45 साल की गदराई मकान मालकिन की चूतड़ और गरम फुद्दी की खुजली किरायेदार ने मिटाई Hindi Sex Kahani : हेल्लो दोस्तों मैं एक सुहागन महिला हूँ और मेरी उम्र करीब 45 वर्ष है मेरे मर्द का लंड बहुत पतला और छोटा है जिस कारण मुझे उनके साथ चुदाई करने में बिलकुल भी आनंद नहीं आता वो नाईट को बिस्तर में कुछ अच्छा परफॉर्म नहीं कर पते थे इस कारण मैं अधिकतर अपने पति के साथ सेक्स करने के बाद भी प्यासी रह जायगा करती थी इस वजह से मेरी टट्टी से भरी चूतड़ और फुद्दी की खुजली बढ़ती ही जा रही थी.
मै बहुत ज्यादा चुदासी होती जा रही थी अब मुझसे और इंतजार नहीं होता था दिल तो करता था की किसी कॉलबॉय को बुलाकर उसके लम्बे मोटे लण्ड से अपनी चूतड़ और फुद्दी की खुजली मिटवा लूँ पर मैं एक घरेलु महिला थी उप्पर से घर में एक जवान किरायेदार लड़का और रहता था सो राज खुलने की ज्यादा सम्भावना थी. मेरे घर में उप्पर वाले फ्लोर पर हम पति वाइफ और निचे के फ्लोर पर दो किरायेदार लड़के रहते हैं वो कॉलेज की पढाई करने आए हुए हैं.
सेक्सी मकान मालकिन की चूतड़ और गरम फुद्दी की खुजली किरायेदार ने मिटाई Hindi Sex Kahani

मेरी शादी हुए पंद्रह साल हो चुके है पर मुझे आभी तक कोई संतान नहीं हुई है होयगी भी कैसे मेरे मर्द का लण्ड पतला और छोटा जो है. हमारे घर में जो किरायेदार लड़के रहते हैं वो दोनों ही अपनी कॉलेज की पढ़ाई करने आये थे. दोनों किरायेदार लड़के बहुत पढ़ाकू थे वो पूरा दिन अपनी किताबों में ही घुसे रहते थे. एक किरायेदार का नाम नरेंद्र था और दुसरे लड़के का नाम शान था. मेरे नपुंसक पति मुझे हर दो दिन में एक दफे चोदा करते हैं पर उसमे भी लण्ड छोटा होने के कारण चुदवाना नहीं चुदवाना एक बराबर है.
मेरे स्मार्ट पति मे एक और कमजोरी थी की वो एक दफे में केवल एक ही बार चोद सकते हैं. एक दफे पेलने के बाद उनकी पेलने की शक्ति ख़तम हो जाती है. मुझे एक दफे चुदवाने में कोई संतुष्टी नहीं मिल है. मेरा हमेशा मन करता है कि फुद्दी की चुदाई और चूतड़ की ठुकाई अगर एक दफे में ना हो तो चुदवाने का आनंद ही नही आता. किन्तु इधर मेरे मर्द का लण्ड मेरी गरम फुद्दी मारने में ही पस्त हो जाता है. अगर कभी चूतड़ मारते हैं तो फुद्दी की चुदाई नहीं कर पाते. अब मै या तो चूतड़ मरवा सकती थी या केवल अपनी फुद्दी चुदवा सकती थी.
इसलिए चूतड़ की चुदाई के लिए मोमबत्ती, केले और खीरे का सहारा लेना पड़ता था. उस दिन मेरे स्मार्ट पति जब अपने दफ्तर गए हुए थे तो मै किसी काम से नीचे वाले फ्लोर पर गयी जहाँ मेरे किरायेदार लड़के रहा करते थे. दोपहर के २ बज रहे थे. बाहर कड़ी धुप व गरमी थी. जब मै वापस ऊपर की और जाने लगी तो देखा कि नीचे वाले रूम का दरवाजा खुला हुआ था . मुझे लगा कि कहीं इन दोनों लकड़ों ने अपने रूम का दरवाजा खुला छोड़ कर कहीं चले तो नहीं गए. मै उनके रूम की तरफ गयी . वहां जाकर देखा मेरा किरायेदार नरेंद्र केवल चड्डी पहने बैठा हुआ है. ज्यों ही मै वहां पहूची मै उसे इस हालत में देख हडबडा गयी. क्यों कि उसने भी मुझे देख लिया था.

