ही रही थी कि उसको वो उत्तेजना बढ़ाने वाली गोली खिलाऊँ। मैंने उस से कहा- मेरे पास एक बहुत बढ़िया दवाई है, तू खा कर देख, रोज़ एक गोली दूंगी. हफ्ते भर में तो तेरा बदन बिल्कुल सलमान के जैसा हो जाएगा। वो प्रसन होता हुआ बोला- सच आंटी? मैंने उस से कहा- हाँ !
और उसको दवाई और गिलास से पानी दिया. उसने जल्दी से दवाई खा ली. मैंने उसको हल्की असर वाली दवाई दी थी, केवल 50 मिलीग्राम की, मेरा राज दुलारा बेटा हेमंत तो 100 मिलीग्राम की खाता था। दवाई का असर होने में आधा घंटा लगता था तो मैंने सोचा अब धीरे-धीरे इसको उत्तेजित करती हूँ, एक घंटे बाद तो यह खुद ही नहीं रोक पाएगा और जम कर चोदेगा मुझे। अजय ने दवाई खाने के बाद मुझ से पूछा- तो बताओ आंटी क्या काम था आपको? मैंने उस से कहा- अरे अजय काम कुछ नहीं, आज मेरे पाँव में बहुत तेज दर्द हो रहा था, मेरा राज दुलारा बेटा हेमंत था मेरे पास तो दबा देता था, तू थोड़ा मालिश कर देगा क्या मेरे पाँव में? मैंने उसकी आँखों में देखा, दवाई का असर शुरू होने लगा था, उसकी आँखों में वासना की हल्की सी लालिमा दिखने लगी थी।
हेमंत ने बताया था मुझे कि दवाई खाने के बाद हल्का सा रक्तचाप बढ़ जाता है और आँखों में लालिमा आ जाती है। अजय ने बोला- हाँ आंटी, मैं दबा कर मालिश कर देता हूँ। मैंने पूछा- तो सैंडल उतारूँ या पहने रहूँ? मैं मुस्कुराई, मैं देखना चाहती थी कि उसको क्या अच्छा लगता है। अजय बोला- नहीं आंटी अभी पहने रहो, बाद में जब पंजों पर मालिश करूँगा तो मैं खुद ही निकाल दूँगा। अजय बोला- आपके पाँव बहुत ब्यूटीफुल हैं आंटी और यह सैंडल बहुत ही ब्यूटीफुल हैं। मैं सोचने लगी, यह जवान लड़कों की भी पसंद काफी मिलती-जुलती है, मेरे मादरचोद बेटे को जो पसंद था, लगता है अजय को भी वो ही पसंद है। मैंने उस से कहा- तो अजय, तू बिस्तर पर बैठ जा ठीक से और मेरे पाँव दबा दे और मेरे पाँव पर यह क्रीम भी लगा दे।
अजय बोला- आंटी, यह कौन सी क्रीम है, दर्द की तो नहीं लगती, इसमें से तो बड़ी अच्छी महक आ रही है। मैंने उस से कहा- हाँ, यह बस मेरी त्वचा को चिकना और प्रसन्बूदार बनाने की क्रीम है। अजय अपनी टाँग फैला कर बिस्तर पर बैठ गया और मैंने अपनी सैंडल को उसके शॉर्ट्स के नज़दीक रख दिया और अपनी टाँगें थोड़ी सी फैला लीं।
अजय धीरे-धीरे मेरे घुटनों के नीचे क्रीम लगा कर मालिश करने लगा. मैं अपने सैंडल के आगे वाले भाग से अपने पंजों के लम्बे नाखूनों से, जो कि लाल कलर की नेल पालिश से चमक रहे थे, उनसे धीरे-धीरे उसके शॉर्ट्स पर खुरचन देकर उस साले चोदू के तंदुरुस्त और फौलादी लण्ड का कड़ापन महसूस करने का प्रयास करने लगी. मुझे इंतज़ार करना था तब तक, जब तक की उसका लण्ड बिल्कुल लोहे के सरिये के जैसा कड़ा ना हो जाए. फिर उसका अंड तन गया और में उसके सामने न्यूड लेट गयी उसने मेरी टट्टी से भरी गांड के अंदर अपना लण्ड डाला और करीब 1 घंटे तक मेरी टट्टी से भरी गांड मारी मुझे एक रांड की तरह चूतड़ मरवा कर बहुत आनंद आया… पूरे कुनबे ने मुझे रांड की तरह चोदा XXX हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में