नासमझ छोटी बहिन की अनचुदी फुद्दी को फाड़ कर भोसड़ा बना डाला Hindi Chudai Ki Kahani
नासमझ छोटी मासूम बहिन की अनचुदी फुद्दी को फाड़ कर भोसड़ा बना डाला Hindi Chudai Ki Kahani : टी बहिन की अनचुदी फुद्दी में लण्ड पेला New Hindi Chudai Ki Kahani : मेरा नाम राजेश है और मुझे अपने जीवन की सच्ची घटनाओ पर आधारित फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी मेंज लिखकर इन्टरनेट पर शेयर करना बहुत पसंद है. आज मैं इस इंडियन पोर्न वेबसाइट के मध्यम से आप को मेरी और मेरी छोटी बहन के बिच बने की हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में बतानेजा रहा हूँ. मेरा फैमिली छोटा फैमिली सुखी फैमिली हैं. हमारे घर में हम चार लोग हैं.. मैं मेरी छोटी बहिन गुंजन और मेरे अम्मी पाप.
मेरी बहिन गुंजन मुझसे केवल एक साल छोटी है किन्तु दिखने मे वो बहुत ही गदराई कंचा हैं है.. उसके चूंचियां मेरी नासमझ छोटी मासूम बहिन की उम्र के हिसाब से ज्यादा बड़ी है..बड़ी ही जबरदस्त माल है. मेरी छोटी बहन की चूतड़ को देखकर हर उम्र के मर्दों के लण्ड से पानी निकल जाता है.. मेरी नासमझ छोटी मासूम बहिन की चूतड़ औरयोनी के मजे हर कोई लेने को तैयार रहता है.. वो चीज ही कुछ ऐसी है. बात उन दिनों की है जब हम विद्यालय जाते थे.
नासमझ छोटी मासूम बहिन की अनचुदी फुद्दी को फाड़ कर भोसड़ा बना डाला Hindi Chudai Ki Kahani

मेरी छोटी बहिन गुंजन विद्यालय में छोटी सी स्कर्ट पहन कर जाती थी. विद्यालय से वापस आने के बाद कई बार वो मेरे सामने बैठ जाती और मुझे उसकी पेंटी के दर्शन हो जाया करते थे, ये सब देख मेरा फौलादी लण्ड तन जाया करता था. फिर मुझे स्नानघर में जाकर उसके नाम की मुठ मारनी पड़ती थी. थोड़े दिनों तक तो मैंने मेरी बहिन की के नाम की मुठ मारकर अपनी हवस शांत करी किन्तु कुछ दिनों बाद मेरी तमन्ना अपनी ही सगी नासमझ छोटी बहिन को पेलने की करने लगी. अब मैं दिनभर यही सोचता कि बहिन की अनचुदी अनचुदी फुद्दी कैसे चोदी जाए, फिर मुझे एक आइडिया आया, मैंने मेरी अनचुदी बहिन गुंजन से कहा चलो आज एक गेम खेलते हैं, वो कहने लगी ठीक है भाई साहब.
मैं मेरी बहिन से कहा की गेम यह है कि तुम अपनी आंखों पर पट्टी बांध कर लेट जाओ और जंहा जंहा मै हाथ लगता हूँ उस अंग का नाम इंग्लिश में बताओ. मेरी छोटी अनचुदी बहिन मेरी छोटी अनचुदी बहिन गुंजन कहने लगी ठीक है भाई साहब. इसके बाद मैंने मेरी अनचुदी बहन गुंजन की आंखों पर पट्टी बांध दी और उसका एक हाथ भी बांध दिया. गुंजन ने टाप और स्कर्ट पहन रखी थी, मैं उसे गोदी में उठाकर मेरे शयनकक्ष में लेकर चला गया और उसे पलंग पर मुंह के बल लिटा दिया और अपना हाथ मेरी नासमझ छोटी मासूम बहिन की कमर पर फिराने लगा.
फिर उसके मोटे मोटे अनचुदी फुद्दीड़ों को दबाने और सहलाने लगा, मेरी छोटी अनचुदी बहिन गुंजन कहने लगी भाई साहब प्लीज़ ऐसा मत करो, पर मै नहीं रूका. अब तो उसे भी आनंद आने लगा था, इसके बाद मैंने मेरी नासमझ छोटी मासूम बहिन की स्कर्ट को ऊपर उठा कर उसकी पैंटी को उतार दिया और उसे निचे से बिलकुल न्यूड (नग्न) कर दिया, अब मैं मेरी नासमझ छोटी मासूम बहिन की जांघों को चूमने लगा, और उसके बाद मैंने मेरी अनचुदी बहिन गुंजन के मोटे मोटे फुद्दीड़ों को चाटते हुए उसकी अनचुदी फुद्दी को चूमने लगा, अब वो सिसकारियां भरने लगी और अपने अनचुदी फुद्दीड़ों को ऊपर नीचे करने लगी. मैंने अपने हाथ गुंजन के गोल गोल सफ़ेद मखमली बोबों पर रख दिए. और तेज तेज दबाने लगा।
जैसे ही मैं उसके मस्त मक्खन जैसे बोबे अपने हाथ से दबाने लगा मेरी अनचुदी बहिन “……हाईईईईई…. उउउहह…. आआअहह” करने लगी. मुझे आनंद आ गया. मैं और तेज तेज उसके दूध दबाने लगा. इतने मस्त टमाटर मैंने आजतक नही देखे थे. फिर मैं बहिन के उपर लेट गया और उसके बोबों को मुंह में लेकर पीने लगा. दोस्तों मुझे बहुत आनंद आ रहा था. वो “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…आह आह उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” करके चीख रही थी. दोस्तों मेरी छोटी बहन के मोटे मोटे बोबों की निपल्स तो बहुत ही सुंदर थी.