उसने मुझे देखते ही कहा – क्या हुआ आंटी जी? मैंने उसकी चड्डी पर से नजर हटाते हुए पूछा- ये रूम का दरवाजा खुला था तो मुझे लगा कि शायद तुम लोग गलती से इसे खुला छोड़ कर कहीं चले गए हो. हमारे किरायेदार लड़के नरेंद्र ने कहा – आंटी जी वो रूम का दरवाजा इस कारण से खुला छोड़ा है क्यों कि रूम का दरवाजा खुला रहने से रूम में हवा अच्छी आती थी. मैंने उस से कहा- शान नहीं दिखाई दे रहा है. हमारे किरायेदार लड़के नरेंद्र ने कहा – वो कोचिंग गया है. मैंने फिर नरेंद्र की चड्डी पर नजर डालते हुए पुछा- इस तरह क्यों पड़े हो? कम से कम पेंट पहन कर रहना चाहिए ना. कोई देखेगा तो क्या सोचेगा? नरेंद्र ने कुछ शर्माते हुए कहा – वो आंटीजी, बहुत गरमी है न इस कारण से थोड़ी हवा ले रहा था. मुझे क्या पता की कोई महिला इस रूम में आ जायेगी?
मैंने जल्दबाज़ी में उसकी चड्डी पर एक गहरी नजर डाली और वापस मुड गयी. मुझे उसकी चड्डी के अन्दर उसके तगड़े मोटे लण्ड का अंदाजा हो गया था. जब मै अपने फ्लोर पर आयी तो मेरी निगाहें के सामने अभी मेरे किरायेदार नरेंद्र का लम्बा मोटा लण्ड घूम रहा था. नाईट को जब मैं अपनी लेट्रिंग से भरी गांड में मोमबत्ती घुसेड़ कर चूतड़ की खुजली शांत कर रही थी तो मुझे फिर से दोपहर वाली घटना याद आ गयी और मुझे लगा की अगर नरेंद्र का तगड़ा लण्ड इस मोमबत्ती की जगह होता तो चूतड़ की खुजली मिटाने में कितना आनंद आता.
नेक्स्ट डे जब मेरे स्मार्ट पति दफ्तर जा रहे थे तो बोले – आज मीटिंग है हो सकता है की नाईट के 9 बजे से पहले ना आ पाऊँ . मै भी अपने घर के कामो में व्यस्त हो गयी. दिन के 1 बजे तक घर का सारा काम काज निपटा कर आराम करने अपने शयनकक्ष में चली गयी. आज भी अच्छी खासी गरमी थी. मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और पूरी न्यूड होकर शयनकक्ष में अपने पलंग पर लेट गयी गयी. मेरा एक हाथ मेरी चूची पर था और दुसरे हाथ से मैं अपनी फुद्दी के बाल को खींच रही थी.
एकदम मुझे मेरी टट्टी से भरी गांड में खुजली महसूस होने लगी. मुझे मेरे किरायेदार नरेंद्र के विशाल लण्ड के बारे में ख़याल आ गया. मुझे लगा कि यदि किसी तरह से मेरा किरायेदार लड़के नरेंद्र के मोटे लम्बे लण्ड से अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ मरवा लूं तो आनंद आ जाए एक दफे चूतड़ मरवाने में ही मेरी प्यासी चूतड़ की खुजली हमेशा के लिए शांत हो जायगी. सोचते सोचते मुझे गर्मी चढ़ गयी और पलंग पर ही अपनी फुद्दी में उंगली घुसेड़ कर मुठ मार ली. किन्तु चूतड़ की खुजली अभी समाप्त नही हुई थी. मैंने रिस्क लेने की ठान ली और सोचा पहले देखूंगी की नरेंद्र राजी होता है कि नही . सोच कर मैंने २ बजे कपड़े पहने और नीचे वाले फ्लोर पर गयी. मुझे पता था कि शान कोचिंग पढने गया होगा .
आज नीचे किरायेदार के रूम का दरवाज़ा लगा हुआ था . मैंने डरते डरते दरवाजा खटखटाया . अन्दर से नरेंद्र निकला और पूछने लगा की क्या हुआ आंटी जी कुछ काम था क्या…??? मैंने कहा – नरेंद्र बेटा, जरा ऊपर आ कर देखो ना, टीवी नहीं चल रहा है. नरेंद्र टीवी चेक करने मेरे साथ ऊपर आ गया . ऊपर जैसे ही आया मैंने अपने घर का दरवाजा भीतर से बंद कर लिया . नरेंद्र ने टीवी प्रारम्भ करा तो टीवी चलने लगा. वो कहा – आंटी जी आपका टीवी तो चल रहा है. मै कहने लगी – अरे हाँ ये तो चलने लगा. किन्तु पता नहीं क्यों अभी कुछ समय पहले ये नहीं चल रहा था. खैर तुम कुछ समय यहीं बैठो और देखना कि ये फिर से बंद हो जाता है कि नहीं .
