सेक्स का चस्का पार्ट 3 – भाभीजी में आपको चोदकर प्रेग्नेंट करूँगा Hindi Chudai Ki Kahani : सलाम यारों, मे राजेश फिर एक दफे आप के लिये एक रोमांच भरी कहानी लेकरं आया हु. मेरी पिछली कहानी आपने पढी होगी ही अगर नही पढी हो तो उन्हें शुरू से पढे तभी मेरी आगे की कहानी का आनंद आयेगा उन फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में के लिंक इस फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में के अंत में दिए हुए है. अब आपके सामने उसके आगे की कहानी पेश कर रहा हु. मेरा और मेरी जवान सेक्सी बहन रेखा को चोदकर पूर्ण रूप से सेक्स संतुष्टि पाने के बाद एक दुसरे को चिपके हुवे थे, तभी मुझे अहसास हुवा मेडिकल से जो कंडोम मे बडी कठिनाई से लाया था वह सेक्स के आगोश मे पहन ना ही भूल गया.
मे और मेरी जवान सेक्सी बहन रेखा कामवासना मे इतने डूब गये थे की मुझे और उसे यह अहसास ही नही रहा की हम सेक्स बिना निरोध के कर रहे थे. अब मेने रेखा से बोला, अब क्या करे जानू? रेखा भी अब समज गयी थी की हमने जोश मे होश गवा बेठे. वह मुरझाई स्वर मे बोली, जाने दे अब हो गया सो हो गया, अब तू मेरे को मेडिकल से माला-डी गर्भ निरोधक गोली लाके दे ताकी मेरे पेट में तेरा बच्चा ना टहरे.
सेक्स का चस्का पार्ट 3 – भाभीजी में आपको चोदकर प्रेग्नेंट करूँगा Hindi Chudai Ki Kahani

मेने भी हामी भरी और हम लोग थोडे रिलॅक्स हुवे. कुछ देर बाद हम साथ मे नहा कर फ्रेश हो गये. अब रेखा ने कपड़े पेहन कर हम दोनो को नाश्ता लेकरं आई. हम लोगोने नाश्ता किया. उसके बाद मेरा फिर से अपनी गरम माल बहन की खतरनाक चुदाई करने का मुंड बनने लगा, तो मेने उससे पहल करना चालू की. मुझ बहनचोद की बहन ने भी कोई विरोध नही किया , ऊस दिन हम बहन के लंड दोनों भाई बहनों ने बिना निरोध के ही करिब पाच बार चुदाई का भरपूर आनंद लिया.
अब करीब पाच बजने को गा गये. मेने उससे और पहल करना चाही, मगर अब रेखा ने हार मान ली थी. वह मुझे फिर्यादी स्वर मे कहने लगी राज बस ना यार कीतना चोदोगे, गरीब की जान लेंगा क्या, चल बस कर अब उसने मेरे पास आकार मेरे होठं चुमते हुवे कहा ,जा जलदी मेडिकल और गोली लेकरं आ. मुझमे अब जोश आ गया था तो मैं मेरे बहन को मे मनाने लगा, जानू बस एक दफे करेंगे , फिर मे तुरंत जाता हु और लेके आता हु, शायद रेखा बहोत थक गयी थी, पुरी उदासी से कहने लगी नही यार अब फिर कभी करेंगे, मेरी योनी मे अब दर्द हो रहा हे, और मुड भी नही हो रहा. मेने अब जादा जोर डालना उचित नही समजा.
फिर मेने मेरी जवान सेक्सी बहन से कहा ठीक है तू आराम कर ले तब तक मे जाकर मेडिकल से माला-डी गोली लेकरं आता हु. वह कहने लगी ठीक है जा… मे बाहर आकर मेरी सायकल निकाली. अब मुझे भी अपनी गरम माल बहन के साथ नॉनस्टॉप सेक्स करने के कारणथकान महसुस हो रही थी. लेकींन सायकल चलाते वक्त , मेरे दिमाग मे खाली आज की हुवी चुदाई का मंजर और रेखा का नंगा बदन घुम रहा था. पता ही नही चला की मै कब मेडिकल के पास पहुच गया. मेने सायकल लगाई स्टँड पे और , थोडी देर वही रुक कर मेडिकल का मुआईना करने लगा की कोई आयेगा तो नही ना मे गोली मांगते टाइम. मेडिकल के काउंटर के सामने कोई नही था. तभी मेरे को वो मेडिकल स्टोर वाली गदराई महिला दिखी , नीचे देख कर कुछ हिसाब कर रही थी शायद.

मेने सोचा अब रास्ता साफ हे, कोई हे भी नही, तो फटाफट जा कर गोली ले लेते है. अब मे काउन्ट पर पोहचा. वह मेडिकल वाली गदराई महिला महिला अभी भी अपने काम मे ही व्यस्त थी , मेने मेरे जेब से पाच रुपये का सिक्का निकाला और काच के काउंटर पर नॉक कर के आवाज की, ऊस आवाज से उस मेडिकल वाली गदराई महिला महिला ने मेरी तरफ देखा और वही जगह पर बैठे हुए उसने मुझे एक कातिल मुस्कान देते पुछा “बोलो”. अब उसे जोर से कैसे कहु की मुझे माला डी गोली चाहीये. मे कुछ कहा नही शायद उसको मेरी दिक्कत समज आ गई.
