Old Women And Young Boy Sex – जबरदस्ती सलवार खोलकर पड़ोसन आंटी को खतरनाक चोदा Free XXX Hindi Nonveg Sex Story For Adults 18+ Hindi Chudai Kahani : आज जो हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में में आप सभी के साथ शेयर करने जा रहा हूँ वो एक वास्तविक चुदाई की घटना पर आधारित है जब मैंने मेरी पड़ोसन आंटी जी की जबरदस्ती चुदाई करी थी और उन्होंने रोते रोते मेरे लण्ड से अपनी फुद्दी चुदवाई थी. दोस्तों में उन संस्कारी आंटी को बहुत प्यार करने लगा था और एक दिन मेरे प्यार ने अपनी सारी हदे पर कर दी और मैंने उनके साथ जबरदस्ती कर डाली. वैसे तो मै उन संस्कारी आंटी का चीरहरण करने गया था पर बाद में वो खुद मुझसे चुदवाने के लिये मान गयी और सेक्स करने में मेरा साथ देने लगी थी.
मेरी और संस्कारी पड़ोसन आंटी जी की खतरनाक चुदाई की हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में शुरू करने से पहले में आप सभी को मेरे और मेरी गदराई पड़ोसन आंटी के बारे में बता देता हूँ. दोस्तों मेरी उम्र 24 साल है और मेरे लण्ड की लम्बाई करीब 9 इंच और मोटाई करीब 4 इंच के आस पास होगी. दोस्तों मैं मेरे लण्ड की बहुत देखभाल करता हूँ में रोज नाईट को सोने से पहले मेरे लण्ड की देसी घी से मालिश करके सोता हूँ और रेग्युलर हेंडजॉब भी करता हूँ.
Old Women And Young Boy Sex – जबरदस्ती सलवार खोलकर पड़ोसन आंटी को खतरनाक चोदा Free XXX Hindi Nonveg Sex Story For Adults 18+ Hindi Chudai Kahani

मेरे पड़ोस में ही एक आंटी रहती है जिनका नाम आशा है वो बहुत ज्यदा संस्कारी हैं. वो अधिकतर सलवार सूट ही पहनती है. आंटी सलवार सूट में बहुत कातिल लगती है. मेरी पड़ोस में रहने वाली गरम आंटी की उम्र करीब 40-42 वर्ष के आस पास होगी. वो दिखने में बहुत गरम और गदराई हैं. मेरी पड़ोसन आंटी वैसे तो दो बच्चो की माँ हैं पर उन्हें देख कर किसी भी एंगल से नहीं लगता की उनके दो बच्चे होंगे. पड़ोसन आंटी ने अपने हॉट और गदराई बदन को बहुत अच्छी तरह से मेंटेन कर रखा है. पड़ोसन आंटी के ब्रेस्ट का साइज़ 34सी या 34डी होगा उनके बोबे देखने में बहुत कमाल के हैं. आंटी जी की गांड बहुत शानदार है और थोड़ी ज्यादा मोटी है.
मेरी और आशा आंटी जी की खतरनाक चुदाई की यह अन्तर्वासना इंडियन देसी नॉनवेज सेक्स स्टोरी आज से करीब 5 साल पुरानी है, उस वक्त मैं कॉलेज में पढाई करा करता था. आशा आंटी के घर मेरा रोज का आना जाना था. मैं अपने फ्री टाइम मे आशा आंटी के घर चला जाता था. आशा आंटी के पति के साथ मेरे एक फ्रेंड जैसे बहुत ही ज्यादा अच्छे सम्बन्ध थे. स्कूल के दीनो से ही मैं पड़ोसन आंटी को बहुत पसंद करता था और उनके साथ सेक्स करने का अरमान अपने दिल में दबाकर रख रखा था. मैं चोरी छुपे पड़ोसन आंटी का क्लीवेज और चूतड़ को देखा करता था, आशा आंटी जब सफाई करने के लिए झुकती थी तब उनकी सलवार से क्लीवेज सॉफ दिखाई देता था.
