जिंदगी भर नहीं भूलेगी उसकी ऐसी चुदाई हुई थी Free XXX Hindi Nonveg Sex Story For Adults 18+ Hindi Chudai Kahani
हैल्लो फ़्रेंडस, आज मैं आप सब से एक कहानी बताने जा रहा हूँ. दोस्तों ये एक कहानी नही बल्कि एक हक़ीक़त में घटी घटना है. बात उस वक़्त की है, जब मैं B. A के फाइनल एग्जाम की तैयारी में लगा हुआ था. क्योंकि एग्जाम करीब था. और मेरे घर वाले उस वक़्त घूमने गए हुए थे. मैं भीतर ही भीतर मायूस था. क्योंकि मुझे भी अपनी फैमिली के साथ घूमने जाने का बहुत मन था. मगर एग्जाम की वजह से पापा ने मुझे नही जाने दिया ताकि मेरी पढ़ाई पर असर न पड़े. और कहा कि तुम अगली बार हमारे साथ चलना।
उस वक़्त मेरी उम्र 22 वर्ष थी. मैं उस वक़्त एकदम चोदू किस्म का लड़का था. हमेशा पढ़ाई में लगा रहता था. ज्यादा फ्रेंड भी नही थे मेरे कोई गर्लफ्रैंड भी नही थी अभी तक देखने मे भी लूज़र टाइप का था. कुल मिला कर कोई लड़की मुझे भाव भी नही देती थी. पर चुदाई करने का मन हमेशा रहता था. मैं मन ही मन यही सोचता था काश मुझे कोई लड़की या महिला की बुर मिल जाये तो मैं अपने लौड़े की प्यास सांत करू. मैं घर में अकेला रह गया था. तो जब कभी भी किताबों से वक्त मिलता, तो मन बहलाने के लिए फोन पर ब्लू फिल्म लगा कर मुट्ठ मार कर अपने चुदास से भरे लौड़े को सांत करता था।
पता नही साला, मेरा लौड़े को दिन भर चुदाई की तलब क्यों लगी रहती थी, दिन भर में मैं 3-4 बार तो मुट्ठ मार ही देता था. और अपने मोटे गठीले लौड़े को देखकर यही सोचता था. कि काश इसे कोई मस्त बुर का दीदार हो जाये वरना इतने मस्त सुडौल लौड़े का मालिक होने का क्या फायदा. मैंने कभी किसी महिला या लड़की की बुर नही मारी थी,इसलिए मुझे इसका अंदाज़ा नही था, किन्तु ब्लू फिल्म में जो मोटे मोटे लंड देखता था, उम्र के साथ – साथ उसी तरह मेरा मजबूत लौड़ा भी अब तक मोटा गया था. जब लण्ड तनकर तंग होता था तो लण्ड के चारो तरफ की नशे भी फूलकर उसकी शोभा और बढ़ा देती थी।
जिंदगी भर नहीं भूलेगी उसकी ऐसी चुदाई हुई थी Free XXX Hindi Nonveg Sex Story For Adults 18+ Hindi Chudai Kahani

घर में अकेले रहते हुए मुझे 2 दिन हो गए थे, तीसरे दिन की बात है, शाम को मैंने जल्दी से खाना खा लिया और अपने कमरे में बैठकर पढ़ाई करने लगा. पता नही कब नाईट के 11 बज गए अब मुझे नींद सी आ रही थी, तो मैं पानी लेने के लिए उठकर जैसे ही अपने कमरे के दरवाज़े तक पहुँचा तो मुझे आंगन में कुछ बर्तन खड़ खड़ाने की आवाज आई।
मैं थोड़ा चौक गया, और थोड़ा डर भी गया पहले तो सोचा कि कोई चोर तो नही, इसके बाद मैंने कहा यहाँ चोर कहा से आएगा. शायद कोई बिल्ली या कोई जानवर होगा. मैं यही सोचकर आगे बढ़ा घर की बत्ती बंद ही थी, मैं बस अंदाज़े से आगे बढ़ा और किचन की तरफ चल दिया।
तभी आंगन में किसी की परछाई दिखी मैं डर गया और दीवार से चिपक कर बस उस इंसान को इधर उधर भागते देख रहा था. कभी वो किचन की तरफ, तो कभी मम्मी पापा के कमरे में घुसता हुआ दिख रहा था. मैं अब तक समझ गया था कि ये पक्का चोर ही है. वो मम्मी पापा के कमरे से एक थैली लेकर निकला और गैलेरी से होता हुआ मेरे कमरे की तरफ बढ़ने लगा।
