गाँव की देसी लड़की की गरमा गरम अनचुदी फुद्दी Antarvasna Hindi Sex Stories : हेल्लो दोस्तों मेरी गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में में आप सभी का बहुत बहुत स्वागत हैं मेरा नाम दीपू हैं और में एक छोटे से गाँव का रहने वाला हूँ. मेरी एक गर्लफ्रेंड है जिसका नाम गुंजन हैं में रोज नाईट को उससे फ़ोन पर बाते करता था और इस चक्कर में मै घर में भीतर नहीं सोकर घर के बाहर खटिया लगा कर सोता था. मेरी ये हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में मेरी प्रेमिका गुंजन की खतरनाक चुदाई की नहीं हैं बल्कि मेरी बड़ी बहन के पड़ोस में रहने वाली देसी अनचुदी गर्ल भावना की है.
मेरी बड़ी बहन सुहागन हैं पर उसके पति देव शहर के बाहर नौकरी करते है तो में ही मेरी जवान सेक्सी बहन के साथ रहता हूँ. गदराई भावना मेरी बड़ी बहन के पड़ोसन में रहती थी और उसका फिगर होगा कुछ 34-30-36. वैसे वह देसी लड़की मुझसे ज्यादा बात नहीं करती थी किन्तु आज मैंने उसे नाईट के दो बजे घर के बहार बैठे देंखा. मुझ से रहा नहीं गया और मैं अपना लण्ड खुजाते खुजाते उसके पास गया, “अरे भावना इतनी ठंडी नाईट को यहाँ घर के बाहर क्यों बैठी हो.”
गाँव की देसी लड़की की गरमा गरम अनचुदी फुद्दी Antarvasna Hindi Sex Stories

सेक्सी भावना कहने लगी की मेरे अम्मी पापा शहर गए है घर मे मैं और दादी है किन्तु मुझे घर में डर लग रहा है. दादी को उठाया किन्तु वह तो घोड़े बेच के सोयी है. इस कारण से मैं यहाँ आके बैठ गयी. मैंने उस से कहा, “यहाँ जमीन पर बैठने से अच्छा है तूम मेरी खटिया पर आ जाओ. मैं वैसे भी अभी नहीं सोऊंगा. मुझे अपनी गर्लफ्रेंड से बात करनी है…” गदराई भावना मेरी खटिया पर आ गई और मैंने उसे ठंड से बचने के लिए मोटी चद्दर दे दी. मैंने तकिये के निचे छुपाई सिगारेट निकाली और गुंजन को फोन लगाया. गुंजन फोन सेक्स के लिए तैयार बैठी थी और जैसे ही उसने फोन उठाया वोह बोली, “अरे कहा चले गए थे मेरी फुद्दी तुम्हारे लण्ड के लिए बेताब बनी हुई थी….!”
सेक्सी भावना ने फोन से बहार आ रही आवाज सुन ली और अपनी हँसी रोकी नहीं पाई. मेरी प्रेमिका गुंजन ने राज खोल ही दिया मेरा. मेरा मन अब गुंजन से बातों में नहीं लग रहा था क्यूंकि जब मेरी खटिया में गदराई भावना जैसा अनचुदी माल जो बैठा था. मैंने मेरी प्रेमिका गुंजन को झूठ बोलकर फ़ोन कट कर दिया की अभी मेरी बड़ी बहन आ गयी हैं बाद में बात करता हूँ. मेरी सिगारेट भी ख़तम हो चुकी थी. देसी अनचुदी गर्ल भावना मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देख के बोली, “गर्लफ्रेंड है आप की….?” मैने कहा , “हाँ भी और नहीं भी…खर्चे करवाने में हाँ और काम के लिए नहीं……!” मेरी बात सुन गाँव की देसी लड़की भावना हंस पड़ी.

