अनमैरिड भांजी की पहली खतरनाक और धमाकेदार चुदाई बहिन के ससुराल में गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में : हेल्लो दोस्तों फिर मेरी इस वेबसाइट पर आ आगए अपने फ्रेंड की माँ ठुकवाने… हां… हां… हां… अरे फ्रेंड बुरा मान गए क्या मैं तो आनंदक कर रहा हूँ… मेरा नाम अमित है और मेरी उम्र 22 साल की है. मेरी और मेरी अनमैरिड भांजी की पहली खतरनाक और धमाकेदार चुदाई की यह अन्तर्वासना इंडियन देसी नॉनवेज सेक्स स्टोरी पिछले साल की ही है. मैं अपना कॉलेज खत्म करके अपनी बड़ी बहिन के ससुराल छुट्टी बिताने जाना चाहता था. मैंने उन्हें अपनी तमन्ना बताई, तो मेरी चुदास से भरी बहिन ने मुझे बुला लिया और मैं पहुच गया अपनी बहिन के घर.
मेरी बहिन के ससुराल में मेरी बड़ी बहिन उन्हें उनकी चुदाई करने वाले मेरे जीजू के अलावा जीजाजी के बड़े भाई भी रहते थे. मेरे जीजू के बड़े भाई साहब की गरम धर्म बीवी और उनके दो बच्चे थे. एक लड़का और एक लड़की करीब उन बच्चो की उम्र करीब 19-20 साल की थी. जब मैं मेरी बहिन के ससुराल गया तो मैं मां का दिया हुआ कुछ खाने पीने का सामान लेकर गया था. उधर बहिन के ससुराल पहुंचा तो दीदी ने अपनी जेठानी, जिन्हें मैं बड़ी दीदी कहता था, को भी वो खाने पीने का सामान दिया. बहिन के ससुराल में एक हफ्ते तक तो सब कुछ ठीक चलता रहा था.
अनमैरिड भांजी की पहली खतरनाक और धमाकेदार चुदाई बहिन के ससुराल में गन्दी हिन्दी 18+ XXX फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में

बड़ी दीदी (मेरी बहिन की जेठानी) की लड़की भावना यानि मेरी भांजी और मेरी पहले बहुत ज्यादा नहीं बनती थी … वो जरा नकचड़ी थी. मेरी उससे थोड़ी बहुत ही बनती थी. मैंने इस बार अपनी भांजी भावना को देखा तो मेरा लम्बा मोटा लौड़ा तन तना गया अब वो साली बहिन की लौड़ी बड़ी मस्त हो गई थी. उसकी तनी हुई चूचियां मुझे मदहोश करने लगी थीं. मेरी निगाहें में वो पेलने लायक एक मस्त माल बन गई थी.
दोस्तों मै जब कभी भी भावना को देखता था तो मेरे बदन के भीतर करंट दौड़ जाता था और मै भावना को पेलने के लिए बैचैन हो जाता था और जब तक उसके नाम की मुठ नहीं मार लेता तब तक मेरी लुल्ली को चैन नहीं आता था. दोस्तों मुझे नहीं पता था की मेरे बहिन के ससुराल में मुझे पेलने लायक इतना गरम सामान मिल सकता है नहीं तो मै कब का बहिन के ससुराल में ही आकर रहने लग जाता. मेरी बहिन की जेठानी भी बहुत हॉट और गदराई थी पर उसकी बेटी तो उससे भी ज्यादा शानदार माल थी. मेरी गंदे गिमाग में उस अनमैरिड लड़की की जवानी चखने का ख्याल आने लगा था. मगर उसके साथ चुदाई करना इतना आसान नहीं था.

मेरी बहिन की जेठानी की लड़की भावना दिखने में बहुत ब्यूटीफुल थी पर वो मेरी तरफ देखती भी नहीं थी. मैं भी बस उसे देख देख कर आहें भरता रहता था और स्नानघर में जाकर उसके नाम की मुठ मार लेता था. मुझे दीदी के घर में रहते हुए कुछ दिन बीत गए थे. मेरे पास स्मार्ट फोन था. तो मेरी भांजी भावना का भाई अर्थात मेरा भांजा मेरे मोबाइल में गेम खेल खेलता था. कुछ दिन बाद मेरी भांजी भावना भी फिल्म देखने मेरे पास आने लगी थी. मुझे अपनी भांजी भावना के करीब जाने के लिए ये रास्ता ठीक लगा कि भावना को फिल्म दिखा कर चुदाई करने के लिये पटाया किया जा सकता है. मैं भी उसे फिल्म चालू करते वक्त बुलाने लगा था. दो दिन में ही वो मेरे साथ घुलमिल गई थी.
