नमस्ते तो मेरे प्यारे चोदू किस्म के भाइयों और चुदास से भरी जवान बहनों में मुंबई में रहता हूँ और एक गवर्नमेंट कर्मचारी हूँ. हमारे पड़ोस में मेरा एक फ्रेंड रहता है जिसका नाम सचिन है यारों मैंने उसकी मौसी को रांड की तरह चोदा है , सचिन पड़ोस में अकेला रहता है और उसके घर वाले गाँव में रहते है. दोस्तों एक दफे उसकी मौसी जी किसी जरूरी काम के सिलसिले में मुंबई आ गई और वो मेरे फ्रेंड के घर पर करीब दो महीने तक रही. दोस्तों मौसी जी का नाम संगीता है वो करीब 40 साल की साँवली, सुडोल मैरिड महिला है. मेरी गदराई मौसी जी की गांड और bओबे बहुत बड़े बड़े है, चेहरे से वो बहुत गदराई और उम्र में 30 साल से भी कम लगती है. यहाँ भी देखें >> Anushka Shetty Real Sex Video Full HD XXX Porn Video
दोस्तों अधिकतर में शनिवार या रविवार मेरे फ्रेंड सचिन के साथ गुजारता हूँ और जब से उसके घर मौसी आई है, तब से में गदराई रांड मौसी से दो तीन बार मिल भी चुका हूँ, किन्तु मैंने महसूस किया है कि वो जब कभी भी मुझसे मिलती है तो वो मुझे हवस से भरी गन्दी नजरो से देखती है. मुझे देखकर मौसी जी की नजरों में एक अजीब सा सेक्स करने का नशा छा जाता था या यूँ कहिए मौसी जी की नज़र में मेरे लण्ड से गरम स्पर्म पिने की और सेक्स करने की चाहत झलक रही हो।
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फिर मुझे हमेशा ही लगता था कि वो आँखों ही आँखों से मुझे सेक्स की दावत दे रही हो और में जब कभी भी उनसे मिलता तब में उनसे कम ही बातचीत करता था, किन्तु जब कभी भी वो मुझसे बातें करती तब उनकी बातों का दोहरा अर्थ होता था. >> Indian Desi Homemade Sex Videos Hindi XXX Porn Free Watch And Download अब आप खुद इसका अंदाजा लगा लीजिए वो मुझसे क्या कहती थी? दिनु तुम खाली वक्त में कुछ क्यों नहीं करते हो? मैंने पूछा कि गदराई रांड मौसी जी आप ही मुझे बताए कि में क्या करूं? वो मुस्कुराते हुए कहने लगी कि तुम्हे खाली वक्त का और मौके का पूरा पूरा फ़ायदा उठना चाहिए. अब मैंने कहा कि हाँ में उसका ज़रूर फायदा उठाउँगा अगर मुझे कोई अच्छा अवसर मिले तो. अब वो कहने लगी कि अवसर तो तुम्हे कब से मिल रहा है, किन्तु तुम कुछ समझते नहीं और ना ही कुछ करते हो।
अब में उनकी घुमिफिरी बातें सुनकर बिल्कुल चकरा गया और में उनसे कहा गदराई रांड मौसी जी आपकी बातें मेरे दिमाग़ में नहीं घुस रही है आप मुझसे क्या कहना चाहती है? प्लीज थोड़ा सा खुलकर समझाओ. फिर वो मुझसे बोलने लगी कि देखो दिनु आजकल यानी शनिवार और रविवार के दिन मौसी जी आप की छुट्टी होती है, तुम्हे कुछ नौकरी करनी चाहिए जिसकी वजह से मौसी जी आप की आमदनी भी हो जाएगी और टाइम पास भी होगा. दोस्तों इस तरह की दोहरे शब्दों में गदराई रांड मौसी जी मुझसे बातें करती थी और वो जब कभी भी मुझसे बातें करती, तब सचिन या तो स्नानघर में होता था या फिर वो किसी काम में वयस्त होता था. एक दिन जब मोर्निंग करीब 11 बजे में सचिन के घर पहुँचा, तब मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि उस वक्त घर पर मौसी जी की गदराई रांड मौसी थी और सचिन मुझे इधर उधर कहीं भी नज़र नहीं आया मैंने उनसे पूछा गदराई रांड मौसी जी सचिन कहीं नज़र नहीं आ रहा है वो कहा ँ गया?