उसने अपने हाथ मे का काम छोडकर एक नशीली स्टाईल मे, जोर से अपने दोनो हाथ उपर कर आलंस्य देने की मुद्रा मे अपना पेठ आगे और सर पीठ पिछे करके अपने खुर्ची से उठी, और मेरी तरफ अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ हिलाते आई. बडी मादकता से उसने काउंटर पर हाथ रखे, वह खडी इस तरहसे थी की, उसके दोनो बोबे मानो काउंटर पर हो, और थोडा झुक कर मेरे से स्माईल देते बोली, “बोलो अब क्या रह गया”, वह बडी स्माईल करते हुवे ,मुझे छेडनेके हिसाब से पुछा, मेरा ध्यान तो उसके दोनो बोबे की दरार पर था, वह समज गयी की मे उसके बोबे घुर रहा हु.
अब उसने अपना पल्लू थोडा ठीक किया , थोडी उंची आवाज मे कहने लगी “अरे बोलो”, मेरी तो मानो चूतड़ ही फट गयी, “जी वो माला डी है?” मेने एकदम धीमी आवाज मे बोला. वह एकदम मेरी तरह देख कर कहने लगी , ‘करंदिया ना कांड’. मे जैसे उसकी बात सुनीही नही ऐसें मुद्रा मे खडा रहा. उसने भी अब भीतर जाकर गोली का पाकीट लाकर मेरे सामने रखकर कहने लगी चार रुपये हो गये, पाकीट जेब मे डाला मेने और वह पाच का सिक्का उसे दे दिया. उसने मुझे 1 रुपये वापस देनेके लिये ड्रॉवर खोला और कुछ सेकंद ढुढते हुवे बोली, अरे खुले नही है, मे तुमको एक रुपये का चोको चॉकलेट दु, क्या पता मेरा ध्यान उसके बोबे की गोलाई और मादकता मे खो गया था, मे थोडा सवर थे हुवे कहा ‘हा देदो’ जो भी आप को ठीक लगे.
उसने मेरी तरफ एक ऐसी नशीली भाव से देखा और मुझे एक कॅण्डी दि. ऊस अदा से मेरे को मानो घायल कर दिया. ऊस मेडिकल वाली गदराई महिला के बारे मे बताने का तो मे भूल ही गया. क्या गजब की थी वो साली, उस गदराई महिला का नाम सविता था जो बाद मे उसने मुझे बताया. करिब 21 साल की, इतनी गोरी थी की स्पर्श करा तो लाल हो जाये. उस मेडिकल वाली गदराई महिला के बदन की बनावट ऐसी थी मानो स्वर्ग से कोई अप्सरा उतर आई हो.. भरे उरोज , वह सास लेते वक्त ऐसें हिलते थे किसींको भी पानी पानी कर दे. मदमस्त चूतड़ , मानो उसको किसीं कारीगर ने तराश के आकार दिया है.

गोल चेहरा, चेहरे पे एक काली लट झुलती थी और उस गदराई महिला की सुंदरता को और बढा देती थी, लाल होट बिना लिपस्टिक के भी चमकते हुवे दीखते है, किसींको भी लगेगा की उसको चुस चुस्के खा जाऊ. मानो भगवान ने उसे पुरी सिद्दत से बनाया था. साडी मे तो उसका रूप मानो चांद को भी लज्जा दे ऐसें था. मेने जब उसे पहली बार देखा था , तब सोचा यार क्या नसिब लेकरं आया है उसका पती. अब मेने वहासे जाने का ही उचित समजा. मे मेरी सायकल की तरफ जा ही रहा था, तभी उसने मुझे आवाज दी, “अरे सुनो” मे तो सायकल तक जाने तक उसके बारे मे ही सोच रहा था , तभी उस गदराई महिला के आवाज सुन मानो मेरा जी मचल गया पर मुझे गभराहट भी हो रही थी.
कुछ पल मेरे को ऐसा लगा की मानो मेरे मनमे क्या चल रहा है उसका उसे शक हो गया. मेने पिछे देखा और उससे पुछा , “हा बोलीये” .” इधर आजाओ” उसने सामान्य स्वर मे बोला. मे काउंटर की तरफ गया. और वापीस पुछा ” जी बोलीये” . उसने मेरे तरफ मुसकूराते हुवे कहा , अरे मेरा एक काम हे करोगे प्लिज…. अब मे थोडा सा डर से बाहर आया और कहा , बोलीये ना!!!उसने मुझसे कहा अरे , वो से चार वडापाव लाना है. अब कोई इधर रुकने को भी नही है, नही तो मे जाती थी, मेरे पती भी देर से आते है तब तक गाडी भी बंद हो जाती है, दुसरा कोई नही जाने के लिये और आज बडा मन कर रहा है वडापाव खाने का प्लिज मेरे लिये लाओगे. इतने प्यारे ढंग से बता रही थी की मे ना नही कह पाया. मेने कहा क्यो नही भाभीजी, जरूर लाके देता हु.