उसने मम्मी के कमरे से कोई सामान चोरी की थी, और वो अब मेरे कमरे की तरफ बढ़ रहा था. तभी मैंने उसे दबोचने का प्लान बनाया मुझे आंगन में एक कम्बल दिखाई दिया मैंने चुपके से वो कम्बल लिया. और जल्दी से उसके ऊपर वो कम्बल लपेट कर उसे दबोच लिया. और खींचकर उसे अपने कमरे में ले गया।
वो कम्बल में पूरी तरह ढकी हुई थी. और बचने के लिए मसक्कत कर रही थी. मैंने उसे अपने बिस्तर पर पटक कर उसे कम्बल के ऊपर से ही बेडशीट से बांध दिया ताकि वो बचकर भागे नही. मैंने उसे बांध कर चैन की सांस ली. दोस्तों मुझे उस वक़्त कोई अंदाज़ नही था कि वो चोर एक महिला है।
जैसे ही मैं उसे बांध कर पड़ोसियों को बुलाने के लिए उठा तो मेरी नज़र उसके टांगों पर पड़ी जो वो हिलाकर छूटने का प्रयास कर रही थी, तभी मुझे कम्बल में साड़ी दिखी तब मुझे शक हुआ कि वो एक महिला है. जो मेरे यहाँ चोरी करने आई होगी. वो आंगन की दीवार फांदकर आयी थी।
मैं अपने शक को दूर करने के लिए उसके पास गया. और उसके टांगों से कम्बल हटा कर देखा तो मुझे साड़ी का कुछ और हिस्सा दिखाई दिया. अब मैं समझ गया कि वो एक महिला है. मैंने उससे कहा तुम्हे शर्म नही आती तुम एक महिला होकर चोरी करती हो. मैंने उसे कहा तुम रुको अभी पुलिसः और पड़ोसियों को बुलाता हूँ।
वो बंधी हुई थी, वो धीमी आवाज में गिड़गिड़ाने लगी न.. नही बाबू पुलिस को मत बुलाओ माफ कर दो. मैंने कहा नही पुलिस तो बुलानी ही पड़ेगी. आखिर तुम तो चोरी ही कर रही थी न।
वो फिर से गिड़गिड़ाने लगी नही बाबू साहब पुलिस को मत बुलाओ मैं माफी मांगती हूँ. आज के बाद सब छोड़ दूंगी. मैंने फिर से उसे धमकाया तो वो कहने लगी बाबू साहब आपको मुझे जो सजा देनी है दे दो पर किसी और को मत बुलाओ आपको जो करना है वो कर लो।।
इतना सुनते ही मेरे मन मे उसके लिये वासना की भूख जाग गयी. वो औंदी हुई मुँह के बल बिस्तर पर पड़ी थी. उस साली रंडी छिनाल की गांड ऊपर की ओर थी. और काफी बड़ी लग रही थी. मैं भी ऐसा मौका कहा ँ छोड़ने वाला था. मैं उसके टांगों के पास जाकर खड़ा हो गया. वो अभी तक बंधी हुई औंधी पड़ी थी।
इसके बाद मैंने नीचे से उसकी कमर तक कम्बल को उठा दिया. और उसकी दोनों टांगों को पकड़ कर फैला दिया और मैं खुद उसकी दोनों टांगों के बीच खड़ा हो गया. और आहिस्ता आहिस्ता उसकी दोनों टांगों पर अपने दोनों हाथ सहलाते हुए उसकी साड़ी को ऊपर उठाने लगा।
वो थोड़ा घबराने लगी पर कुछ बोल नही रही थी. मैं उसकी साड़ी को उठाता हुआ उसकी जाँघों तक पहुंच गया उसकी गदराई हुई जाँघों को देखकर मैं बेकाबू सा होने लगा. मैंने उसकी जाँघों को कसकर पकड़ लिया और आहिस्ता आहिस्ता उसकी साड़ी को ऊपर करता हुआ उस साली रंडी छिनाल की गांड की निचले उभारों में ताकने लगा।