सेक्सी रांड मौसी : वो स्नानघर में कब से नहा रहा है, में भी उसी का बाहर निकलने का इंतज़ार कर रही हूँ।
दिनु : गदराई रांड मौसी, किन्तु वो तो ज्यादा वक्त स्नानघर में लगाता ही नहीं तुरंत पांच मिनट में बाहर आ जाता है।
फिर गदराई रांड मौसी हंसते हुए मुझसे बोलने लगी अरे भाई स्नानघर और शयनकक्ष ही तो एक ऐसी जगह है जहाँ से कोई भी जल्दी निकलना नहीं चाहता है. अब में उनकी बात को सुनकर कोई उत्तर नहीं दे सका और वो भी चुप रही, कुछ समय बाद सचिन स्नानघर से नहा धोकर बाहर आ गया, मौसी जी के स्नानघर से बाहर आते ही गदराई रांड मौसी तुरंत स्नानघर में चली गयी और वो मेरी तरफ अपनी नशीली नजरों से देखती हुई बोली, घबराना नहीं में ज्यादा वक्त नहीं लगाउंगी आप लोग नाश्ते के लिए मेरा इंतज़ार करना।
फिर यह बात कहते हुए वो स्नानघर में घुस गयी और करीब बीस मिनट के बाद वो नहाधोकर तैयार होकर हमारे साथ नाश्ता करने लगी. तभी नाश्ता करते वक्त सचिन ने मुझसे कहा कि यार आज मुझे अपने दफ्तर के कोई जरूरी काम के सिलसिले में सूरत जाना है और में कल नाईट को या सोमवार दोपहर को वापस आ जाऊंगा, अगर में सोमवार दोपहर को आऊंगा तो में तुम्हे कल फोन कर दूँगा. अगर तुम्हे एतराज़ ना हो तो क्या तुम जब तक में वापस नहीं आता हूँ मेरे घर रुक जाना जिसकी वजह से गदराई रांड मौसी को बोर महसूस नहीं होगा और ना ही पीछे से मुझे उनकी टेंशन रहेगी क्योंकि वो मुंबई में पहली बार आई हुई है।
अब मैंने गदराई मौसी को कहा कि हाँ ठीक है मुझे उसमे कोई भी आपत्ति नहीं है और फिर वो 12:30 बजे वाली ट्रेन से सूरत चला गया और में भी गदराई मौसी को रेल गाड़ी में बैठाने के लिए बोरीवली तक चला गया. फिर में जब वापस आ रहा था तब मैंने एक रेष्टोरेंट में जाकर तीन पेग विस्की पी और मौसी जी के बाद में सचिन के घर आ गया, घर पर पहुंचकर मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि गदराई रांड मौसी उस वक्त हॉल में बैठकर एक किताब पढ़ रही थी. अब उन्होंने मुझे अपनी नशीली नजरों से देखा और फिर वो पूछने लगी क्यों सचिन को बैठने के लिए जगह मिल गयी थी क्या? मैंने कहा कि हाँ क्योंकि वो ट्रेन बिल्कुल खाली थी. अब वो कहने लगी कि मैंने खाना बना लिया है, तुम्हे जब भूख लगे मुझसे बोल देना में खाना लगा दूंगी।
इसके बाद मैंने उन्हें कहा कि मुझे अभी भूख नहीं है और जब लगेगी तब में आपको बोल दूँगा और गदराई रांड मौसी की नजरों में वो अजीब सा नशा देखकर मैंने उन्हें पूछा गदराई रांड मौसी वैसे आप करती क्या हो? वो कुछ समय तक मेरी आँखों से नज़ारे मिला रही थी. फिर वो बोलने लगी कि में एक समाज सेविका हूँ और समाज की सेवा करती हूँ और उनके मुहं से यह बात सुनते ही एकदम से मेरे मुहं से निकल गया कि कभी हमारी भी सेवा कर दीजिए जिसकी वजह से हमारा भी कुछ भला हो जाए।