एक दिन रात मुझे नींद नहीं आ रही थी, तो मैंने हेडफोन लगाया और मूवी लगा ली. आज केवल मैं ही मूवी देख रहा था. कुछ समय बाद मेरी भांजी आ गई, तो मैं और वो मूवी देखने लगे. मैंने अपने कान से एक प्लग निकाल कर उसे दे दिया. हम दोनों लेट कर मूवी देख रहे थे. हालांकि इससे पहले भी मैं उसके साथ सो जाता था, किन्तु अब बड़ी हो गई थी. उसका साथ मुझे बड़ा हॉट लग रहा था. मेरा लम्बा मोटा लौड़ा हरकत करने लगा, तो मैंने कम्बल अपने ऊपर ले लिया. उसने भी मेरे ही कंबल में घुस कर फिल्म देखना शुरू कर दिया. इस वक्त करीब नाईट के 11 बज गए थे. सब लोग सो गए थे. मैंने कंबल पूरा अपने गले तक ले लिया.
मेरी मस्त कमसिन माल भांजी भी मेरे साथ कम्बल के अन्दर थी. कुछ देर बाद मूवी खत्म हो गई. मैं और मेरी भांजी भावना एक ही बिस्तर पर सोने के लिए लेट गए. किन्तु पता नहीं आज मुझे अपनी भांजी के साथ एक ही बिस्तर में सोने के कारण कुछ कुछ हो रहा रहा. भावना और मैं अभी सोए नहीं थे. मैंने उसकी तरफ मुँह करके सोया था. कुछ समय बाद उसने मुँह मेरी तरफ किया और मेरे करीब आ गई. मैंने सोचा कि इसे भी नींद नहीं आ रही होगी. इस कारण से ये इधर मुँह करके लेट गई होगी. कुछ समय बाद उसने अपने हाथ की उंगलियां मेरे मुँह की तरफ़ की और मेरे कोमल होंठ को छूने लगी. मैंने आंख खोली, तो उसी वक्त उसने अपने कोमल होंठ मेरे कोमल होंठ के पास कर दिए.

मैं समझ गया कि उसको मुझे किस करनी थी. मैंने भावना का कोमल हाथ हटा दिया. किन्तु उसने फिर से हाथ की उंगलियों से मेरे कोमल होंठों पर हरकत की. मैंने इस बार कुछ नहीं कहा और उसे देखने लगा. तभी मेरी बहिन की जेठानी की लड़की भावना ने अपने गर्म कोमल होंठ मेरे कोमल होंठों से लगा दिए. वो अभी चूम नहीं रही थी केवल कोमल होंठ लगाए लेटी थी. उसकी गर्म सांसें मुझे भी गर्म कर रही थीं. कुछ समय बाद मैंने अपने कोमल होंठों से उसके कोमल होंठों की किस लेना चालू कर दी. उसने भी चूमाचाटी में मेरा साथ देना चालू कर दिया. हमारी बेआवाज किस हम दोनों को ही उत्तेजित करती जा रही थी. मैंने मेरी अनचुदी भांजी भावना के मुँह में अपनी जबान डाल दी, वो मेरी जबान को चूसने लगी.
कुछ देर बाद मैंने अपनी भांजी भावना की जबान को अपने मुँह में ले लीया और उसकी जबान को चूसने लगा. सच में बड़ा आनंद आ रहा था. करीब दस मिनट के बाद मैंने अपने हाथ को मेरी अनचुदी भांजी की दोनों टांगों के बीच में डाला तो उसने कुछ नहीं बोला. मैंने उसकी अनचुदी योनी पर हाथ लगाया और उसके लोअर के ऊपर से थोड़ा थोड़ा फेरना चालू कर दिया. मैं भावना की अनचुदी योनी से गेम खेल रहा था और वो मुझे कुछ नहीं बोल रही थी. वो केवल मेरे कोमल होंठों से कोमल होंठ लगाए हुए इस सबका आनंद ले रही थी उसे इन सब में बहुत आनंद आ रहा था वो ये सब पहली बार कर रही थी. अब तक मेरा लम्बा मोटा लौड़ा भी पूरा खड़ा हो गया था.
मैं अपनी गदराई भांजी से चिपक गया, तो मेरी अनमैरिड भांजी भावना भी मुझे चिपक गई. मेरा खड़ा लण्ड उसे महसूस हो रहा था. लण्ड उसकी योनी पर लग रहा था. तभी भावना भी अपनीयोनी का दबाव लण्ड पर देने लगी. मैं समझ गया कि भावना इस वक्त पूरी गर्म हो चुकी है. मगर मेरी अनमैरिड भांजी भावना मेरे पूरे जीवन में आज की तारीख तक अनचुदी थी. उसकी अनचुदी योनी की चुदाई करना खतरे से खाली नहीं था. सारे घर वाले नजदीक ही सोए हुए थे. मैंने तब भी हिम्मत की कि अभी नहीं तो बाद में इसे चोद लूंगा. अभी इसकी अनचुदी योनी का ऊपर ऊपर से आनंद ले लेता हूँ. ये सोच कर मैंने एक हाथ उसकी पैंटी के अन्दर डाल दिया.