क्या मस्त बड़ी चूतड़ थी, बहनचोद की और उसकी गरम चूत के होंठ तो मस्त काली छोटी झांटो से घिरी हुई किसी फूली हुई कोमल पाव रोटी जैसी दिख रही थी. उस साली रंडी छिनाल की गांड और बुर को देखकर मेरे मुँह से लार टपकने लगा।
उस जोश के कारण मैंने उसके दोनों जांघो को पकड़ कर उसकी कमर को बिस्तर के किनारे खींचकर अपने मज़बूत और शक्तिशाली लण्ड पर सटा दिया. उसके दोनों पैर अब जमीन पर टिक गए थे. और मेरे पैर उसकी दोनों टांगों के बीच मे थे. इसके बाद मैंने जल्दी से अपनी पैंट उतार कर फेंक दि।
और अपने मोटे गठीले लार टपकाते हुए लौड़े से उसकी चुत और उस साली रंडी छिनाल की गांड की मालिश करने लगा मुझे उस वक़्त जो सुख मिल रहा था. वो तो मैं तुम चूतियों को शब्दों में नही बता सकता जब मेरी लुल्ली उसके चूतड़ को और उसकी चुत को चूम रही थी तो मेरे शरीर में एक 440 वोल्ट करंट सा लग रहा था।
वो अपने चुत पर मेरे लण्ड की मालिश पा कर सिसकियां खा रही थी. उसकी चुत की मालिश करते हुए मेरे लौड़े से पानी जैसा कुछ निकल रहा था और मेरे लण्ड में सख़्ती आ गयी थी. मेरा भी जोश उस वक़्त सातवे आसमान पर था. मैं चुदाई के गेम खेल में अभी अनाड़ी था. पर उस पानी की जोश में आ कर मैंने अपना लौड़ा कस कर उसकी चुत पर दबा दिया।
जिससे एक झटके में मेरा मजबूत लौड़ा आधा उस साली रंडी छिनाल की चूत के अंदर फिसल गया. इतने में ही उसकी चींखें कराहें निकल गयी आ..आ..हह…आह..बाबू ऊऊ…जरा धीरे…. आन्ह….आन्ह…. और मुझे भी थोड़ा अपने लौड़े में तनाव महसूस हुआ पर पहली बार मेरे शानदार पेनिस को बुर का भोग लगा था. वो एहसास में मुझे बस अपनी वासना की भूख मिटानी थी।
मेरा फौलादी लण्ड आधा उसकी चुत घुस कर फंसा हुआ था. आधे लण्ड को मैंने उस साली रंडी छिनाल की चूत के अंदर धकेलने का प्रयास की मगर लण्ड का बाहरी हिस्सा उस साली रंडी छिनाल की चूत के अंदर नही गया. पर इस प्रयास में फिर से उसकी चींख निकल गयी।
आ…..हह……आ…हह…नई..ई..ई..ई…ई..ई बाबू दर्द हो र र र र आ है. उम्म..आ आ…
तब मैंने उस साली रंडी छिनाल की चूत से अपना लण्ड निकाल लिया और ढेर सारा थूक लेकर अपने मज़बूत और शक्तिशाली लण्ड पर मलने लगा. साथ ही उसकी गरम चूत के दीवारों को अपनी उंगलियों से खोलने फैलाने लगा. थूक मलने से मेरा मजबूत लौड़ा अब फिर कड़क मोटा बन गया था. अब इस बार मैंने सोचा लिया था कि इसबार इसकी चूत के अंदर अपना लौड़ा उतार के ही रहूंगा।
इसके बाद मैंने उसकी साड़ी को उस साली रंडी छिनाल की गांड से हटाकर पूरा उसके सर तक ढक दिया. और अपना लौड़ा हाथ में पकड़कर उसकी चुत पर सटा दिया और धीरे-धीरे करके अपने लण्ड को उस साली रंडी छिनाल की चूत के अंदर दबाने लगा. कुछ ही पल में मेरे लौड़े ने उसकी चुत की लिप्स को बगलियाते हुए उस साली रंडी छिनाल की चूत के अंदर दाखिल होने लगा।
जैसे-जैसे मेरा मोटा लम्बा लौड़ा उस साली रंडी छिनाल की चूत के अंदर घुसने लगा वैसे वैसे उसकी गरम चूत के बगल वाले होठ फैलने लगे अब मेरा मोटा लम्बा लौड़ा उस साली रंडी छिनाल की चूत के अंदर दाखिल हो चुका था. थोड़ा सा ही लण्ड बाहर बचा हुआ था।
अब मैं उसे अपनी मर्ज़ी से चोद सकता था. मैं उसके ऊपर लेट गया और उसके दोनों हाथों को बिस्तर पर दबा दिया और उस साली रंडी छिनाल की चूत के अंदर लण्ड डाले सांढ़ की तरह उसपर सवार होकर एक झटके में अपनी कमर चला दी और अपनी कमर को उस साली रंडी छिनाल की गांड से चिपका दिया।
एक दफे कसकर ठप्प… की आवाज हुई और बचा हुआ लण्ड भी उसकी गर्म बुर की गहराइयों में उतर गया और उसकी आवाज आ आ आ आऊ…ऊ… निकल गयी. फिर कुछ ही देर मैं मैंने उस साली रंडी छिनाल की चूत के अंदर अपना लण्ड घप्पाघप घुसाने लगा वो आ.. ओऊ..आह.. ऊ.. ऊ..उई…ई.. कराहती हुई मेरे लण्ड का शिकार होने लगा।
मैं उसे तेज़ तेज़ झटके मरता हुआ उसकी चुत को चोद रहा था. वो दर्द से चीख रही थी. पर मैं अपने दोनों हाथ उसके सीने के नीचे लगाकर उसकी चुचियों को मसल रहा था. वो पूरी मेरी काबू में थी. मैं उसपर हावी हो चुका था. और मेरी वासना मेरे ऊपर हावी थी. पर लण्ड उसकी चुत की गहराइयों में लगातार गोते लगाए जा रहा था।
मैं किसी अनाड़ी दरिंदे की तरह उसकी चुत को चोद रहा था. जिससे उसे और दर्द हो रहा था. मैं उसके ऊपर लेटकर लंबे लंबे झटके सीधी उस साली रंडी छिनाल की चूत के अंदर मार ही रहा था. कि तभी वो कसकर अपने दोनों मुट्ठी से बिस्तर को नोचने लगी और उसकी कमरशॉट खाने लगी. और उसकी चुत थोड़ी और तंग होने लगी।
उस वक़्त ऐसा लग रहा था कि उसकी चुत मेरे शानदार पेनिस को चबाने का प्रयास कर रही है. तभी फच्च.. से उस साली रंडी छिनाल की चूत से गर्म सफ़ेद धाद(वीर्य) निकलने लगी उसके धाद के साथ मेरा फौलादी लण्ड भी उस साली रंडी छिनाल की चूत से बाहर निकल गया।
लण्ड उस साली रंडी छिनाल की चूत से निकलने के बाद मैं भी उसके ऊपर से उठ गया. वो पसीने से भीगीं हुई बुरी तरह हांफ रही थी. और लंबी लंबी साँसे ले रही थी. मैंने अपने लण्ड को देखा वो अभी भी तनकर तंग ही था और अपनी नशे फुलाये हुए इधर उधर झूल रहा था।
मैंने चोरनी की हालत देखकर थोड़ा रुक गया और उसके ऊपर से कम्बल हटा दिया. अभी मुझे उसे और चोदना था. इस कारण से मैंने उसे आराम करने का मौका दिया. उसे अभी भी गर्मी लग रही थी. तो मैंने एक-एक करके उसके सारे कपड़े निकाल दिये।
अब वो बिल्कुल न्यूड मेरे बिस्तर पर पड़ी थी. इसके बाद मैंने उसे पलटकर सीधा किया और उसे खींचकर बिस्तर के कोर पे खींच लिया और खुद मैं उसकी टाँगों के बीच नीचे खड़ा हो गया. इसके बाद मैंने उसकी दोनों जांघो को फैलाकर उसकी चुत पर अपना लण्ड दबाने और सहलाने लगा।
और उसकी गरम चूत के दाने को रगड़ता हुआ अपना लण्ड उस साली रंडी छिनाल की चूत के अंदर घुसा दिया उसने इससस….आ आ आ करते हुए अपनी आँखें बंद कर ली. लण्ड पूरा भीतर घुस गया हमदोनों की झांटो ने आपस मे जुगलबंदी कर ली।
फिर मैं अपना लण्ड उस साली रंडी छिनाल की चूत के अंदर सरकाने लगा. फिर कुछ देर बाद मैंने अपनी रफ़्तार तेज़ कर दी. अब पूरे कमरे में चुदाई की ठप..ठप.. ठाप…की आवाजें आने लगी साथ ही उसकी दोनों बड़ी बड़ी चुचियाँ ऊपर नीचे उछलने लगी और आपस में टकराने लगी. उसकी चूत चुदाई करके मुझे इतना पूर्ण रूप से सेक्स संतुष्टि मिला कि मैं कुछ ही देर में झड़ने को आ गया।
मैंने अपना लण्ड उस साली रंडी छिनाल की चूत से बाहर निकाल लिया और अपने लण्ड की मुट्ठ मारते हुए मैंने अपना सारा माल उसके चूत के ऊपर लपेट दिया. उसकी चुत मेरे माल से ढक गयी थी. उसके सारे चुत पर सफेद झाग वाला स्पर्म फैल गया।
फिर मैं उसके सीने के दोंनो तरफ पैर करके उसके सीने पर बैठ गया और अपना लण्ड पकड़ कर उसके मुँह पर रख दिया. पर उसने अपना मुँह मोड़ लिया. इसके बाद मैंने उसके दोनों गालों को दबाकर उसके होंठ खोल दिये और अपना लण्ड उसके मुँह में दे दिया।
थोड़ा धमकाने के बाद वो मेरा फौलादी लण्ड चूसने लगी. मैं भी उसके बालों को पकड़ कर उससे अपना लण्ड चुसवाने लगा और उसके मुँह में लण्ड से शोर्ट लगाने लगा. कुछ ही देर में मेरा फौलादी लण्ड फिर फैलाद बन गया।
वो समझ चुकी थी कि फिर से मैं उसकी चुत की चटनी बनाने वाला हूँ. वो बोलने लगी बाबू हो गया न आपने मुझे सजा दे दी है अब मुझे जाने दो मुझसे अब नही सहा जाएगा. आपने तो मेरी हालत ही बिगाड़ दी अब मुझे जाने दीजिए. आज के बाद मैं कभी चोरी नही करूँगी. वैसे भी मैंने अपनी सजा पूरी कर ली।
इतना सुनते ही मेरा पारा चढ़ गया वो मुझे खड़े लण्ड पे धोखा नही दे सकती थी. मैंने उससे कहा कि अभी तुम्हारी सजा खत्म नही हुई है. अभी मेरा हिसाब चुकता नही हुआ है. जब तक मैं तुम्हें जाने को नही कहूंगा तब तक तुम नही जा सकती. इतना कहते हुए मैंने उसे अपना लण्ड पकड़ा दिया।
और उससे कहा देखो तुमने आज इसकी तमन्ना भर सेवा नही की है. अभी भी तनकर खड़ा है. पहले इसे सांत करो उसके बाद चली जाना. इसके बाद मैंने उसे बिस्तर पर धकेल दिया और उसकी दोनों टाँगों को पकड़कर उसकी जाँघों को फ़ैलाकर उसके टांगों के बीच जाने का प्रयास करने लगा।
पर उसने अपने टांगों को आपस में चिपका लिया जैसे ही मेरी पकड़ उसपर ढ़ीली पड़ी वो उठकर भागने का प्रयास करने लगी. वो भागने के लिए जैसे ही उठी तो मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया. मैं उसके ऊपर चढ़ गया. वो अभी घोड़ी बनी हुई थी. मैं भी उस साली रंडी छिनाल की गांड पे लण्ड सटाये मैं उसके ऊपर घोड़ा बना हुआ था।
वो अभी भी भागने का प्रयास कर रही थी मैंने उसकी पीठ पर अपना चेहरा दबा दिया और उसके पंजो को अपने हाथों से बिस्तर पर आगे की तरफ कर दिया. जिससे वो आगे से बिस्तर पर झुक गयी अब उसका सीन बिस्तर पर सट गया और उस साली रंडी छिनाल की गांड ऊपर हो गयी।
आप समझ सकते है कि उसकी पोजीशन कैसी होगी मेरा फौलादी लण्ड अभी भी उस साली रंडी छिनाल की गांड से टकरा रहा था. मेरा मोटा लम्बा लौड़ा उसकी काली बड़ी सी गांड की दरार से होता हुआ उसकी चुत पर रगड़ खा रहा था. मैंने एक हाथ से उसकी पीठ को दबाये हुए था. और एक हाथ से लण्ड उसकी गीली चुत पर रगड़ दिया।
उसके चूत के रस से मेरे लण्ड का टप्पा गिला हो गया. एकदम मुझे उस साली रंडी छिनाल की गांड का छेद दिखाई दे दिया जो उसके घोड़ी बनने से थोड़ा खुला हुआ था. तो मैंने अपने लण्ड को पकड़ कर उसकी चुत की जगह उसके टट्टी करने वाले छेद जिसे चूतड़ बोलते है उसमे टिका दिया. और अपने कमर का सारा ज़ोर उस साली रंडी छिनाल की गांड पर लगा दिया।
पहले तो दबाव के कारण मेरा फौलादी लण्ड उसके टट्टी करने वाले छेद जिसे चूतड़ बोलते है उसमे टेढ़ा होने लगा. पर लण्ड के टोपे पर बुर का रस लगे होने के कारण मेरा फौलादी लण्ड सट से थोड़ा सा भीतर चला गया. उसकी हालत खराब हो गयी वो रोने लगी और लण्ड निकालने के लिए गिड़गिड़ाने लगी. पर मुझे उस साली रंडी छिनाल की चूत से ज़्यादा उस साली रंडी छिनाल की गांड का नशा हो चला था।
तो मैंने अपने दोनों हाथ उसके कंधों पर जमा लिए और धीरे से अपने टांगों के सहारे मैं उसके टट्टी करने वाले छेद जिसे चूतड़ बोलते है उसमे से अपना लण्ड बाहर निकाला और उस साली रंडी छिनाल की गांड पर बैठकर अपने लण्ड को सीधा भीतर उसके टट्टी करने वाले छेद जिसे चूतड़ बोलते है उसमे डाल दिया. उस पोजीशन में उस साली रंडी छिनाल की गांड की छेद मेरे लण्ड के सीक में थी. उसे थोड़ा दर्द हो रहा था वो चीख भी रही थी।
मगर मेरा फौलादी लण्ड आसानी से पूरा उसके टट्टी करने वाले छेद जिसे चूतड़ बोलते है उसमे घुस गया उसके बाद मैंने उस साली रंडी छिनाल की गांड पर कुद कूदकर 10 मिनट तक वैसे ही उसकी बदबूदार गांड मारी और उसके बाद मैंने धीरे- धीरे करके उसकी कमर को भी बिस्तर पर टिका दिया और उसे बिस्तर पर लिटा दिया. उसके बाद मैं भी उस साली रंडी छिनाल की गांड पर अपना लण्ड रगड़ते हुए लेट गया।
फिर उसके टट्टी करने वाले छेद जिसे चूतड़ बोलते है उसमे लण्ड डालकर लेटा कर खूब उसकी बदबूदार गांड मारी कुछ देर बाद मैंने उस साली रंडी छिनाल की गांड मारते हुए उसकी चुत पर हाथ फेरा तो मेरी हाथ में उसकी चुत का पानी लग गया मैं समझ गया कि इसकी गांड चोदने से इसकी बुर फिर झड़ गयी है. कुछ देर बाद मैं भी उसके टट्टी करने वाले छेद जिसे चूतड़ बोलते है उसमे ही झड़ कर सांत हो गया।
जब मैंने उस साली रंडी छिनाल की गांड से अपना लण्ड निकाला तो उस साली रंडी छिनाल की गांड से थोड़ा सा ब्लड निकला वो देख मुझे इतनी प्रसनी हुई कि मैं बता भी नही सकता मैंने पहली बार किसी महिला की गांड फाड़ी थी मुझे इस बात पर गर्व था. मैं मन ही मन मुस्कुराता हुआ वहाँ से उठकर चला गया. जब मैं अपने लण्ड को साफ करके वापस कमरे में आया तो वो अभी भी पेट के बल चूतड़ ऊपर किये बिस्तर पर लेटी हुई थी. मैंने उसके चेहरे को देखा उसकी आंख से आँसू बह रहे थे. और वो अपने पेट के नीचे से हाथ लगाकर अपनी बुर और चूतड़ को छू कर चेक कर रही थी।
मैं अभी अभी नंगा ही उसके बगल में था. मुझे नंगा देख उसने कहा बाबू आप फिर से चुदाई करना चाहते हो क्या? तो कर लो मगर आप ये सब किसी को बताना मत की मैंने चोरी की है. नही तो मेरी जिंदगी खराब हो जाएगी. मैंने उससे कहा कि आज की नाईट मैं तुम्हें जी भर चोदूगा. वो कहने लगी बाबू आपने मेरी हर छेद को फाड़ दिया. मेरे मर्द को पता चल जाएगा. की मैं दूसरे मर्द से चुदी हु।
मेरी बुर और चूतड़ फैल चुकी है मेरे मर्द का लण्ड इतना मोटा नही है. अब मुझे उस साले चोदू के तंदुरुस्त और फौलादी लण्ड से चुदाई का एहसास ही नही होगा कुछ दिन किन्तु उसे तो एहसास हो जाएगा कि मैं दूसरे मर्द के मोटे लण्ड से चुदती हूँ. वैसे मैं तो मजबूर हूँ चोद लो जितना चाहो उसके बाद मैंने उसे नाईट के 3 बजे तक खूब रगड़ कर चोदा उसकी हालत इतनी खराब कर दी. वो सही ढंग से न चल पा रही थी और न ही आज के बाद वो चोरी के सपने भी देखेगी
दोस्तों वो चोरनी कोई और नही मेरी ही कॉलोनी में रहने वाली एक महिला है. वैसे मैंने कभी उससे उसकी खतरनाक चुदाई से पहले बात नही की थी. किन्तु अब जब कभी भी वो मुझे देखती है तो शर्म से अपनी नज़रे चुरा के निकल जाती है. मुझे देखकर उसे चुदाई का डर लग जाता होगा. अपनी गद्देदार गांड और बूर फाड़ चुदाई वो कभी जिंदगी भर नहीं भूलेगी उसकी ऐसी चुदाई हुई थी.
तो मेरे प्यारे भाई और बहनों हम www.xxxvale.com फैमिली के सदस्य उम्मीद करते हैं की आप को हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में “चोरनी महिला की खतरनाक चुदाई।” बहुत पसंद आई होती इस हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में को अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करना. इन इंडियन सेक्स स्टोरीज के अलावा यदि आप इंडियन देसी पोर्न विडियो देखना चाहते है या फिर न्यूड नंगी फोटो देखना चाहते है तो www.indiansexbazar.com वेबसाइट ज़रूर देखें…
चोरनी महिला की खतरनाक चुदाई. XXX Hindi Sex Kahani अंजान औरत,आंटी,Bondage,Hindi nonveg story,Hindi story thief fuck,Kamasutra hindi,Nonveg story,Sexy kahani,Sexykahani,Thief sex story hindi,चोर की खतरनाक चुदाई,चोरनी औरत,चोरनी महिला की खतरनाक चुदाई,बाँधकर,मोटे लंड
ऑडियो सेक्स स्टोरी लड़की की आवाज में – Free Hindi Audio Sex Story
- ससुर जी बोले मान भी जाओ बहू मेरे साथ सेक्स करने के लिये Audio Sex Stories
- हिंदी ऑडियो सेक्स स्टोरी वासना में देवर जी के लण्ड से बुर चुदवा बैठी
- Audio Sex Stories घर पर काम लीला भाई के फ्रेंड के छोटे भाई के साथ
- Hindi Audio Sex Story मेरे पापा ने वेश्या की जगह मुझे चोदने का प्रोग्राम बनाया
- ऑडियो सेक्स स्टोरी भाई के लम्बे और मोटे लण्ड से चुद गई Hindi Audio Sex Story
- ऑडियो सेक्स स्टोरी भाई के लम्बे और मोटे लण्ड से चुद गई Hindi Audio Sex Story
- मेरी मौसी मुझसे ऐसी गन्दी गन्दी बाते करती है ऑडियो सुनो Hindi Audio Roleplay
- My Aunt Tells Me Such A Dirty Messy Audio listen Free XXX Audio
- Hindi Audio Sexy Story – Indian Hindi Audio sex story हिंदी ऑडियो सेक्स स्टोरी
- Audio Sex Story भाई और अब्बू ने चोदा लड़की से सुने चुदाई की कहा ँनी
- ऑडियो सेक्स लड़की से सुने सेक्स स्टोरी भाभी को छोटे देवर जी ने चोदा और लण्ड चुसाया MP3 Audio Sex Story