अब वो मेरी बात को सुनकर हल्के से मुस्कुराई और फिर वो कहने लगी कि हाँ बताओ मौसी जी आप की क्या समस्या है? मैंने कहा कि वैसे तो कुछ खास बात नहीं है, किन्तु जब उचित वक्त होगा तब में आपको ज़रूर दूँगा. (माँ की बहन के मुहं में स्पर्म डाला चुदाई करने के बाद XXX Kahani)
फिर वो मेरी आँखों में आंखे डालती हुई बोलने लगी कि यहाँ पर इस वक्त तुम्हारे और मेरे अलावा कोई भी नहीं है, इस कारण से तुम बिल्कुल बे झिझक होकर मुझे अपनी समस्या को कह डालो शायद हो सकता है कि में मौसी जी आप की उस समस्या को हाल कर दूं? अब मैंने उस बारे में कुछ नहीं कहा , मौसी जी के बाद उनसे पूछा आप किस प्रकार की समाज सेवा करती हो? वो कहने लगी कि में जरूरतमंद लोगो की जरुरत को पूरी करने में सहायता करती हूँ और उनकी समस्या को हल करती हूँ।
अब मैंने उन्हें कहा कि प्लीज आप मेरी भी जरुरत पूरी कर दो ना, वो बोलने लगी कि जब सही वक्त आएगा तब में सब कर दूँगी और फिर वो चुप हो गई और किताब पड़ने लगी. फिर कुछ समय के बाद मैंने उन्हें पूछा कि गदराई रांड मौसी आप यह क्या पढ़ रही है, क्या इस किताब में कुछ खास मज़ा है? वो मुस्कुराते हुए कहने लगी कि हाँ इस किताब में एक बहुत ही ज्यादा अच्छा वाइफ और पति के सेक्स के बारे में एक लेख है।
फिर वो दोबारा पढ़ने लगी और कुछ समय बाद हॉट मौसी जी ने मुझसे पूछा कि दिनु यह सेडक्षन का क्या मतलब होता है? और अब में उसका मतलब सोचने लगा, वो मेरी तरफ अपनी कातिल नजरों से देखती हुई कहने लगी बताओ ना और मेरी थोड़ा सा भी समझ में नहीं आया कि में हिन्दी में गदराई मौसी को कैसे बताऊ? अब वो लगातार मेरी तरफ देख रही थी मौसी जी की आँखों में एक अजीब सा नशा छाने लगा था. फिर में गदराई मौसी को बहुत ध्यान से देख रहा था, मौसी जी के कोमल होंठ शुष्क हो रहे थे इस कारण से वो अपने कोमल होंठो पर अपनी जबान को फेर रही थी और तभी मैंने सोचा कि यही अच्छा अवसर है गदराई रांड मौसी को पटाने का और फिर वो इठलाकर कहने लगी बताओ ना क्या मतलब होता है? मौसी जी की इस अदा को देखते हुए मैंने कहा कि शायद चुदस।
अब वो कहने लगी कि क्या कहा , क्या मतलब होता है? मैंने कहा क्या तुम चुदस को नहीं समझती हो? वो कहने लगी कि हाँ कुछ कुछ, क्या यही इसका मतलब होता है? मैंने उलझकर कहा कि हाँ शायद में कैसे तुम्हे समझाऊ गदराई रांड मौसी? अब वो हंसते हुए कहने लगी कि क्यों चुदस का मतलब सेक्स करने की चाहत तो नहीं है? अब में गदराई मौसी को अपनी एकटक नजर से देखने लगा, तब मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि मौसी जी के कोमल होंठों पर एक अजीब सी चंचल मुस्कुराहट थी, मैंने कहा कि हाँ आप एकदम ठीक मतलब समझी और अब वो मेरी आँखों में अपनी आँखे डालकर कहने लगी कि क्यों यह शब्द चुदस किससे बना है?