मैंने करीब से उस गदराई देसी लड़की के गदराई और मोटे मोटे बोबे देंखे वो देसी लड़की करीब 18-19 साल की ही होगी पर उसके बोबे फुल कर बहुत मस्त हो रखे थे. मैंने गदराई भावना के मोटे मोटे बोबों से नजर हटाये बिना ही उससे पूछा, वैसे तूम हो बड़ी गरम क्या तुम्हारा कोई यार है… ??? गदराई भावना बोली, “हाँ मेरा एक यार था किन्तु मेरे ताऊजी के लड़के ने उसे मार मार के सीधा कर दिया” मैंने इस गाँव की देसी लड़की की गांड और बाकी के शरीर पर नजर डालते हुए कहा , “कहाँ तक पहंचे थे तूम लोग रिश्तें में” गदराई भावना,”सोरी…मैं कुछ समझी नहीं” मैंने बेझिझक उसे कहा , “ आरे यार मेरा मतलब है की क्या तुम दोनों ने कभी चुदाई करी हैं…?”
गाँव की अनचुदी गर्ल भावना हंसी और बोली, “उसी नाईट चुदवाने की प्लानिंग थी जिस नाईट राहुल भाई साहब ने उसकी पिटाई कर दी, किन्तु साला डरपोक निकला मैंने उसे फोन किया इसके बाद तो उसके कभी रिसीव ही नहीं किया” गदराई भावना की जवानी और उसकी बातें सुनके मेरा मोटा तगड़ा लंड खड़ा हो चूका था, वैसे मैंने कभी सोचा नहीं था की वो इतनी बिंदास्त बातें कर लेती है. मुझे पूरा यकीन था अगर सही गियर दबाता गया तो आज चुदाई का बंदोबस्त ज़रूर हो जाएगा. मैंने गदराई भावना को कहा , “तूम गदराई लगती हो यार, तुम्हे कोई भी मिल जाएगा…साला एक हमारी किस्मत फूटी है की गर्लफ्रेंड है किन्तु कुछ मजे नहीं करवा रही”
सेक्सी भावना बोली, “वो फोन पर तो आप से गन्दी गन्दी चुदाई की बातें कर रही थी.” मैंने उस से कहा, “फोन पे ही सब कुछ हो रहा है, मैं रोज नाईट को दिल को समझा के और उसकी फोटो देख कर मुठ मार कर सो जाता हूँ” गदराई भावना की नजर शरमाते – शरमाते मेरे लण्ड की तरफ बढ़ी, और शायद यह गाँव की देसी लड़की समझ गयी थी की मेरा मोटा तगड़ा लण्ड पेंट के भीतर खड़ा हो चूका था. मैंने गदराई भावना का कोमल हाथ अपने हाथ में लेके उसे अपनी छाती पर रख के कहा ँ देखो, “हैं ना फ़ास्ट फ़ास्ट धडकने” उस देसी गर्ल ने हाथ हटाया नहीं और मैंने धीमे से उसका कोमल हाथ इस तरह निचे किया के जाते जाते वह मेरे मोटे विशाल लण्ड से घिस के जाएँ. मेरा मोटा तगड़ा लण्ड उसके हाथ को छूते ही उसे भी मेरे लण्ड की गरमी का अहेसास हुआ.

वो अब गर्म हो चुकी थी और उठ के जाने लगी शायद वो स्नानघर में अपनी फुद्दी में ऊँगली करने के लिये जा रही थी. तभी मैंने पीछे से उसका कोमल हाथ पकड़ लिया और उससे पूछा “क्या हम बहन के लंड दोनों एक दुसरे की सहायता नहीं कर सकते…? इसके बाद मैंने उस देसी अनचुदी गर्ल भावना को खटिया मैं खिंच लिया और उसके कोमल होंठ से अपने कोमल होंठ चिपका दिए. पहले तो उस लडकी ने थोडा नाटक करा किन्तु थोड़ी देर में ही वो भी गर्म हो उठी और फिर यह गाँव की देसी लड़की मेरे कोमल होंठो से अपने कोमल होंठ लगा कर के चूसने लगी. मैंने चद्दर कोशॉट और गदराई भावना को भीतर ले लिया मैं भी भीतर आ गया.
मेरा मोटा तगड़ा लण्ड कब का खड़ा था इस कारण से मैंने अपनी पेंट कम्बल के भीतर ही उतार दी और गदराई भावना के मोटे मोटे बोबे बहुत जोर जोर से दबाने लगा. गदराई भावना उई माँ… आह… उह आह… आह ओह करती रही और इसके बाद मैंने उसी पूरी न्यूड धडंगी कर डाला. गदराई भावना की गरमा गरम फुद्दी मस्त साफ़ थी, अंधेरा होने के कारण साफ साफ तो नहीं दिखी किन्तु उसको कपड़े उतार कर न्यूड करते वक्त मेरे हाथ उसकी मखमली फुद्दी पर गए थे और मुझे एक मस्त मुलायम फुद्दी का स्पर्श हुआ था. मैं अब अनचुदी भावना की गरमा गरम फुद्दी में मेरी जीभ गुसाना चाहता था में उसकी अनचुदी फुद्दी को चुसना और चाटना चाहता था इस कारण से मैंने 69 की पोजीशन बना के उसकी फुद्दी की तरफ अपना मुहं ले गया.