उस मेडिकल वाली गदराई महिला ने ड्रॉवर से 50 रुपये निकाल कर मुझे दे दिये. मेने मुस्कुराते हुवे वो लिये और वहा से निकल गया. ऊस वडा पाव वाले के ठेले के पास मे पाच मिनिटं मे पोहच गया. वह वडापाव निकाल ही रहा था. भीड भी बहोत थी. तुरंत मेने चार वडापाव का ऑर्डर दे दिया. पाच मिनिटं बाद मेने वडापाव लिये और वहा से निकल गया . मेडिकल पर आ गया. तभी मेने देखा की , वहा भीतर एक लंडकी और मेडिकल वाली गदराई महिला कुछ बात कर रही थी. मेने आवाज दि भाभी आपके वडापाव. तभी मेरे तरफ देखकर बोली, अरे तुम बहोत जलदी आ गये. एक काम करो पिछे के गेट की तरफ आ जाओ मे उधर आती हु.
मे वेसे ही मेडिकल के पिछे के दरवाजे की तरफ गया, और वहा पे रुक गया. करिब दो मिनिट बाद वो आ गयी. मूस्कुराते हुवे कहने लगी तुम तो बडे जदली आ गये. मे कहा जी वह निकाल ही रहा था , गरमा गरम वडापाव, जलदी मिल गये तो जलदी आया. मेने वडापाव का पार्सल उनके हाथ मे देनेको हाथ आगे किया. उसने थैली लेते हुवे बोला, अरे तुम भी लो ना एक. मे कहा नही भाभी. मेरी बात काटते हुवे कहने लगी अरे एक काम करो चलो हम साथ मे मिलके खाते है. मे वापस नही कहा . पर वो इस तरह से मुझे कह रही थी की मानो मुझें बाद मे लगा ठीक हे मान लेंनी चाहीये बात. मेने कहा ठीक है भाभी. तभी उसने मुझसे कहा एक काम करो ये सिडियो से उपर जाओ और पहले दरवाजे के पास रुको मे चाभी लेके आती हु.
मे कहा ठीक है,पर मेडिकल मे कोन? तब वो कहने लगी अरे कल से मेने एक लंडकी रखी है मेडिकल मे काम करने के लिये ,शाम के वक्त के लिये. क्यो की मेडिकल बंद करके बाद मे खाना बनाना बोहोत देर हो जाती थी इसलीये. बस मे अभि आई चाभी लेके और वह मेडिकल के भीतर चली गई. मेडिकल के दरवाजे के बाजू लगकर सिडिया थी मे सिधा उपर जाकर दरवाजे के पास जा कर रुका. मेरे को लगा शायद वह यही रेहती है. करिब दो मिनिट बाद वो सिडिया चढ कर आ रही थी , मेरी निगाहें उसके उपर गई, मुसकूराते मेरे पास आ रही थी. क्या गजब माल दिख रही थी. उसने चावी से दरवाजा खोला, और भीतर जाते हुवे कहने लगी आजो ना. मे शरमाते हुवे भीतर जाकर खडा रहा.
उस मेडिकल वाली गदराई महिला ने मेरी तरफ देखते हुवे बडे प्यार और मोहब्बत से कहा अरे बेठो सोफे पे शर्माओ मत. मे आज्ञाधारी के माफिक उसकी बात सूनकर सोफे पे बैठा और सामने वाली टी पॉय पे वडापाव की थैली रखी. उसने मुझे कहा “दो मिनिट रुको मे प्लेट लेकरं आई”. वह भीतर की तरफ गई और प्लेट और पानी का जार और ग्लास लेके आ गई. वह सब टी पॉय पर रख कर मेरे बाजू मे थोडा अंतर रखकर बेठ गई. मुझे तो बडी शरम आ रही थी. उसने वडापाव प्लेट मे निकाल कर कहा . अरे लो ना शर्माओ मत अपना ही घर समझो. मेने प्लेट से एक वडापाव लिया. उसने भी एक लिया और हम दोनो वडापाव खाने लगे.
वडापाव खाते खाते उसने मुझसे पुछा ‘तुम्हारा नाम क्या है’, मे उसकी तरफ देखते हुवे कहा जी भाभी राजेश. लेकींन सब लोग मुझे राज बुलाते है!! वह एक प्यारी मुसकुराहट से कहने लगी ठीक है मे भी तुझे राज ही बुलाउनगी. चलेगा, मे बडी मस्ती भरी स्वर मे कहा . उसने मुझे पुछा क्या करते हो तुम. मे बोला; जी ११ वी कक्षा मे पढता हु. अरे तुम तो अभी छोटे हो फिर भी तेज लगते हो…. जी मे समजा नही. वो- तुम बहोत समजदार हो , ना समज मत बनो. मैं – जी भाभी मे सच मैं नही समजा वो- मोर्निंग वह निरोध क्या खाली फुलाने को लेके गये थे क्या? उसकी इसबात से मे थोडा सेहम गया, क्या बोलू कुछ समज नही आ रहा था ,मेने कहा भाभीजी वह ऐसें ही……. और आगे कुछ नही बोला.
