देवर के लण्ड का फव्वारा मेरी फुद्दी के भीतर चला – फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में : हैल्लो मेरे रांड चोद दोस्तों मेरा नाम सविता है और में एक मैरिड महिला हूँ मेरे रांड चोद दोस्तों में ही सविता भाभी हूँ जो इंडिया में फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में के लिये बहुत फेमस हूँ. मेरे रांड चोद दोस्तों मेरे छोटे देवर जी ने मुझे एक रांड की तरह चोदा था यह मेरी शादी के एक साल बाद की एक सच्ची घटना जिसको में आज आप सभी को सुनाने जा रही हूँ।
मेरे रांड चोद दोस्तों मेरी मेरे स्मार्ट पति के साथ सेक्स लाइफ बहुत शानदार चल रही थी वो मुझे रोज चोदा करते थे मुझे भी उनके लण्ड से अपनी फुद्दी चुदवाने में बहुत आनंद आया करता था. हमारे उस घर में बस हम बहन के लंड दोनों ही रहते, वैसे में बहुत हॉट और गदराई हूँ और मुझे सेक्स करना बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता में एक रांड जैसी दिखती हूँ. मुझे शुरू से ही सेक्स के प्रति बहुत रूचि रही है और जब में शादी होकर अपने पति के पास आई, तब मैंने अपने चुदाई के उस सपने को पूरा करने के बारे में सोचा, किन्तु वो तब भी अधुरा ही रह गया।
मेरे रांड चोद दोस्तों क्योंकि में आज भी अपने पति के साथ अपनी चुदाई में उनकी तरफ से पूरी तरह संतुष्ट नहीं थी, वैसे मेरे स्मार्ट पति भी सेक्स में अच्छे है, किन्तु वो मुझे वो कभी भी उतना मज़ा नहीं दे सके जिसकी मुझे उनसे उम्मीद थी. एक दिन एक पत्र को पढ़कर वो मुझसे बोले कि सविता मेरा एक चचेरा भाई जो नज़दीक के एक छोटे गाँव में रहता है, उसके स.स.सी. के पेपर का सेंटर इस शहर में आया है।
देवर के लण्ड का फव्वारा मेरी फुद्दी के भीतर चला – फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में
अब वो अपनी आगे की पढ़ाई करने और अपने पेपर देने के लिए इसी शहर में आ रहा है और वो अगर कुछ दिन यहाँ पर रहे तो तुम्हे कोई ऐतराज़ तो नहीं है? इसके बाद मैंने उन्हें कहा कि भला मुझे इसमे क्या ऐतराज़ होगा? वो आपका भाई है, तो मेरा भी तो रिश्ते में देवर हुआ ना और इस कारण से देवर के आने से भाभी को क्या ऐतराज़ हो सकता है? मेरे रांड चोद दोस्तों उसका नाम सचिन था और फिर वो आ गया, तब उसकी उम्र करीब 18 साल होगी.
मेरे रांड चोद दोस्तों अब मोर्निंग का नाश्ता हम तीनो साथ में करने लगे थे. पहले मेरे स्मार्ट पति के दफ्तर चले जाने के बाद में घर में हमेशा अकेली हुआ करती थी, किन्तु अब मेरे साथ सचिन भी था और सचिन पूरा दिन अपना मन लगाकर पढ़ाई करता।
मेरे रांड चोद दोस्तों एक दिन दोपहर को जब में नींद से उठती, तब में सचिन के कमरे की तरफ चली गयी… इसके बाद मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि उसके कमरे का दरवाज़ा भीतर से बंद था और मुझे उसके कमरे से कुछ अजीब सी आवाजे भी आ रही थी. अब में तुरंत वहीं पर रुक गयी और उन आती हुई आवाजो को में बहुत ध्यान से सुनने लगी थी।
अब मुझे कमरे के भीतर से आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्हह की आवाज़ आती हुई सुनाई दे रही थी, किन्तु मुझे थोड़ा सा भी समझ नहीं आया कि भीतर क्या हो रहा है? अब में दरवाज़ा बजाने ही वाली थी कि उसी वक्त मुझे ध्यान आया कि में पहले खिड़की से देख लूँ क्योंकि उस कमरे की एक खिड़की बाहर बरामदे में थी।
अब मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि वो पूरी लगी हुई नहीं थी और इस कारण से मैंने हल्का सा धक्का दे दिया और उसको थोड़ा सा खोल दिया. मेरे रांड चोद दोस्तों उसके बाद मैंने कमरे के भीतर का वो द्रश्य देखा और बस में देखती ही रह गयी, उस वक्त सचिन अपने सारे कपड़े उतारकर बिल्कुल नंगा खड़ा था और उसका लण्ड पूरा तना हुआ था।
अब मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि सचिन अपने पेनिस को एक हाथ में लिए हुए था और वो अपने लण्ड से गेम खेल रहा था और वो सब देखकर मेरी आंखे भी अब झपकना भूल गई थी. अब मेरे दिल की धड़कने पहले से ज्यादा बढ़ चुकी थी, क्योंकि अब मेरे सामने एक 18 साल का जवान लड़का अपने हाथ में तना हुआ लण्ड लेकर मुठ मार रहा था।
मेरे रांड चोद दोस्तों वैसे मैंने मर्दों के मुठ मारने के बारे में कई बार सुन रखा था, किन्तु आज में उस काम को अपनी आँखों से पहली बार देख रही थी, ओह्ह्ह वाह क्या मस्त मज़ेदार द्रश्य था? क्योंकि आज एक पूरी जवानी से भरा हुआ कसरती बदन वाला नवयुवक मेरे सामने पूरा नंगा खड़ा हुआ था. मेरे रांड चोद दोस्तों उसकी खुली हुई छाती ही किसी लड़की को व्याकुल करने और उसको अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए बहुत थी, किन्तु यहाँ तो उसकी सुद्र्ड़ जांघे भी मेरी आँखों के सामने थी, वाह क्या मस्त भरी हुई जांघे थी उसकी?