मैने अपने मोबाइल फोन मे गदराई संस्कारी आंटी के क्लीवेज और गांड की बहुत ही ज्यादा गदराई कामुक फोटोस निकाल रखी थी और उन्हे देखकर ही मैं रोज नाईट को सोने से पहले उनके नाम की हेंडजॉब करा करता था. पड़ोसन आंटी के पति को काम के सिलसिले में कई बार शहर से बाहर जाना पड़ता था सो हर बार मैं उनकी ही बाइक से उन्हे स्टेशन छोड़ने जाता था. जब आशा आंटी के पति घर पर नहीं होते थे तो मैं कई बार पड़ोसन आंटी के घर उनकी खतरनाक चुदाई करने की नीयत से पहुच जाया करता था पर कभी उनसे अपने दिल की बात जाहिर करने की हिम्मत ही नहीं होती थी और में वापस अपने घर चला आता था और उनके नाम की मुठ मारकर अपने पेनिस को सन्तुषट कर लिया करता था.

पर एक दफे जब नाईट के वक्त मैं अंकल को रेलवे स्टेशन छोड़ने गया तो मैंने सोचा की आज सही अवसर है आशा आंटी जी की खतरनाक चुदाई करने का घर पर उनके छोटे बच्चो के अलावा और कोई नहीं है. मैंने बाइक की स्पीड तेज करी और जल्दी से आशा आंटी के पति को छोड़कर वापिस उनके घर पर बाइक रखने आ गया. मैने सोच लिया था की आज नाईट कैसे भी करके आशा आंटी जी की फुद्दी चुदाई करके रहूँगा. जब मैने पड़ोसन आंटी को बाइक की चाबी लौटाई तो उन्होंने बड़े प्यास से मेरे बालों को सहलाया और कहा थेंक्स बेटा तुम हमारी कितनी सहायता करते हो.
दोस्तों जैसे ही संस्कारी आंटी ने मेरे बालों में अपने हाथ फेरे वैसे ही मेरे लण्ड में तनाव बढ़ गया और मेरी धड़कने बहुत तेज तेज चलने लगी मेरे भीतर पड़ोसन आंटी को पेलने की तमन्ना और तीव्र हो उठी थी. आधी नाईट के करीब 3 बज रहे थे. मैंने पड़ोसन आंटी से पानी मागा. जब वो किचन मे पानी लेने गयी तब मैं भी चुपके चुपके गदराई पड़ोसन आंटी के पीछे किचन मे चला गया और बिना कोई आवाज़ करे किचन का दरवाज़ा भीतर से बंद कर दिया और उसकी और मुड़ा, आशा आंटी जी की पीठ मेरी और थी उन्होंने अपने हॉट और गदराई बदन पर हल्के ब्राउन कलर का चूड़ीदार सलवार सूट पहना था, मैं चुपके से पड़ोसन आंटी के पीछे गया और एकदम से उनके मुँह को अपने राइट हॅंड से बंद कर दिया ताकि वो चीख ना सके.
फिर मैने पड़ोसन आंटी के कान मे कहा की मुझे आप की फुद्दी चुदाई करनी है, मैं आज आप की मर्ज़ी से या ज़बरदस्ती आप की फुद्दी चुदाई करने वाला हू, तो आंटी जी आप के लिये अच्छा यही रहेगा की आप सेक्स करने में मेरा पूरा साथ दें क्या फर्क पड़ता है एक दिन आप के पति की जगह में ले लूँ तो… आप मुझे भी मजे करने दें और खुद भी मेरे लम्बे मोटे लण्ड के मज़े ले. मेरी बात सुनकर आशा आंटी समझ गयी की आज उनका रेप होना तय है. वो डर के मारे घबरा गयी और मुझसे छुटने के लिये झटपटाने लगी. मैने गदराई पड़ोसन आंटी का मुँह ओर ज़ोर से दबाया और कहा की लास्ट चान्स दे रहा हू आंटी जी आप को, अगर झटपटाना बंद नही करोगी तो मुझे आप के इस सेक्सी बदन के साथ ज़बरदस्ती करनी पड़ेगी. पर मेरे बहुत समझाने के बाद भी वो मानने को तैयार नहीं थी. फिर मैं सूट के उप्पर से ही अपने हाथों से पड़ोसन आंटी के मोटे मोटे बोबे मसलने लगा.