दोस्तों अब मैंने मौसी जी की आवाज़ में एक कपकपी को महसूस किया और मौसी जी की मन की बातें वो इशारा समझकर मेरे दिल ने तुरंत मुझसे कहा कि अरे साले गधे वो तुझे इतना अच्छा अवसर दे रही है, तू भी अब बेशरम बन जा वरना पूरी जिंदगी पछताएगा।
अब मैंने अपने मन में गदराई मौसी को सभी बातों का उत्तर खुलकर देने का निर्णय लिया और मैंने गदराई मौसी को बेशरम बनकर कहा कि चुदस चोदना शब्द से बना है, मेरे उत्तर को सुनकर वो खिलखिलाकर हंसने लगी और फिर वो दोबारा उस किताब के पन्ने पलटने लगी. फिर में सोचने लगा कि अब में इसके आगे क्या करूँ? तभी एकदम से हॉट मौसी जी ने मुझसे पूछा कि यह वेजीना क्या होता है? अब मेरे दिल ने मुझसे कहा कि यह साली अब खुद जानबूझ कर मुझसे ऐसे सवाल पूछ रही है और यह इन सभी का मतलब पहले से ही जानती है, किन्तु यह मेरे मुहं से सुनना चाहती है।
अब इसका साफ साफ मतलब यह है कि यह मुझसे अपनी चुदाई करवाना चाहती. इसके बाद मैंने भी बिल्कुल बिंदास होकर गदराई मौसी को कहा कियोनी को वैज्ञानिक वेजीना कहते है. अब वो एक दफे फिर मुझसे पूछने लगी कि यहयोनी क्या होता है? अब मैंने कहा कि क्या आपयोनी का मतलब नहीं जानती हो? वो कहने लगी कि नहीं. अब मैंने गदराई मौसी को पूछा क्या आप फुद्दी का मतलब समझती हो? हॉट मौसी जी ने जल्दी से अपने मुहं पर हाथ रखा और उस किताब के पन्ने पलटती हुई वो कहने लगी हाँ।
इसके बाद मैंने हिम्मत करके गदराई मौसी को कहा क्यों तुम्हे चुदस की बहुत तमन्ना हो रही है? वो हल्के से मुस्कुराते हुए बोलने लगी हाँ चुदस की प्यास? मैंने कहा क्या सही में चुदस की प्यास लगी है? वो कहने लगी कि में पिछले दो साल से प्यासी हूँ क्योंकि दो साल पहले मेरा पति से मेरा तलाक़ हो गया था. अब मैंने कहा ओह तो इस इसका मतलब यह है कि दो साल से मौसी जी आप की फुद्दी ने लण्ड का पानी नहीं पिया है. ढेर सारा स्पर्म डाला माँ की बहन के मुहं में XXX Kahani
फिर वो अपना सर नीचे झुकाकर कहने लगी कि मेरे पूरे जीवन में आज की तारीख तक मुझे तुम्हारे जैसा कोई मिला ही नहीं. अब मैंने पूछा और अगर तुम्हे मिल जाता तो क्या होता? वो कहने लगी तो में अपनी इस विर्जिन फुद्दी को मौसी जी के लण्ड पर कुर्बान कर देती, मैंने कहा कि आओ मेरी जान आज मेरा यह लण्ड मौसी जी आप की फुद्दी पर न्योछावर होने के लिए बेकरा है और मैंने इतना कहकर तुरंत गदराई मौसी को अपनी बाहों में ले लिया और फिर में मौसी जी के लाल रसीले कोमल होंठो पर अपने कोमल होंठ लगाकर उसका चुंबन लेने लगा।
अब मैंने महसूस किया कि उसका कोमल हाथ मेरे लण्ड की तरफ बढ़ता जा रहा था और अब हॉट मौसी जी ने मेरी पेंट की ज़िप को खोलकर मेरी लुल्ली को पकड़ लिया और वो बहुत आहिस्ता आहिस्ता सहलाने लगी. दोस्तों मेरा फौलादी लण्ड मौसी जी के नरम हाथों का स्पर्श पाकर कुछ ही सेकिंड में लोहे की तरह कड़क हो गया और अब मुझसे थोड़ा सा भी बर्दाश्त नहीं हुआ और में अपनी अंडरवियर को उतारकर बिल्कुल नंगा हो गया।
अब हॉट मौसी जी ने एक दफे फिर से मेरी लुल्ली को पकड़कर कुछ देर हिलाने के बाद अपने मुहं में ले लिया और अब वो लोलीपोप की तरह मेरा फौलादी लण्ड चूसने लगी, जिसकी वजह से मुझे बड़ा आनंद आ रहा था. दोस्तों कभी वो मेरे लण्ड के टोपे को चूसती तो कभी अपनी जबान से मेरी लुल्ली को नीचे तक चाट रही थी, वो आहिस्ता आहिस्ता पूरा लण्ड भीतर लेती मौसी जी के बाद धीरे से बाहर निकालकर टोपे पर अपनी जबान को घूमा रही थी।