मेरे रांड चोद दोस्तों उसकी दोनों जांघो के बीच में पूरे जोश से उठा हुआ उसका लण्ड था, जिसको देखकर मेरे दिल की धड़कने तेज़ हो चुकी थी और अब मेरे संस्कार मुझसे कह रहे थे कि मुझे तुरंत वहाँ से हट जाना चाहिए, किन्तु मेरा मन नहीं मानता था इस कारण से में रुक ही गई. फिर में वो दिलकश द्रश्य देखती ही रही और वो खिड़की थोड़ी ही खुली थी, इस कारण से उसका ध्यान मेरी तरफ थोड़ा सा भी नहीं था।
फिर उस वक्त सचिन तो अपने उस काम में एकदम मगन होकर लगा हुआ था और उसके चेहरे से सेक्स की तड़प स्पष्ट रूप से झलक रही थी. अब आहिस्ता आहिस्ता उसका लण्ड और भी ज्यादा मोटा और कड़क होता जा रहा था, कुछ समय के बाद सचिन के लण्ड से पानी निकल गया और सचिन बिल्कुल ढीला हो गया, तब में अवसर पाकर वहाँ से चली गयी।
फिर मुझे ध्यान आया कि अब मेरी पेंटी भी वो द्रश्य देखकर गीली हो चुकी थी और इसके बाद मैंने अपने कमरे में जाकर उसको बदल लिया, किन्तु वो द्रश्य अब भी मेरे दिमाग़ से हटता ही नहीं हर बार वही सब मेरे सामने आ रहा था. फिर नाईट को में अपने पति देव के साथ सोने लगी, किन्तु तब भी मेरे दिमाग़ में वही सब मंडरा रहा था, इस कारण से उस नाईट को में बहुत गरम हो चुकी और में जोश में आकर अपने पति के ऊपर चड़ गयी।
अब मैंने उन्हें चूमना अपने हाथों से सहलाते हुए सेक्स करने के लिए तैयार करना प्रारम्भ करा क्योंकि मुझे अब अपनी गरम फुद्दी को ठंडा करना था और कुछ देर बाद अपने पति से भी मैंने बहुत जमकर अपनी चुदाई के मज़े लिए. फिर वो भी मुझसे बोल उठे क्या बात है? आज तुझे क्या हुआ है कोई ब्लू फिल्म तो नहीं देख ली? मेरे रांड चोद दोस्तों में मेरे बहनचोद पति से क्या कहती? अब मैंने भी उन्हें कह दिया कि नहीं यह तो आप कल से दस दिन के लिए बाहर जाने वाले है ना इसलिए. फिर वो मेरी उस बात को सुनकर हंस पड़े और अगले दिन मोर्निंग जल्दी ही मेरे स्मार्ट पति अपने काम से बाहर निकल गये…
अब मेरा मन अपनी फुद्दी चुदवाने का करने लगा किन्तु मेरे स्मार्ट पति तो बहार गए हुए थे तो अब मेरा मन सचिन के लण्ड में अटका हुआ था और मेरा पूरा बदन उसके साथ अपनी चुदवाने के लिए बड़ा ही तड़प रहा था. मेरे रांड चोद दोस्तों में उसको अपने मन की यह बात कहूँ भी तो कैसे? क्योंकि उसमे बड़ा ख़तरा था और सचिन बहुत सुशील लड़का था, वो मुझे ठुकरा देगा और मेरी इज़्ज़त पर ख़तरा हो जाएगा।
फिर यह बात सोचकर में चुप थी और कुछ देर बाद मुझ रांड ने सोचा कि मुझे कुछ ऐसा करना होगा जिसकी वजह से सचिन ही मुझे पेलने के लिए तरस जाए? फिर मुझ रांड ने बड़े धीरज से काम लेना उचित समझा और में विचार बनाते हुए स्नान करके स्नानघर से बाहर निकली।
अब तक मेरे दिमाग़ में एक योजना बन चुकी थी और वो बात सोचकर मुझ रांड ने अपने कपड़ो में बड़ा परिवर्तन करना प्रारम्भ करा. अब मुझ रांड ने एक गहरे गले का मेरी शादी के वक्त का पुराना ब्लाउज निकला उस वक्त की अपेक्षा अब मेरे ब्रेस्ट ज्यादा बड़े हो चुके थे क्योंकि वो हर दिन मेरे स्मार्ट पतिदेव के हाथों से मसले जो जाते थे।
फिर जैसे तैसे करके अपने बड़े आकार के ब्रेस्ट को दबाकर मुझ रांड ने उस कसे हुए ब्लाउज को पहन लिया वो गहरे गले का था इस कारण से मेरे उभरे हुए ब्रेस्ट का पूरा मस्त द्रश्य साफ दिख रहा था और ब्रेस्ट को दबाकर भीतर डालने से निप्पल भी उभरकर बाहर से दिख रहे थे. फिर मुझ रांड ने अपनी साड़ी भी इस तरह पहनती थी कि मेरी पूरी छाती खुली ही रहे मेरे ब्रेस्ट कहीं आँचल के पीछे ना छुप जाए।