देसी अनचुदी गर्ल भावना की चूट के उपर कोमल होंठ लगाते ही वो उई माँ आह… उमह… उई.. आह… ओह करने लगी और मैंने धीरे से उसको जबान गरम फुद्दी के भीतर तक दे दी. वोह मेरा मोटा तगड़ा लण्ड पकड के हिला रही थी, मैंने उसे कहा ँ, “मेरा गर्म लण्ड ले लो मुहं में मेरी जान..मुझे भरोसा है की तुम्हे मेरा गरमा गर्म लण्ड अपने मुँह में भरकर चूसने में बहुत आनंद आएगा….!” गदराई भावना पेनिस को मुहं में लेकर चूसने लगी और मैं उसकी गरमा गरम फुद्दी को चूसने लगा. करीब 5 मिनिट तक हम एक दुसरे के सेक्स अंग चूसते रहे और मैं अगर गदराई भावना और चुस्ती तो झड ही जाता इस कारण से मैंने लण्ड उसके मुहं से निकाला और उसके पास सो गया.
मैंने उस लड़की का एक पाँव उठा के मैंने अपनी झांघ पर रख दिया. उसकी फुद्दी कुछ खुल गई और मैंने उसकी गरम फुद्दी के भीतर दो ऊँगली डाल के मस्त हिलाना चालू कर दी. इसके दो फायदे थे पहला यह की देसी अनचुदी गर्ल भावना की गरम फुद्दी की उत्तेजना बढ़ती और वह खुल भी जाती…और दूसरा यह की मेरा मोटा तगड़ा लंड जो उत्तेजना के चरम सीमा पर खड़ा था वो शांत हो जाता. गदराई भावना से अब रहा नहीं जा रहा था, वो मेरे कंधे पे दांत से काटने लगी और अपने नाख़ून मुझे गडाने लगी और बोली…..”दे दो मुझे तुम्हारा मोटा लण्ड दे दो, मेरी प्यासी फुद्दी बहुत खुजली कर रही है..इसकी मस्त चुदाई कर के उस बहन की लौड़ी की सारी खुजली मिटा दो…जल्दी आह आह आह्ह्ह्ह….!’

मैंने अब अपने पेनिस को गरम फुद्दी के छेद पर रख दिया और धीमे धीमे गरम फुद्दी के भीतर डालने लगा. गदराई भावना अनचुदी थी इस कारण से उसकी फुद्दी बहुत ही तंग थी. मैं लण्ड इस गाँव की देसी लड़की की फुद्दी में आराम आराम से घुसेड़ना चालू किया, फिर भी गदराई भावना को दर्द हो रहा था और वह वहीँ दबे आवाज में मुझे धीरे से करने को बोलने लगी. मैंने धीमे धीमे कर के आधा लण्ड इस गाँव की देसी लड़की की गरमा गरम फुद्दी में दे दिया था और उस से बर्दास्त नहीं हो रहा था. मैंने कुछ 3-4 मिनिट धीमे धीमे कर के पूरा लण्ड गदराई देसी अनचुदी गर्ल भावना की फुद्दी में घुसेड दिया. उसकी साँसे फुल गई और उसे ठंड में भी पसीना होने लगा था.
मैंने अब उस गाँव की देसी लड़की की गरमा गरम फुद्दी में मेरे लंड के झटके देने चालू कर दिए और गदराई भावना की चीखें बढ़ने लगी. इस भरी ठंडी नाईट में मेरे लण्ड के उपर भी इस गाँव की देसी लड़की की गरमा गरम अनचुदी फुद्दी की सख्ताई का दबाव था इस कारण से मैं बहुत जल्दी उस लड़की की गरम फुद्दी के भीतर झड गया. किन्तु इस नाईट में मैंने मोर्निंग 4 बजे गाँव की देसी लड़की भावना की गरमा गरम अनचुदी फुद्दी के भीतर एक दफे दुबारा अपना लण्ड दे दिया दोस्तों अब तुकी फुद्दी से थोड़ा खून बहा रहा था और उसकी फुद्दी पहले के मुकाबले थोड़ी ढीली भी लग रही थी.
दोस्तों हमारी दूसरी बार को चोदाब एक घंटे चली और इस बार उस देसी लड़की को मेरे लण्ड से अपनी फुद्दी चुदवाते वक्त थोडा कम दर्द हुआ. दोस्तों उम्मीद करता हूँ की आप सभी को मेरी हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में “गाँव की देसी लड़की की गरमा गरम अनचुदी फुद्दी Antarvasna Hindi Sex Stories” बहुत पसंद आई होती यदि आप इस गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में का अगला भाग पढ़ना चाहते हो तो निचे लाइक बटन पर ज़रूर क्लिक करना.