नरेंद्र ने जल्दी से रिमोट हाथ में लिया और क्रिकेट लगा कर देखने लगा. इधर मै अपने पति को फोन लगाया और पुछा कि शाम में आते वक्त सब्जी लायेंगे कि नहीं ? मेरे नपुंसक पति ने उत्तर दिया – आज शाम को नहीं आ पाऊंगा . कम से कम 9 बजे बाद ही घर आऊंगा . पति की बात सुनकर मै निश्चिंत हो गई और इसके बाद मैंने फोन कट कर दिया . मैंने नरेंद्र से कहा – बेटा तुम जाना नहीं , मै तुम्हारे लिए कोल्ड ड्रिंक लाती हूँ . मैंने २ कोल्ड ड्रिंक बनाया . और उसके बगल में जा कर बैठ गयी. और कहा – कोल्ड ड्रिंक पियो ना बेटा. उसने कोल्ड ड्रिंक उठाया और आहिस्ता आहिस्ता पीने लगा. मै उसके लम्बे मोटे लण्ड के बारे में सोच कर उत्तेजित हो गयी और जोरों की अंगडाई ली जिससे मेरी मोटी मोटी चूची बाहर की और निकल गई.
नरेंद्र ने हिम्मत करते हुए एक तिरछी नजर मेरी मोटी मोटी चुचियों की तरफ डाली फिर घबरा कर टीवी पर क्रिकेट देखने लगा. मैंने सोचा कि इस जवान लड़के के साथ अपनी फुद्दी चुदवाने की शुरुआत कैसे करूँ ? मैंने किरायेदार लड़के से कहा – नरेंद्र बेटा तुम्हारी उम्र कितनी है? नरेंद्र – २२ साल है आंटी जी. मैंने उस से कहा- एकदम जवान हो. किन्तु मै तो तुम्हे बच्चा समझ रही थी. नरेंद्र केवल थोडा मुस्कुराया. मैंने फिर कहा – अब तो तुम्हे शादी कर लेनी चाहिए बेटा. नरेंद्र बोला- बड़ा हो गया हूँ किन्तु शादी के लायक बड़ा नहीं हुआ हूँ आंटी जी. मैंने उस से कहा- क्यों ? मैंने तो कल देखा था तुम्हारा ? अच्छा खासा बड़ा लग रहा था.
नरेंद्र ने मेरी तरफ आश्चर्य की भाव से देखा और कहा – क्या देखा था आपने आंटी जी..? मैंने उस से कहा- वाही जो हर लड़के और मर्द की अंडरवियर में रहता है. इसके बाद मैंने उसे बताया की कल मैंने ऊपर से ही देख कर तुम्हारे लिंग के साइज़ का अंदाज़ लगा लिया था तुम्हारा लिंग बहुत तगड़ा है. नरेंद्र का चेहरा शर्म से लाल हो गया. वो जल्दी जल्दी कोल्ड ड्रिंक पीने लगा. मैंने उसका कोमल हाथ थाम लिए और कहा – हडबडाते क्यों हो ? आराम से पियो बेटा. वो बोला- आंटी जी, आप बहुत ही बोल्ड हैं.
मैंने उस से कहा- नरेंद्र बेटा एक काम करो ना प्लीज. जरा मेरे शयनकक्ष में आओ ना मेरे साथ. जरा मेरी हेल्प कर दो ना. नरेंद्र कहा – चलिए आंटी जी… मै उसे लेकर अपने शयनकक्ष में आ गयी और शयनकक्ष के दरवाजे को भीतर से बंद कर दिया. फिर उसे अपने साथ अपने पलंग पर बिठाया और धीरे से उसके लम्बे मोटे लण्ड पर हाथ रखा और कहा – बेटा मुझे एक जगह बहुत तेज खुजली हो रही है और मुझे तुम्हारी जरूरत है. क्या तुम मेरी खुजली मिटा दोगे? नरेंद्र कोई बच्चा नहीं था.