तभी उसने कहा अरे डरो मत , मुझे अपनी फ्रेंड संमजके बताओ ना की सच मे तुमने ऊस निरोध का क्या किया और अभी ये गोली किस लिये लेके जा रहे हो? मेरी तो मानो दुविधा पोजीशन हुवी थी, यह ऐसें सवाल क्यो पुछ रही है मेरे को कुछ समज नही आ रहा था. तभी उसने बडी प्यार भरी आवाज से कहा .. राजूउउउ… अरे मुझे अपनी फ्रेंड समाजो… और अपने फ्रेंड की तरह ही मुझसे बाते करो शर्माओ मत… तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या? मे उसकी तरफ देखते हुवे कहा जी नही भाभी. फिर यह सब चिजें तेरे क्या काम की, तू क्यो लेके गया? उसने प्यार भरे स्वर मे पुछा… अब मेरे को भी थोडा थोडा अहसास होने लगा की , बात अब डर ने वाली नही है. मामला कुछ और ही लग रहा है.. मेरे मन मे तरह तरह के विचार आने लगे, शायद उसके मन मे कुछ और ही हे.
मेरे मन मे उस मेडिकल वाली गदराई महिला के लिये अभी तक काम वासना नही जगी थी, मगर अब उसकी बातो से मेरे मनमे लड्डू फुटने लगे. मगर थोडा डर भी लग रहा था. मेने थोडी हिम्मत करके उसको कहा , “जी भाभीजी आपको पता ही होगा की ऊन चीजो का क्या करते है… मुझे तो पता है लेकींन तुमने इनका क्या किया ये जानना था… एक मिस्कील मुसकुराहट से उसने मुझे कहा ….. उसी वक्त मेने वडापाव खतम किया और फटाफट पानी पिया और सोफे से उठते हुवे उसे कहा जी भाभीजी मे निकल ता हु अभी…… तभी उसने मेरा हाथ पकडकर नीचे बिठाते हुवे कहा , अरे बैठो तो सही, चाय बनाती हु , साथ मे चाय पियेगे फिर चाय पिते पिते मुझे तुमने क्या क्या किया बताना…
मुझे बिठाकर वह मेडिकल वाली गदराई महिला उठी और दरवाजा लगाकर किचन मे चली गई. अब मुझे डाल में कुछ काला लगने लगा था. मेरे दिमाग मे बहुत से खयाल आने लगे, मुझे अब लगने लगा था की , उसके दिमाग मे कुछ चल रहा हे, शायद ये मेरे को सारी बाते सूनकर मुझे ब्लैकमेल तो नही करेगी, या फिर उसके दिमाग मे मुजसे चुदवाने का खयाल हे. कुछ समज नही आ रहा था. मेरे दिमाग मे सवालोनका चक्र चलने लगा.
तभी वो गदराई और हॉट सविता भाभी दो चाय के कप लेकरं आई. एक मुझे दिया और एक कप खुद लेकर मेरे पास बैठ गयी. मेने महसुस किया की अब वो थोडी मेरी तरफ सरक कर बेठ गई. वो- राज चलो बताओ , डरो मत मुझे अपनी फ्रेंड संमजकर बताओ. मे- भाभी मुझे शरम आ रही है वो- शर्माने की क्या बात हे , अब हम फ्रेंड हे . हे ना? मे- जी…. लेकींन….. वो- अभी लेकींन वेकीन कुछ नही चलो बताओ.
वह मेडिकल वाली गदराई महिला बडे प्यार और मोहब्बत से बोल रही थी, तब मेरे को थोडा विश्वास हुवा और अब मैने उसे बताना चालू किया. मे- जी… वो मेरी बुवा की लंडकी हें ना रेखा उसके साथ किया वो- क्या किया? (वो बडे प्यार और मोहब्बत से और आतुर्तासे पुछा) मे – वो ..उसके साथ… वो- हा बोलो…( उसके चेहरे पर आतरुता बढि दिख रही थी) मे- जी वो मेने आज उसको चोदा. वो- अहाहा..क्या बात है ,मेरा फ्रेंड तो बडा शातिर निकला. क्या उमर है उसकी या ‘तेरी उमर की हे? मे – जी वो सुहागन है. वो- हाय दय्या!! तू तो मेने सोचा उससे भी आगे का निकला. मुझे शर्म के मारे उसके तरफ देखने की हिम्मत नही हो रही थी.
तभी उसने पुछा फिर तुने वो गोलिया किसके लिये ली. मेने शर्माते हुए कहा जी हमने निरोध लगांये बिना ही चुदाई करी इसलीये. मेरी बात काटते हुवे वह बोली, अरे वो सुहागन हे तो क्या फरक पडता है. मेने रेखा की सारी हकीगत उसको बता दि. वो समजदार स्वरूप भाव चेहरे पे लाके कहने लगी मे समज सकती हु!!! दो मिनिट के लिये हमने कुछ कहा नही, मेने अपनी चाय पी और सोफे से उठ कर कहा भाभी अब मे जाता हु. मे दरवाजे तक गया तभी उसने मुजको आवाज दि . मे रुक गया और कहा ‘जी कहिये’. उसने मुजसे कहा ‘मेरा और एक काम करोगे’. मेने आज्ञाधारी की तरह कहा जी काहिये मे करुंगा, लेकींन आप ये सब बात किसीं को मत बताना .
