कुतिया (Doggy) बनाकर चोदा फुद्दी से लगातार ब्लड निकल रहा था गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में Sex With Virgin Office Girl In Goa Hotel Room : हेल्लो दोस्तों मेरे जीवन की पहली खतरनाक और धमाकेदार चुदाई की इस हसीन फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में में में सुषमा शर्मा आप सभी का बहुत बहुत स्वागत करती हूँ. दोस्तों जब मैंने पहली बार चुदवाया था उस वक्त मेरी उम्र 18 साल थी. 18 साल की उम्र में फुद्दी की सील तुडवाने में दर्द तो बहुत हुआ था पर मजे भी बहुत आये थे.
मैं एक छोटे से शहर की रहने वाली बहुत हॉट और गदराई लड़की हूँ जो अब मुंबई जैसे भागते हुए शहर में जॉब करती हु. जब मेरी मुंबई की कंपनी में जॉब लगी थी उस वक्त शुरुआत में तो मैं बहुत घबरा गई थी. पहली बार मैं जब मुंबई आई थी तो इतनी भीड़ देखकर मैं थोड़ा नर्वस हो रही थी किन्तु उस वक्त मेरे अब्बू जी मेरे साथ थे.
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हमें किसी ने सविता भाभी का पता दिया था जो रूम रेंट पर दिया करती है तो हम टेक्सी करके सीधा उनके घर पहुच गए. दोस्तों सविता भाभी के बारे में आप ने फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में और विडियो पर बहुत कुछ देख रखा होगा और पढ़ रखा होगा पर मेरी मकान मालकिन सविता भाभी इन्टरनेट पर फेमस सविता भाभी के बिलकुल विपरीत थी वो बहुत सक्त स्वभाव की महिला थी. जब हम रूम किराये पर लेने के सिलसिले में सविता भाभी से मिले तो उन्होंने ने हमें रूम दिखा दिया.
रूम में बड़ी ही सफाई थी कोई भी सामान इधर-उधर नहीं दिख रहा था अब्बू ने सीमा जी से कहा ठीक है हम सुषमा का सामान यहीं रखवा देते हैं. अब्बू ने सामान रखवा दिया और भाभी जी को कुछ पैसे पकड़ा दिए भाभी जी के हाथ में पैसे जाते ही उनके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी. अब्बू और सविता भाभी आपस में बात कर रहे थे मैं चुपचाप उनकी बातें सुन रही थी फिर उन्होंने मुझसे पूछ ही लिया की सुषमा तुम्हारी किस कंपनी में जॉब लगी है.
मैंने भाभी जी को अपनी कंपनी का नाम बताया तो वह बोलने लगी चलो यह तो बहुत प्रसनी की बात है और जब उन्होंने यह कहा तो उसके बाद जैसे सविता भाभी को मेरी अम्मी बनने का अधिकार मिल चुका था. जिस प्रकार से मेरे घर पर मेरी मां मेरी निगरानी रखती थी उसी प्रकार से बहन की लौड़ी सविता भाभी भी मुझ पर नजर रखती थी की मैं कब दफ्तर जा रही हूं और कब दफ्तर से लौट रही हूं यह सब जानकारी भाभी जी को रहती थी. सविता भाभी दिल की बहुत ही अच्छी थी किन्तु उनके शक करने से सब लोग परेशान रहते थे उन्होंने पी जी को पूरी तरीके से अपने कब्जे में रखा हुआ था और भाभी जी के इजाजत के बिना कोई भी घर से बाहर नहीं जाता था.

सविता भाभी किसी भी लड़की को बिना परमिशन के कहीं नही जाने देती थी और नाईट को 10:00 बजे के बाद कहीं जाना तो जैसे कोई गुनाह हो जाता था. भाभी जी थोड़ा सा भी इन चीजों को बर्दाश्त नहीं करते थे और वह हमेशा ही कहती थी नाईट को 10:00 बजे के बाद कोई भी ना घर पर आएगा और ना हीं घर से जाएगा. मैं मोर्निंग के वक्त अपना दफ्तर चली जाया करती थी और दफ्तर में भी मेरी फ्रेंडी अब काफी लोगों से हो चुकी थी क्योंकि मैं छोटे शहर की रहने वाली एक सामान्य सी फैमिली की लड़की हूं इस कारण से मुझे थोड़ा एडजेस्ट करने में वक्त लगा परंतु अब धीरे-धीरे सब कुछ ठीक होने लगा था मेरे फ्रेंड भी बन चुके थे.
एक दिन हमारे दफ्तर में हीं हमारे साथ काम करने वाली लड़की का बर्थडे था उसने अपने बर्थडे सेलिब्रेट करने के लिए एक हॉल भी बुक करवा लिया था और वहां पर वह हमें पार्टी देना चाहती थी. मैंने भाभी जी से इजाजत ले ली थी और कहा था कि भाभी जी मुझे आने में देर हो जाएगी उन्होंने पहले मुझसे कारण पूछा कि क्यों तुम्हें आने में देर होगी उसके बाद जब मैंने भाभी जी को बताया कि मेरी सहेली का बर्थडे है तो इस कारण से मुझे आने में देर होगी.
पहले भाभी जी को यकीन नहीं हो रहा था इसके बाद मैंने अपनी सहेली से ही भाभी जी की बात करवाई तब जाकर भाभी जी को यकीन आया और वह बोलने लगी देखो बेटा मुझे गलत मत समझना यह मेरी जिम्मेदारी है पहले भी यहां पर दो लड़कियां रहती थी और वह दोनों ही भाग गई थी उसके बाद मेरे ऊपर ही उनके भागने का इल्जाम लगाया गया मैं उस बात से बहुत परेशान थी इस कारण से मैं नहीं चाहती कि आगे ऐसा कुछ हो. भाभी जी ने मुझे जाने की इजाजत दे दी थी इसीलिए मैं अब अपनी फ्रेंड की पार्टी में चली गई.
उस नाईट मुझे पार्टी से आने में देर भी हो गई थी किन्तु मैं भाभी जी को बता कर गई थी इस कारण से भाभी जी ने मुझे कुछ नहीं कहा . जब मैं पी जी में आई तो उसके बाद मुझे बहुत नींद आ रही थी और मैं गहरी नींद में सो गई. मैं अगले ही दिन जब मोर्निंग उठकर अपने दफ्तर गई तो मेरे सिर में काफी तेज दर्द हो रहा था क्योंकि मेरी नींद पूरी नहीं हो पाई थी इस वजह से मेरे सर में दर्द था. हमारे दफ्तर में ही काम करने वाले चन्दन ने मुझे घर पर छोड़ा किन्तु चन्दन को उस बहन की लौड़ी सविता भाभी ने देख लिया था और फिर भाभी जी ने मुझे पूछा कि वह लड़का कौन था.
मैंने भाभी जी को सारी बात बताई और कहा वह मेरे दफ्तर में मेरे साथ ही काम करता है उसका नाम चन्दन है भाभी जी बिल्कुल मेरी अम्मी की तरह बर्ताव करती थी. मुझे कई बार तो ऐसा प्रतीत होता कि वह बिल्कुल मेरी अम्मी की जैसी ही है मेरी मां भी हर एक बात पर मुझसे पूछा करती थी किन्तु मुझे नहीं पता था कि चन्दन और मेरे बीच में जल्द ही प्रेम संबंध बन जाएंगे. मुझे चन्दन के साथ में बात करना अच्छा लगता था किन्तु न जाने मेरी मकान मालकिन भाभी जी को कहा ं से यह बात पता चली की चन्दन मुझे हमेशा घर पर छोड़ने के लिए अपनी फोर व्हीलर गाड़ी से आते थे.
सविता भाभी ने मुझे अपने पास बैठने के लिए कहा तो मेरे समझ में आ गई कि भाभी जी आज कुछ तो मुझे कहने वाली हैं क्योंकि बिना वजह वह किसी को भी अपने पास नहीं बैठाती थी. भाभी जी ने मुझे कहा देखो सुषमा तुम लड़कों की फितरत को नहीं जानती हो सब लड़के एक जैसे होते हैं. सीमा जी के जीवन में भी जरूर कोई धोखा उन्हें मिला था इसीलिए भाभी जी मुझे यह सब बता रही थी. भाभी जी ने मुझे कहा देखो तुम उस लड़के पर इतना भरोसा मत करो मैं देखती हूं कि हर रोज वह तुम्हें छोड़ने के लिए आता है तुम यहां काम करने के लिए आई हो और अपने काम पर पूरा ध्यान दो.
भाभी जी की बात से मैं पूरी सहमत थी किन्तु यह मेरी निजी जिंदगी का सवाल था और मैं नहीं चाहती थी कि इसमें कोई भी हस्तक्षेप करें इस कारण से मैंने भाभी जी की बातों पर थोड़ा सा भी ध्यान नहीं दिया. मैंने भाभी जी से कहा कि भाभी जी अभी मैं चलती हूं मुझे काफी नींद आ रही है, भाभी जी शायद मेरे इस व्यवहार से गुस्सा थी और उन्होंने उसके बाद मुझसे अच्छे से बात भी नहीं की. मैं नहीं चाहती थी कि भाभी जी मेरी वजह से गुस्सा रहे मैंने उन्हें कहा कि भाभी जी आप को मेरी बात का बुरा लगा हो तो मैं उसके लिए आपसे माफी मांगती हूं.
भाभी जी बोलने लगी बेटी ऐसी बात नहीं है मैं तुम्हें अपनी लड़की के समान मानती हूं और यदि मैंने तुम्हारी भलाई की बात की तो इसमें मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा . भाभी जी की बात से मैं पूरी तरीके से सहमत थी किन्तु वह चन्दन से मिली नहीं थी और बिना मिले ही वह कैसे चन्दन के बारे में सोच सकती थी. मैंने सविता भाभी से माफी मांग ली थी और भाभी जी भी उसके बाद मुझसे पहले की तरह ही बात करने लगी थी. मेरे और चन्दन के बीच नज़दीकियां बढ़ती जा रही थी हम बहन के लंड दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाने को तैयार थे किन्तु हमें कभी अवसर ही नहीं मिल पाता था.

हम बहन के लंड दोनों ही सेक्स करने के लिये बहुत तड़प रहे थे और फिर आखिरकार एक दिन वह अवसर आया जब पहली बार मैंने चन्दन को लिप्स पर किस किया. उसके लिप्स को चूम कर मुझे बड़ा अच्छा लगा पहली बार ही मैंने किसी लड़के के लिप्स को किस किया था यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी क्योंकि मैं एक छोटे से शहर की रहने वाली अनचुदी अनचुदी लड़की थी यह सब मैं कभी भी अपने कॉलेज के दिनों में कर नहीं पाई थी. यह मेरा पहला ही अवसर था कुछ ही दिनों बाद चन्दन और मैंने घूमने का फैसला किया किन्तु सविता भाभी को समझा पाना बड़ा कठिनाई था आखिरकार मैंने उन्हें समझा दिया और मैं चन्दन के साथ कुछ दिनों के लिए गोवा घूमने के लिए चली गई.
हाईवे किंग 5 स्टार होटल के कमरे में 18 साल की अनचुदी अनचुदी लड़की को दफ्तर में साथ काम करने वाले लड़के ने कुतिया (Doggy) बनाकर चोदा फुद्दी फाड़ डाली : जब हम लोग गोवा गए तो वहां पर हम बहन के लंड दोनों कुत्ते कमीनो ने होटल में एक रूम ले लिया. दोस्तों में अपनी अनचुदी फुद्दी की सील तुडवाने के लिये बहुत उत्सुक थी आज से पहले मैंने कभी भी चुदवाया नहीं था मुझसे पता था की जब किसी अनचुदी अनचुदी लड़की की पहली बार अनचुदी फुद्दी की खतरनाक चुदाई होती है तो उसकी अनचुदी फुद्दी की सील फटती है जिस वजह से फटी हुई फुद्दी से थोडा ब्लड आता है और मामूली दर्द भी होता है पर उसके बाद आनंद भी बहुत आता है.