पड़ोसन आंटी के मोटे मोटे बोबे बहुत ही ज्यादा सॉफ्ट थे. पड़ोसन आंटी अभी भी मुझसे छूटने की बहुत ही ज्यादा प्रयास कर रही थी. फिर मैने धीरे से पड़ोसन आंटी जी की सलवार के भीतर हाथ डाल दिया और उनकी फुद्दी को दबाने और सहलाने लगा. अब पड़ोसन आंटी ने रोना शुरू कर दिया था, मेरे पास अब और कोई रास्ता भी नही बचा था अगर मैं आंटी को ऐसे भी बिना चोदे छोड़ के चला जाता तो भी वो सब कुछ सबको बता देती, इसीलिए मैने सोचा की वैसे भी माँ तो चुदवाने ही वाली है जब सबको मेरी इस हरकत के बारे में पता चलेगा तो क्यों ना आंटी जी की फुद्दी के मज़े लेकर ही अपनी भूख शांत करी जाए कल जोग जो देखा जायगा.
फिर मैने पड़ोसन आंटी जी की चूड़ीदार सलवार का नाडा खोला और उनकी सलवार को अलग निकाल दिया, ऐसा करते ही वो और ज्यादा घबरा गयी और मेरे हाथों को पकड़ने लगी, मैने बड़ी कठिनाई से अपना हाथ छुड़वाया और आशा आंटी जी की पैंटी मे हाथ डाल के उनकी फुद्दी में उंगली करने लगा, अब रेप के दर से पड़ोसन आंटी का पूरा बदन कापने लगा था, और थोड़ी ही देर मे पड़ोसन आंटी जी की फुद्दी के पानी से मेरा उल्टा हाथ गीला हो चुका था. पड़ोसन आंटी एक दफे तो झड़ चुकी थी उनकी फुद्दी कामरस से तर हो रही थी, और अब वो मुझसे छूटने की भी प्रयास नही कर रही थी अब वो भी चुदास से भर चुकी थी.
मैने धीरे से अपना हाथ पड़ोसन आंटी के मुँह से हटाया और पड़ोसन आंटी को अपनी और टर्न किया, आशा आंटी का गरम चहरा अपने दोनो हाथो से पकड़ कर उनके लाल गुलाबी होट पर अपने होट रख दिए और अपनी ज़ुबान आंटी के मुँह में डालना शुरू कर दिया कुछ देर बाद आंटी भी मेरा साथ देने लगी और वो भी मेरे मुँह में अपनी जबान डालने लगी. आंटी जी की प्रतिक्रिया देख मेरी प्रसनी का कोई ठिकाना ही नही था में समझ गया की आंटी ने हार मान ली है और मेरे आगे समर्पण कर दिया है. कुछ समय तक पड़ोसन आंटी के साथ चुम्मा चाटी करने के बाद मैंने पड़ोसन आंटी के गदराई बदन से सारे कपड़े निकाल दिए और उन्हें पेलने के लिये पूरी न्यूड कर दिया.

अब पड़ोसन आंटी मेरे सामने बिना कपड़ों के बिलकुल नंगी खड़ी थी. गदराई पड़ोसन आंटी के नंगे बोबे देख मुझसे इंतजार नहीं हुआ और में किसी भूखे कुत्ते की तरह उनके बोबों पर टूट पड़ा, एक के बाद एक गरम आंटी के दोनो मोटे मोटे ब्रेस्ट को जी भर के चूस रहा था, कुछ समय बाद मैं भी पूरा नंगा हो गया, फिर कुर्सी पर बैठा और आशा को अपनी गोद मे बिठाया, और फिर से गरम आंटी के ब्रेस्ट चूसने लगा, गरम आंटी के ब्रेस्ट से दूध निकल रहा था जो स्वाद मे हल्का सा मीठा और गाढ़ा था, जी भर के उनका दूध पीने के बाद मैने पड़ोसन आंटी को किस किया फिर पड़ोसन आंटी को मेरा फौलादी लण्ड चूसने को बोला. मेरा फौलादी लण्ड करीबन 9 इंच लंबा था और 4 इंच मोटा है.