फिर मुझ रांड ने कांच में अपने बदले रूप को देखा और में बहुत प्रसन संतुष्ट हो गई, उसके बाद मुझ रांड ने नाश्ते की तैयारियाँ कि उसके बाद खाने की टेबल पर वो सभी चीज़े सजाकर रखी. फिर नाश्ता करने के लिए मुझ रांड ने सचिन को आवाज देकर बुला लिया और सचिन आकर बैठ गया, किन्तु उसका ध्यान मेरी छाती की तरफ थोड़ा सा भी नहीं गया, क्योंकि वो तो हमेशा अपनी पढ़ाई के विचारों में ही व्यस्त था।
मेरे रांड चोद दोस्तों मुझ रांड ने जानबूझ कर खाना उसको कम ही दिया था और उतना वो जल्दी से खा गया, उसने मुझसे अब और माँग लिया. अब में अपने प्लान के पूरा होने पर मन ही मन मुस्कुराई और में उठकर खड़ी हो गई और अब में उसको खाना परोसने के लिए सचिन के बिल्कुल पास आ गई, उस वक्त में उसके एक तरफ खड़ी हुई थी. फिर में वहीं खड़े होकर आगे झुककर खाना उठाने लगी, स्वाभाविक है कि मेरे ब्रेस्ट सचिन के मुहं के एकदम पास आ गये. अब उसकी नज़र मेरी छाती पर चली गई और वो मेरे खुले हुए गोरे गोरे ब्रेस्ट को अपनी चकित नजरो से घूर घूरकर देखता ही रह गया. मेरे रांड चोद दोस्तों बड़े आकार के गले से वो मस्त द्रश्य उसको बिल्कुल साफ दिखने लगा था और मेरे ब्रेस्ट पर उसकी नज़र चिपकी ही रह गई. अब में उसके सामने जानबूझ कर ऐसा व्यहवार कर रही थी, जैसे कि मुझे कुछ पता ही नहीं हो।
फिर मुझ रांड ने एक लंबी साँस भरी और हल्के से छोड़ी जिसकी वजह से मेरे ब्रेस्ट पहले से ज्यादा बाहर आ गए और ब्रेस्ट में हलचल भी हुई. अब उसको थोड़ा सा भी ध्यान ही नहीं रहा कि मुझ रांड ने उसकी प्लेट में खाना परोस दिया है और मुझ रांड ने मुस्कुराते हुए उसको कहा कि देवरजी अब आप नाश्ता भी कर लो क्या इनको देखकर ही आज अपना पेट भरने का इरादा है?
अब वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम से चौंक गया और वो अपनी नजर मेरी छाती से तुरंत हटाकर खाने लगा, किन्तु मेरी नज़र अब उसी पर लगी हुई थी और वो बार बार अपनी चोर नजर से मेरे ब्रेस्ट को देख रहा था।
मेरे रांड चोद दोस्तों में अपने उस प्लान में एकदम सफल रही जैसा मुझ रांड ने सोचा था, ठीक वैसा ही हुआ आज मुझ रांड ने सचिन के मन में मेरे नाम का बीज बो दिया था. फिर अगले दिन से में हर दिन अपने कपड़ो में एक कदम आगे जाने लगी थी और अगले दिन भी मुझ रांड ने ऐसा ही गहरे गले का और बिना बाह का ब्लाउज पहन लिया, जिसकी वजह से अब उसको मेरी गोरी बाहें भी साफ दिखने लगी थी और उसने बड़े मस्त मज़े किए।
(देवर के लण्ड का फव्वारा मेरी फुद्दी के भीतर चला – फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में) फिर तीसरे दिन मुझ रांड ने एकदम पारदर्शक जालीदार ब्लाउज पहन लिया और उस ब्लाउज से मेरी काले कलर की पैडेड ब्रा भी एकदम साफ दिखाई दे रही थी. अब सचिन हर दिन चोरीछिपे मेरे रसीले आम के जैसे मम्मे को देखने लगा था और उसको ऐसा करने में बड़ा मज़ा आ रहा था और मेरा मन भी बहुत प्रसन हो रहा था. फिर चौथे दिन से मुझ रांड ने अब पैडेड ब्रा ही पहनना छोड़ दिया था, मेरा ब्लाउज तो पहले से ही पारदर्शक बिना बाह का और गहरे गले का था।
फिर उस नाईट को मुझ रांड ने अपने ब्लाउज को भी एक तरफ से आकार देकर ऐसा बना दिया था कि उसको मेरे ब्रेस्ट के सामने के अलावा अब साइड से भी मेरे ब्रेस्ट के दर्शन होने लगे थे और पाँचवे दिन मुझ रांड ने उस ब्लाउज को पहना।