वो भी समझ गया था कि मै क्या कहना चाहती हूँ. फिर भी बोला- कहा ँ खुजली हो रही है आंटी जी बताओ मैं अभी आपकी खुजली मिटा देता हूँ? मैंने उसकी आँखों में वासना की आग को देखा और झट चुदवाने के लिए अपनी साड़ी उतार दी. साड़ी खोलने के बाद मैंने अपना पेटीकोट और ब्लाउज भी खोल दिया. अब मैं एक जवान लड़के के सामने पैडेड ब्रा और पेंटी में आधी न्यूड खड़ी थी. मै मेरे किरायेदार लड़के का हाल देखना चाहती थी की मेरा नंगा बदन देखकर उसके भीतर क्या हरकत होती है. वो एकटक मेरी मोटी मोटी चूची को घुर रहा था. अब मैंने और देर नहीं की और अपनी पैडेड ब्रा भी उतार दी.

अब मेरी मोटी मोटी चुचीयां बाहर खुली हवा में आज़ाद झूल रही थी. मैंने उसका कोमल हाथ पकड़ा और अपनी मोटी मोटी चूची पर रख दिया. और कहा – इसे दबाओ ना बेटा. मेरा किरायेदार मेरी मोटी मोटी चूची को जोर जोर से दबाने लगा. मुझे आनंद आने लगा. मैंने एक हाथ उसकी पैंट के उप्पर रखा. पेट के अन्दर उसका तगड़ा लण्ड फनफना रहा था. मैंने मेरे किरायेदार लड़के से कहा – अपने कपड़े खोलो ना बेटा. उसने अपनी शर्ट , पैंट और चड्डी उतार दी. उसका लण्ड ७ इंच से कम का नही था. मैंने उसके लम्बे मोटे पेनिस को हाथ में लिया और बड़े प्यार और मोहब्बत से सहलाने लगी .
उसने भी मेरी पेंटी में हाथ डाला और मेरी गरम फुद्दी को दबाने और सहलाने लगा. फिर मेरी पेंटी को मेरी गरम फुद्दी से नीची खिसका दिया. अब मेरी गरम फुद्दी वो साफ़ साफ़ देख सकता था. मेरी गरम फुद्दी देखते ही उसके लम्बे मोटे लण्ड में तूफ़ान मचने लगा. उसने मुझे पलंग पर लिटा दिया और लगा मेरी मखमली फुद्दी को चूसने. आजकल के लड़के हाई विद्यालय से ही सेक्स के बारे में इतना जानने लगते हैं कि उनके पापा लोग भी ना जान पायें. उसने मेरी गरम फुद्दी में अपनी जबान घुसा दी और मेरे फुद्दी का नमकीन स्वाद लेने लगा. मेरी आँख बंद थी. कहा ँ मै ३८ साल की और कहा ँ मुझसे १६ साल छोटा केवल २२ साल का था. किन्तु ऐसा लग रहा था कि मानो वही ३८ साल का हो और मैं २२ साल की अनमैरिड लकड़ी.
कुछ समय में मेरे फुद्दी में से पानी निकलने लगा. मै सिसकियाँ भरने लगी. वो मेरी गरम फुद्दी के पानी को चाट रहा था. अब वो मेरे ऊपर आया और मेरी तरबूज जैसी मोटी मोटी चुचियों को किसी भूखे बच्चे की तरह चूसने लगा. मुझे याद आ गया जब मेरे स्मार्ट पति जवान थे तब शादी के बाद वो भी इसी तरह किसी छोटे बच्चे की तरह मेरी तरबूज जैसी मोटी मोटी चुचियों चूसा करते थे. चूची चूसते चूसते वो मेरे शरीर के और ऊपर चढ़ा और मेरी लाल रसीले लिप्स को चूसने लगा. उधर चुम्मा चाटी करते वक्त नीचे उसका काला मोटा लण्ड मेरी गरम फुद्दी की खाल से रगड़ खा रहा था.

मैं अपनी न्यूड टांगो को दोनों तरफ फैला कर अपनी फुद्दी का मुह खोलते हुए नरेंद्र को फुद्दी पेलने का निमंत्रण देते हुए कहा – नरेंद्र बेटा, देर मत करो, और मेरी गरम फुद्दी में अपना काला मोटा लण्ड डालो और मेरी चुदाई करना शुरू करो. नरेंद्र ने अपने काले मोटे पेनिस को पकडा और मेरी गरम फुद्दी के मुह में घुसाने का प्रयास करने लगा. किन्तु वो नोसीखिया खिलाडी यहीं मात खा गया. उसे पता ही नहीं चल रहा था कि चुदाई करने वाला वास्तविक छेद किधर है. मैंने उसकी प्रोब्लम को समझा और उसके लम्बे मोटे पेनिस को पकड़ कर अपनी फुद्दी के चुदवाने वाले सही छेद के मुह पर रख दिया.