अब वो किसी अनुभवी छिनाल रांड की तरह मुझे मज़ा दे रही थी और यह सब हॉट मौसी जी ने करीब दस मिनट तक लगातार किया और आख़िर मुझसे रहा नहीं गया, क्योंकि में अब झड़ने वाला था. अब मैंने मौसी जी के मुहं में अपना ढेर सारा गरम गरम स्पर्म डाल दिया जिसको हॉट मौसी जी ने बहुत मज़े लेकर चाट लिया, वो पूरा भीतर गटक गई हॉट मौसी जी ने मेरी लुल्ली को चमका दिया।
फिर हम बहन के लंड दोनों सोफे पर आकर बैठ गये मेरा फौलादी लण्ड फिर से सामान्य हो गया, मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि वो अब भी साड़ी पहने हुई थी मैंने मौसी जी की साड़ी में हाथ डालकर मौसी जी की गोरी भरी हुई जाँघो को सहलाया. फिर में अपने हाथ को मौसी जी की फुद्दी पर ले गया और तब मैंने महसूस किया कि मौसी जी की पेंटी बहुत गीली हो चुकी थी और वो इतनी गीली थी जैसे पानी से भीगी हो और अब मैंने मौसी जी की पेंटी के ऊपर से ही मौसी जी की फुद्दी को सहलाना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से वो अब बिना पानी की सिंघाड़ा मछली की तरह तड़पने लगी।
इसके बाद मैंने मौसी जी की पेंटी के भीतर अपना हाथ डाल दिया और तब मैंने छूकर महसूस किया कि मौसी जी की फुद्दी फूली हुई और गरम भट्टी की तरह सुलग रही थी. अब मैंने जल्दी से मौसी जी की फुद्दी की दरार में अपनी उंगली को डालकर में फुद्दी के दाने को मसलने लगा था, उस वजह से वो बड़ी बेकरार होने लगी और सिसकियाँ लेने लगी।
अब मैंने गदराई मौसी को सोफे पर लेटाकर मौसी जी की साड़ी और पेटिकोट को ऊपर सरका दिया और इसके बाद मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि मौसी जी की पेंटी फुद्दी के अमृत से तरबतर थी, मैंने मौसी जी की गीली पेंटी को पकड़ा और जांघो तक सरका दिया. अब हॉट मौसी जी ने खुद उठकर अपनी पेंटी को अपने टांगों से बाहर निकाल दिया और वो दोबारा सोफे पर लेट गयी, फुद्दी चुदाई के लिये मौसी जी के दोनों पैर फैले हुए थे जिसकी वजह से मुझे उनकी फुद्दी बिल्कुल साफ साफ दिखाई दे रही थी और वो सब देखकर में एकदम पागल हो चुका था।
अब मैंने अपनी एक उंगली को मौसी जी की फुद्दी में डाल दिया, तब मुझे लगा जैसे मैंने आग को छु लिया हो क्योंकि मौसी जी की फुद्दी अब तक बहुत गरम हो चुकी थी. इसके बाद मैंने आहिस्ता आहिस्ता अपनी उंगली को मौसी जी की फुद्दी में भीतर बाहर करना प्रारम्भ करा, जिसकी वजह से मौसी जी के मुहं से आहह उूफफ्फ़ आईईईई की आवाज़ निकल रही थी।
फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी दो उँगलियाँ मौसी जी की कोमल फुद्दी में डाली, मौसी जी की फुद्दी बहुत चिकनी, गीली होने की वजह से मेरी दोनों उंगलियाँ बहुत आराम से फिसलती हुई भीतर बाहर हो रही थी. फिर करीब पचास बार मैंने अपनी उंगलियों से मौसी जी की फुद्दी की बहुत जमकर घिसाई कि और इधर मेरा फौलादी लण्ड भी फूलकर तन गया था।