मेरे रांड चोद दोस्तों अब जब में उसको खाना परोस रही थी, तब दूसरी तरफ रखे हुए सामान को उठाने के लिए में उसके सामने इतना नीचे झुक गई कि उसकी तेज रफ्तार से चलती हुई गरम सांसे मेरे रसीले आम के जैसे मम्मे को छु रही थी कभी कभी तो उसका चेहरा भी मेरे ब्रेस्ट को छु जाता में इतना ज्यादा उसके ऊपर झुक रही थी. अब मुझे उसकी आँखों में एक प्यास साफ नज़र आ रही थी और में बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि में अपने काम में कामयाब होती जा रही हूँ. फिर छ्टे दिन मुझ रांड ने अपनी सारी को भी एकदम नीचे पहना था और में उस दिन अच्छी तरह से सजधजकर तैयार हुई और अब हर दिन की तरह सचिन आज भी मेरे उभरे हुए दोनों ब्रेस्ट को अपनी आंखे फाड़ फाड़कर देखता रहा और में उन्हे लंबी लंबी साँस लेकर ऊपर नीचे करती रही. मेरे रांड चोद दोस्तों मुझ रांड ने अपने ब्लाउज का एक हुक पहले से थोड़ा ढीला कर दिया था जो कुछ समय बाद मेरे तेज साँस लेने की वजह से खुल गया और अब मेरे दबे हुए रसीले आम के जैसे मम्मे एक ही बार में पूरे उछलकर उसके सामने आ गये।
अब मुझ रांड ने उसके सामने थोड़ा सा शरमाने का ढोंग किया और में अपने नज़ारा में जाकर हुक को ठीक तरह से लगाकर वापस उसके पास आ गयी, उस वक्त उसकी हालत तो देखने लायक हो चुकी थी. फिर उसी दिन दोपहर के वक्त में हॉल में ही सो गयी और मुझ रांड ने एक गदराई किताब अपने पास लाकर रखी हुई थी जो देवर रांड फुद्दी चुदाई की भूखी भाभी के नाज़ायज़ संबंध पर थी।
मेरे रांड चोद दोस्तों उस किताब में दोनों के सेक्स संबंध का खुला ब्योरा था वहाँ तक मुझ रांड ने पेज को खोलकर उल्टी करके उस किताब को रख दिया और जैसे में वहाँ तक उस किताब को पढ़ते हुए सो गयी हूँ. अब में सोने का ढोंग करते हुए लेटी हुई थी, मुझ रांड ने अपनी साड़ी को घुटनों तक सरका रखा था. फिर हर दिन की चाय का वक्त हुआ, किन्तु में उस दिन जानबूझ कर नहीं उठी और कुछ समय के इंतज़ार के बाद सचिन चाय के लिए बताने अपने कमरे से बाहर आया।
फिर उसने आकर देखा कि में सोई हुई हूँ, सचिन मेरे पास आ गया और उसने वो किताब उठाई और जैसे ही वो उसको पढ़ने लगा वो जोश से भरने लगा क्योंकि उस किताब में देवर रांड फुद्दी चुदाई की भूखी भाभी के बीच सेक्स का खुला ब्योरा था. अब उसको पढ़कर उसकी कामवासना भड़क उठी और उतने में मुझ रांड ने करवट बदलने का बहाना किया और करवट बदलते हुए मुझ रांड ने मेरे एक पैर को भी घुटनों से ऊँचा उठा लिया जिसकी वजह मेरी साड़ी जो घुटनों तक थी।
अब कमर तक आ चुकी थी और उस वजह से मेरी गोरी जाँघ अब पूरी तरह से दिख रही थी, मुझ रांड ने हल्की सी अपनी आंख खोली. अब मुझ रांड ने देखा कि उसका लण्ड एकदम खड़ा हो चुका था उसने अंडरवियर पहन रखी थी, वो अपने एक हाथ में किताब पकड़े हुए था और दूसरा हाथ अब उसने अपनी अंडरवियर में डाल दिया और उसने अपने खड़े पेनिस को मजबूती से पकड़ लिया, कुछ समय वो उसको पढ़ता रहा और मेरी जाँघ और ब्रेस्ट की तरफ वो देखता रहा।
फिर मुझ रांड ने देखा कि उसने अपना दूसरा हाथ बाहर निकालकर मेरी तरफ बढ़ा दिया, में एकदम प्रसन हो गयी और में अपनी दोनों आँखों को बंद करके इंतज़ार करने लगी, किन्तु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. फिर मुझ रांड ने अपनी आंखे खोली और देखा तो सचिन उस वक्त वहाँ पर नहीं था शायद उसकी हिम्मत नहीं बनी थी इस कारण से वो अब अपने कमरे में चला गया था हाँ, किन्तु वो किताब को अपने साथ ज़रूर ले गया था।