आंटी ने पहले तो लण्ड मुँह में भरकर चूसने से मना कर दिया पर कुछ समय बाद मान गयी, वो मेरे सामने घुटने पर बैठ गयी और मेरा पेनिस अपने मुँह मे ले लिया वो सिर्फ़ लण्ड का टोपा ही चूस रही थी इस लिए मैने उनका सिर पकड़ के मैने पूरा लण्ड गरम आंटी के गले तक पेल दिया, इसके कारण उसकी आँख भर आई और वो ख़ासने लगी, फिर मैने ज़बरदस्ती पड़ोसन आंटी के मुँह मे अपना पूरा लण्ड घुसा दिया और उनके मुँह की खतरनाक चुदाई करने लगा. जब में आंटी का मुँह चोद रहा था तो उनका मुँह पूरा लाल हो चूका था मेरा फौलादी लण्ड उनके गले तक जा रहा था जिस कारण ब्लोजॉब करते वक्त उन्हें बार बार खांसी भी आ रही थी.
गरम आंटी के मुँह को पेलने के बाद मैने गरम आंटी को डाइनिंग टेबल पर सुलाया और उनकी गोरी गोरी टाँग पकड़ के अपनी और खींच दी और अपने कंधे पर आंटी जी की न्यूड टाँग रखी, फिरमैने अपना मुसल जैसा लंड गरम आंटी जी की गीली फुद्दी पर रखा, उस 42 साल की महिला की फुद्दी पर हल्के हल्के बाल थे और पूरी गीली हो चुकी थी उसकी फुद्दी, मैने एक ही झटके मे अपना पूरा लण्ड उसकी फुद्दी मे पेल दिया, इस से गरम आंटी के मुँह से हल्की सी आआह निकल गयी. मैं ज़ोर ज़ोर से अपना मुसल जैसा लंड उसकी फुद्दी के भीतर बाहर करने लगा, उसकी फुद्दी के पानी से मेरा फौलादी लण्ड गीला हो चुका था और हमारी चुदाई की पूछक… पूछक… और ठप… ठप… की आवाज़ से किचन गूँज रहा था जिस कारण मुझे डर था की आंटी के बच्चे जाग ना जाए पर नसीब अछा था की किसिको कुछ पता नही चला.
मैने करीब चार पाँच मिनिट तक पड़ोसन आंटी को इसी सेक्स पोज़िशन मे चोदा. फिर मैं वापिस कुर्सी पर बैठ गया और पड़ोसन आंटी को अपनी गोद मे बिठाकर अपना लण्ड उसकी फुद्दी मे डाल दिया, अब वो मेरी गोद मे मेरा फौलादी लंड अपनी फुद्दी मे लिए उछाल रही थी, और गरम आंटी के ब्रेस्ट मेरी आँखो के सामने बाउन्स हो रहे थे, मैने फिर से गरम आंटी के ब्रेस्ट चूसना शुरू कर दिया और उसने मेरे लंड पे उछालना जारी रखा. कुछ समय बाद आंटी ने कहा की वो अब बहुत ज्यादा थक गयी है, तो मैने गरम आंटी के हाथ डाइनिंग टेबल पर रखे और उन्हें झुकाकर घोड़ी बना दिया और फिर पीछे से उनकी फुद्दी मे अपना लण्ड घुसा दिया, और पड़ोसन आंटी को डॉगी स्टाइल में पीछे से ज़ोर ज़ोर से पेलने लगा.