मेरी अनमैरिड भांजी की अनचुदी योनी पर थोड़े थोड़े बाल थे. पूरीयोनी बड़ी मुलायम लग रही थी मेरा हाथ डालने पर भावना कुछ नहीं बोली, उसने बस गर्म सांस छोड़ कर अपनी उत्तेजना दिखाई. मैंने अब भावना कीयोनी पर हाथ फेरना चालू कर दिया और धीरे से उसकी योनी में एक उंगली डाल दी. वो एक दफे को जरा सी चिहुंकी … मगर उसने आवाज नहीं की. मैंनेयोनी को उंगली से चोदना चालू कर दिया. उसकी योनी बहुत तंग थी. मेरी आधी उंगली भी अन्दर नहीं जा रही थी. मैंने सोचा साली उंगली तक इसकी अनचुदी योनी में नहीं जा रही है, तो मैं मेरा मोटा लंडयोनी में कैसे डालूंगा. मगर मैं लगा रहा.
मेरी जवान भांजी भी अब चुदासी हो उठी थी उसकी अनचुदी योनी से रस निकलने के कारणयोनी में उंगली बड़े आराम से अन्दर बाहर होने लगी थी. मैंने एक उंगली से ही उसकी अनचुदी योनी में थोड़ी सी जगह बनाई. अब मेरी उंगली आराम सेयोनी में अन्दर जाने लगी थी. मैंने उससे पैंटी को नीचे करने को इशारा किया, तो उसने मेरा ही हाथ रख दिया. मैं समझ गया कि मुझे ही इसकी पैंटी को उतारना है. मैंने उसकी लैगी और पैंटी को घुटनों तक नीचे कर दी और अपना लण्ड भी बाहर निकाल लिया. मैं बहुत डर रहा था क्योंकि घरवाले सब सो रहे थे और कोई उठ गया तो रायता फ़ैल जाएगा.
लेकिन मैंने हिम्मत करके पेनिस को उसकी योनी की फांकों के ऊपर लगाया और रगड़ने लगा. उसकी अनचुदी योनी को मेरा लम्बा मोटा लौड़ा आनंद दे रहा था, तो मैंने उसे किस करना बंद कर दिया और गेम खेल बजाने का प्रयास करना शुरू कर दी. मैंने अपना हाथ उसकी चूचियों पर रखा और एक दूध को दबाना चालू कर दिया. उसने मुझे दूध मसलने से मना किया. मगर भावना के चूचे बहुत ही मुलायम थे, तो मुझे आनंद आ रहा था. पर वो मुझे ठीक से अपने मोटे मोटे ब्रेस्ट दबाने भी नहीं दे रही थी. मैंने लण्ड हाथ में पकड़ा और उसकी योनी पर रगड़ने लगा. मुझे डर था कि आज मेरी अनमैरिड भांजी की पहली खतरनाक और धमाकेदार चुदाई है अगर अनमैरिड भांजी की अनचुदी योनी में लण्ड घुस गया और वो दर्द के मारे जोर से चीख दी … तो बहुत बुरा अंजाम होगा.

मैंने कुछ सोच कर उसको फिर से किस करना चालू कर दिया. उसका मुँह बंद हो गया था. मैंने हिम्मत करके लण्ड अन्दर डालना चालू किया. मेरा लम्बा मोटा लौड़ा थोड़ा सा ही अन्दर को जाता तो भावना घबरा जाती और डर के मारे मुझे पकड़ लेती. इसके बाद मैंने उसको ज़ोर से पकड़ा और मुँह भी अच्छा कसके बंद कर लिया. सब सैट हो गया था तो मैंने अपनी अनचुदी भांजी की पहली खतरनाक और धमाकेदार चुदाई करने के लिए अपने लण्ड पर जोर दे दिया. उसने तड़फ कर मुझे हटाना शुरू कर दिया और मेरे मुँह को काटने लगी. किन्तु अब तक मेरा आधा लंडयोनी में चला गया था. उसने मेरी छाती पर नौंच कर मुझसे लण्ड बाहर निकालने का इशारा किया. किन्तु मैंने लंडयोनी से बाहर नहीं निकाला. मैं बस आधा लण्ड पेले हुए ऐसे ही पड़ा रहा.
कुछ समय में भावना का दर्द कुछ कम हो गया. मैंने कोमल होंठ हटाए और उसे किस करना चालू कर दिया. वो भी मुझे किस करने लगी. कुछ पल बाद मैंने उसको फिर से जोर से पकड़ा और मुँह पर मुँह का ढक्कन लगाते हुए पेनिस को उसकी योनी में पूरा अन्दर तक पेल दिया. वो फिर से तड़फ उठी और उसने मेरे को फिर से काटा. इस बार उसने हाथ से मुझे तेज नौंच भी लिया था. उससे मुझे दर्द होने लगा था. मगर मैंने तब भी उसे चीखने नहीं दिया.
कुछ देर शांत बैठने के बाद में उसने अपना बदन ढीला कर लिया तो मैं समझ गया कि लण्ड नेयोनी में जगह बना ली है. जैसे ही उसका बदन शांत हुआ, तो मैंने आहिस्ता आहिस्ता अपना तगड़ा लंड अपनी भांजी की फट चुकीयोनी में अन्दर बाहर करना चालू कर दिया. शायद मेरी भांजी कीयोनी से ब्लड निकल आया था … जिस वजह से मुझे कुछ गीला गीला सा लगा. मैंने कुछ न कहते हुए लण्ड से झटके देने चालू रखे. कुछ देर बाद मेरी भांजी भावना भी सेक्स करने में मेरा पूरा साथ देने लगी. मैंने अब थोड़ी जोर से चुदाई शुरू कर दी. जब मेराशॉट जोर से लगता तो मेरी भांजी कोयोनी में दर्द होने लगता था और वो आह… आई माँ….. करने लगती.

मैंने आहिस्ता आहिस्ता करके अपना लण्ड अनमैरिड भांजी की फटी हुईयोनी में अन्दर बाहर करना जारी रखा. दस मिनट बाद मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी. कुछ ही देर बाद मेरी लुल्ली का पूरा पानी उसकी योनी में ही निकल गया. लण्ड के सिकुड़ने के बाद मैंने लण्ड बाहर निकाल लिया और उसकी योनी में उंगली घुसेड़ कर देखा. अंधेरे में कुछ समझ नहीं आया, तो मैंने मोबाइल की टॉर्च से देखा मेरी अनमैरिड भांजी की अनचुदी योनी की सील फटने से ब्लड निकला था. वो ब्लड देख कर बहुत डर गई.
मैंने धीरे से कहा – डरो मत … कुछ नहीं होगा ये तो हर लड़की के साथ होता है जब वो अपनी लाइफ में पहली बार सेक्स करती है अगली बार ऐसा कुछ नहीं होगा. उसे मैंने रूमाल निकाल कर दे दिया. उसने अपनी ब्लड से संदी हुई पूरीयोनी साफ की. मैंने उससे कहा कि रूमाल कोयोनी पर ही लगा रहने दो. उसने मेरा रुमाल अपनी फुद्दी में ठूस लिया और उप्पर से पैंटी पहन ली, फिर उसने जल्दी से अपनी लैगी भी पहन ली. हम दोनों मामा भांजी चिपक कर सो गए. मुझे अपनी अनमैरिड भांजी की अनचुदी योनी चुदाई करने के बाद बड़ी ही मीठी नींद आई. मोर्निंग जब मैं उठा, तो मैंने मेरी कंचो जैसी मोटी मोटी आँखों से देखा तो भांजी उठ कर चली गई थी. मुझे उसको देखना था और पूछना था कि जिन्दगी में पहली बार सेक्स करके कैसा लग रहा है. मुझे वो कहीं दिख ही नहीं रही थी.
जैसे ही वो मुझे दिखी, तो वो शरम के मारे अपनी नजरें मुझसे छिपा रही थी और हलका हलका मुस्कुरा भी रही थी. मैंने ध्यान से देखा कि चुदाई के बाद भावना सही से नहीं चल पा रही थी आखिर उसकी अनचुदी योनी जो मैंने अपने लम्बे मोटे लंड से फाड़ डाली थी. उससे मैंने कुछ नहीं कहा . मैं अब राह देखने लगा कि बहिन के ससुराल वाले सब घर से कब निकलेंगे और मैं अपनी गदराई भांजी की दुबारा काबयोनी चुदाई कर पाऊंगा. ये मेरी हॉट फैमिली फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में आपको कैसी लगी, प्लीज़ कमेंट में जरूर बताएं और मेल भी करें. मैं अगली फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में में अपनी बहिन जेठानी की लड़की भावना की दूसरी शानदार चुदाई की हिंदी फ्री अश्लील XXX सेक्स कहानी हिंदी में लिखूंगा.