अब में उठी और सचिन के कमरे की तरफ चली गयी, मुझ रांड ने देखा कि सचिन अब अपने कमरे के दरवाज़ा बंद करके एक दफे फिर से मुठ मार रहा था आज तो उसने अपना घोड़े जैसा लण्ड खड़ा किया हुआ था. अब मुझे बहुत अफ़सोस हो रहा था क्योंकि जिस पेनिस को आज मेरी फुद्दी में होना चाहिए था आज वो लण्ड सचिन के हाथों में था, किन्तु मुझे भी तो उसके सामने नहीं आना था यह बात सोचकर में दबाव में आकर उसको देखती रही।
फिर कुछ समय बाद सचिन के लण्ड से वो फव्वारा निकला और उसका लण्ड शांत हो गया और उसी नाईट को मुझ रांड ने सातवे दिन का प्लान पहले से ही बना लिया था क्योंकि इतना सब कुछ देखने के बाद सचिन के दिल में कामवासना तो में पहले से ही जगा चुकी थी. अब तो मुझे उसकी उस हिम्मत को थोड़ा सा बढ़ाना ही बाकी था इस कारण से मुझ रांड ने सातवे दिन मोर्निंग अपने कमरे का फ्यूज़ बाहर निकाल दिया और गीजर खराब है कहकर मुझ रांड ने सचिन के साथ स्नानघर में नहाने का प्लान बना लिया था।
अब में अपने कपड़े लेकर स्नानघर के भीतर चली गयी, तभी कुछ समय नहाकर बाहर निकली उस वक्त मुझ रांड ने अपने बदन पर सिर्फ़ टावल को लपेटा हुआ था, ऊपर मेरे ब्रेस्ट की निप्पल से शुरू करके फुद्दी तक टावल से मुझ रांड ने अपने गोरे गदराई बदन को ढाका हुआ था।
अब मेरे निप्पल से ऊपर के ब्रेस्ट का हिस्सा और फुद्दी के नीचे की जांघे सब खुली हुई थी, मेरे सर के बाल गीले थे और मेरे गोरे बदन पर पानी सरककर नीचे आ रहा था, में उस रूप में बड़ी गदराई लग रही थी. मेरे रांड चोद दोस्तों उन दिनों गरमी भी बहुत थी इस कारण से सचिन सिर्फ़ अंडरवियर पहनकर पंखे के नीचे खड़ा हुआ था, जब उसने मुझे देखा तो बस वो देखता ही रह गया क्योंकि इतना नंगा मुझे उसने आज पहली बार ही देखा था में उधर ही खड़ी रही।
अब सचिन भी अपनी सारी शरम को छोड़कर मुझे लगातार अपनी खा जाने वाली नजरो से देख रहा था और मुझ रांड ने उसके पलंग पर वो किताब पड़ी हुई देखी. फिर मुझ रांड ने उसी वक्त उसको पूछ ही लिया क्यों कैसी लगी तुम्हे यह कहानी? उसने कहा कि यह तो बड़ी ही मजेदार रोचक है, किन्तु ऐसा तो बस कहा नियों में ही होता है ना? अब मुझ रांड ने उसको कहा कि कहा नियाँ भी तो हमारे समाज से ही मिलती है ना और अब सचिन ने मेरे मुहं से वो बात सुनकर थोड़ी हिम्मत कि तब जाकर वो हंस सका. मेरे रांड चोद दोस्तों वो हंसा इस कारण से था क्योंकि किस्मत से उस किताब में देवर रांड फुद्दी चुदाई की भूखी भाभी के नाम भी हम बहन के लंड दोनों के थे. अब मुझ रांड ने उसको कहा कि आख़िर शुरुआत तो मर्द को ही करनी पड़ती है और वो यह बात सुनकर मंद मंद हंसा और मेरी उस बात का मतलब भी वो तुरंत ही समझ गया और अब वो मेरे पास आ गया।
फिर में भी तुरंत समझ गयी कि आज मेरा काम पूरा हो गया है, उसने मेरे पास आकर अपने दोनों हाथ उठाए और मेरे पूरे खुले हुए गीले बालो में फंसाते हुए हाथों को दोनों कान पर रखा और फिर उसने मेरा चेहरा ऊँचा किया. अब में भी कामवासना से भरी नज़र से उसको देख रही थी, वो थोड़ा नीचे झुका और उसने मेरे लिप्स पर अपने कोमल होंठ रख दिए।
मेरे रांड चोद दोस्तों उसके ऐसा करने से में एकदम रोमांचित हो उठी मुझ रांड ने उसको अपने लिप्स को कुछ देर चूसने दिया, अपनी तरफ से कोई भी विरोध नहीं किया जिसकी वजह से उसकी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ गई और उसने मुझे अपने पास खीच लिया. अब में भी जल्दी से उसके पास जा सरकी, किन्तु सरकने से पहले ही मुझ रांड ने अपने एक हाथ से बड़ी सफाई के साथ उस टावल को खोल दिया था, जिसके खुलते ही वो टावल तुरंत नीचे गिर पड़ा।