उस मेडिकल वाली गदराई महिला ने मुस्कुराके कहा यार फ्रेंड हु मे अब तेरी तेरा सिक्रेट वो मेरा सिक्रेट लेकींन मुजसे वादा कर मेरा ये काम जरूर करेंगा. मेने कहा भाभीजी बोलो ना कुछ सामान लाने का हे क्या तुरंत लाके देता हु. अरे नही आजो इधर बेठो मे तूम्हे बताती हु. मे जाकर उसके बाजू मे बेठ गया , अब तक मेरा पुरा डर उसकी प्यारी बातो से निकल गया था. उसने कहा देखो राज मेरी एक जरूरत है उसको तुमको पुरा करना है. मेने कहा कैसी जरूरत. तब उसने सारी कहानी बताना चालू किया.
उसने कहा मेरी शादी को तीन साल हो गये है. लेकींन मेरे पती से मुझे बच्चा नही हो सकता. “मुझे तुमसे बच्चा चाहीये”. मे चोक गया और कहा “भाभीजी आप लोग किसीं डॉक्टर को क्यो नही दिखाते”. मेरे मन मे एक तो लाड्डू फूट गये थे , और एकयोनी का झुगाड हो गया था. मगर मेने उसको वेसा महसुस होने नही दिया. उसने कहा उसका कोई फायदा नही, मेरा पती ” गे ” है. यह सूनतेही मेरे को बहुत बडाशॉट लगा. इतनी सुंदर लंडकी और उसके नसिब मे क्या आया. समाज के डर से अब हम अलग नही हो सकते और लोगो का मुँह बंद करने के लिये हमे बच्चा चाहीये . क्या तुम मेरी मदत करोगे. उस मेडिकल वाली गदराई महिला ने अपेक्षा भरी निघाहो से पुछा. तभी मेने कहा लेकींन मे तो अभी कम उमर का हु तो कैसे होयेगा.
उसने कहा अरे राजू मे मेडिकल के क्षेत्र मे हु . जब कोई लंडका वयस्क हो जाता हे और उसका लण्ड खड़ा होने लग जाता है तो समझो वो किसी औरत को चोदकर प्रेग्नेंट करने लायक है. कम उम्र का लड़का किसीं भी औरंत को चोदकर प्रेग्नेंट कर सकता हे. अब मेरी भी तमन्ना वेसे तो थी ही तो मेने कहा ठीक है भाभीजी में आप को चोदकर प्रेग्नेंट करूँगा लेकींन अगर आपके पती आ गये तो. तभी उसने कहा उसकी तुम टेंशन मत करो. मे जब कभी भीतर गयी चाय बनाने, तभी उन्हें मेने फोन कर के बता दिया था की , आज अपना काम करने के लिये कोई मिला है , आप फोन करके ही आना. तभी मेने ऊनसे पुछ लिया भाभी आप इतनी सुंदर हो तो कोई भी आप की खतरनाक चुदाई करने को तयार हो जाता फिर मे ही क्यो.
तभी उसने कहा देख राज वेसे तो बहुत लोग मेरे पे डोरे डालते है लेकींन , कोई भी उसका गलत फायदा ले सकता हे , मुझे बाद मे ब्लैकमेल कर सकता है और बदनामी भी. हम लोगो का यह इलाके मे बडा नाम है. इसलीये मेने सोच लिया था, और तेरे जेसे ही कम आयु के लडके की खोज मे थी उसका फायदा यह की, कम उमर के कारन यह बात बता ने को झिजक करोगे. क्यो की छोटे उर्म के लंडके बडे महिला से संबंध होने कीं बात हमेशा गोपनीय ही रखते है ऐसा मेरा और मेरे पती का मानना है. जब तुने आज मेरे से निरोध मांगा तभी मेने सोचा था की तेरे से कुछ झुगाड करू. देखो राज यह बात हम दोनो के बीच ही रहेगी. मेरे पती भी नही जानना चाहते की मुझे होने वाले बच्चे का बाप कोन है. तूझें मेरे साथ केवल आज से मेरी महावारी की तारीख आने तक यांनी की 12 दिन रोज सेक्स संबंध बनाने पड़ेंगे.
मे तो मन ही मन सातवे आसमान पे था. आज से 12 दिन मुझे एक ऐसें हुसन की परी की खतरनाक चुदाई करने को मिलने वाली थी जो की कभी मेने सपने मे भी नही सोचा था. अब हम लोगोकी बाते लगभग हो गयी थी, तभी उसने कहा तो फिर चले , मे तो पहलेसे ही उसे पेलने को उतावला हो रहा था. मे ने कहा चलीये भाभी. उसने मेरे गाल पे पप्पी लेते हुवे कहा , राज अब तू मुझे भाभी मत बुलाव मेरा नाम सविता है. उसके रसभरे होटो के स्पर्श से मेरा फौलादी लण्ड फनफना उठा. मेने भी अब पहल करना सुरू किया. उसको खडा कर मेने उसके होटो पे होट रख दिया. हमारे होट एक दुसरे के होटो मे समा गये , वो मेरा पुरा साथ दे रही थी, उसके साडी का पल्लू नीचे गीर गया मेने मेरा एक हात उसके गालो से घुमाते हुवे नीचे ले गया, और उसके बडे बोबे के उपर रखा और ब्लॉउज के उपर ही हलके हलके दबाने लगा.

मेरी इस हरकत से उस मेडिकल वाली गदराई महिला का अंग अंग रोमांचित हो गया. वह मेरे को आलिंग देते हुवे मेरे बदन हो सहलाने लगी. हम लोग अब , पुरे सेक्स के आगोश मे डूब गये. तभी उसने मुझे कहा चलो शयनकक्ष मे चलते है. हम लोग एक दुसरे को किस करते ,एक दुसरे के बदन को सहला ते हुवे शयनकक्ष मे पोहोच गये. उसी पोजीशन मे हम पलंग पर गिरे. वह मुझे अब पुरे आगोश मे चुंम रही थी , कभी मेरे होट ,कधी मेरे गाल पे अपनी झिभ घुमा रही थी, तो अभी मेरी गर्दन पे चुंम रही थी. वो जेसे अपना आपा खोकर एक प्यासे के माफिक मुझसे पहल कर रही थी.
मे भी अब पुरे आगोश मे उसको चुंम रहा था, उसने मेरे शर्ट के उपर हाथ घुमाके उसके एक एक सारे बटन खोल दिये और मेरे छाती को बेतहाशह चुंमने लगी. मेने अपनी शर्ट निकाल दि, उसके भरे बोबे को एक हाथ से दबाते दबाते मेने सविता भाभी का ब्लाउज खोलना चालू किया, खोलते खोलतेही मेने उसके खुलते जा रहे बोबे पे अपनी जबान घुमाने लगा , वेसे ही उस ने एक गहरी सिसकार भरी…आहाहाहा हा , उसकी सिसकार पुरे शयनकक्ष मे गुंज उठी, उससे मुझे और जोश आया मेने उसके ब्लाउज की सारी बटने खोल दि, उसने सफेद कलर की प्रिंटेड पैडेड ब्रा पहनी थी, मेने पैडेड ब्रा के उपर ही अपना मु घुमाने लगा , उस मेडिकल वाली गदराई महिला का जोश बढ रहा था. अब मेने सविता भाभी का ब्लाउज निकालने कीं कोशीश की तो उसने उठ कर मेरा साथ दिया और अपना ब्लाउज निकाल दिया.

अब वो मेरे सामने पैडेड ब्रा मे थी , मे उस गदराई सविता भाभी के हर खुले अंग को चुंम रहा था, चुमते चुमते मेने अपना हाथ पिछे ले जाकर सविता भाभी की पैडेड ब्रा का हुक खोला ,वेसे ही उसके बडे बडे बुब्स , आजाद हो गये और हवा में झूलने लगे. उस गदराई सविता भाभीजी के क्या बोबे थे, उसके सामने मेरी जवान सेक्सी बहन रेखा के बोबे क्या पुरी रेखा ही फिकी लगने लगी मुझे और मेने एक बोबे को हाथ से दबाते ,दुसरे बोबे के निप्पल पे अपनी जबान घुमाई , वह उत्तेज ना के मारे अब तडपने लगी, और मुझे बोलने लगी..ओहह राज बहोत आनंद आ रहा है चुसे इन्हे, जिंदगी मे पहली बार इतना आनंद आ रहा है.
वो मेडिकल वाली गदराई महिला बहुत तेज सिसकीया भर रही थी..म्म्मम्म्मम्म्म….आहहआआआआआ… मेने अब उसके निप्पल को मु मे लिया और जितना हो सके उतना बोबे मु मे लेकरं उसे चुसने लगा, एक हाथ से दुसरे को मसलने लगा, थोडी देर बाद मेने अपना एक हाथ नीचे लेते हुवे उसकी साडी खोलने लगा, मेने उसकी पुरी साडी निकाल दि, वह अब खाली पेटीकोट मे थी, अब मे बोबे से थोडा नीचे आकर पेट चुंमने लगा, तभी उसने अपना हाथ नीचे लेके पेटीकोट का नाडा खोल दिया , पेटी कोट ढिला हो गया , मे चुमते चुमते उसकी नाभी तक आ गया और अपनी जबांन उसपे घुमाई , आहहआआआआआ राजा अहआआआआआआ सिसकीया लेते हुवे वो तडपने लगी, उसकी हालत अब बिना पानी के सिंघाड़ा मछली के माफीफ हो गयी थी.

अब मे नीचे आते आते हाथ से पेटीकोट नीचे सरकाते हुए सविता भाभीजी की चड्डी तक आ गया , मेने उसका पेटीकोट निकाल दिया , ओहहह क्या लग रही थी , गोरी जांघो मे सफेद प्रिंटेड निकर , मे अब उठा अपनी पॅन्ट उतार दि, मेने उसके पेर के उंगली से उपर अपनी जुबान घुमाते हुवे उपर आ रहा था वो तडप रही थी, जोर जोर से सिसकीया ले रही थी , उसके निकरयोनी के रिझाव से गिली हुवी थी, मेने अब अपना मु उसकी निकर के उपर से ही घुमाया और किस करने लगा, हलकी सीयोनी की मेहक मुझे अब और उत्तेजी कर रही थी, उसके मु से जोर जोर से सिस्कारिया निकल रही थी, मेने अपनी जुबान जब उसकेयोनी पे घुमाई वो मानो तडप गयी , अब मेने उसकी निकर निकाल दि , उस गदराई सविता भाभी की मखमली छोटीयोनी मेरे सामने थी.
मे उस मेडिकल वाली गदराई महिला की गुलाबी योनी चाटने लगा, उसको इस आघात से खुद पर कंट्रोल नही रहा और वो मेरे मुँह मी ही झड गयी, उसका पानी मेरे होटो पे ,जुबान पे गा गया, फिर भी मेने चाटना चालू रखा , अब मेने मेरी जुबान सेयोनी के दानेको टाटोलने लगा, वह वापस मुड मे आ गयी. वो मेरा सर उसकेयोनी की जुबान पे दबाने लगी, इस वजह से मुझे सास लेने को दिक्कत हो रही थी. मे अब रुक गया, और अपनी चड्डी उतार कर उसके उपर 69 के पोजिशन मे गा गया , मेने जेसे ही वापीस उसजीयोनी पे जुबान घुमाई, उसने फटाक से मेरा पेनिस अपने मु मे लेकरं चुसना चालू किया. मेरा फौलादी लण्ड पुरी तरह से खडा हो गया था.
करिब 10 मिनिट चुसाई के बाद सविता भाभी मुझसे कहने लगी, राज बस अब नही तो मै वापीस ऐसें ही झड जाऊगी अब डालदो अपना लण्ड मेरी इस प्यासीयोनी में मुजसे अब रहा नही जा रहा , मेरी योनी की प्यास बुजा दो जल्दी से.मे अब उठ गया और सविता भाभी के पैरो के बीच आकर उनकीयोनी पर अपना लण्ड रख कर उपर नीचे घुमा दिया , उसने जोर से सिसकियाँ भरी, उस गदराई सविता भाभी की गुलाबी योनी बहुत गिली हो चुकी थी, अब मेने उसकी योनी के छेद पे लण्ड सेट कर एक जोर का धक्का लगाया मेरा फौलादी लण्ड फिसल गया, उस गदराई सविता भाभी की फुद्दी एक दम अनचुदी फुद्दी की जैसी थी मुझे ऐसा लग रहा था की उस महिला की गुलाबी योनी अभि तक सही ढंग से चुदी नही है, इस वजह से उस मेडिकल वाली भाभी की फुद्दी एकदम अनचुदी फुद्दी की तरह कसी हुवी थी.

मेने अब हाथ से पेनिस को पकडा और सविता भाभी की कसी हुई फुद्दी के भीतर डालने की कोशीश करने लगा, भाभीजी को बहुत तेज दर्द हो रहा था उसने अपने दोनो हाथ बेड शीट को दबोचे अपनी आखे बंद की थी , अब मेने जोर लगाया , मेरी लुल्ली का टोपा भीतर गया, वह झट पटा ने लगी, निकालो, बहोत दर्द हो रहा है, मे मर जाऊगी निकालो कहकर मुझे ढकलने लगी, तभी मेने उसके हाथ दोनो हाथो से पकड उसके होठो पे अपने होठं लगाये और जोर से एक धक्का दिया. मेरा पुरा लण्ड उसकी योनी चिरते हुवे भीतर चला गया. उसकी होटो को मेने अपनी होटो को दबा रखा था तो उसके नाक से अम्मम्म्मम्म्मम्म्मम्म्मम्म्मम्म्म की आवाज से बहोत लंबी चिख निकली .
मै पेनिस को उस गदराई मेडिकल वाली महिला की फुद्दी के भीतर रख कर रुक गया, एक शदिशुदा और की गुलाबी योनी की सील मे ने तोड दि थी, उसकेयोनीसे निकले हलके ब्लड की गरमाहट मुझे महसुस हो रही थी. थोडी देर मे वो नॉर्मल हो गयी. मेने अब बहोत ही हलके से लण्ड भीतर बाहर करना सुरू किया, अभी भी उसको थोडा दर्द हो रहा था , कुछ वक्त बाद सविता भाभी भी मेरे होटो को चुसने लगी, तब मे समज गया अब उसे भी आनंद आने लगा है. वेसेही मेने आराम आराम से मेरी स्पीड बढा दि, अब वो भी अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ उचल के मेरा साथ दे रही थी मुझे , बेताहाशा चुंम रही थी….आहहहहहहह राज …..चोदो…..बहुत आनंद आ रहा है…..अहआआआआआआ….ऊऊऊऊऊउऊऊऊऊऊ…..म्म्मम्म्मम्म्मम्म्मम्म.जोर से आहाआअअअअअअअ…मेने भी अपनी स्पीड बढा दि …

उस मेडिकल वाली गदराई महिला की उत्तेजना बहुत बढ गयी वो भी अपनी डबलरोटी जैसी गद्देदार गांड जोर जोर से उचल रही थी….. मुझे महसुस हो रहा था की उसकी योनी उसने तंग कर दि मे समज गया ये झडने वाली है , मेने जोर जोर से चोदना प्रारम्भ करा.. ठप्प ठप्प ठप्प आवाज इतनी तेज हो गयी थी की शायद बाहर तक सुनाई दे , वह अपने चरम सीमा पर आ गई. उसने मुझे कस के पकड जोर जोर से अपनीयोनी मेरे लण्ड पे घुमाने लगी अहआआआआआ………..यस यस यस यस अहआआआआआआ म्म्मम्म्मम्म्मम अहआआआआआआ लंबी सिसकीया लेके वो झड गयी . और अब वो थंडी पडी खाली मेरे पीठ पे हाथ घुमा रही थी. मे अभी तक अपने चर्म सीमा पर नही आया था.
