सेक्स का चस्का पार्ट 1 – बहन ने निरोध लेने भेजा Free XXX Hindi Chudai Ki Kahani : हॅलो यारों, मेरा नाम राजेश , मैं पुने का रहने वाला ३१ साल का सुहागन बंदा हु. बहोत दिनोसे मैं कहानी लिखनेका सोच रहा था. आज मैं आप के सांमने मेरी पहली कहानी पेश कर रहा हु . कुछ गलती हो तो माफ करना. मैं आपके सामने करिबी १५ साल पुरानीं एक सुखद घटनाके बारे मे बताने जा रहा हु. मैं पुने मैं एक कॉलेज मैं ११ वी कक्षा मे पढता था. रोज का दिन निकल रहे थे. मेरे एक फ्रेंड के पास DVD प्लेअर था , उस वक्त CD का जमाना था , हम किसींको अगर कोई CD मिलती तो,हम फ्रेंड लोग मिल कर उसके यंहा कभी कभी ब्लू फिल्म देखा करते थे. बहोत आनंद आता था. हम सभी को चुदाई वाली गन्दी गन्दी गदराई ब्लू फिल्मे देखने का चस्का सा लग गया था.
ब्लू फिल्म देखने के बाद अपना लौड़ा हिलाके पानी निकाल ते थे. चोदना कैसे होता है ये तो पता था मगर कभी पेलने का मोका नही मिल रहा था. हमारे यंहा बुधवार पेठ हे वहा पे वेश्या व्यवसाय चलता है, मगर ,बहोत सुना था उदर अगर छोटे उमर के लंडको को लुटा जाता है, मे और मेरा फ्रेंड वो गली से बहोत बार गुजरे मगर ,उधर भीतर जाकर कुछ करने का साहस नहीं हो पाया. वेसे ही हात से काम चलाकर दिन निकाल रहे थे. अपने पेनिस को समजा रहे थे बेटा तेरा भी एक दिन आयेगा ,तेरे को ये हाथ से छुडाके अपनेयोनी मे समाने वाली कोई तो मिलेगी. बोलते है ना भगवान के घर देर है मगर अंधेर नही, आखिर वो दिन भी आ गया.
सेक्स का चस्का पार्ट 1 – बहन ने निरोध लेने भेजा Free XXX Hindi Chudai Ki Kahani

एक दिन मे कॉलेज से घर शाम करिब ५ बजे आया . जुते निकालकर सिधे स्नानघर मे गया ,हात पेर धोये और कुछ खाने के लिये किचन मैं गया. तभी मेने देखा मेरी बडी बुवा की लंडकी रेखा बरतन धो रही थी . मैं आप को रेखा के बारेमे बताऊ तो आप का लण्ड खडा हो जाये, भरे हुवे स्तन ऐसें उभरे दुखते है मानो उसपे झपटनेका किसींका भी मन करे ,गोल चूतड़, भगवान ने भी उसको क्या तराश के बनाया था, एकदम अभिकी सोनाक्षी सिन्हा जैसे दीखती थी वो. सुहागन थी, मगर कुछ घरेलू झगडे के वजह तीन महिने पहले वो अपने पती का घर छोडकर मेरे बुवा के घर आई थी , वापस जाने को हम सब लोगो ने बहुत समजाय पर वह नही मानी. तबसे वह अपने मायके रह रही थी. उसको एक बेटी है. वह भी उसके साथ लेकरं आई थी.
आज एकदम रेखा को देखकर मे चोक गया. मे उसके पास जाकर पुछा; अरे रेखा दीदी कब आई तुम. मेरेसे पाच साल बडी होने के वजह से मैं उसको दीदी बुलाता था. रेखा दीदी कहने लगी अरे राज कब आये तुम पता ही नही चला , मे दोपहर को आई, जरा पूना मै काम था तो आगई , अभी दो दिन यही हु .मेने पुछा पिंकी दिखाई नही दे रही, पिंकी उसके 2 साल की बेटी का नाम है, उसने कहा अरे दो दिन के लिये आई हु इस लिये उसको साथ नही लाई. मेरा और रेखा दीदी का बहोत अच्चाह जमता था .मे उसको देख कर प्रसन हो गया . हम लोग इधर उधर की बात कर के कब वक्त बीत गया पताह ही नहीं चला. बातो ही बातो मे मैने उसके पती की बात छेडी, यह बात से उसका पुरा मुड बिघड गया. “सेक्स का चस्का पार्ट 1 – बहन ने निरोध लेने भेजा Free XXX Hindi Chudai Ki Kahani”
तभी मेरी अम्मी आगयी, माँ कहने लगी जा थोडी पढाई कर, तबतक मे और रेखा मिलकर खाना बना लेते है,और मे किचन से चला गया. नाईट के ९ बजे हम सब लोग खाना खाने के लिये बैठे, खाना खाकर मैं Tv देखने हॉल मे लगे बेड पड लेट गया. करिब एक घंटे बाद रेखा दीदी आई मेरे बाजू मे बेठकर tv देखने लगी. Tv देखते देखते कब मेरेको निंद आई पताही नही चला . मे वही पलंग पर सो गया. हमारा घर छोटा था , किच और हॉल ,इसलीये हम सभी लोग हॉल मे ही सोते है. करिब साडे चार बजे मेरे को एक बहोती मस्त सेक्स का सपना गिरा , सपने मे मैं और मेरी कॉलेज की लंडकी दीपा गार्डन मे बैठे है और एक दुसरे को किस कर रहे है, मे उसके भरे हुवे स्तन अपने हात से दबा रहा हु और दीपा मेरे पॅन्ट मे हात डालकर मेरा फौलादी लंड सहला रही है.
क्या मस्त नजारा था,मैं उसकी सलवार खोलनेही वाला था की तभी बिल्ली ने आवाज की और मे निंद से जाग गया. तभी मेरे को अहसास हुवा की पलंग पर मेरे बाजू मे रेखा दीदी सोई हुई है. मेरे को लगा शायद tv देखते देखते मेरे जैसे यही सोगयि.मेरे को कभी भी उसके बारे मे ऐसें गलत खयाल नही आया था, मेने कभी भी उसके बारेमे ऐसें सोचा ही नही था, मगर सपने की वजह से मेरी वासना का भूत मेरे पे चढ चुका था. मेरा 6 इंच लण्ड तनके पॅन्ट मे गोतें खा रहा था और मेरे बाजू मे एकदम मस्त माल सोया हुवा था क्या करू कुछ समजमे नही आ रहा था, तभी मेने सोचा थोडा साहस करते हे . “सेक्स का चस्का पार्ट 1 – बहन ने निरोध लेने भेजा Free XXX Hindi Chudai Ki Kahani”
मेने मेरा एक हात रेखा दीदी के बदन पर डाल दिया करिब पाच मिनिटं तक देखा उसकी कोई रिअकॅशन नहि ,तब मेने थोडा और साहस करके हात उसके उभरे हुवे बुब के उपर रखा तब भी कोई प्रतिक्रिया उसके तरफ से नहि हुई . मे आहिस्ता आहिस्ता उसके बुब दबाने लगा. थोडी देर दबाने के बाद मेरे को अहसास हुवा की रेखा दीदी गहिरी निंद मैं है. मेने थोडा और साहस करते हुवे उसके कुर्ते के भीतर हात डालकर बुब दबाने लगा. उसने एक ढिला सलवार कुर्ता पहाना हुवा था. क्या बताऊ दोसतो क्या आनंद आरहा था जैसे मे जन्नत मे था यःह सब करते हुवे मेरा फौलादी लण्ड बहोतही उत्तेजना से फड फडा रहा था.
रेखा दीदी से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी, करिब १५ मिनिट मैने उसके चुचे आराम आराम से दबाये. मेरे मे और जादा साहस आया तभी मैने सोचा सिधे मुद्दे पर आते है. मैने आहिस्ता आहिस्ता रेखा दीदी का सलवार का नाडा ढुडनेके लिये अपना हात नीचे सरकाया , उसने नाडा सलवार के भीतर घुसाया हुवा था, धीरे से मैने उसे बाहर निकाला , और नाडा खोलनेकीं लकीर खिची मगर मेरी बसकीसमती नाडा को गाठ लग गयी, करिब पाच मिनिटं की कोशीश के बाद वो गाठ खुली. मेरे को समज नहीं आ रहा था की रेखा दीदी सच मे सोइ हुवी है या नाटक कर रही है. मेने सोचा जाने दो देखेगे जो होयेगा वो देखा जयेगा ,क्यो की मेरे उपर सेक्स का भूत सवार था.