अब में उठकर खड़ा हुआ और में गदराई मौसी को अपनी गोद में उठाकर शयनकक्ष में ले गया, गदराई मौसी को पलंग पर सीधा लिटा दिया और वो अपनी दोनों आंखे बंद किए मेरे अगले कदम का इंतज़ार करने लगी और वो बहुत गदराई लग रही थी. अब मैंने शयनकक्ष में पहुंचकर जल्दी से अपनी शर्ट को उतारकर मौसी जी की साड़ी और पेटिकोट दोनों को उतार दिया और अब हम बहन के लंड दोनों बिल्कुल नंगे हो गए, वो करवट लेकर लेट गयी जिसकी वजह से मौसी जी के कुल्हे साफ झलक रहे थे और मौसी जी के बीच से मौसी जी की छुपी हुई फुद्दी भी नजर आ रही थी।
इसके बाद मैंने मौसी जी की गांड पर अपने एक हाथ से सहलाया वाह क्या मस्त चूतड़ थी? मज़ा आ गया, मौसी जी की बहुत गोलमटोल मखमली चूतड़ थी और में करीब पांच मिनट तक मौसी जी की गांड को सहलाता रहा. फिर मौसी जी की कमर को पकड़कर मैंने गदराई मौसी को सीधा लिटा दिया और जितना हो सका उतने मौसी जी की दोनों टांगों को फैला दिया और मौसी जी के बाद मैंने अपने एक हाथ से मौसी जी की फुद्दी की दरार को भी फैलाकर नीचे झुककर अब अपनी जबान से मौसी जी की फुद्दी को चाटने लगा।
अब मेरे यह सब करने की वजह से मौसी जी के मुहं से अहह्ह्ह उूउउफफफ्फ़ की नशीली आवाज़े निकल रही थी, में अपनी जबान से मौसी जी की फुद्दी के हर एक हिस्से को आहिस्ता आहिस्ता चाट रहा था और में मौसी जी के बीच बीच में फुद्दी को अपनी जबान से चोद भी रहा था, वो अब बिल्कुल पूरी तरह से गरम हो चुकी थी. ढेर सारा स्पर्म डाला माँ की बहन के मुहं में XXX Kahani
अब गदराई मौसी को यह सब सहना बहुत कठिनाई हो रहा था और इस कारण से वो मुझसे बोलने लगी कि अब हट जाओ दिनु मेरी फुद्दी बहुत गरम चुकी है, तुम अपना लण्ड जल्दी से मेरी गरमागरम फुद्दी में डाल दो मेरे राजा, उउफ़फ्फ़ और अपने लण्ड से मेरी फुद्दी की सारी गरमी और प्यास को बुझा दो, मेरे दिनु आज तुम इतना कस कसकर चोदो कि मेरे सारे अरमान निकल जाए प्लीज अब थोड़ा जल्दी करो. फिर जैसे ही मैंने मौसी जी की फुद्दी से अपना मुहं हटाया, हॉट मौसी जी ने अपने पैर मोड़ लिए में अब मौसी जी के उठे हुए टांगों के बीच बैठ गया।
अब मैंने मौसी जी के पैर अपने हाथ से उठाकर अपना लण्ड मौसी जी की फुद्दी के मुहं पर रख दिया जिसकी वजह से मौसी जी के शरीर में झुरझुरी मच गयी और पेनिस को फुद्दी के मुहं में रखते ही फुद्दी की चिकनाहट की वजह से अपने आप भीतर जाने लगा. अब मैंने कसकर एक धक्का मार दिया जिसकी वजह से मेरा फौलादी लण्ड पूरा का पूरा मौसी जी की फुद्दी में घुस गया, मेरी रांड मौसी जी की गरमागरम फुद्दी के भीतर लण्ड की अजीब हालत थी और में वो अहसास किसी भी शब्दों में नहीं बता सकता।
अब में आहिस्ता आहिस्ता अपना लण्ड मौसी जी की फुद्दी के भीतर बाहर करने लगा और मौसी जी की फुद्दी के घर्षण से मेरा फौलादी लण्ड फूलकर और भी मोटा हो गया, मेरे हर शोर्ट पर वो उउफफफ्फ़ आहहहह ऊऊहह की आवाज़े निकालने लगी करीब बीस मिनट तक में मौसी जी की फुद्दी में अपना लण्ड भीतर बाहर करता रहा. इसके बाद मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और अब में धनाधन अपने पेनिस को मौसी जी की फुद्दी में मुसल की तरह ठुसता रहा हॉट मौसी जी ने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और में समझ गया कि वो अब झड़ रही है।
