मासूम छोटी बहन के पति से चुदाई का सुख प्राप्त करा Hindi Chudai Ki Kahani : हेलो दोस्तों में मेरे मासूम छोटी बहन के पति से चुदाई उसका लण्ड देखकर मे उस से चुदाई औरयोनी की आग शांत की. मेरा नाम उर्मिला है, सब लोग मुझे “उर्मी” कहते है, मैं तेईस वर्ष की हूँ और भोपाल में रहती हूँ. लगभग तीन वर्ष पहले मेरी शादी हुई थी. शादी से पहले भी मैं बहुत ही ब्यूटीफुल दिखती थी, किन्तु शादी के बाद मेरा कलर रूप और भी ज्यादा निखर आया है, अब तो मैं एक अप्सरा से कम नहीं लगती हूँ ! मेरे गदराई बदन के पैमाने हैं 36-24-36, कद पांच फुट छह इंच, कलर बहुत गोरा, छाती उठी हुई और उस पर दो कसी हुई चूचियाँ, जिनके ऊपर मोटे काले अंगूरों जैसी घुन्डियाँ, बल खाती हुई कमर पतली, चौड़े नितम्ब, सुडौल जांघें और लंबी तथा पतली टाँगें ! टुंडी के नीचे और टांगों के बीच में काले कलर के बालों के बीच में विराजमान मेरी संकरी सी गोरी फुद्दी !
तीन वर्ष की शादी के बाद भी कोई बच्चा ना होने की वजह से अभी तक इस फुद्दी में कोई बदलाव नहीं आया, अभी भी वह तीन वर्ष पहले जैसी अनमैरिड और संकरी दीखती है ! आज भी जब मैं चुदती हूँ तो वही पहली नाईट जैसा ही आनन्द आता है ! यह गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में आप के लिये हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में डॉट ऑनलाइन द्वारा शेयर करी गई है. यह घटना लगभग एक वर्ष पहले की है जब मेरी इक्कीस वर्षीया मासूम छोटी बहन अर्ची (अर्चना) की शादी, मथुरा में रहने वाले फैमिली के तेईस वर्षीय कमल से हुई थी.
मासूम छोटी बहन के पति से चुदाई का सुख प्राप्त करा Hindi Chudai Ki Kahani

कमल आगरा में एक कंपनी में इंजिनियर है और अर्ची के साथ आगरा में ही रहतें हैं. मेरी मासूम छोटी बहन भी मेरे तरह बहुत सुंदर है और उसका शरीर भी बहुत नशीली है, हम बहन के लंड दोनों बिल्कुल जुड़वाँ लगती हैं. कमल का कद छह फुट है, चौड़ी छाती है और वह स्वस्थ तथा बलिष्ठ पुरुष है ! नियमित योग और व्यायाम के कारण उसका सिक्स-पैक शरीर अत्यंत ही आकर्षक है ! शादी के तुरंत बाद कमल और अर्ची जब मेरे घर भोपाल में दो दिन के लिए रहने आये थे, तब मैंने उन्हें अपने साथ वाले शयनकक्ष में ही ठहराया था. दोनों शयनकक्ष के बीच में एक दरवाज़ा था, जिस में से एक दूसरे कमरे में हो रही आवाजें सुनाई देती थी और उस दरवाज़े के की-होल में से उस कमरे के भीतर का नज़ारा भी दिखाई देता था !
नाईट को जब मेरे स्मार्ट पति सो गए, तब मैं उठ कर उस दरवाज़े के पास खड़े होकर दूसरे कमरे की आवाजें सुनने लगी. भीतर कमल अर्ची को चुदाई के लिए मना रहा था और वह कुछ नखरे दिखा रही थी ! मुझसे रहा नहीं गया और मैंने की-होल में से देखा तो पाया कि कमरे की लाईट जल रही थी तथा कमल अर्धनग्न खड़ा था और अर्ची के कपड़े उतार रहा था. जब उसने अर्ची को पूरा नंगी कर दिया तब वह सीधा खड़ा हो कर अर्ची से उसका जांघिया उतारने को कहा . अर्ची उठ कर पलंग पर बैठ गई और उसका जांघिया नीचे करके उसमें से कैद 9 इंच लम्बे और 4 इंच काले भुसंड लौड़े को आज़ाद कर दिया.

मैं तो उस लौड़े को देख कर दंग रह गई, कमल का लौड़ा आठ इंच लंबा और दो इंच मोटा था तथा उसका सुपारा तो ढाई इंच मोटा था ! लौड़ा एकदम तना हुआ था, उसके ऊपर की नसें फूली हुई थीं और उसका सुपारा बाहर निकला हुआ था. अर्ची पहले उस लौड़े को बड़े प्यार और मोहब्बत से अपने हाथों से मसलती रही, फिर उसने उसको अपने मुँह में घुसेड़ कर चूसना शुरू कर दिया. उधर कमल अर्ची की चूचियाँ दबा रहा था और उसकी घुंडियों को मसल रहा था.