मेरे रांड चोद दोस्तों अब में पूरी न्यूड खड़ी थी और वो सिर्फ़ अंडरवियर पहने हुए था में एकदम पास जाकर उसके बदन से एकदम चिपक गयी. अब उसने जोश में आकर मुझे थोड़ी तेज़ चूम लिया, किन्तु वो इस काम में नया नया था इस कारण से उसको इतना नहीं आता था और इस कारण से अब मुझ रांड ने भी अपना काम करना शुरू कर दिया।
अब मुझ रांड ने अपने कोमल होंठो और जबान से उसका पूरा साथ दिया, सचिन किसी भी काम को सीखने में बड़ा तेज था, उसने मेरे साथ वो सब करना तुरंत ही सीख समझ लिया था और अब हम बहन के लंड दोनों ही एक लंबी अच्छी चुम्बन में खो गये. अब हम बहन के लंड दोनों के कोमल होंठ से कोमल होंठ और जबान से जबान मिल चुके थे हम बहन के लंड दोनों एक दूसरे का रसपान करते रहे. फिर मुझ रांड ने उसी वक्त अपनी गोरी बाहों को सचिन के गले में डाल दिया और अब उसकी बाहें मेरी पीठ पर घूम रही थी, मुझ रांड ने उसको कहा दोनों हाथों को सिर्फ़ ऐसे ही मत घुमाओ।
अब उनसे मुझे अपनी तरफ दबाया साथ ही उसने ज़ोर भी बढ़ाया और फिर मेरे ब्रेस्ट और निप्पल सचिन की छाती से चिपक गये, उसको भी ऐसा करने में बड़ा मस्त आनंद आ गया और उसने ज़ोर बढ़ा दिया था, जिसकी वजह से उसको भी आनंद आने लगा था. अब में उसको बोल उठी दबा दो मुझे सचिन दबा दो, यह बात सुनकर उसने एकदम अपना जोश पहले से ज्यादा बढ़ा दिया और मुझे ज़ोर से दबा दिया जिसकी वजह से मेरे रसीले आम के जैसे मम्मे तो सचिन की छाती से दबकर मानो चौपट ही हो चुके थे और उठे हुए निप्पल भी अब उसके बदन से चिपक रहे थे. अब मुझे भी बड़ा मस्त आनंद आ रहा था मेरे मुहं से आहह्ह्ह उफ्फ्फ वो आवाज निकल गई और वैसे भी मुझे यह बहुत पसंद है. अब में किसी दमदार मर्द की बाहों में दबकर चूर चूर होने का नशा लेने लगी थी, कोई भी अनुभवी महिला ही समझ सकती है कि सचिन मुझे उस वक्त कैसे पिसता रहा और वो मेरे कोमल होंठो को चूसता बभी रहा।
फिर थोड़ी सी अपनी पकड़ को ढीली करके सचिन मेरे लिप्स को छोड़कर अब नीचे भी आने लगा था वो अब मेरी गर्दन पर फिर कंधो पर भी चूमने लगा था. अब उसको कुछ सीखने की ज़रूरत नहीं थी क्योंकि सचिन के भीतर का वास्तविक मर्द अब नींद से जाग उठा था और वो अपना आगे का काम बड़ी अच्छी तरह से करना जानता था।
फिर सचिन नीचे उतरा और उसने मेरे स्तानो को चूमना प्रारम्भ करा और उन्हें सहलाने दबाने भी लगा था और बड़े जोश के साथ मसलने भी लगा था. अब वो मेरी छाती से खेलता रहा मेरे दोनों निप्पल को चूसता रहा और अंत में एक निप्पल को अपने मुहं में लेकर ज़ोर से चूसने लगा और दूसरे रसीले आम के जैसे मम्मे को बुरी तरह से मसलने लगा था आऊच उफ्फ्फ मुझे बड़ा दर्द होने लगा था और मुझ रांड ने दर्द की वजह से सिसकियाँ भी भरी, किन्तु सचिन अब कहा ँ कुछ सुनने वाला था…
में उसको रोकूँ तो भी वो रुके नहीं, बड़ी ही बेरहमी से मेरे छोटे देवर जी ने मेरे दोनों ब्रेस्ट को मसल डाले आहह्ह्ह् मुझ रांड ने उसको कहा आईईईई हाँ तुम आज अपनी रांड फुद्दी चुदाई की भूखी भाभी के रसीले चुचे को ऐसे ही दबाओ मुझे बहुत आनंद आ रहा है उफफ्फ्फ्फ़ मेरे अंग अंग में आग लगी हुई है मेरा पूरा बदन गरम हो गया है. अब सचिन मुझे चूमते हुए और नीचे उतरने लगा था, किन्तु उसके हाथ तो उसने मेरे ब्रेस्ट पर ही टीका रखे थे, वो अब मेरी कमर को चूमते हुए जांघो को छुते हुए मेरी फुद्दी के निकट जा पहुँचा, किन्तु वहाँ पर जाकर वो थोड़ा सा उलझ गया और फिर रुक गया क्योंकि यह उसके लिए एक नई जगह थी. अब मुझ रांड ने बड़े ही प्यार और मोहब्बत से सचिन के सर पर अपना एक हाथ फिराया अपने दोनों टांगों को पूरा फैलाया और सचिन के सर को पकड़कर सचिन के कोमल होंठो को अपनी फुद्दी के कोमल होंठो पर जाकर ठहरा दिया।