अब वो करहा रही थी और बोल रही थी हाँ दिनु और ज़ोर से धक्का दो उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्हह्ह आज पूरे दो साल बाद मेरी फुद्दी की खुजली मिटी है आईई वाह मज़ा आ गया तुम वाकई में बड़े पक्के चुदक्कड़ हो हाँ चोदो मुझे ज़ोर ज़ोर से और ज़ोर से शोर्ट देकर चोदो।
अब में उनके कहने पर पूरे जोश में आकर लगातार शोर्ट देने लगा था और अब मेरा फौलादी लण्ड उनकी गीली फुद्दी होने की वजह से फच पच की आवाज़ के साथ भीतर बाहर हो रहा था. फिर उस पूरे कमरे में हमारी चुदाई की फ़च फ़च उफ्फ्फ्फ्फ़ आह्ह्हह्ह माँ मर गई वाह मज़ा आ गया तुम बहुत अच्छे चोद रहे हो हाँ ठीक ऐसे ही लगे रहो की आवाज़े गूँज रही थी।
अब मेरा फौलादी लण्ड लगातार भीतर बाहर होकर मौसी जी की फुद्दी को चोदे जा रहा था, कुछ देर बाद मौसी जी के झड़ने की वजह से मेरा फौलादी लण्ड बिल्कुल गीला हो चुका था और अब वो बिल्कुल निढाल होकर लंबी लंबी साँसे ले रही थी करीब 20-30 धक्कों के बाद मेरे लण्ड ने खतरनाक शोर्ट के साथ अपना गरम स्पर्म बाहर निकाला और वो पूरा का पूरा मौसी जी की फुद्दी की गहराई में जाकर समा गया और जब तक लण्ड से एक एक बूँद मौसी जी की फुद्दी में गिरती रही में धक्कों पे शोर्ट लगाता रहा. (माँ की बहन के मुहं में स्पर्म डाला चुदाई करने के बाद XXX Kahani)
फिर मौसी जी के बाद मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला और में मौसी जी के पास में लेट गया मेरे लण्ड पर कुछ गरम स्पर्म अभी भी लगा हुआ था, हम बहन के लंड दोनों की साँसे बहुत तेज रफ्तार से चल रही थी. अब वो एक तरफ करवट से लेटी हुई थी और करीब पंद्रह मिनट तक हम ऐसे ही लेट रहे और फिर मेरी नज़र मौसी जी की गांड पर पड़ी और चूतड़ का विचार आते ही मेरा फौलादी लण्ड एक दफे फिर से अपनी शरारती हरकत करने लगा।
अब मैंने अपनी एक उंगली को मौसी जी की गांड के छेद पर रखकर भीतर डालने का प्रयास करने लगा, तब मैंने महसूस किया कि मौसी जी की गांड का छेद बहुत तंग था और उनकी गांड से टट्टी निकल रही थे. इसके बाद मैंने ढेर सारा थूक मौसी जी की गांड के छेद पर और अपनी एक उंगली पर भी लगाया और अब में दोबारा से मौसी जी की गांड के अंदर अपनी उंगली को भीतर डालने का प्रयास करने लगा।
अब गीलेपन की वजह से मेरी उंगली थोड़ी सी गांड के अंदर घुस गयी, उंगली घुसते ही वो कसमसाहट करने लगी वो उस दर्द की वजह से तड़पकर आगे की तरफ सरक गई और उस वजह से मेरी उंगली चूतड़ के छेद से बाहर निकल गयी और वो पीछे मुड़कर कहने लगी तुम यह क्या कर रहे हो? इसके बाद मैंने कहा कि मौसी जी आप की गांड सचमुच बहुत अच्छी मजेदार है, वो मुस्कुराकर कहने लगी कि उंगली क्यों डालते हो तुम्हारा लण्ड क्या सो गया है? मौसी जी की यह बातें सुनकर में बहुत प्रसन हुआ और मैंने गदराई मौसी को तुरंत पेट के बल लिटा दिया और दोनों हाथों से मौसी जी के कूल्हों को फैला दिया, जिसकी वजह से मौसी जी की गांड का छेद और भी ज्यादा खुल गया।
अब वो धीरे से बोलने लगी दिनु नारियल तेल, घी या कोई मखमली चीज़ मेरी टट्टी से भरी चूतड़ और लण्ड पर लगा लो तो तुम्हे थोड़ी बहुत आसानी रहेगी. अब मैंने कहा कि मेडम जी मेरे पास इससे भी अच्छी चीज़ है मेरे पास वैसलीन है और फिर में उठकर वैसलीन ले आया और मैंने बहुत सारा वैसलीन अपने लण्ड और मौसी जी की गांड के छेद पर लगाया और मौसी जी की गांड मारने को तैयार हो गया. अब मैंने अपना लण्ड मौसी जी की गांड के छेद पर लगाया और थोड़ा ज़ोर लगाकर भीतर की तरफ ज़ोर लगाया, जिसकी वजह से मेरी लुल्ली का टोपा गांड के अंदर थोड़ा सा घुस गया।
इसके बाद मैंने थोड़ा ज्यादा ज़ोर लगाकर और भीतर किया, पूरा टोपा मौसी जी की गांड के अंदर समा गया टोपा गांड के अंदर जाते ही वो कहने लगी दिनु थोड़ा आहिस्ता आहिस्ता डालो मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है मुझे पूरे दो साल हो गए है चूतड़ को मरवाए हुए. अब में सिर्फ़ टोपे को ही आहिस्ता आहिस्ता चूतड़ के भीतर बाहर करने लगा और कुछ समय बाद ही मौसी जी की गांड का छेद पूरा लण्ड खाने के काबिल हो गया, मुझे लगा अब मेरा फौलादी लण्ड पूरा मौसी जी की गांड के अंदर आराम से चला जाएगा और फिर ठीक ऐसा ही हुआ जैसा मैंने सोचा था।
दोस्तों मौसी जी की गांड का छेद चिकनाहट की वजह से लण्ड थोड़ा और भीतर समाने लगा, करीब दो तीन मिनट की मेहनत से मेरा फौलादी लण्ड पूरा का पूरा मौसी जी की गांड के अंदर घुस गया और मौसी जी के बाद में गदराई मौसी को मादा कुतिया बनाकर मौसी जी के दोनों कूल्हों को ज़ोर से पकड़कर बहुत धीरे से अपना लण्ड मौसी जी की गांड के भीतर बाहर करने लगा।
अब मौसी जी की तंग कसी हुई चूतड़ होने की वजह से मुझे बड़ा आनंद आ रहा था और अब गदराई मौसी को भी मुझसे अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ को मरवाने का आनंद आ रहा था और मुहं से उउफ्फफफ आह्ह्ह्हह्ह माँ मर गई हाँ जाने दो पूरा तुम्हारे भीतर बहुत दम है, वाह मज़ा आ गया स्स्सीईईईईइ प्लीज हल्के शोर्ट दो की आवाजे निकल रही थी।
दोस्तों करीब बीस धक्कों के बाद मेरे लण्ड ने मौसी जी की गांड के सामने अपने घुटने टेक दिए और अब मौसी जी की गांड के अंदर मैंने ढेर सारा गरम स्पर्म छोड़ दिया, उनकी पुरी चूतड़ मेरे लण्ड से निकले गरम स्पर्म से भर चुकी थी. वो भी अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ को सिकोड़ने लगी. अब हम बहन के लंड दोनों एक साथ बिल्कुल निढाल होकर बिस्तर पर लेट गये, मैंने मौसी जी के ब्रेस्ट को सहलाया और जब तक मेरा फ्रेंड नहीं आया मैंने मौसी जी की कई बार फुद्दी और गांड मारी और उनकी गांड और फुद्दी में अपना गरम स्पर्म छोड़ा उन्हें भी मेरा गरम स्पर्म चाटने में बहुत आनंद आया।
यारों मैंने अपने काले मोटे लण्ड से मेरी साली पक्की छिनाल माँ की बहन को चोदकर पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया और मौसी जी की लगी आग को बुझा दिया और फिर जब में वापस अपने घर जाने लगा. अब गदराई रांड मौसी मुझसे पूछने लगी क्यों कैसी रही मेरी समाज सेवा तुम्हे मज़ा आया कि नहीं? और में उनकी वो बात सुनकर हंसकर कहा गदराई रांड मौसी जी आप सच्चे तनमन से समाज सेवा करती हो ऐसी सेवा से तो मुझे क्या हर किसी को मज़ा आ जाए और फिर में अपने घर पर आ गया।
दोस्तों यह थी मेरी कहानी “माँ की बहन के मुहं में स्पर्म डाला चुदाई करने के बाद XXX Hindi Sex Kahani “ इसको पढ़कर अगर किसी फुद्दी वाली की फुद्दी में चुदाई का विचार आ रहा होगा. दोस्तों आप मुझे मेरी इस कहानी के बारे में मुझे गलतियों के बारे में ज़रूर बताए और उन्हें आप लोग माफ़ भी ज़रूर करे।