मेरे किरायेदार लड़के ने एक खतरनाक शोर्ट के साथ सडाक से अपने पेनिस को मेरे फुद्दी में घुसेड दिया. मेरा फुद्दी तो तंग नहीं थी किन्तु उसका लण्ड बहुत ज्यादा तगड़ा था जिस वजह से मेरी फुद्दी का छेद संकरा हो गया था. उसने पूरा लण्ड मेरी गरम फुद्दी में अन्दर तक डाल दिया. पहले तो वो चुदाई रोककर अपने लण्ड से मेरे फुद्दी के अन्दर की गर्मी का अहसास लेने लगा. फिर २ मिनट तक रुकने के बाद उसने मेरी प्यासी फुद्दी की चुदाई करनी प्रारम्भ की. उफ्फफ्फ्फ़ क्या चुदाई करी मेरे किरायेदार लड़के ने मेरी अम्मी कसम आनंद आ गया. अपने लम्बे मोटे लण्ड से चोद चोदकर उसने मेरी गरम फुद्दी की तो हालत बहुत ज्यादा ख़राब कर दी.

दोस्तों आश्चर्य की बात तो ये थी कि 5 मिनट तक लगातार खतरनाक फुद्दी चुदाई के बाद भी उसके लम्बे मोटे लण्ड से पानी नही निकल रहा था. जबकि मेरी गरम फुद्दी ने दूसरी बार पानी छोड़ना चालु कर दिया. 5 मिनट और चुदाई करने के बाद उसके शोर्ट तेज़ होने लगे. अब वो झड़ने वाला था. मैंने उस से कहा- फुद्दी में माल मत गिरा देना. किन्तु उत्तेजना में उसने कुछ नहीं सुना और कस कर अपना लण्ड मेरे फुद्दी में दाबाया और अपना गरम गरम माल मेरे फुद्दी में ही गिराने लगा. मैंने प्रयास की कि उसके लम्बे मोटे पेनिस को किसी तरह से अपने फुद्दी से निकाल दूँ किन्तु उसने इतनी कस के मेरी गरम फुद्दी में लण्ड डाल रखा था कि मै कुछ ना कर सकी. और चुपचाप उसका माल को अपनी फुद्दी में गिरने दिया.
करीब 1 मिनट के बाद उसने मेरी सेक्सी फुद्दी से अपना तगड़ा लण्ड बाहर निकाला तो मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा कि उस साले चोदू के तंदरुस्त और फौलादी लण्ड का माल मेरी फुद्दी में से निकल कर मेरी टट्टी से भरी चूतड़ की दरार से बहते हुए बिस्तर पर गिरा है. फिर देखा अभी भी उसका लण्ड उसी तरह खड़ा है. मैंने भी अभी थकी नहीं थी. मैंने उसके लम्बे मोटे लंड को पकड़ कर कहा – शाबाश नरेंद्र, तुम कमाल के खिलाड़ी हो. आनंद आ गया. मेरा एक और काम करो न. वो कहा – क्या काम है आंटी जी बताओ अभी कर देता हूँ…? मैंने उस से कहा- मेरी टट्टी से भरी चूतड़ की खुजली मिटा दो ना बेटा.
वो कहा – ठीक है आंटी जी, किस स्टाइल में चूतड़ मरवायेंगीं आप? मेरे लण्ड के ऊपर बैठ कर या खड़े खड़े या कुतिया स्टाइल में? मै ज्यादा आश्चर्यचकित नही थी कि उसे इतना सब कैसे पता. केवल मैंने इतना कहा की बेटा तुम्हे सबसे अच्छा किस स्टाइल में मारना आता है? वो बोला- मेरे पूरे जीवन में आज की तारीख तक तो मैंने कभी किसी लड़की या महिला की बदबूदार गांड मारी नहीं किन्तु इन्टरनेट पर देख कर जानता हूँ. मैंने कहा – मुझे सबसे अच्छा कुतिया बनकर चूतड़ मरवाना लगता है. क्यों कि इसमें दर्द भी होता है और दर्द का आनंद भी आता है. उसने कहा – ठीक है तो आज कुतिया बनाकर ही आपकी की चूतड़ मारता हूँ.