अब सचिन चूमने लगा, कुछ समय उसने लगातार चूमा और मुझ रांड ने उसको अपनी तरफ से इशारा किया जिसके बाद हम बहन के लंड दोनों पलंग पर चले गये. अब में अपने टांगों को पूरा फैला सकती थी, सचिन फिर से मेरी फुद्दी के पास आ गया और मुझ रांड ने उसको कहा कि तुम अब अपनी जबान से काम लो कोमल होंठो से नहीं उसके लिए इतना इशारा बहुत था।
अब सचिन अपने काम को बड़े अच्छे से करने लगा था वो मेरी फुद्दी को अपनी जबान से चाटने चूसने लगा और मुझ रांड ने अपने हाथ से मेरी फुद्दी के कोमल होंठो को थोड़ा सा फैलाकर उसकी जबान को फुद्दी के भीतर डलवाया, सचिन सब कुछ करना सिख गया और उसने मेरे हाथ हटाए और बागडोर को एक दफे फिर से संभाल लिया. अब सचिन मेरी फुद्दी के बहुत भीतर तक बड़ी सफाई से चाटे जा रहा था और में अहह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ़ सचिन जी मेरे प्यारे देवर जी अपनी जवान रांड फुद्दी चुदाई की भूखी भाभी को आईईईई आज बड़ा मस्त आनंद आ रहा है।
मेरे रांड चोद दोस्तों में तो पहले से ही गरम हो चुकी थी और अब में पूरी तरह से जोश में आ चुकी थी इस कारण से मेरा पूरा बदन अब सचिन के साथ उस मस्त मजेदार चुदाई के लिए बड़ा तड़प रहा था. अब मुझे उसका लण्ड मेरी फुद्दी के भीतर चाहिए था, मेरे बदन में एक 440 वोल्ट करंट सा पैदा हो रहा था. फिर मुझ रांड ने एक कड़क अंगड़ाई ली, उसका मुहं अपनी फुद्दी से दूर हटा दिया और उसको कहा कि अब मेरी बारी है और में अब तक नीचे लेट चुकी थी। (देवर के लण्ड का फव्वारा मेरी फुद्दी के भीतर चला – फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में)
अब उठकर बैठ गई और मुझ रांड ने उसकी अंडरवियर को उतार दिया, उसके बाद देखकर में पूरी तरह जोश से भरकर पागल हो गई क्योंकि उसका वो कितना मस्त पूरा तनकर खड़ा लण्ड स्प्रिंग की तरफ उछलकर तुरंत बाहर मेरे सामने आ गया. फिर मुझ रांड ने उसको आंड के पास से चूमना प्रारम्भ करा उसके बाद चारो तरफ से मुझ रांड ने उसको चूमा और फिर में लण्ड के टोपे के पास पहुँच गई और उसी वक्त उसके पेनिस को अपनी दोनों हथेलियों के बीच में लेकर मुझ रांड ने उसको रगड़ डाला, जैसे कि हम लस्सी बनाते वक्त घूमते है ठीक वैसे ही मुझ रांड ने उस साले चोदू के तंदुरुस्त और फौलादी लण्ड के साथ किया।
मेरे रांड चोद दोस्तों मेरे यह सब करने की वजह से लण्ड एकदम जल्दी से तैयार हो गया और मुझे भी तो अब उस लण्ड से अपनी चुदवाने की जल्दी लगी हुई थी, उसका लण्ड पहले से भी ज्यादा बड़ा हो गया. अब मुझ रांड ने लण्ड के टोपे की चमड़ी हटाई और सचिन के लण्ड का वो लाल आकर्षक टोपा मुझ रांड ने अपने मुहं में ले लिया, किन्तु सचिन तो मेरे ऐसा करने से बिल्कुल पागल हो गया और वो मुझसे कहा ओह्ह्ह्ह सविता आईईईई रांड फुद्दी चुदाई की भूखी भाभी मेरी जान और चूसो ऊऊह्ह्ह्ह अपने प्यारे देवर का लण्ड और ज़ोर से चूसो मेरी रांड भाभी उऊईईईईई।
अब यह सब कहकर वो अपने पेनिस को मेरे मुहं में शोर्ट मारना लगा था, मुझ रांड ने कुछ समय उसका लण्ड पीया और महसूस किया कि उसको कोई इतना चूसने की ज़रूरत नहीं है इस कारण से मुझ रांड ने उसको नीचे फुद्दी की तरफ धकेल दिया. अब में वापस नीचे लेट गयी और उसको मुझ रांड ने अपने ऊपर खीच लिया मुझ रांड ने अपने दोनों पैर पूरे खोल दिए और उसका लण्ड अपनी फुद्दी के मुहं पर रख लिया।