कुछ देर के बाद कमल ने अर्ची को उठा कर पलंग पर लिटा दिया और उसकी टांगों के बीच में मुँह घुसेड़ कर उसकी फुद्दी को चूसने तथा चाटने लगा. लगभग पांच मिनट के बाद अर्ची चिल्लाने लगी और कमल को चुदाई के लिए बोलने लगी. कमल अर्ची की दोनों टांगों के बीच में बैठ गया और उसने अपना लौड़ा उसकी फुद्दी के मुँह पर रख कर एक धक्का दिया तथा आधा लौड़ा अर्ची की फुद्दी के भीतर कर दिया. फिर उसने दूसरा धक्का लगाया और पूरा लौड़ा फुद्दी में धकेल दिया !
अर्ची ने हल्की सी चीख मारी और कमल से लिपट गई ! इसके बाद अगले दस मिनट तक कमल उछल उछल अपना लौड़ा अर्ची की फुद्दी के भीतर बाहर करता रहा और अर्ची भी उछल उछल कर कमल का साथ देती रही. दस मिनट के बाद एकदम कमल ने तेज़ी से चुदाई करने लगा और फिर दोनों ही चीखने चिल्लाने लगे तथा एकदम से अकड़ कर एक दूसरे पर ढेर हो गए. फिर दोनों अलग हुए, लाईट बंद कर दी और सो गए.
मैं भी अपने बिस्तर पर आकर लेट गई और अभी अभी देखे नज़ारे के बारे में सोचने लगी ! मेरी फुद्दी में खुजली शुरू गई थी, मैं भी चुदना चाहती थी, इस कारण से मैं अपने पति से चिपट गई और उनके लौड़े को पकड़ कर मसलने लगी. मेरे मर्द का लौड़ा कमल के लौड़े के सामने कुछ भी नहीं था, मेरे स्मार्ट पति का लौड़ा केवल छह इंच लंबा और सवा इंच मोटा था और सुपारा तो डेढ़ इंच मोटा ही था तथा टोपी के भीतर ही रहता था ! मुझे मेरी मासूम छोटी बहन अर्ची से ईर्ष्या हो रही थी, मैं भी अपनी गरम माल बहन के पति कमल का लौड़ा अपनी फुद्दी में डलवाना चाहती थी किन्तु उस वक्त के हालात और फुद्दी की खुजली से लाचारी मैं अपने पति के लौड़े को ही जगाने लगी थी.

मेरे मसलने पर लौड़ा तन गया और मेरे स्मार्ट पति भी जाग गए ! मेरी खतरनाक चुदाई की तमन्ना को समझते हुए उन्होंने अपने और मेरे कपड़े उतार दिए तथा अपने लौड़े को मेरे मुँह में देकर मेरी फुद्दी को चूसने लगे. मैं तो पहले से ही गर्म थी इस कारण से पाँच मिनट में ही मैंने पानी छोड़ दिया ! मेरी यह हालत देख मेरे मर्द ने मुझे सीधा लिटाया और अपने लौड़े को एक ही झटके में मेरी फुद्दी में धकेल दिया और मेरी खतरनाक चुदाई शुरू कर दी. अगले दस मिनट में मैंने दो बार पानी छोड़ा और फिर जाकर मेरे मर्द ने अपने पिचकारी छोड़ी और मेरी आग शांत की. इसके बाद हम सो गये, किन्तु क्योंकि मेरी संतुष्टि नहीं हुई थी इस कारण से सपने में भी मुझे कमल का लौड़ा ही दिखाई देता रहा !
नाईट नौ बजे मैंने कमल को जगाया और हम बहन के लंड दोनों कुत्ते कमीनो ने खाना खाया और कुछ देर बाहर गार्डन में टहलते रहे।लगभग दस बजे हम भीतर आये तो मैंने कमल से पूछा कि क्या वह कॉफी पीयेगा तो उसने हाँ कह दी. मैंने उसे कमरे में जाने को कहा और कॉफी बनाने चली गई. किचन में मैंने गैस पर पानी उबलने के लिए रखा और जल्दी से अपनी नाइटी के नीचे पहनी हुई पैडेड ब्रा और पैंटी उतार कर वहीं किचन में रख दी. अब मैं चुदवाने के लिए मानसोक और शारीरिक तौर पर बिल्कुल तैयार थी, मेरी आँखों के आगे कमल का लंबा, मोटा और तगड़ा लौड़ा दिखाई देने लगा था और मेरी फुद्दी में थोड़ी खलबली भी शुरू हो गई थी.