उसने मुझे खड़े खड़े ही आगे पलंग पर झुक जाने को कहा . मैं जमीं पर खड़े हो कर अपने टांगो को सीधा रखते हुए आगे पलंग पर झुक गयी. इस से मेरी टट्टी से भरी चूतड़ का छेद मेरे किरायेदार लड़के को साफ़ साफ़ दिखने लगा. उसने मेरी टट्टी से भरी चूतड़ के छेद में ऊँगली लगाईं . उसके उंगली लगाते ही मेरी टट्टी से भरी चूतड़, और फुद्दी से ले कर चूची तक सिरहन दौड़ उठी. उसने मेरी टट्टी से भरी चूतड़ पर बहुत सारा थूका और फिर धीरे से मेरी टट्टी से भरी चूतड़ के छेद में उंगली डाली और चारों तरफ घुमाया और मेरी टट्टी से भरी चूतड़ के छेद को चिकना करा. इस से मेरी प्यासी फुद्दीड़ का छेद कुछ खुल गया. अब उसने दोनों हाथों का अंगूठा मेरी प्यासी फुद्दीड़ के छेद में डाला और उसे फैला दिया. मुझे उसकी इस हरक़त से बहुत आनंद आया.
जब कोई आपके हरेक अंग से प्यार करे तो सेक्स का आनन्द डबल हो जाता है. अब उसने दोनों अंगूठों से मेरी टट्टी से भरी चूतड़ के छेद को फैला कर अपने पेनिस को उसकी मुह पर लेते आया. किन्तु अभी भी उसे संशय हो रहा था क्यों कि मेरी प्यासी फुद्दीड़ का छेद उसके लम्बे मोटे लण्ड के मोटाई के अनुपात में बहुत ज्यादा सकडा था. उसने कहा – आंटी जी मेरा फौलादी लण्ड बहुत ज्यादा मोटा है यह आप की गांड में नहीं जा पायेगा और जबरदस्ती आपकी चूतड़ मारने का प्रयास करने पर आपकी चूतड़ को नुकसान पहुँच सकता है मेरा कहने का मतलब है की यदि मैं आप की चूतड़ के साथ जबरदस्ती करिऊंगा तो आपकी चूतड़ फट भी सकती है.
मैंने पीछे देखते हुए कहा – बेटा मेरी टट्टी से भरी गांड में बहुत तेज खुजली हो रही है, तुम मेरी टट्टी से भरी चूतड़ की टेंशन मत करो. तुम लण्ड पेलो मेरी टट्टी से भरी गांड में आगे होगा जो देखा जायगा… मेरे किरायेदार ने मेरी सहमती के बाद ऐसा ही किया. उसने जोर लगा कर अपना लण्ड मेरी टट्टी से भरी चूतड़ के साकडे से छेद में डाल दिया. उसका लण्ड मेरे स्मार्ट पति के लण्ड से बहुत ज्यादा लम्व और मोटा था किन्तु मेरी टट्टी से भरी चूतड़ भी कोई कमजोर नही थी. अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ की खुजली मिटवाने के खातिर मै दांत पर दांत रखकर हर दर्द सह गयी. उसने अपने पूरे पेनिस को मेरी प्यासी फुद्दीड़ में एक दफे में ही डाल दिया.

अब उसने मेरी कमर पर अपने हाथ की पकड़ मज़बूत बनाई और मेरी टट्टी से भरी चूतड़ मारना चालु कर दी. जवान लड़के का काला मोटा लण्ड अपनी लेट्रिंग से भरी गांड में घुसवाकर मुझे तो जैसे जन्नत नसीब हो गई थी. चूतड़ मरवाते वक्त मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरी प्यासी फुद्दीड़ की वर्षों की खुजली नरेंद्र आज ही मिटा देगा. २ मिनट की गांड की चुदाई के बाद ही मेरी टट्टी से भरी चूतड़ का छेद चौड़ा हो गया. चूतड़ मरवाने में मुझे इतना आनद तो कभी अपने पति से भी प्राप्त नही हुआ. नरेंद्र ने मेरी कमर पर से हाथ हटा कर मेरी तरबूज जैसी मोटी मोटी चुचियों को थाम लिया.