अब उसने अपनी तरफ से एक ज़ोर का धक्का मारा और फिर उसका पूरा लण्ड मेरी गीली फुद्दी के भीतर चला गया आह्ह्ह्हह्ह उफ्फ्फ्फ सचिन जी प्लीज थोड़ा धीरे करो ऊऊईईईइ इसी के लिए तो मुझ रांड ने यह सारा गेम खेल खेला था. अब उसने मुझे लगातार शोर्ट देकर चोदना शुरू कर दिया, उसका लण्ड वैसे ज्यादा बड़ा और गरम था में भीतर कुछ अलग ही मज़ा महसूस कर रही थी वैसे मुझे हल्का सा दर्द भी हो रहा था और आनंद भी बहुत आ रहा था।
फिर कुछ देर बाद उसकी शोर्ट देने की गति पहले से ज्यादा बढ़ गई और में दर्द की वजह से ज़ोर से चिल्लाने लगी ओह्ह्ह् सचिन जी उफ्फ्फ् हाँ ऐसे ही चोदो मुझे और ज़ोर से चोदो आज तुम मेरी फुद्दी को पूरा फाड़ दो हाँ सचिन आज तुम मुझे बुरी तरह से शोर्ट देकर चोदो आईई फाड़ डालो इस फुद्दी को चोदो ऊह्ह्ह्हह सचिन चोदो।
फिर मेरे मुहं से ऐसे जोश भरे शब्द सुनकर सचिन बहुत चकित हो गया, किन्तु फिर वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराया और कहा कि तुम थोड़ा सा भी टेंशन मत करो मेरी रानी आज में तेरी इस फुद्दी को फाड़े बिना नहीं छोडूंगा क्योंकि पिछले एक सप्ताह से तेरे हॉट और गदराई बदन ने मेरी रातो की नींद और दिन का चैन हराम कर रखा है साली रांड तू कभी मुझे अपने मोटे मोटे ब्रेस्ट दिखाती है, तो कभी अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़. आज तो में तेरी इस फुद्दी को फाड़कर ही रहूँगा और फिर सचिन मेरी फुद्दी में तेज तेज लगातार शोर्ट देकर मुझे वैसे ही चोदा चादी करता रहा चोदा चादी करता रहा और चोदता ही गया।
अब उसने जोश में आकर मुझे बड़े ज़ोर से शोर्ट दे देकर चोदा इस कारण से हम बहन के लंड दोनों को बड़ा आनंद आया और चुदाई के पूरा हो जाने के बाद तक भी हम वैसे ही लेटे रहे. फिर उसने अपना पूरा स्पर्म मेरी फुद्दी में डाल दिया था जो अब हम बहन के लंड दोनों का एक साथ मिलकर मेरी फुद्दी से सरककर बाहर आने लगा था, किन्तु में उसकी उस मस्त मजेदार धक्कों वाली चुदाई से पूरी तरह से प्रसन बड़ी संतुष्ट थी क्योंकि उस दिन पहली बार मेरी फुद्दी ने किसी दमदार पेनिस को अपने भीतर लिया था, इस कारण से मेरा पूरा बदन आज सचिन से चुदाई करवाकर ठंडा हो चुका था।
मेरे रांड चोद दोस्तों उस पहली जोश भरी चुदाई के बाद तो अब हम बहन के लंड दोनों के पास पूरे तीन दिन और तीन राते भी थी जिसका हमे पूरा पूरा फायदा उठाना था और अब तो अपने देवर को मुझे कोई भी बात बताने या समझाने की जरूरत ही नहीं थी. फिर हम बहन के लंड दोनों कुत्ते कमीनो ने वो सारा वक्त एक साथ ही रहकर गुजारा और उन दिनों ना जाने कितनी बार उसने मुझे वैसे ही पूरी तरह जोश में आकर किसी जानवर की तरह चोदा और हर बार मेरी फुद्दी को ठंडा किया और में सच कहूँ तो मेरी फुद्दी ने अब उस साले चोदू के तंदुरुस्त और फौलादी लण्ड के सामने अपने घुटने टेक दिए थे, मेरी फुद्दी में उसको अब ज्यादा लेने की शमता पूरी तरह से खत्म हो चुकी थी क्योंकि वो तो अब मुझे जानवरों की तरह हर एक तरह से नये नये तरीको से पेलने लगा था।
मेरे रांड चोद दोस्तों “देवर के लण्ड का फव्वारा मेरी फुद्दी के भीतर चला – फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में” यह थी मेरी सच्ची चुदाई की कहानी जिसमे मेरे साथ क्या हुआ, कैसे मेरे देवर के लण्ड का फव्वारा मेरी फुद्दी के भीतर चला मुझ रांड ने अपनी चुदाई अपने देवर से कैसे करवाई उसके मज़े कैसे लिए वो सब मुझ रांड ने लिखकर बताया है…