जैसे ही कॉफी बन गई, मैं उसे कमल के कमरे में ले गई तो देखा कि पलंग पर उसका सामान बिखरा हुआ था और कमल सिर पकड़े बैठा हुआ था. मैंने पूछा- क्या हुआ? तो उसने बताया- अर्ची ने नाईट के सोने वाले कपड़े तो बैग में रखे ही नहीं! शायद पहली बार सामान बाँधा था इस कारण से उसने बैग में पेंट और कमीज तो रख दी थी, किन्तु बनियान और जांघियाँ भी नहीं रखे थे ! मैंने उसे कहा – इसमें परेशान होने की बात नहीं! और मैंने उसे नाईट के लिए अपने पति की लुंगी दे दी.
काफी पीने के बाद मैंने कमल से कहा कि वह अपना बनियान और जांघियाँ उतार दे ताकि मैं उन्हें अभी धो दूँ ताकि मोर्निंग तक सूख जाएँ ! वह कल वही पहन जाए और कल ही मैं उसके लिए नए बनियान और जांघियाँ ला दूँगी! मेरी बात मान कर कमल कपड़े बदलने के लिए बाथरूम में घुस गया ! उसे भीतर गए अभी कुछ सेकण्ड ही हुए थे कि मैं भी स्नानघर का दरवाज़ा खोल कर उसमे घुस गई. मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि कमल बिल्कुल नंगा खड़ा मूत रहा था !
मुझे स्नानघर के भीतर देख कर वह हकबका गया और एकदम घूम गया! मैंने उसे सँभालने का अवसर ही नहीं दिया और मैं उसके पास जाकर उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा कि उसे घबराने और हैरान होने कि जरूरत नहीं है. मैंने उसे कंधों से पकड़ कर घुमाया और उसे अपने सामने कर उसके लौड़े को पकड़ लिया और बताया कि मैं उसके लौड़े को अच्छी तरह देखा हुआ है! कमल अपने 9 इंच लम्बे और 4 इंच मोटे लौड़े को छुड़ाने की नाकाम प्रयास करता रहा पर मैंने उसको नहीं छोड़ा.

उस वक्त उसका लौड़ा छोटा सा हो रखा था इस कारण से मैं उसको मसलने लगी और आगे पीछे हिला कर बड़ा करने लगी।देखते ही देखते उसका लौड़ा तन कर लोहे की छड़ जैसा हो गया, तब मैंने नीचे बैठ कर उसे अपने मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी. कमल तो बहुत मना करता रहा किन्तु मैं ही नहीं मानी और चुसाई चालू रखी. क्योंकि कमल को कुछ समझ नहीं आ रहा था इस कारण से वह वहीँ खड़ा खड़ा आह्ह… आह्ह्ह्ह… आह्ह… करता रहा! इसके बाद मैंने तेज़ी से चूसना प्रारम्भ करा और उसके ढाई इंच के टट्टों को भी हल्के हल्के मसलना शुरू कर दिया. मेरे ऐसा करने से चुसाई का असर दुगना हो गया और पाँच मिनट में ही कमल ने आह्ह्ह्ह… की ज़ोरदार आवाज़ निकलते हुए अपनी पिचकारी मेरे मुँह में छोड़ दी.
इसके लिए मैं तैयार थी और उसका बहुत ही स्वादिष्ट, कुछ नमकीन और कुछ खट्टा जैसा स्पर्म रस मैंने गटागट पी लिया तथा लौड़े के छेद में से भी बचा हुआ रस चूस कर खींच लिया. इसके बाद मैंने कमल के लौड़े और टट्टों को चाट कर साफ़ किया और उसे शयनकक्ष में जाने दिया. इसके बाद मैंने कमल के बनियान और जांघिये को धोया और शयनकक्ष में पंखे के नीचे सूखने को फैला दिए. कमल ने पलंग पर फैले सामान को समेट कर, लुंगी पहने पलंग पर बैठा हैरान सा मुझे यह सब करते हुए देखता रहा था!
इसके बाद मैं उसके पास जाकर बैठ गई और उसका एक हाथ अपने हाथों में ले कर पूछा कि वह हैरान परेशान क्यों है? तो उसने कहा कि उसे समझ नहीं आ रहा कि कुछ देर पहले यह सब क्या और कैसे हुआ था! उसने मुझसे पूछा कि मैंने उसका लौड़ा पहले कब देखा था तो मैंने उसे बताया कि जब वे लोग मेरे यहाँ आये थे तब उन्हें चुदाई करते हुए देखा था और मैंने उठ कर अपने कमरे वाला दरवाज़ा खोल कर उसे की-होल के बारे में सब बताया !