मेरी छोटी बहिन के बोबों की काली काली निपल्स को जब मैंने अपने हाथों में ले लिया तो मेरी नासमझ छोटी मासूम बहिन की चूचियां और भी जादा फुल कर मोटी और कड़क हो गयी. मेरी छोटी बहिन गुंजन के दोनों बोबों की निपल्स मेरे हाथ के स्पर्श से खड़ी हो गयी थी. मेरी छोटी बहिन के बोबों के निप्पल के चारो तरफ बड़े बड़े काले घेरे थे जो बहुत ही गदराई लग रहे थे और मेरी अनचुदी बहिन के रसीले आम जैसे स्तनों की सुन्दरता में चार चाँद लगा रहे थे. मैं मेरी छोटी बहन की मखमली न्यूड (नग्न) गोरी गोरी पीठ को चूम रहा था. पीछे से भी मेरी बहिन गुंजन बड़ी गजब की माल लग रही थी.
मैं मेरी नासमझ छोटी मासूम बहिन की न्यूड (नग्न) पीठ पर अपनी जबान घुमा रहा था और उसे चूम रहा था. मैं अपने दांत गदराई अंदाज में मेरी अनचुदी बहिन की न्यूड (नग्न) पीठ पर गड़ा देता था. वो “आआआअह्हह्हह…… ईईईईईईई…. ओह्ह्ह्हह्ह….अई. .अई..अई…..अई.. अम्मी….” कहने लग जाती थी. अब मैं मेरी नासमझ छोटी मासूम बहिन की न्यूड (नग्न) कमर को अपने हाथो से छू और सहला रहा था. इसके बाद मैंने जोर से उसके गोल मटोल अनचुदी फुद्दीड़ों पर अपना हाथ चट से मारा दिया. मुझे बहुत आनंद मिल रहा था. मेरी जबान मेरी नासमझ छोटी मासूम बहिन की अनचुदी फुद्दी को चाट रही थी.

आहिस्ता आहिस्ता गुंजन आंहे भरने लगी और “……अम्मी…अम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की आवाजे निकालने लगी. मैं और जोश में आ गया और जल्दी जल्दी गुंजन की अनचुदी फुद्दी को चाटने लगा. कुछ देर बाद मैंने अपना मोटा अंगूठा ही मेरी नासमझ छोटी मासूम बहिन की अनचुदी फुद्दी में डाल दिया और जल्दी जल्दी भीतर बाहर करने लगा. गुंजन बार बार अपना मुंह खोल रही थी जैसे उसे साँस ही नही आ रही हो. मैं जल्दी जल्दी मेरी नासमझ छोटी मासूम बहिन की रसीली अनचुदी फुद्दी को अपने मोटे अंगूठे से चोद रहा था.
मेरी अनचुदी बहिन मेरी गन्दी गन्दी हरकतों के कारण पागल होती जा रही थी और अपनी डबलरोटी जैसी गद्देदार गांड उप्पर निचे हिला रही थी. गुंजन “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” चीख रही थी. मैं जोश में आ गया और बिजली की रफतार से मेरी नासमझ छोटी मासूम बहिन की अनचुदी फुद्दी को अपने अंगूठे से पेलने लगा. गुंजन तरह तरह की आवाजे निकालने लगी पूरा शयनकक्ष उसकी नशीली आवाजो से गूंजने लगा. इसके बाद मैंने मेरी नासमझ छोटी मासूम बहिन की दोनों टांगो को खोल दिया और अपना मोटा लौड़ा उस की अनचुदी फुद्दी में डाल दिया और मजे लेकर पेलने लगा आज उसकी अनचुदी फुद्दी की सील फट चुकी थी और उसकी फुद्दी से ब्लड भी निकल रहा था.
मैं मेरी सगी नासमझ छोटी बहिन को चोदकर जन्नत के मजे लेने लगा और मेरे काले मोटे लण्ड से उसका भोसडा फाड़ने लगा. गुंजन चुद रही थी और दर्द के मारे “उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की आवाज निकाल रही थी. मैंने मेरी न्यूड (नग्न) बहिन गुंजन की कमर को दोनों हाथो से पकड़ लिया था और घपा घप करके उसकी ब्लड से संदी फुद्दी में नॉनस्टॉप लण्ड पेले जा रहा था. मेरे मोटे लंड के कारण मेरी बहन की फुद्दी फट कर भोसड़ा बन चूकी थी. मेरा फौलादी लण्ड गुंजन के चिकने भोसड़े में फिसल रहा था.
कुछ देर में तो हम दोनों भाई बहनों को चुदाई का नशा सा चढ़ गया था. हम दोनों भाई बहिन चुदाई के नशे में अब जल्दी जल्दी सेक्स करने लगे. मेरी प्यारी बहिन गुंजन सेक्स करने में मेरा पूरा साथ निभा रही थी. “ओह्ह गॉड!… ओह्ह गॉड!….फक मी हार्डर!….कमाँन फक मी हार्डर!…फक माई पुसी!!” गुंजन इस तरह से चीख रही थी. मैं जल्दी जल्दी मेरी अनचुदी बहन की फटी हुई फुद्दी का केक काट रहा था. मुझे अपनी सगी बहना को पेलने में स्वर्ग जैसा आनंद मिल रहा था. फिर मैं उसे चोदते चोदते ही मेरी नासमझ छोटी मासूम बहिन की अनचुदी फुद्दी के दाने को अपने हाथ से जल्दी जल्दी घिसने लगा इससे गुंजन को बहुत उतेज्जना मिलने लगी.
मैं जोश में आकर और जोर जोर से गपा गप मेरी नासमझ छोटी मासूम बहिन की रसीली अनचुदी फुद्दी का बाजा बजाने लगा और फिर करीब एक घंटे चली इस खतरनाक चुदाई के बाद मैंने अपना माल मेरी नासमझ छोटी मासूम बहिन की भोसड़ा बन चुकी फटी हुई फुद्दी में ही गिरा दिया. अब वो पेट के बल लेट गई. मैंने उसके कंधे से पीठ से फुद्दीड़ से जांघ से नीचे पैर तक चाटना प्रारम्भ करा और फिर चूतड़ को चाटने लगा. मैंने दोनों हाथ से उसके अनचुदी फुद्दीड़ों को अलग-अलग किया और चूतड़ के छेद पर जबान को रखा और जबान को कुत्ते की तरह लपलपाने लगा.
मेरी गदराई नासमझ बहिन तो इतनी कामुक हो गई यार.. कि बता नहीं सकता. वो तो ऐसी-ऐसी आवाजें निकाल रही थी.. कभी तो लग रहा था कि जैसे उसे दर्द हो रहा हो.. कभी लग रहा था कि उसे ठण्ड लग रही हो.. तो कभी लग रहा था कि किसी ने पेट में च्यूंटी काट ली हो. इसके बाद मैंने अपने लण्ड पर ऊपर थोड़ा थूक लगाया और अपनी बहन की चूतड़ में पेल दिया. वो कराहने लगी और मेरी नासमझ छोटी मासूम बहिन की आँख में आंसू आ गए.. जबकि अभी तक मेरे चुदाई करने वाले डंडे का सुपाड़ा ही अन्दर गया था.
मैंने उसको सहलाया और फिर से अपना पूरा लंड उस साली रंडी छिनाल की चूतड़ के छेद में पूरा भीतर तक गुसाने की प्रयास करी. करीब चार-पांच झटकों के बाद मेरा फौलादी लण्ड मेरी बहन की चूतड़ फाड़ता हुआ पूरा अन्दर उसके लेट्रिंग की नली तक चला गया. मेरी बहिन बार-बार कह रही थी- भाई साहब गांड में धीरे से घुसाओ.. प्लीज दर्द होता है. मैं भी कहा ँ रुकने वाला था.. मैं जोर-जोर से मेरी छोटी बहन की चूतड़ में अपना लण्ड घुसा रहा था.
हम भाई बहिन दोनों कामसूत्र के नशे में चूर थे और फिर कुछ समय बाद वो भी अपनी छोटी सी चूतड़ उठा-उठा कर मरवाने लगी. नाईट भर में करीब 3 बार मैंने अपनी बहिन की गांड मारी. दोस्तों अब मै बहनचोद बन चूका था पर यह एक बहुत बड़ा राज था. मोर्निंग सुबह जब मेरी बहिन उठकर टट्टी करने जाने लगी तो मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा वो लड़खड़ाते हुए चल रही थी. उससे सही ढंग से चला तक नहीं जा रहा था. चूतड़ और फुद्दी में हो रहे दर्द के कारण वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी उसकी फटी हुई फुद्दी और चूतड़ में बहुत तेज दर्द हो रहा था.
उस दिन के बाद से तो मै आये दिन अपनी बहिन को चोदा चादी करता रहता हूँ और वो मुझे कभी भी उसकी चुदाई करने से नहीं रोकती उसे भी मेरे साथ चुदाई करने में बहुत आनंद आता है. दोस्तों मेरी गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में “नासमझ छोटी मासूम बहिन की अनचुदी फुद्दी को फाड़ कर भोसड़ा बना डाला Hindi Chudai Ki Kahani” आप को बहुत पसंद आई होगी. दोस्तों हम सगे भाई बहनों के बिच बने इस अवैध सेक्स संबंध की घटना आप को पसंद आई हो तो निचे लाइक बटन पर ज़रूर क्लिक करना.