एक तरफ वो मुझे कुतिया बनाकर मेरी टट्टी से भरी चूतड़ मार रहा था दूसरी तरफ वो मेरी तरबूज जैसी मोटी मोटी चुचियों को भी बहुत जोर जोर से दबा रहा था. 20 मिनट तक वो डौगी सेक्स स्टाइल में वो मेरी टट्टी से भरी चूतड़ मारता रहा और फिर कुछ वक्त बाद उस साले चोदू के तंदरुस्त और फौलादी लण्ड से माल निकलना शुरू हुआ. जब उस साले चोदू के तंदरुस्त और फौलादी लण्ड से स्पर्म निकलने लगा तो उसने अपना पूरा लण्ड मेरी टट्टी से भरी गांड में घुसेड दिया और अपना पूरा स्पर्म मेरी टट्टी से भरी गांड में भर दिया. जब सारा माल निकल गया तो उसने मेरी टट्टी से भरी चूतड़ से अपना लण्ड निकाला. चूतड़ मरवाने के बाद मै आहिस्ता आहिस्ता अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ के छेद को छूती हुई उठ खड़ी हुई. मेरा चूतड़ का छेद अभी भी पूरी तरह से खुला हुआ था. मेरी टट्टी से भरी चूतड़ से नरेंद्र का गरमा गर्म स्पर्म निकल कर मेरी जाँघों से होता हुआ जमीन पर गिर रहा था.

मैंने नरेंद्र के पेनिस को हाथ में लिया और उसे सहलाते हुए कहा – थैंक्स नरेंद्र बेटा. इसके बाद मैंने कपड़े से अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ और चूत से निकल रहे स्पर्म को पोछा. नरेंद्र नंगा ही मेरे पलंग पर चित्त हो कर लेट गया . मैंने कपड़े से अपनी लेट्रिंग से भरी चूतड़ पोछने के बाद उसके लम्बे मोटे पेनिस को भी साफ़ किया फिर कपड़े को एक तरफ फ़ेंक कर उसके सीने पर अपनी मोटी मोटी चूची दबाते हुए उसके ऊपर लेट गयी और अपनी फुद्दी को उसके लम्बे मोटे लंड में घसते हुए बोली- नरेंद्र बेटा, आज तो चुदवाने में आनंद आ गया. तुम्हे मुझे चोदकर कैसा लगा? नरेंद्र बोला- मुझे भी अच्छा लगा आंटी जी आप के साथ सेक्स करके.
फिर वो कहा की आंटी जी आपका बदन बहुत कमाल का है आपकी फुद्दी की चुदाई करने में बहुत मजे आए पर सबसे ज्यादा मजे आप को कुतिया बनाकर चूतड़ मारने में आए. मैंने कहा – कल फिर आओगे ना बेटा अपनी इस गरम आंटी जी की खुजली शांत करने..? वो कहा – हाँ आंटी जी यदि आप बुलाओगी तो मैं आपकी चूतड़ मारने और फुद्दी पेलने कल फिर से आजाऊंगा. दीवार पर तंगी घडी पर नजर डाली तो साढ़े तीन बजने वाले थे. हमारे किरायेदार लड़के नरेंद्र ने कहा – अब मुझे चलना चाहिए. 4 बजे शान वापस आ जाता है.
मैंने किरायेदार लड़के से कहा – ऐसे कैसे जा सकते हो? पहले अपनी आंटी के हाथ की बनी कॉफ़ी पियो . मैने अपने रूम का दरवाजा खोला और नंगे ही किचन में कॉफी बनाने चली गयी क्यों कि मैंने घर के सारे खिड़की और दरवाज़े पहले ही बंद कर रखे थे. नरेंद्र और अपने लिए जल्दी से काफी बनाई और नाश्ता ले कर अपने बेडरूम में वापस आई. नरेंद्र अभी भी नंगा ही पलंग पर लेटा हुआ था. मैंने उसे उठने को कहा . तो उठ कर सोफे पर बैठ गया. मै न्यूड ही उसके गोद में उसके लम्बे मोटे लण्ड पर बैठ गयी और कहने लगी – तुम दुसरा काम करो मै तुम्हे खिलाती हूँ. मै उसे मिठाई व नमकीन खिला रही थी और वो मेरी चूची और फुद्दी को सहला रहा था.
काफी और नाश्ता ख़तम करते करते १५ मिनट बीत गए. इन १५ मिनट में मेरे किरायेदार लड़के नरेंद्र का काला मोटा लण्ड फिर से तन तना गया. मैंने उसके लम्बे मोटे पेनिस को पकड़ कर उसकी आँखों में देखा. उसने मुझे सोफे के नीचे जमीन पर लिटाया और मेरे चूची में अपना सर डाला और मेरी गरम फुद्दी में अपना मुसल जैसा लंड. इस बार वो बहुत ही ज्यादा घातक स्पीड में मेरी गरम फुद्दी की चुदाई कर रहा था मुझे चुदते चुदते ऐसा लग रहा था की मानो आज मेरा किरायेदार मेरी गरम फुद्दी के परकच्छे उड़ा डालेगा. 5 मिनट की शानदार चुदाई में ही उसने कम से कम 500 बार अपने पेनिस को मेरी गरम फुद्दी में घुसाया और निकाला होगा. मै तो दुसरे मिनट ही झड गयी थी.