कमल मेरी बात सुन कर थोड़ा शरमाया और फिर मुस्करा कर कहा – दीदी, आप बहुत ही शातिर हैं !फिर उसने मुझसे कहा – आपने मुझे और अर्ची को नग्न रूप में चुदाई करते हुए देख लिया, और अब मेरा लौड़ा चूस कर उसका रस भी पी लिया किन्तु मुझे अभी तक अपने किसी भी अंग के दर्शन नहीं कराये? तब मैंने उसे इशारा किया कि इसके लिए उसे ही मेहनत करनी पड़ेगी और मैं कमरे के बीच में आँखें बंद करके खड़ी हो गई ! कमल उठ कर मेरे पास आया और मेरी नाइटी को ऊपर उठा कर उतार दिया. नाइटी के नीचे मुझे बिल्कुल नग्न पा कर वह मेरी मंशा समझ गया कि मैं इस अवसर के लिए पहले से ही तैयार हो कर आई हूँ !

उसने मेरी नाइटी को वहीं फेंक कर मुझे अपनी गोद में उठा कर पलंग पर लिटा दिया तथा मेरे करीब ही बैठ गया. वह अपने हाथ मेरी चूचियों पर फेरने लगा और अंगूठे तथा उंगली के बीच में घुंडियों को पकड़ कर मसलने लगा. फिर उसने अपना एक हाथ मेरी फुद्दी के बालों पर रखा और अपने एक उंगली से मेरे छोले को रगड़ने और बड़ी उंगली को मेरी फुद्दी के भीतर घुसेड़ कर हिलाने लगा. मैं तो लौड़ा चूसने के वक्त से गर्म थी, कमल की उँगलबाजी से मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गई, मेरे से रहा नहीं गया तो मैंने उसकी लुंगी खोल दी और उसके लौड़े को पकड़ कर मसलने लगी.
एक मिनट में ही उसका लौड़ा तन कर फौलाद का हो गया, तब मैं ऊँची हो कर कमल के लौड़े को मुँह में लेने का प्रयास करने लगी, यह देख कमल उल्टा हो कर लेट गया और मेरी फुद्दी में मुँह रख कर छोले को चाटने लगा और जबान को फुद्दी की गली में घुसाने और निकालने लगा. मैं भी उसके लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी. पांच मिनट के बाद जब मैं बहुत गर्म हो गई और मेरे मुँह से आहंह्ह… आहंह्ह… उहंह्ह… उहंह्ह्ह… आवाजें निकली और मेरी फुद्दी ने सिकुड़ कर पानी छोड़ दिया. कमल ने सारा पानी पी लिया, फुद्दी को चाट कर साफ़ कर दिया. क्योंकि मैं काफी उत्तेजित हो चुकी थी इस कारण से मैंने उसे मेरी खतरनाक चुदाई करने का आग्रह किया.
तब वह उठ कर मेरी टांगों के बीच में बैठ गया और मेरी फुद्दी को देखने लगा. मैंने पूछा- तुम मेरी फुद्दी को क्यों घूर रहे हो? तो उसने बताया कि उसे मेरी फुद्दी बिल्कुल अर्ची की फुद्दी जैसी ही लग रही थी बल्कि उससे भी कुछ संकरी लग रही थी और उसके लौड़े के चुदाई से कहीं फट गई और ब्लड निकलने लगा तो क्या करेंगे. यह सुन कर मुझे हंसी आ गई और मैंने उस से कहा- अगर मेरी फुद्दी अर्ची की फुद्दी की जैसी है तो जैसे उसकी नहीं फटी वैसे मेरी भी नहीं फटेगी, और अगर अर्ची की फुद्दी में उसका लौड़ा समां गया था तो उसी तरह मेरी फुद्दी में भी समां जाएगा !

मैं उसके आठ इंच के लौड़े को अन्दर लेने के लिए बेताब थी इस कारण से मैंने उसे चुदाई के लिए उकसाया तब उसने धीरे से मेरी फुद्दी के मुँह पर लौड़े को रखा और एक ही झटके में सुपारा अन्दर घुसेड़ दिया ! उसके ढाई इंच मोटे सुपारे के लिए मेरी फुद्दी काफी तंग थी, जैसे नई फुद्दी हो और पहली बार चुद रही हो ! मुझे बहुत तेज दर्द हुआ और मैं चीख उठी ऊईई ममाँआआ… म्म्म्मरर्र… गईई… हाएए… मेरीईइ… फटगईई… आहंहह्ह… उहंहह्ह… मार डाला ! मेरी चीखें सुन कर कमल रुक गया और मेरे मुँह पर अपना मुँह रख कर मुझे चुम्बन करता रहा !
जब मैं ठण्डी हो गईतब उसने दूसराशॉट मारा और आधा लौड़ा मेरे भीतर घुसेड़ दिया, मुझे एक दफे फिर बहुत ही तीखा दर्द हुआ और एक दफे फिर तीखे दर्द के कारण मेरी चीखें निकलने लगी ऊई ईई ममाँआआ… म्म्मरर्र… गईई… हाएए… मेरीई ईइ… फटगईई… आहंह्ह… उहंह्ह्ह…! कमल कुछ समय फिर रुका और जैसे ही मेरी सांस में सांस आई उसने एक औरशॉट लगा कर लौड़े को पूरा मेरी फुद्दी के भीतर पहुंचा दिया. इस बार तो मेरी फुद्दी में अत्यंत ही तीखा दर्द हुआ और मैं दर्द के मारे तड़प उठी, मेरे पसीने छूटने लगे, मेरी आँखों में से पानी निकल आया, मेरा पूरा बदन कांपने लगा और मेरी चीखें पूरे कमरे में गूंजने लगी ! कमल जल्दी से मेरे ऊपर लेट गया और मेरे मुँह पर अपना मुँह रख कर मेरी चीखों को चुप करा दिया !
पांच मिनट वैसे ही लेटे रहने के बाद मैंने अपने होश में आई और कमल से आगे बढ़ने को कहा , तब उसने आहिस्ता आहिस्ता हिलना प्रारम्भ करा और बहुत ही प्यार और मोहब्बत से लौड़े को फुद्दी के भीतर बाहर करने लगा ! उसका लौड़ा मेरी कसी फुद्दी में बुरी तरह से फंसा हुआ था इस कारण से बहुत ही अच्छी रगड़ मार रहा था जिससे मुझे बहुत मज़े आने लगे थे ! जब मेरी फुद्दी सिकुड़ने लगी तो मैं बोल उठी- कमल, आनंद आ रहा है ज़रा तेज गति से करो, ज़रा जल्दी जल्दी करो ! यह सुन कर कमल चालू हो गया और झटके पे झटके लगाने लगा, उसने मेरे दोनों टांगों को ऊपर उठा अपने कंधों पर रख दिए और झटके लगाता रहा. मेरी फुद्दी में आनंद के लहरें उठने लगी, बार बार गीली होने लगी जिससे लौड़े का भीतर बाहर जाने की रगड़ का आनंद चार गुना हो गया था.

पन्द्रह मिनट की तेज और भयँकर खतरनाक असहनीय दर्द से भरी चुदाई के बाद कमल का लौड़ा फुद्दी के भीतर ही फड़फड़ाया और मेरी फुद्दी भी जोर से सिकुड़ी, मैं और कमल दोनों एकदम से अकड़ गए और दोनों के मुँह से आहंह्ह… आहंह्ह्ह… उहंहह्ह… उहंहह्ह… की आवाजें निकली ! इसके साथ ही मेरी फुद्दी में बाढ़ आ गई और वह मेरी फुद्दी के पानी और कमल के लौड़े से छूटे रस से लबालब भर गई ! कमल तो इतना आनंदित हुआ कि पागलों की तरह मुझे चूमने लगा और मैं भी उसे बहुत देर तक चूमती रही. बारह बजने वाले थे इस कारण से हम बहन के लंड दोनों कुत्ते कमीनो ने उठ कर एक दूसरे को साफ़ किया और फिर दोनों मेरे कमरे में आ गए !
बेड पर लेट कर कमल मेरी चूचियों को मुँह में लेकर मैं उसके लौड़े को हाथ में पकड़ कर सो गए ! कमल तो इतना आनंदित हुआ कि पागलों की तरह मुझे चूमने लगा और मैं भी उसे बहुत देर तक चूमती रही. बारह बजने वाले थे इस कारण से हम बहन के लंड दोनों कुत्ते कमीनो ने उठ कर एक दूसरे को साफ़ किया और फिर दोनों मेरे कमरे में आ गए! पलंग पर लेट कर कमल मेरी चूचियों को मुँह में लेकर, मैं उसके लौड़े को हाथ में पकड़ कर सो गए! नाईट दो बजे मेरी नींद खुली, कमल के लौड़े को अपने हाथ में देख कर एक दफे फिर फुद्दी मरवाने के लिए ललचा उठी. मैंने कमल को कोमल होंठों पर चूम लिया और उसके लौड़े को मुँह में ले कर तेज़ी से चूसने लगी! एक मिनट में कमल भी जाग गया और उसका लौड़ा भी तन गया.

मैंने कमल को सीधा किया और अपनी टाँगें चौड़ी कर के उसके मुँह के ऊपर बैठ गई तथा उसे फुद्दी चूसने को कहा . पांच मिनट फुद्दी चुसवाने के बाद मैं उसके तने हुए लौड़े को फुद्दी में फंसा कर मैं चीखती चिल्लाती हुई उछल उछल कर चुदवाने लगी ! दस मिनट में ही हम बहन के लंड दोनों अकड़ गए और दोनों की चीखों के साथ हमारा काम रस छूट गया. एक दफे फिर मेरी फुद्दी में काम रस की बाढ़ आ गई थी, जैसे ही मैंने उसके लौड़े को अपनी फुद्दी से बाहर निकाला तो फुद्दी के भीतर से सारा काम रस बाहर निकल कर कमल के ऊपर फ़ैलने लगा. मैंने उस रस को अपने हाथ से कमल के पेट और छाती पर फैला दिया और फिर उसके ऊपर लेट कर अपने आप पर भी उस रस का लेप होने दिया और उसी तरह लेटे लेटे हमें नींद आ गई.
सुबह पांच बजे कमल की नींद खुली तो उसने मुझे अपने ऊपर चिपका हुआ पाया और जब उसने मुझे हटाने का प्रयास की तब मेरी भी नींद खुल गई. मेरे पूछने पर कि वह इतनी जल्दी क्यों उठ गया, उसने अपनी छोटी उंगली उठा कर बताया कि उसे मूत आया है. मूत तो मुझे भी आया था इस कारण से मैं भी उठ कर उसके साथ बाथरूम में चली गई, वहाँ जाकर मैंने कमल का लौड़ा पकड़ कर उसे मूत कराया और इसके बाद मैं पॉट पर बैठ कर मूतने लगी. कमल को मैंने पकड़ कर अपने सामने खड़ा कर लिया था और उसका लौड़ा मुँह में घुसेड़ कर चूसने लगी.

कमल ने ऐसा करने से मना किया और कहा कि अगर अब चुदाई करेंगे तो मुझे पछताना पड़ेगा, किन्तु मैं नहीं मानी और उसे मेरी फुद्दी चुदाई करने के लिये मजबूर कर दिया. मूतने के बाद हम कमल के पलंग पर जाकर चूसा चुसाई करने लगे और फिर कमल मेरे ऊपर चढ़ गया तथा एक ही झटके में पूरा लौड़ा मेरी फुद्दी के भीतर तक उतार दिया ! उसके बाद कमल ने आक्रमण शुरू कर दिया और राजधानी गाडी की स्पीड से मेरी खतरनाक चुदाई करने लगा. क्योंकि नाईट में वह तीन बार झड़ चुका था इस कारण से उसे इस बार छूटने में देर लग रही थी. मेरी फुद्दी का पांच बार पानी निकलने के बाबजूद भी वह नहीं झड़ा और छटी बार जब मैं झड़ने को थी तब उसका लौड़ा भी फड़फड़ाया और हम बहन के लंड दोनों चीखते तथा चिल्लाते हुए एक साथ ही छूटे ! फिर हमने स्नानघर में जा कर एक दूसरे को साफ़ किया और दोनों कमल के पलंग पर ही जा कर सो गए!
सुबह आठ बजे जब हमारी नींद खुली तो मैं उठ कर अपने कमरे में जाने लगी, किन्तु मुझसे चला ही नहीं गया ! मेरी फुद्दी और उसके आस पास के क्षेत्र में बहुत जलन हो रही थी. मैंने झुक कर देखा तो पाया कि मेरी फुद्दी सूज कर लाल हो चुकी थी. मेरे समझ में आ गई कि कमल ने अपने लौड़े से इसे रगड़ रगड़ कर इसका यह हाल कर दिया है. मैं फुद्दी पर हाथ रख कर, टाँगें चौड़ी करके किसी तरह अपने कमरे में गई और क्रीम लेकर फुद्दी और उसके आस पास के क्षेत्र में लगाई और फिर उसी तरह अपनी टाँगें चौड़ी कर के किचन में जा कर कमल के लिए नाश्ता बनाया !
कमल तैयार होकर किचन में आया तो मैंने उसे नाश्ता दिया. तब उसने मेरी हालत देख कर हंस कर कहा कि उसने तो मुझे सावधान किया था कि अगर मैंने चुदाई की जिद नहीं छोड़ी तो मुझे पछताना पड़ सकता है. जब मैंने पूछा कि उसे कैसे पता था कि यह होने वाला है, तो उसने बताया कि शादी के बाद दूसरी नाईट को अर्ची ने भी बार बार चुदवाने की जिद की थी और नेक्स्ट डे भी उसके साथ भी ऐसा ही हुआ था.
नाश्ता करके कमल मुझे गोद में उठा कर अपने कमरे में ले गया, पलंग पर लिटा दिया और मेरी टाँगें चौड़ी करके गीले कपड़े से मेरी फुद्दी और उसके आस पास के क्षेत्र को साफ़ किया. फिर उसने अपने बैग में से एक मलहम की टयूब निकाली और उसमें से मलहम निकाल कर फुद्दी और उसके आसपास के क्षेत्र पर दवाई लगाई. फिर उसने मलहम की टयूब मेरे हाथ में देकर कहा कि मैं दिन में कम से कम तीन बार ज़रूर लगा लूं !
जब मैंने पूछा कि तीन बार क्यों, तो वह तुरंत कहा कि यह जल्द ठीक हो जाएगी और आज नाईट की खतरनाक चुदाई के लिए भी तैयार हो जाएगी. दिन भर मैं अपनी फुद्दी को बार बार मलहम लगाती रही और दोपहर तक मुझे आराम भी मिलना शुरू हो गया था किन्तु क्योंकि मुझे नाईट को चुदवाने की लालसा थी इस कारण से मैं दिल लगा कर दिन भर फुद्दी की देखभाल करती रही ! दो बजे काम वाली के जाने के बाद मैंने एक दफे फिर फुद्दी कि सेवा की और नाईट की नींद पूरी करने के लिए सो गई ! लगभग पांच बजे मैं जागी और फुद्दी पर हाथ लगाया तो उसे बिल्कुल ठीक पाया, सूजन और लाली नहीं थी, उंगली घुसेड़ कर देखा तो कोई दर्द और जलन भी नहीं थी !

यह देख कर मुझे बहुत ही प्रसनी हुई और मेरी नाईट को होने वाली चुदाई के नज़ारे मेरी आँखों के सामने घूमने लगे. छह बजे जब कमल आया तो सबसे पहले उसने मेरी तकलीफ के बारे में पूछा और फिर मेरा गाउन उठा कर फुद्दी को देखा और हाथ भी फेरा ! इसके बाद उसने झुक कर जोर से मेरी फुद्दी को चूम लिया, जबान को उसकी गहराइयों में डाला तथा छोले को भी रगड़ दिया. फिर मुझे कस कर अपनी बाजुओं में जकड़ लिया और मेरे होटों को चूमते हुए मुझे बताया कि मेरी फुद्दी बिल्कुल ठीक हो गई थी और नाईट को दो या तीन बार तो चुद सकती थी !
मैंने कॉफी बनाई और हम बहन के लंड दोनों कुत्ते कमीनो ने साथ बैठ कर पी. कमल कॉफी पीकर अपने कमरे में चला गया और मैं किचन में नाईट का खाना बनाने लगी. आठ बजे मैं कमल के कमरे में गई तो देखा कि वह अपनी झांटें शेव करने की तैयारी कर रहा था और यह देख कर मुझे भी अपनी झांटें साफ़ करने का ख्याल आया ! मैंने कमल से कहा कि मैं उसकी झांटे साफ़ कर देती हूँ किन्तु उसे भी मेरी झांटें शेव करनी होंगी ! यह कह कर मैंने उसके हाथ से शेविंग ब्रुश लेकर उसकी झांटों पर शेविंग क्रीम लगा दी, फिर रेजर लेकर उसके लौड़े तथा टट्टों की सारी झांटें साफ़ कर दी और उसे चिकना बना दिया.
इसके बाद मैं अपनी टाँगें फैला कर कमल के सामने बैठ गई और शेविंग ब्रुश उसके हाथ में दे दिया. कमल ने बड़े प्यार और मोहब्बत से मेरी फुद्दी की झांटें साफ़ कर दी और उसे बिल्कुल गंजी कर दिया ! कमल ने एक दफे मेरी गंजी फुद्दी को कस कर चूमा और अपना चिकना लौड़ा मुझे चूमने दिया ! इसके बाद हमने खाना खाया और कुछ समय गार्डन में घूमने गए तथा साढ़े नौ बजे तक हम भीतर कमल के कमरे में आ गये ! कमरे में आते ही मैंने कमल के और कमल ने मेरे सारे कपड़े उतारे, दोनों नंगे हो कर एक दूसरे से लिपट गए और एक दूसरे को चूसने लगे !
कमल ने मुझे पलंग पर लिटाया और मेरी चूचियों को चूसने लगा, मैं उसके लौड़े को पकड़ कर मसलने तथा मरोड़ने लगी।इसके बाद कमल पलट गया और मेरी फुद्दी को चाटने-चूसने लगा तथा मैं उसके लौड़े को ! कुछ ही देर में मेरा चिपचिपा सफेद पानी छूट गया, तब कमल ने मुझे नीचे खड़ा कर के, मेरा ऊपर का हिस्सा पलंग पर झुका कर कुतिया (Doggy) बना दिया और मेरे पीछे खड़ा होकर मेरी फुद्दी का मुँह खोला और उसमे अपने लौड़े को सेट करके धक्का दिया. पहले शोर्ट में कमल का आधा लौड़ा मेरी फुद्दी के भीतर चला गया और दूसरे शोर्ट में पूरा लौड़ा भीतर चला गया !

मेरी फुद्दी अब कमल के लौड़े के आकार की आदि होने लगी थी इस कारण से मेरे मुँह से केवल हल्की हल्की सी चीख निकली और मेरी फुद्दी बड़े आराम से कमल के लौड़े को गप कर गई. फिर कमल ने आहिस्ते आहिस्ते शोर्ट देने शुरू कर दिए, मैंने भी उसके साथ हिलना शुरू कर दिया ! पांच मिनट के बाद वह तेज शोर्ट देने लगा, तब मैं भी उसकी स्पीड के साथ मेल करते हुए तेज गति से अपनी डबलरोटी जैसी गद्देदार गांड हिलने लगी और हमारे मुँह से आह्ह… आह्ह… और उंहह्ह्ह्… उंहह्ह्ह… की आवाजें निकलनी शुरू हो गईं. कमल को तेज चुदाई करते हुए जब दस मिनट बीत गए तब मैंने कमल को पुरजोर तेज शोर्ट लगाने को कहा !
मेरे कहने पर कमल बहुत तेज़ी से शोर्ट लगाने लगा और कमरे में हम बहन के लंड दोनों की आह्ह्ह… आह्ह्ह… उंहह… उंहह्ह… आह्ह्ह… उंहह्ह्… आह्ह्ह… उंहह… की आवाजें गूंजने लगी. एकदम मेरी फुद्दी सिकुड़ने लगी और कमल का लौड़ा भी फूलने लगा ! देखते ही देखते हम बहन के लंड दोनों एक दूसरे की रगड़ से उत्तेजित होने लगे, कमल मुझे पूरे जोर शोर और तेज़ी से पेलने लगा. पाँच मिनट में ही मैं एकदम से अकड़ गई और जोर से चिल्लाई- उंहह्ह्ह… उंहह्ह्ह.. ओह्ह… मैं तो गई.. मैं तो गईई.. गईईई.. गईई..! इसके बाद मेरी फुद्दी ने कमल के लौड़े को बहुत कस कर जकड़ लिया और भीतर खींच लिया तथा अपना पानी छोड़ दिया।उसी वक्त कमल का लौड़ा भी फड़का और उसकी पिचकारी की छह-सात धारा छूटीं !
देखते ही देखते मेरी फुद्दी हम बहन के लंड दोनों के काम रस से लबालब भर गई और रस बाहर भी बहने लगा ! बदन के अकड़ने और फुद्दी में खिंचाव की वजह से मेरी टाँगें कांपने लगी थी, जिससे कमल का लौड़ा बाहर आ गया और मैं वहीं नीचे जमीन पर ही बैठ गई. कमल भी मेरे पास बैठ गया और मेरी टाँगें पकड़ कर दबाने लगा. कुछ देर के बाद मैं संभली और फिर हमने स्नानघर में जाकर एक दूसरे को साफ़ किया तथा पलंग पर आकर लेट गए !

कमल ने मेरे बदन को अपने साथ चिपका कर पूछा कि मुझे क्या हो गया था, तब मैंने बताया कि मुझे अब तक की सबसे बढ़िया खिंचावट हुई है, कल नाईट से भी ज्यादा, बहुत ज्यादा ! इसके बाद कमल मुझसे लिपट गया और हम नींद के आगोश में खो गए. इसके बाद नाईट बारह बजे और मोर्निंग पांच बजे हमारी नींद खुली तो हमने दोनों बार भी चुदाई करी ! शानदार चुदाई का यही सिलसिला शुक्रवार मोर्निंग तक भी चलता रहा! उन चार रातों में मैंने और कमल ने तेरह बार चुदाई की थी और चुदाई का वास्तविक सुख प्राप्त करा था।
उसके बाद जब जब कमल भोपाल आया तब तब हमने अवसर देख कर एक दफे फिर चुदाई का वास्तविक सुख प्राप्त करा ! आज मोर्निंग कमल तीन दिनों के लिए भोपाल में ट्रेनिंग पर आया हुआ है और अभी दफ्तर गया हुआ है, सौभाग्य से मेरे स्मार्ट पति भी इन दिनों बाहर गए हुए हैं, इस कारण से हमें अगले तीन रातों को बिना डर के खुल के चुदाई कर सकते हैं. अब तो मैं आने वाली तीन रातों में कम से कम नौ बार तो ज़रूर चुदवाऊँगी और इसी की तैयारी भी कर रही हूँ! कैसी लगी आपको चुदाई की कहानी “मासूम छोटी बहन के पति से चुदाई का सुख प्राप्त करा Hindi Chudai Ki Kahani” कमेंट करके जरूर बताना.