दिन भर चुदाई करने की वजह से शायद ऐसा हुवा था, मेरे लण्ड मे भी हलका हलका दर्द होने लगा था, पर इस सुख के सामने मुझे वह कूच भी नही था. मुझे अब थकान महसुस होने लगी , अब तक नीचे सविता भी उत्तेजित हो गयी थी , मेने अब बिना लण्ड निकाले उसे उपर ले लिया और मे आराम से नीचे लेट गया, अब सविता अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ उठा उठा कर लण्ड भीतर बाहर कर रही थी . मे उसका एक बोबे मु मे लेकरं चुस रहा था.
करिब 10 मिनिट बाद वो भी चरम पे आ गयी और मे भी तभी मेने उसे नीचे कर जोर से धका पेल चुदाई चालू की अब मे भी अपने अंतिम चरम पर आ गया था, मेरी गती अब बहुत जादा बढ गयी नीचेसे सविता भी अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ जोर जोर से उछाल कर सिसकीया ले रही थी अहहहहहहहहह राज……और जोर से…….आहाआआआआआआ…जोर से म्म्मम्म्मम्म्मम्म्मम्म…….आहाआआआआआआआआ……म्म्मम्म्मम्म्मम……जोर से……….. अहआआआआआआ मे भी तेज गति से चोद रहा था …..

मेने और जोर से धकके लगाकर कर मेरा सारा माल सविता भाभी की गुलाबी योनी मे छोड दिया….. हम एक साथ दोनो झड गये, मे अब उसके उपर गीर गया. उसने मुझे अपनी बाहो मे भर लिया और मेरे कानो मे कहा “थँक्स राज आज तुने मेरी सालो की प्यास बुझा दि”. पाच मिनिटं बाद मे उठा अपना लण्ड बाहर निकाल लिया , उसने अपने पेटीकोट से मेरा फौलादी लंड साफ कर उसपे एक पप्पी ली. एक घंटे से जादा हमारी चुदाई चल रही थी , अब मेरी हालत बहोत खराब हो गयी थी. मे पुरी तरह से थक गया था. और लण्ड दर्द करने लगा था.
वो स्नानघर मे चली गयी और मेने अब अपने कपड़े पहन लिये और वही थोडा पलंग पर लेट गया. तभी वह स्नानघर से बाहर आई. अलमारी से एक गाऊन निकाल कर पेहन ली. वो अब थक चुकी थी. मेर बाजू लेट कर उसने मेरे गाल पे किस कर कहा राज कल शुबह 11 बजे आ जाना . मे कल ऊस लडकी को मेडिकल रुकने के लिये बुला लुंगी. कल हम दिन भर चुदाई करेंगे. मेने भी उसके होटो को किस कर हामी भरी और कहा ओके भाभी जी जैसी आप की मर्ज़ी.
अब बहुत देर से मै घर से बाहर था और घर पर मेरी जवान सेक्सी बहन मेरा इंतजार भी कर रही थी क्यों की उसे बच्चा नहीं होने वाली गोली जो खानी थी. तो मेने सविता भाभीजी से कहा अब मे निकलता हु. वो भी मेरे साथ दरवाजे तक आ गयी. हमने एक दुसरे को किस किया और मे वहा से निकल गया. अब मेरे दुसरे दिनकी खतरनाक चुदाई के बारे मे जानने के लिये मेरे इस देसी हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में के अगले भाग का वेट करे. तो मेरे प्यारे गंड मरे भाइयों और चुदक्कड़ बहनों मेरी कहानी “सेक्स का चस्का पार्ट 3 – भाभीजी में आपको चोदकर प्रेग्नेंट करूँगा Hindi Chudai Ki Kahani” आप को कैसी लगी.
सेक्स का चस्का Hindi Sex Stories All Parts Are Here
सेक्स का चस्का पार्ट 1 – बहन ने निरोध लेने भेजा Free XXX Hindi Chudai Ki Kahani
सेक्स का चस्का पार्ट 2 – बहन के झाटो के जंगल की कटाई छटाई Hindi Chudai Ki Kahani
सेक्स का चस्का पार्ट 3 – भाभीजी में आपको चोदकर प्रेग्नेंट करूँगा Hindi Chudai Ki Kahani
सेक्स का चस्का पार्ट 4 – बहन की गांड के साथ खिलवाड़ Hindi Sex Tory
सेक्स का चस्का पार्ट 5 – सविता भाभी को प्रेग्नेंट करा Hindi Chudai Ki Kahani
सेक्स का चस्का पार्ट 6 – दीदी की खतरनाक चुदाई करने गाँव गया Hindi Threesome Sex Story
सेक्स का चस्का पार्ट 7 – प्रेग्नेंट सविता भाभी ने अनचुदी योनी का बंदोबस्त करा Sex Story