उसकी घातक चुदाई ने मेरे होश फाख्ता कर डाले थे. 5 मिनट बीतते बीतते उसका स्पर्म निकलने को हुआ. उसने फिर से कस के पेनिस को मेरी गरम फुद्दी में डाला और माल गिराने लगा. इस बार माल गिरते ही वो तुरंत खड़ा हुआ और स्नानघर जा कर अपना लण्ड साफ़ किया. तब तक मै यूँ ही बेसुध जमीन पर पड़ी रही. मेरे सामने उसने अपने कपड़े पहने . मै यूँ ही न्यूड लेटी हुई उसे देख रही थी. जब उसने अपने शर्ट का आखिरी बटन लगाया तो मै हिम्मत करके दर्द सहन करते हुए किसी तरह खडी हुई. मेरे फुद्दी, चूची और चूतड़ तीनो में दर्द का अहसास हो रहा था. और बदन भी टूट रहा था. किन्तु ये दर्द भी उतना ही आनंद दे रहा था जितना किसीशराबी को एक बोतल दारू का नशा आनंद देता है.
मै उठ कर आलमारी के पास आयी और आलमारी से 1000 रूपये के चार नोट निकाले और नरेंद्र की जेब में रखने लगी. नरेंद्र बोला- नहीं नहीं, ये किसलिए आंटी जी ? मुझे आप की चुदाई करने के बदले पैसे नहीं चाहिए मैं कोई कॉल बॉय थोड़ी हूँ…. मै उससे लिपटते हुए बोली- ये मेरे प्रेम का उपहार है मेरे नरेंद्र आज तुमने मुझे चोदकर बहुत प्रसन कर दिया है आज कई बरसों बाद किसी मर्द ने मेरी प्यासी चूतड़ और फुद्दी की खुजली मिटाई है.

मैंने उससे कहा की बेटा प्लीज इनकार मत करो. ये तो वही पैसे हैं जो तुम मेरे मकान में रहने का किराया देते हो. अब जब तुम मेरे दिल में बस गए हो तो मकान में रहने का किराया मै तुमसे कैसे ले सकती हूँ? पहले तो मेरा किरायेदार लड़का चुदाई के बदले पैसे लेने के लिए मना करता रहा. किन्तु जब मैने उसे अपने नंगे बदन की गिरफ्त से छोड़ने को राजी नही हुई तो उसने फिर कुछ नही बोला. मैंने उसकी जेब में वो नोट रखे और उसे अपने नंगे बदन की गिरफ्त से आज़ाद कर दिया. 3.55 हो चुके थे. नरेंद्र जल्दी से मेरे रूम से बाहर निकल गया और मै उसके पीछे पीछे उसी हालत में ड्राइंग रूम तक आई और घर का दरवाज़ा अन्दर से बंद किया.
अब मैं स्नानघर में जा कर बाथ टब में लेटी और बीते हुए आनंददायक पलों को याद करने लगी की कैसे आज मेरे मेरे किरायेदार लड़के ने मेरी चुदाई करी और चूतड़ की खुजली शांत करी. ये सुनहरे पलों को याद करते करते कब शाम हो गयी कुछ पता ही नहीं चला . इस उम्र में मुझे एक जवान लौड़े से चुदवाने का सोभाग्य प्राप्त होगा मैंने कभी सोचा भी नहीं था. आज कई सालो के बाद मेरी तड़पति चूतड़ और फुद्दी की खुजली मेरे किरायेदार लड़के ने अपने काले मोटे लण्ड से मिटा डाली थी.
अभी भी वो अधिकतर मेरी बुलाने पर मेरे साथ सेक्स करने आ जाता है और आकर मेरी टट्टी से भरी चूतड़ मारता है और फुद्दी की खुजली भी अपने काले मोटे लण्ड से मिटाता रहता है. दोस्तों क्या आप में से कोई मेरी चुदाई करना चाहता है या मेरी टट्टी से भरी चूतड़ मारना चाहता है यदि हाँ तो निचे लाइक बटन पर क्लिक करें. दोस्तों आप सभी के मेरी यह अन्तर्वासना इंडियन देसी नॉनवेज सेक्स स्टोरी “45 साल की गदराई मकान मालकिन की चूतड़ और गरम फुद्दी की खुजली किरायेदार ने मिटाई Hindi Sex Kahani” पसंद आई हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें.