मै अपनी अनचुदी चूतड़ मरवाने के लिये लपक कर कुतिया बन गई हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में : हेल्लो दोस्तों मेरा नाम अंकिता मेहरा है और मै केरल मध्य प्रदेश की रहने वाली एक बहुत गदराई और कामुक सुहागन महिला हूँ. मेरे मर्द का नाम प्यारे मोहन है. दोस्तों हमारा सुहागन जीवन बहुत ही ज्यादा अच्छा चल रहा है. मै हर रोज मेरे मर्द का लण्ड अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ और फुद्दी में लिया करती थी और वो मुझे बहुत अच्छे से चोदा करते थे पर एक ही एक लण्ड रोज रोज लेते हुए मेरा मन भर गया था अब मुझे कुछ नया ट्राय करने का मन होता था पर मै कर भी क्या सकती थी. यहाँ भी देंखे >> गांड में लण्ड घुसेड़ कर माँ की बहन के साथ चुदाई करी और मौसी की गांड मारी
कुछ दिन पहले हमारे पड़ोस में किराये से रहने के लिए एक नवविवाहित जोड़ा आया उनकी अभी नई नई शादी हुई थी. हमारे पड़ोस में रहने वाले नवविवाहित जोड़ा जो कि काफी मॉडर्न था उनके घर में मोर्निंग से ही बड़ा म्यूजिक कब शोर होता रहता था जिस वजह से हमारे आसपास के सब लोग परेशान हो जाया करते थे. मैं काफी दिन तक तो यह सब सुनती रही किन्तु एक दिन जब मैं उनके घर पर गई तो मैंने उनकी घर की डोर बेल बजाई जब दरवाजा खुला तो सामने से एक लड़की आई वह मुझे बोलने लगी हां दीदी कहिये।
मै अपनी अनचुदी चूतड़ मरवाने के लिये लपक कर कुतिया बन गई हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में

मैंने उन्हें कहा मेरा नाम अंकिता है मैं यही पड़ोस में रहती हूं तो वह बोलने लगी कि हां दीदी मैंने आपको कई बार देखा है आइए ना आप भीतर बैठिये. मैं उनके घर के भीतर चली गई और मैं सलूजा से बात करने लगी सलूजा मुझे बोलने लगी दीदी आप चाय लेंगे क्या मैंने उन्हें कहा नहीं चाय रहने दीजिए. मैं सलूजा से बात कर ही रही थी कि तभी उसके पति देव स्नानघर से बाहर निकले उन्होंने सलूजा से कहा सलूजा मेरे लिए नाश्ता लगा देना मुझे दफ्तर निकलना है।
सलूजा मुझे बोलने लगी दीदी बस अभी आई आप 10 मिनट बैठिये सलूजा किचन में चली गई और उसने अपने पति के लिए नाश्ता लगाया उसके बाद उसके पति देव भी दफ्तर चले गए. सलूजा के पति का नाम रजत है मैंने सलूजा से कहा की सलूजा देखो हमें तुम लोगों के यहां रहने से कोई परेशानी नहीं है किन्तु मोर्निंग के वक्त जो तुम्हारे घर से म्यूजिक के शोर दारूे की आवाज आती है उससे कॉलोनी के लोग काफी परेशान हो जाते हैं।
सलूजा ने मुझे मुस्कुराते हुए उत्तर दिया और कहा दीदी दरअसल मैं एक डांस एकेडमी चलाती हूं और उसके लिए मैं हर मोर्निंग अपने घर पर प्रैक्टिस करती हूं हो सकता है कि तुम चूतियों को उसकी वजह से परेशानी होती हो इस कारण से मैं कल से ऐसा नहीं करूंगी. सलूजा बड़ी ही समझदार और अच्छी महिला हैं मैंने सलूजा से कहा तो वह एक दफे में ही समझ गई और मुझे बोलने लगी दीदी आप कुछ लेंगे. मैंने सलूजा से कहा नहीं अभी तो मैं तुमसे चलती हूँ फिर कभी तुमसे मुलाकात करूंगी यह कहते हुए मैं अपने घर चली आई।
यहाँ भी देंखे भाभी की लाल गांड की खतरनाक चुदाई कर के चूतड़ फाड़ दी Free Latest New XXX Sex Stories In Hindi मैं जब अपने घर आई तो घर की साफ-सफाई का काम मैंने अधूरा ही छोड़ दिया था तो मैं घर की साफ सफाई का काम करने लगी. काफी दिनों से मेरे दो तीन गमले टूटे हुए थे तो मैं सोचने लगी कि मैं गमले ले आती हूं उस दिन मैं अपनी स्कूटी से गमले लेने के लिए चली गई. हमारे घर से कुछ दूरी पर ही एक गमले वाला रहता है उसके पास से मैं हमेशा ही गमले लेते रहती हूं मैंने उससे कहा कि भाई साहब गमले कितने के है तो वह कहने लगा मैम साहब सौ का एक गमला मिलेगा।
मैंने उसे कहा पिछली बार तो मैं तुम से अस्सी रुपए में ले गई थी अभी तुमने बीस रुपये बढ़ा दिए यह तो थोड़ा सा भी ठीक नहीं है. वह गमले वाला मेरी तरफ देख कर कहने लगा मेम साहब अब महंगाई भी तो हो गई है और इतनी कड़कती हुई धूप में भी तो मैं खड़ा रहता हूं कम से कम आप उसका तो लिहाज कीजिए. मुझे भी गमले वाले को देखकर दया आई और मैंने उसे कहा ठीक है तुम मुझे दो गमले देदो मैंने दो गमले उससे ले लिए उसने मेरी स्कूटी के आगे पर वह गमले रखे और मैं उन्हें लेकर घर चली आई।
मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि दो बजने वाले थे और मेरे बच्चों की भी छुट्टी होने वाली थी वह लोग भी विद्यालय से आने ही वाले थे तो मैंने उन लोगों के लिए दोपहर का खाना तैयार कर दिया और उसके बाद वह लोग भी आ गए. अब मैं खाना बना चुकी थी तो मैंने अपने बच्चों को खाना खिलाया और उसके बाद वह कुछ देर के लिए सो गए शाम के 5:00 बजे ही वह लोग खेलने के लिए चले गए।
मैं घर पर ही थी तभी हमारे पड़ोस में रहने वाली भाभी हमारे घर पर आ गई वह मुझसे बोलने लगी अंकिता तुम तो काफी दिनों से हमारे घर पर नहीं आई हो. मैंने भाभी से कहा हां भाभी दरअसल आजकल वक्त ही नहीं मिल पाता है इस कारण से मैं कहीं भी नहीं जा पाती हूं वह बोलने लगी कम से कम तुम हमारे घर पर तो आ ही सकती हो. मैंने उन्हें कहा मैं सोच तो रही थी कि आप से मिलने आऊं किन्तु वक्त ही नहीं मिल पाता है।
वह मुझसे इधर-उधर की बातें करने लगी तभी उन्होंने मुझसे सलूजा की बात की वह बोलने लगी की सलूजा तो बड़े मॉडर्न ख्यालातों की है और वह कपड़े भी बड़े मॉडर्न पहनती है कुछ दिनों से उसके घर से मोर्निंग बड़ी तेज आवाज आ रही है. मैंने भाभी को बताया और कहा हां भाभी मुझे भी इस बात से परेशानी रहती थी तो मैंने एक दिन सलूजा से इस बारे में बात की थी उसने मुझे कहा की अब आगे से ऐसा नहीं होगा।
मैंने जब भाभी को बताया कि वह अपना डांस एकेडमी चलाती है तो भाभी कहने लगे अच्छा वह डांस अकैडमी चलाती है. उन्हें जैसे यह बात सुनकर कोई सा तमाचा लगा हो वह इस बात से काफी चौक गयी और बोलने लगी कि अभी मैं चलती हूं मैं तुमसे मिलने के लिए आऊंगी. भाभी चली गई थी और मेरा राज दुलारा बेटा मेरे पास आया और कहने लगा अम्मी मुझे डांस सीखना है मेरे बेटे की उम्र यही कोई 10 वर्ष के आसपास है मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुम्हारे पापा से इस बारे में बात करूंगी।
वह मुझसे जिद करने लगा और कहने लगा विद्यालय में मेरे फ्रेंड भी डांस क्लास जाते हैं तो क्या आप मुझे नहीं भेज सकती. मैं अपने मादरचोद बेटे को मना ना कर सकी तभी मुझे उस वक्त सलूजा का ध्यान आया मैं अपने मादरचोद बेटे को लेकर सलूजा के पास गई मैंने सलूजा से इस बारे में पूछा क्या तुम मेरे मादरचोद बेटे को डांस सिखा सकती हो. यहाँ भी देंखे >> सुन्दर बहन की गांड मरने की इंडियन हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में वह बोलने लगी दीदी क्यों नहीं आप इसे मेरे एकेडमी में भेज दिया कीजिए किन्तु मैंने सलूजा से कहा कि क्या तुम उसे घर पर डांस नहीं सिखा सकती हो।
वह बोलने लगी दीदी मैं देखती हूं मैं इस बारे में कुछ कह नहीं सकती किन्तु मैं प्रयास करूंगी. आखिरकार सलूजा मेरे मादरचोद बेटे को घर पर डांस सिखाने के लिए तैयार हो गई और वह घर पर ही उसे डांस सिखाया करती थी. मेरी सलूजा के साथ अब काफी अच्छी फ्रेंडी हो चुकी थी और उसका नेचर भी काफी अच्छा था. सलूजा और मेरी अच्छी फ्रेंडी हो चुकी थी किन्तु सलूजा के पति रजत की नियत मुझे कुछ ठीक नहीं लगती थी वह कई बार मुझ पर गंदी नजर मारता।
मुझे थोड़ा सा भी पता नहीं था कि सलूजा के पति के हमारे ही कॉलोनी में और भी औरतों से संबंध है. जब मुझे इस बारे में पता चला तो मैं पूरी तरीके से चौक गई किन्तु रजत के भीतर कोई तो बात थी जिसके लिए उसके और हमारे कॉलोनी की औरतें रजत के पीछे पागल थी. मैं चाहती थी राजत के साथ में एक नाईट बताऊ मैंने रजत पर डोरे डालने शुरू कर दिए. मैं जब कभी भी सलूजा के पास जाती तो मेरी मुलाकात रजत से हो ही जाती थी और रजत भी मेरी तरफ ध्यान से देखा करते. मैंने रजत को अपना मोबाइल नंबर दे दिया एक दिन रजत और मेरी बात फोन पर हो रही थी उस वक्त सलूजा आ गई इस कारण से हम बहन के लंड दोनों कुत्ते कमीनो ने मैसेज के माध्यम से बात की किन्तु अगले ही दिन मैंने रजत को अपने घर पर बुला लिया।
रजत घर पर आया तो उस दिन घर पर कोई भी नहीं था मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा अवसर मिल चुका था मैंने भी रजत के साथ सेक्स संबंध स्थापित करने के बारे में पूरा मन बना लिया था और आखिरकार हम बहन के लंड दोनों के बीच सेक्स संबंध बन ही गए. रजत ने जब मेरी साड़ी को उतारकर मेरे पेटिकोट को उतार दिया तो वह मुझे कहने लगा भाभी आपकी ट्रांसपेरेंट जालीदार पैंटी तो बड़ी गदराई है।

मैंने उसको कहा यह मेरे मर्द ने मुझे गिफ्ट दिया है रजत ने मेरी पैंटी फाडते हुए मुझे कहा मैं आपको नई ला कर दे दूंगा. मै भीतर ही भीतर बहुत प्रसन थी रजत ने मेरी योनी के भीतर अपनी उंगली को प्रवेश करवा दिया. रजत अपनी उंगली को मेरी योनी के भीतर बाहर करता जा रहा था जब रजत ने मेरे स्तनों को दबाना प्रारम्भ करा तो उसने मेरे ब्लाउज को खोलते हुए मेरी पैडेड ब्रा उतार दी. रजत ने मेरे स्तनों का रसपान करना शुरू कर दिया था जिससे कि मेरे भीतर की गर्मी और भी अधिक होने लगी थी मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगी थी।
मेरी काम उत्तेजना की सीमा बढ़ने लगी जैसे ही उसने अपने मोटे पेनिस को बाहर निकाला तो मैंने भी उसके पेनिस को चूस चूस कर उसका पानी बाहर निकाल दिया. मैंने रजत को कोई कमी महसूस नहीं होने दी रजत पूरी तरीके से प्रसन हो चुका था जैसे ही रजत ने मेरी योनी के भीतर अपने मोटे पेनिस को प्रवेश करवाया तो मैंने कहा तुम्हारा लण्ड बड़ा ही मोटा है मैं चाहती थी कि तुम्हारे साथ एक नाईट बिताऊ और आखिरकार तुम्हारे साथ एक नाईट बिताने का मुझे अवसर मिल ही गया।

रजत ने मेरे दोनों टांगों को खोल कर मुझे बहुत देर तक शोर्ट दिए. किन्तु जैसे ही रजत ने अपने स्पर्म को मेरी फुद्दी पर गिराया तो उसके बाद उसने मुझे कुतिया बनने को कहा तो मैंने पूछा वो किस लिये तो वो बोले की तुम्हारी छुट की तो खुजली शांत कर दी अब तुम्हारी गांड की खुजली शांत करने की बरी है. फिर मै बिना वक्त ख़राब करे चूतड़ मरवाने के लिये लपक कर कुतिया बन गई रजत ने मेरी टट्टी से भरी चूतड़ के भीतर भी अपने 12 इंच लम्बे और 6 इंच मोटे पेनिस को गुसा दिया. पहली बार ही किसने मेरी टट्टी से भरी गांड मारी थी किन्तु उस दिन मुझे रजत के काले मोटे लण्ड से चूतड़ मरवाने मे बड़ा आनंद आया.
दोस्तों उस दिन तक मेरी टट्टी से भरी चूतड़ अनचुदी थी और उस दिन मैंने मेरी अनचुदी चूतड़ मरवाने का एक्सपीरियंस अपनी लाइफ में पहली बार लिया और मुझेयोनी चुदवाने से ज्यादा आनंद अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ मरवाने में आया. मेरे लिए एक अद्भुत फिलिंग थी जिस प्रकार से मैंने एनल सेक्स का आनंद लिया उससे मुझे एनल सेक्स करने की आदत हो गई हालांकि उसके बाद रजत के साथ मेरे शारीरिक संबंध कभी नहीं बने किन्तु अब मुझे अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ मरवाने का शौक हो चुका है. दोस्तों आप सभी को मेरी हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में “” कैसी लगी ये निचे लाइक बटन पर क्लिक करके ज़रूर बताना.