पड़ोसन आंटी को चोदते हुए मैने अपना एक हाथ उसकी चूतड़ के छेद मे डाल दिया इससे वो एकदम चौक गयी और अपनी फुद्दी को और तंग कर दिया, मैने अपना हाथ आंटी जी की गांड के भीतर ही रखते हुए पेलने की स्पीड और बढ़ा दी, अब मैं झड़ने वाला था. बड़ी बेरहमी से उसकी फुद्दी पेलने के बाद मे उसकी फुद्दी मे ही झड़ गया, फिर उसने बिना अपनी फुद्दी सॉफ करे ही कपड़े पहन लिए और मैने भी अपने कपड़े पहन लिए, फिर वो बिना कुछ बोले ही किचन से बाहर जाने लगी, तब मैने उनका कोमल हाथ पकड़ के अपने पास खिंचा और फिर में कुर्सी पर बैठ गया और आंटी को अपनी गोद मे बिठाया, और फिरसे उन्हें किस करने लगा.
कुछ समय तक आंटी के साथ चुम्मा चाटी करने के बाद मेरा फौलादी लण्ड फिर से तन गया, तो मैने ब्लोजॉब के मजे लेने के लिये अपना लण्ड एक दफे फिर पैंट से बाहर निकाला और आशा आंटी को मुँह मे लेने को बोला, वो बिना कुछ बोले ही नीचे घुटनो पर बैठ गयी और मेरी लुल्ली को अपने गले तक लेकर चूसने लगी. आंटी के मुँह में जाते ही मेरे लंड का आकर और बढ़ गया और मैने पुरे जोश के साथ गरम आंटी के मुँह को चोदना प्रारम्भ करा. थोड़ी देर तह आंटी के मुँह की खतरनाक चुदाई करने के बाद मैने पड़ोसन आंटी को खड़ा किया और एक दफे फिर उनके हॉट और गदराई बदन से उनकी सलवार और पैंटी निकाली और डाइनिंग टेबल के सहारे उन्हें कुतिया बनाया और डॉगी स्टाइल में पीछे से उनकी गांड की खतरनाक चुदाई करने लगा.
करीब दस मिनट के बाद मैंने संस्कारी आंटी जी की गांड से अपना लण्ड बाहर निकाला और पड़ोसन आंटी को फिर से लण्ड मुँह में भरकर चूसने को बोला. कुछ समय तक गरम आंटी के मुँह की खतरनाक चुदाई करने के बाद मैं झड़ने वाला था तब मैंने आंटी का सिर कस कर पकड़ा और उनके मुँह में अपना सारा स्पर्म छोड़ दिया. आंटी किसी प्यासी रांड की तरह मेरा सारा का सारा स्पर्म पी गयी, मेरा स्पर्म पिने के बाद फिर से आंटी जी ने अपने सारे कपड़े पहने और मैं भी अपने कपड़े पहन कर आंटी के घर से अपने घर चला आया. दोस्तों संस्कारी आंटी ने इस चुदाई की घटना के बारे में किसी को भी नहीं बताया है नहीं तो चीरहरण करने के आरोप में मुझे जेल हो जाती.
अब वो संस्कारी आंटी भी मुझसे प्यार करने लगी है और उन्हें मेरे लण्ड से अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ मरवाना और फुद्दी चुदवाना बहुत पसंद है. दोस्तों जिस दिन हमने पहला सेक्स करा था उसी दिन से मेरा और आशा आंटी का अफेयर शुरू हो गया जो मेरे पूरे जीवन में आज की तारीख तक चल रहा है जब जब अंकल शहर से बाहर जाते है तब तब में आंटी की प्यासी रातें हसीन करने पहुच जाता हूँ और हम खूब मजे से सेक्स का आनंद लेते हैं. दोस्तों उम्मीद करता हूँ की आप सभी को मेरी हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में “Old Women And Young Boy Sex – जबरदस्ती सलवार खोलकर पड़ोसन आंटी को खतरनाक चोदा Free XXX Hindi Nonveg Sex Story For Adults 18+ Hindi Chudai Kahani” बहुत पसंद आई होगी आप इस फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में को अपने दोस्तों के साथ सरुर शेयर करा करो ताकि हमें प्रोत्साहन मिले और हम आप के लिये और भी अच्छी अच्छी हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में लेकर आए…