उस दिन जब गोवा के हाईवे किंग 5 स्टार होटल के रूम में हमारे बीच सेक्स संबंध बने तो मुझे अपनी पहली खतरनाक और धमाकेदार चुदवाने में बहुत मजे आए. उस दिन पहली बार मैंने चन्दन के पेनिस को अपने मुँह में लिया तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था मैंने उसके पेनिस को काफी देर तक चूसा और उसे ब्लोजॉब दीया.

मैंने चन्दन से कहा तुम भी मेरी इस अनचुदी फुद्दी को चाटो क्योंकि मुझे पता था कि हम लोग घूमने के लिए जा रहे हैं और सेक्स भी करेंगे इस कारण से मैंने अपनी फुद्दी के बालों (झांट के बाल)को साफ कर लिया था. जब चन्दन ने मेरी चुस्त योनी के भीतर पेनिस को प्रवेश करवाया तो मै चीख रही थी. पूरा 8 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लड मेरी अनचुदी की सील तोड़ते हुए भीतर जा चुका था मेरी फुद्दी से ब्लड बाहर की तरफ निकल आया था.
जैसे ही चन्दन का लण्ड मेरी प्यासी फुद्दी के भीतर बाहर होता तो मुझे मीठे दर्द का एहसास होता और ऐसा लगता जैसे कि वह मुझे केवल चोदता ही रहे. चन्दन ने मेरे साथ ऐसा ही किया चन्दन तो जैसे मुझे छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था. चन्दन ने लगभग पंद्रह से बीस मिनट तक चोदा और जब चन्दन का काम रस मेरी फुद्दी के भीतर गिरा तो मुझे ऐसा प्रतीत हुआ जैसे कोई गरम चीज मेरी फुद्दी में गिर गई हो.

हम लोगों ने नाईट का डिनर किया उसके बाद मानो चन्दन के भीतर दोबारा से मुझे अपनी कुतिया रांड बनाकर पेलने की वही ऊर्जा पैदा हो गई थी. नाईट के वक्त चन्दन ने मुझे चोदना शुरु किया तो मुझे बड़ा आनंद आया थोड़ा दर्द ज़रूर हो रहा था पर वो दर्द मीठा मीठा था. जब चन्दन ने मुझे कुतिया (Doggy) बनाकर चोदा मेरी फटी हुई फुद्दी से लगातार ब्लड निकल रहा था और मुझे चुदवाने में बहुत आनंद आ रहा था. काफी देर तक मेरी फटी हुई फुद्दी की खुनी चुदाई का यह सिलसिला जारी रहा जैसी ही मेरी फुद्दी के भीतर दोबारा से चन्दन ने अपने काम रस को गिराया तो उसके काम रस की गर्मी से मेरी फटी हुई फुद्दी को बहुत राहत मिली.
ठुकवाने के बाद मैंने चन्दन को अपने गले लगा लिया और बहुत तेज गति से उससे चिपक गई. चन्दन का काम रस मेरी फुद्दी के भीतर निकल चूका था तो मैने उससे कहा चन्दन कहीं में तुम्हारे बच्चे की माँ तो नहीं बन जाऊंगी ? चन्दन कहने लगा नहीं सुषमा ऐसा कुछ भी नहीं होगा तुम मुझ पर पूरा भरोसा रखो. फिर चन्दन ने मुझे एक गोली थमाई और कहा की जल्दी से इस गोली को पानी के साथ खा लो इससे बच्चा नहीं होता है.
यारों मैंने तुरंत वो गोली खा ली और फिर हम सो गए. फ्रेंड आप हम आये दिन चुदाई करते है और में हमेशा चुदवाने के बाद बच्चा नहीं होने वाली गोली खा लेती हूँ. तो मेरे प्यारे भाई और बहनों कैसी लगी मेरी हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में “कुतिया (Doggy) बनाकर चोदा फुद्दी से लगातार ब्लड निकल रहा था गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में Sex With Virgin Office Girl In Goa Hotel Room” पसंद आई हो तो इस फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में को अपने दोस्तों के साथ शेयर ज़रूर करना.