मेने सलवार आहिस्ता आहिस्ता नीचे खोलनेकीं कोशीश की सलवार के साथ उसकी निकर भी उसके जांघो तक आ गयी. तब मे उठा और बाजू मे देखा सब लोग सो रहे थे, थोडी धीमी रोशनी के कारन मेरे को उसकी योनी दिखी ,भोसड़ीपर बहोत बाल थे इसलीये गोरी जांघो मे मेरे को काले बाल का जंगल दिखाई दे रहा था. अब मेने जादा देर न करते हुवे मेरा तना हुवा लण्ड पॅन्ट की चेन खोलवर बाहर निकाला और जादा वजन न डालते हुवे मे रेखा दीदी के उपर आया. एक हाथ से लण्ड पकडकरयोनी का रास्ता ढुडने लगा,तभी मेरे को उसकी योनी गिली हुई है यह अहसास हुवा, लंडयोनी के उपर घुमाके उसका द्वार मिल गया वेसेही मेने एकशॉट दिया पुरा लंडयोनी मे घुस गया , वाह यारों क्या अहसास था मेरे पहले चुदाई का मानो सारी दुनिया की प्रसनी मेरे लण्ड मे समा गई है.
मेने देखा नीचे से कोई हलचल नहीं हो रही, तभी मेने और दो तीन बार लण्ड भीतर बाहर किया लेकींन इतने देर से चल रही क्रीडा के वजह से मैं उत्तेजना के परम चरन पर पोहच गया और मेने और एक झटके मे मेरा सारा माल उसकेयोनी मे छोडकर उसके उपर गीर गया. तभी रेखा दीदी जेसे निंद से उठी और एकदम धीमी आवाज से मेर कान मे कहने लगी अरे क्या किया तुने ये. मेरी डर के मारे फट गई. मे जलदिसे बाजू सरक कर मेरे जगह पर जाकर सो गया. वह अपनी सोयी पोजीशन मे सलवार उपर खिच कर बांधी और उठकर स्नानघर चली गयी. मे बहोत डर गया, मेरे को लगा अब ये माँ को बता देगी. लेकींन हुवा कुछ और ही वो वापस आकर मेरे बाजुंमे सो गई.
मेरी मात्र हालत खराब थी मोर्निंग के करिब 6 बज रहे होंगे. मुझे अब क्या होगा कुछ समज नहीं आ रहा था मेने वैसे ही सोने का नाटक किया . करिब साडे छह बजे मेरी अम्मी उठी और उसने रेखा दीदी को भी उठाया. और दोनो किचन मे चली गयी करिब सात बजे मैं उठा और सिधे स्नानघर जाकर फ्रेश होगया और बाहर टेहेलकर आता हु माँ को कहकर निकल गया. हमारे घर के बाजू मै एक तालीम है मैं वहा जाकर बैठ गया, मेरे कुछ फ्रेंड वहा पर कसरत कर रहे थे, एक फ्रेंड ने मुझे जॉईंट होने को कहा , पर मेरा ध्यान कही और था. डर के मारे मेरी हालत खराब होकर पसीना छूट चुका था. मेरे एक फ्रेंड ने मेरे को देखकर कहा अरे राज कसरत हम कर रहे है और पसीना तेरे को छुटा क्या बात है.
मै चूप चाप बेठा रहा कुछ कहा नही मेरे दिमाग मैं बहोत सारे सवाल उठने लगे थे, की अगर रेखा दीदी ने माँ को बताया तो क्या होगा. हमारे घरके सब लोग करिब 9 बजे बाहर काम पे निकल जाते थे,इस लिये मे साडे नो बजे घर गया . मेरी हिम्मत ही नहीं हो रही थी रेखा दीदी के सामने जानेकीं , तभी रेखा दीदी किचन से बाहर आई और मेरे हाथ मे चाय दे दी. मेने उसकी तरफ अपराधी की तरह देखा , और फटाक से सॉरी बोल दिया. उसने कुछ कहने से पहले मे उसके पेर पर गिरकर माँ को मत बताना बोलने लगा. तभी उसने मेरे को उठाकर कहा एक शर्त पर, तब मैं कहा ‘तेरी सारी शर्ते मान्य , वो कहने लगी अरे सूनतो ले; तुने जो कुछ मेरे साथ किया वही अभी मे बोलुगी वेसा करना पडेगा , मे चोक गया, मानो सारी दुनिया की प्रसनी खुद्द ब खुद्द मेरी झोली मैं गिरी हो.
मैने उसे कस के पकडा और उसके पुरे चेहरेको चुंमने लगा. तभी उसने मुझे धकेला और कहा ,शर्त के मुताबीत मे कहूगी वेसा होगा. मै कहा जी दीदी आप बोलोगी वैसे, तभी वह कहने लगी तू जब नाईट को मेरे बुब पर हाथ रखा तभी मैने सोचा की देखते है ये आगे बढता है या नहीं. मैने उसकी बात काटते हुवे कहा तभी तुम जागी थी, वह हस् कर कहने लगी पागल कोईभी महिला का स्तन ये बहोत सेन्सिटिव्ह होता है , तुने उपर उपर हाथ रखा तभी मैं जाग गयी थी, तेरे को बराबर सेक्स करनेको नही आता , आज मे तेरे को सिखा ती हु कैसे करते है , अभी एक काम कर मेरे को नहाने जाणा है तो तू मेडिकल जा और एक इरेजर और निरोध लेके आ. निरोध तो समज आता है ,मगर इरेजर क्यो चाहीये मैंने मेरी जवान सेक्सी बहन से पुछा,तभी वह मेरे गाल पर एक हलकी किस करके बोली; अरे मेरे राजा तू लेके तो आ बाद मे सब समज जायेगा.
मे मन मैं सोचा जाने दो अपनेको क्या एक तो मस्त भोसड़ी का जुगाड़ हुवा है उसको खोना नही चाहता था. मेने तुरंत अपनी सायकल निकाली और चला रेखा दीदी ने कहने लगी चीजे लेने, मगर उसी वक्त मेरे को याद आया साला अपने पास पैसे किधर है. मै वापीस घर आया, मेरे को देखतेही रेखा दीदी कहने लगी अरे इतने जलदी आया , चल अब अपने काम पे लगते है, तभी उसको मेने, उसके सामने मुरझाया मु लेकरं कहा , दीदी मे वह चिजें नही लाया. “सेक्स का चस्का पार्ट 1 – बहन ने निरोध लेने भेजा Free XXX Hindi Chudai Ki Kahani”
तभी मेरी जवान सेक्सी बहन कहने लगी देख राज तू अगर सोचता है की बिना निरोध के चोदेगा तो वह नही चलेगा क्यो की तेरा स्पर्म मेरी फुद्दी में जाते ही मै पेट से हो सखती हु, तभी मै दीदी से कहा अरे दीदी वेसी बात नही , उसने कहा फिर क्या बात है, तभी मे उसको कहा दीदी ये सब लेनेको मेरे पास पैसे नहीं है, तभी दीदी मुस्कुराके कहने लगी बस इतनी सी बात ,रुक मै आई, उसने अपने बॅग से पर्स निकाली और मेरेको सौ की पत्ती निकाल कर दे दि और कहने लगी ये ले पैसे और लेके आ और जाते वक्त पिछे से आवाज देके कहने लगी ये उधार रहा तुझं पर मेरा…
मैं कहा ठीक है दीदी अभी में निरोध लेने जा रहा हूँ बाद मे दे दुगा… तभी मेरी जवान सेक्सी बहन मुझे कातिल नजरो से देखकर कहने लगी मेरे प्यारे भाई तुमसे ये पैसे कैसे वसुलने है मुझे अच्छी तरह से पता है… मे वापीस सायकल ली और निरोध खरीदने चल दिया अपनी मंजिल की और………. तो मेरे प्यारे गंड मरे भाइयों और चुदक्कड़ बहनों आगे क्या हुवा ये जानने के लिये मेरी आगे की कहानी का वेट करे. आपको मेरी कहानी “सेक्स का चस्का पार्ट 1 – बहन ने निरोध लेने भेजा Free XXX Hindi Chudai Ki Kahani” कैसी लगी आप निचे लाइक बटन पर क्लिक करके ज़रूर बताना…
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सेक्स का चस्का पार्ट 1 – बहन ने निरोध लेने भेजा Free XXX Hindi Chudai Ki Kahani
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